Tag: MP News in Hindi

  • इलाज में खर्च हुई राशि को बीमा कंपनी ने देने से किया इनकार, अब देना होगा करीब 76 हजार का हर्जाना

    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    HighLights

    जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया निर्णय।30 वर्षीय युवा ने गलती से पिया था फिनायल।वह किडनी की बीमारी से परेशान है।

    नवदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। अक्सर लोग स्वास्थ्य बीमा इसलिए लेते हैं,ताकि इलाज के दौरान उन्हें मदद मिल सके। ऐसे ही एक मामले में बीमा अवधि में इलाज होने के बावजूद उपभोक्ता को बीमा की राशि नहीं मिली। एक उपभोक्ता ने गलती से फिनाइल पी लिया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज में खर्च हुई राशि को बीमा कंपनी ने देने से इंकार कर दिया।

    मामला जिला उपभोक्ता आयोग में पहुंचा। आयोग के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल व सदस्य डा. प्रतिभा पांडेय की बेंच ने बीमा कंपनी को दोषी ठहराते हुए इलाज में खर्च हुई राशि के साथ-साथ मानसिक क्षतिपूर्ति राशि देने का भी आदेश दिया।

    दरअसल मीनाल रेसिडेंसी निवासी मृणाल डेविड थामस ने जिला उपभोक्ता आयोग में 2021 में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंलि के खिलाफ याचिका लगाई। इसमें शिकायत की थी कि उन्होंने एक सितंबर 2015 से 31 अगस्त 2016 तक के लिए बीमा लिया था। 30 अप्रैल 2016 को शाम छह से सात बजे के बीच बिजली कट जाने के कारण अंधेरे में दवाई के बदले फिनाइल पी लिया था।

    उसके बाद उन्हें तत्काल नेशनल अस्पताल में भर्ती किया गया और उसके इलाज में 68,800 रुपये का खर्च आया, लेकिन बीमा कंपनी ने यह कहकर बीमा राशि निरस्त कर दिया कि उपभोक्ता ने जानबूझकर फिनाइल पी थी। मामले में तीन साल बाद आयोग ने इस तर्क को खारिज कर दिया और सेवा में कमी का दोषी ठहराते हुए बीमा कंपनी पर 76,800 रुपये का हर्जाना लगाया।

    बीमा कंपनी का तर्क-जानबूझकर पी लिया था फिनाइल

    बीमा कंपनी ने तर्क रखा कि उपभोक्ता की गलती थी वह खुद को हानि पहुंचाने के लिए जानबूझकर फिनाइल पी ली है। साथ ही बीमा इंटरनल इंजुरी एवं ड्रग्स व अल्कोहल के आधार पर निरस्त किया गया। वहीं उपभोक्ता के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि वह 30 वर्ष का युवा था और किडनी की बीमारी से पीड़ित था।इस कारण वह गलती से दवाई के बदले फिनाइल पी लिया था। आयोग ने बीमा कंपनी के तर्क को खारिज कर दिया।

    इनका कहना है

    उपभोक्ता के किडनी में समस्या थी। इस कारण वह पहले ही दवाईयां ले रहा था।उस दिन बिजली कट हुई तो उपभोक्ता ने अंधेरे में गलती से दवाई के बदले फिनाइल पी ली। इस मामले में बीमा कंपनी अपने तर्क को साबित नहीं कर सकी। इस कारण बीमा राशि के साथ क्षतिपूर्ति राशि देनी होगी।

    हार्दिक श्रीवास्तव, उपभोक्ता के अधिवक्ता

  • मुख्यमंत्री आवास में होगा महिला सरपंच सम्मेलन, सीएम मोहन यादव करेंगे संवाद

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (प्रतीकात्मक चित्र)

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। राजधानी में श्यामला हिल्स पर स्थित मुख्यमंत्री आवास में शुक्रवार को महिला सरपंचों का सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन में प्रदेश भर की महिला सरपंच सम्मिलित होंगी। रक्षाबंधन पर्व के उपलक्ष्य में यह आयोजन किया जा रहा है।

    उल्लेखनीय है कि प्रदेशभर में सरकार रक्षाबंधन की थीम पर विभिन्न महिला सम्मेलनों का आयोजन कर रही है। मुख्यमंत्री आवास में भी अलग-अलग समूहों को बुलाया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को महिला सरपंच आएंगी। महिला सरपंचों के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव संवाद करेंगे। इस मौके पर महिला सरपंच मुख्यमंत्री को राखी भी बांधेंगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि सम्मेलन के दौरान मंच से सीएम डॉ. मोहन यादव महिला सरपंचों के हित में कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। News updating…

  • Paris Olympics 2024: टोक्यो के बाद पेरिस में भी ब्रॉन्ज, MP के विवेक गले में दूसरा पदक, इटारसी में मना जश्न

    इटारसी में जश्न मनाते हाकी के प्रशंसक।

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    उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने पदक जीतने पर हॉकी टीम को दी बधाईभोपाल के लिंक रोड स्थित हॉकी अकादमी में खिलाड़ियों ने मनाया जश्न विवेक के इटारसी स्थित घर में भी जमकर जश्न मनाया जा रहा है।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, इटारसी। गुरूवार को पेरिस में आयोजित ओलिंपिक गेम्स में भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन की टीम को 2-1 से हरा दिया। इस तरह भारतीय टीम इस स्पर्धा में कांस्य पदक की हकदार बन गई है। लगातार दूसरी बार ओलंपिक खेल में भारतीय हॉकी टीम ने पदक जीता है।

    इस रोमांचक मैच में दोनों अहम गोल कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने किए। इटारसी से 15 किमी. दूर बसे गांव शिवनगर चांदौन के खिलाड़ी विवेक सागर ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। जैसे ही ओलंपिक में भारत की जीत की खबर आई, वैसे ही विवेक के गांव चांदौन और शहर के गांधी मैदान के पास जिला हॉकी संघ के खिलाड़ियों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया।

    ढोल ढमाकों के साथ हॉकी खिलाड़ी, विवेक के दोस्त, गांव के युवा और उनके भाई विद्यासागर प्रसाद ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया। यहां भारत माता की जय के नारे लगाते हुए जमकर डांस किया। गांव में मिठाई बांटी गई। विद्यासागर ने बताया कि जैसे ही टीम के जीतने की खबर लगी, गांव में विवेक के प्रशंसक और दोस्त जमा हो गए, पूरे गांव ने इस जीत का जश्न मनाया।

    विद्यासागर ने कहा कि पेरिस खेलने जाने से पहले विवेक ने कहा था कि इस बार भी हम पेरिस में देश का नाम रोशन करेंगे। पूरी टीम ने कप्तान के नेतृत्व में बेहतर प्रदर्शन किया है। अभी उनकी विवेक से बात नहीं हो सकी है, चूंकि विवेक अभी कॉरीडोर में हैं, लेकिन उनके आने का पूरा गांव और शहर इंतजार कर रहा है। इस बार भी विवेक की वापसी पर भव्य स्वागत समारोह रखा जाएगा।

    इधर, जिला हॉकी संघ के पदाधिकारियों ने मेजर ध्यानचंद्र चौराहे पर जीत की खुशी में तिरंगा लहराते हुए जमकर ढोल बजाते हुए डांस किया। खिलाड़ियों के साथ मैदान पर अभ्यास करने आ रहे बच्चों ने भी भारतीय टीम की जीत पर खुशियां मनाईं। डीएचए सचिव कन्हैया गुरयानी ने कहा कि हमारी टीम ने एक बार फिर कामयाबी हासिल की है। हमें विवेक पर पूरा भरोसा था, विवेक के आने का इतंजार कर रहे हैं। चौराहे पर जश्न मनाते हुए सारे खिलाड़ी जयस्तंभ चौक पहुंचे, यहां भी टीम ने जीत की खुशी में आतिशबाजी की।

    उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने दी बधाई

    उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने पेरिस ओलिम्पिक में भारतीय हाकी टीम को कांस्य पदक जीतने पर पूरी हॉकी टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी टीम ने भारत का गौरव बढ़ाया है। भारतीय हॉकी टीम ने अत्यंत कलात्मक हॉकी का प्रदर्शन कर भारतवासियों का दिल जीत लिया।

  • दिव्यांग बहन का शव किचन में मिला, भाई फांसी पर लटका था, हत्या के बाद आत्महत्या की आशंका

    पुलिस जांच में जुटी। (प्रतीकात्मक चित्र)

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    मां का तीन महीने पहले हुआ था निधन। मृतक का पत्नी से तलाक हो चुका था।पेशे से चित्रकार था मृतक। पुलिस जांच में जुटी।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। कोलार थाना इलाके में क्वालिटी होम्स के एक फ्लैट में रहने वाले चित्रकार ने अपने कमरे में फांसी लगा ली। उसके साथ रहने वाली दिव्यांग बहन का शव भी किचन में पड़ा मिला। उसके गले में भी फंदा कसा हुआ था। घटना का पता शनिवार सुबह तब चला, जब उनके पिता सोकर उठे।

    पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है। उसमें लिखा है कि मां की मौत से दुखी हूं। जिंदगी जीने का मन नहीं होता। परेशान हो चुका हूं। अपनी मर्जी से जान दे रहा हूं। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपार्ट मिलने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि दिव्यांग बहन ने भी फांसी लगाई थी या गला घोंटकर उसकी हत्या करने के बाद भाई ने फांसी लगाई थी। उनकी मां की तीन माह पहले मौत हो गई थी।

    शासकीय कर्मी रहे हैं पिता

    कोलार थाना पुलिस के मुताबिक क्वालिटी होम्स के तीसरी मंजिल पर बने फ्लैट में रहने वाले 85 वर्षीय महेश मालवीय सरकारी सेवा से सेवानिवृत हैं। उनकी पत्नी की तीन माह पहले मौत हो चुकी है। उनके चार बच्चों में से दो 50 वर्षीय पंकज और 53 वर्षीय सुनीता पिता के साथ रहते थे, जबकि एक बेटा प्रफुल्ल और बेटी शीतल शहर में ही अलग-अलग रहते हैं।

    पिता सुबह सोकर उठे, तब पता चला

    महेश मालवीय सुबह सोकर उठने के बाद बाथरूम की तरफ जा रहे थे, तभी उन्होंने सुनीता को किचन में पड़े देखा। उसके गले में फंदा कसा हुआ था। वह पंकज के कमरे में पहुंचे, तो वह भी फांसी पर लटका हुआ था। उन्होंने फोन करके बेटे प्रफुल्ल को घटना की जानकारी दी। उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।

    पत्नी से हो चुका था तलाक

    शव की तलाशी के दौरान पंकज की शर्ट की जेब से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने स्वेच्छा से इस तरह का कदम उठाने की बात लिखी है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि पंकज पेंटिंग बनाने का काम करता था। उसकी शादी हुई थी, लेकिन पत्नी से तलाक हो चुका था। तीन माह पहले मां की मृत्यु होने के बाद पंकज दुखी रहने के साथ अवसाद ग्रस्त हो गया था। उसके ऊपर बचपन से ही पोलियो की शिकार बड़ी बहन की देखरेख की जिम्मेदारी बढ़ गई थी। संभवत: इस वजह से उसने इस तरह का कदम उठा लिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

  • भोपाल में मार्बल कारोबारी के बेटे से दिनदहाड़े छुरा अड़ाकर 5.25 लाख रुपये की लूट

    व्यापारी से लूट (प्रतीकात्मक चित्र)

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    बैंक से रुपये निकालकर लौट रहा था व्यापारी का बेटा। दो नकाबपोश लुटेरों ने दिया वारदात को अंजामपुलिस ने एक संदेही को हिरासत में लिया।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल, Bhopal Crime News: राजधानी के हबीबगंज थाना क्षेत्र के कीलनदेव टावर चौराहे के पास शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे स्कूटर सवार मार्बल कारोबारी के बेटे 18 वर्षीय अहमद रजा को दो नकाबपोश बदमाशों ने चाकू अड़ाया और स्कूटर की डिग्गी में रखे 5.25 लाख रुपये लूट लिए। घटना के समय वह बैंक से रुपये निकलकर घर जा रहा था।

    लूट की जानकारी लगते ही एमपीनगर और हबीबगंज थाना पुलिस के साथ आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटना के बाद आसपास के इलाके में नाकाबंदी कर दी, लेकिन आरोपितों का कोई सुराग नहीं मिल पाया। हालांकि एक संदेही को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, जो घटना से कुछ देर पहले कारोबारी के बेटे के साथ था। कारोबारी ने उसके लूट में शामिल होने का संदेह जाहिर किया है।

    इधर, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में जांच जारी है। जल्द ही घटना का खुलासा करेंगे। हबीबगंज थाना प्रभारी अजय सोनी ने बताया कि मालवीय नगर निवासी अब्दुल सत्तार मार्बल कारोबारी हैं। उनकी लालघाटी कोहेफिजा, जिंसी जहांगीराबाद समेत शहर में अन्य जगहों पर मार्बल की दुकानें हैं। उनका रियल स्टेट का भी काम है। बेटा अहमद रजा ने 12वीं पास की है।

    चेक कैश कराने भेजा था बैंक

    अहमद रजा ने बताया कि पिता ने सुबह 5.25 लाख रुपये का चेक काटकर एमपी नगर की एक निजी बैंक में उसे कैश कराने के लिए कहा था। मैं दोस्त के साथ बैंक गया था। उसके पास आधार कार्ड था, मेरे पास नहीं था। इस कारण उसने बैंक से रुपये निकालकर मुझे दे दिया। मैंने रुपये स्कूटर की डिग्गी में रख लिया और दोस्त वहां से चला गया।

    कुछ देर बाद जब मैं कीलनदेव टावर चौराहे के पास पहुंचा तो दो बदमाशों ने पीछे से बाइक को धक्का देकर मुझे गिरा दिया और छुरा निकालकर मुझ पर अड़ा दिया। मुझे छुरे के बट से मारा और डिग्गी की चाबी छीनकर मुझसे 5.25 लाख रुपये लूटकर फरार हो गए। आसपास के लोगों ने घटना देखी और डायल 100 को सूचना दी। पहले एमपीनगर पुलिस पहुंची, बाद में हबीबगंज पुलिस भी आ गई। आरोपित चेहरे पर नकाब पहने थे।

    पिता बोले, मुझे बेटे के दोस्त पर संदेह

    मार्बल कारोबारी अबदुल सत्तार ने बेटे के दोस्त पर संदेह जताते हुए कहा कि वह हमेशा उसके साथ ही रहता है। कुछ दिनों से बेटा उसके लिए 50 हजार रुपये उधार मांग रहा था। मैंने कहा था कि दे देना। संभवत: उसी ने वारदात को अंजाम दिलवाया है।

  • रक्षाबंधन से पहले सीएम मोहन यादव ने दी लाड़ली बहनों को सौगात, सावन की पहली तारीख को खाते में आएगी इतनी रकम

    मोहन कैबिनेट की बैठक (फाइल फोटो)

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    सावन की पहली तारीख को खाते में 250 रुपये आएंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक में की घोषणा। जनप्रतिनिधियों से आह्वान, लाड़ली बहनों से बंधवाएं राखी।

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंगलवार को मंत्रालय में हुई बैठक में लाड़ली बहनों के लिए एक अहम घोषणा करते हुए उन्हें रक्षाबंधन की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सावन माह में प्रत्येक लाडली बहन के खाते में आने वाली एक तारीख को 250 रुपए अंतरित किए जाएंगे। रक्षाबंधन पर जनप्रतिनिधि लाड़ली बहनों से राखी बंधवाएंगे।

    कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में सावन माह का विशेष महत्व है। सावन माह में प्रत्येक लाड़ली बहन के खाते में आने वाली एक तारीख को ढाई सौ रुपए अंतरित किए जाएंगे। यह राशि लाड़ली बहनों के लिए शासन की ओर से प्रतिमाह जारी होने वाली 1250 रुपए की राशि से अलग होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहनों को प्रतिमाह जारी होने वाले 1250 रुपए पूर्वानुसार उनके खाते में जारी किए जाएंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ यादव ने जनप्रतिनिधियों से रक्षाबंधन के पर्व पर सावन माह में अपने-अपने क्षेत्र की बहनों से राखी बंधवाने का आह्वान भी किया।

    इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

    मंत्रालय में हुई बैठक में आईटी नीति में संशोधन समेत कुछ अन्य अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। दरअसल, प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए मोहन सरकार नीतियों में परिवर्तन कर रही है। इसी क्रम में अब आईटी पॉलिसी में परिवर्तन किया जा रहा है। इसके अलावा मंदसौर जिले में धुंधडका तहसील बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इसके लिए 20 पद स्वीकृत किए जाएंगे। इसे मिलाकर प्रदेश में कुल 449 तहसील हो जाएंगी। News updating…

  • MP News: भोपाल में चौथी मंजिल से गिरा चार साल का मासूम, स्कूल बैग ने बचा ली जान

    छत से गिरा बालक (इनसेट- अस्पताल में मासूम)

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    पीठ पर टंगा था स्कूल बैग, बालकनी से झांकते वक्त संतुलन बिगड़ने से नीचे गिरा।40 फीट ऊंचाई से गिरने के बावजूद बच्चे को किसी तरह की चोट नहीं लगीबच्चे की मां वल्लभ भवन में कर्मचारी है, पिता छिंदवाड़ा में नौकरी करते हैं।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। जाको राखे साईयां, मार सके ना कोय…कुछ ऐसा ही हुआ एक चार साल के मासूम के साथ। चौथी मंजिल की बालकनी से झांकने के दौरान वह सीधे जमीन पर आ गिरा, लेकिन उसे कुछ नहीं हुआ। इसे चमत्कार ही कहा जाएगा कि करीब 40 फीट की ऊंचाई से गिरने के दौरान गति और दिशा का ऐसा संयोजन बैठा कि पहले जमीन पर स्कूल बैग गिरा, फिर उस पर बच्चा। इससे इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद भी उसकी जान बच गई।

    सरस्वती नगर के ईडब्ल्यूएस में क्रांति भारती अपने दो बच्चों के साथ रहती हैं। क्रांति वल्लभ भवन में ग्रेड तीन कर्मचारी हैं, जबकि उनके पति छिंदवाड़ा में काम करते हैं। नौकरी के चलते क्रांति के दोनों बच्चे दिन में स्कूल से आने के बाद कुछ देर घर में अकेले होते हैं। बड़ी बेटी कुहू दोपहर दो बजे स्कूल से घर आती है, जबकि बेटा सूर्यांश एक बजे घर आ जाता है।

    झांकते वक्त नीचे गिरा

    एक से दो बजे के बीच बालक को घर में अकेला रहना पड़ता है। इसी क्रम में शुक्रवार को सूर्यांश एक बजे स्कूल से अपने घर पहुंचा, लेकिन वह कमरे में जाने के बजाय बालकानी की ओर चला गया। बालकनी की रैलिंग ऊंची होने के चलते सूर्यांश कुर्सी लगाकर नीचे झांकने लगा। नीचे झांकते समय संतुलन बिगड़ने से वह चौथी मंजिल से नीचे सड़क पर गिर गया। किसी के गिरने की आवास सुन पड़ोसी बाहर निकलकर आए तो देखा कि बालक सकुशल है।

    जिसने भी सुना, रह गया हैरान

    पड़ोसियों ने तुरंत क्रांति को फोन कर सूचना दी। क्रांति ने घर पहुंचकर सूर्यांश को अस्पताल पहुंचाया, ताकि पता चल सके कि कहीं उसे अंदरूनी चोट तो नहीं है। दोपहर में प्राथमिक परीक्षण के बाद क्रांति बच्चे को लेकर घर आ गई, लेकिन शाम तक जैसे-जैसे रिश्तेदारों को इसकी जानकारी लगी, वे उसे देखने पहुंचने लगे। बच्चे को देखकर कई लोग तो मानने को तैयार नहीं थे कि वह इतनी ऊंचाई से गिरा और चोट नहीं लगी।

    बालक पूर्णत: स्वस्थ

    स्वजन शाम को सूर्यांश को लेकर फिर निजी अस्पताल पहुंचे और विशेषज्ञों को दिखाया। सीटी स्कैन और अन्य जांचें कराई गईं, लेकिन किसी तरह के अंदरूनी चोट का भी पता नहीं चला। सभी जांचों के बाद पाया गया कि बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ है। यह माता-पिता के लिए सुखद बात है, परंतु सभी के मन में अब भी कौतूहल बना हुआ है कि आखिर कैसे एक स्कूल बैग ने बच्चे की जान बचा ली।

    इसमें विज्ञान के किसी नियम को सीधे तौर पर लागू होना नहीं माना जा सकता। यह विज्ञान से ज्यादा भगवान का चमत्कार है। जो जितनी ऊंचाई से गिरता है, उसका मोमेंटम उतना अधिक हो जाता है। बच्चा किस एंगल से गिरा, कैसे गिरा और इस दौरान बैग किस तरह नीचे आया, यह संयोग ही है, जिसने बच्चे की जान बच गई। – यशपाल सिंह, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त गणित शिक्षक

  • Bhopal News: भूखंड बेचने का झांसा देकर 43 लाख रुपये हड़पे, प्रकरण दर्ज

    प्रॉपर्टी ब्रोकर ने की धोखाधड़ी (प्रतीकात्मक चित्र)

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    शिकायतकर्ताओं के मुताबिक जमीन की रजिस्ट्री कराने से इंकार कर रहा आरोपित। आरोपित का कहना है कि जमीन सौदे को लेकर उसकी रकम खुद दूसरे के पास फंसी। पुलिस इस ममले में जल्द कर सकती है आरोपित प्रॉपर्टी ब्रोकर को गिरफ्तार।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल Bhopal Crime News। कटारा हिल्स इलाके में लोगों को भूखंड बेचने का झांसा देकर एक प्रापर्टी ब्रोकर ने करीब 43 लाख रुपये धोखाधड़ी कर दी। पुलिस ने इस मामले में आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करते छानबीन शुरू कर दी है। फिलहाल आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

    यह है मामला

    कटारा हिल्स थाने में पदस्थ एसआई सविता वासुदेव के मुताबिक संजय सिंह समेत करीब आधा दर्जन लोगों ने पुलिस को लिखित में आवेदन दिया था कि उन्होंने महेश मीणा से उसकी कालोनी में भूखंड खरीदा था। इसके लिए वह करीब 43 लाख रुपये भी दे चुके हैं। इसके बावजूद आरोपित उसकी रजिस्ट्री भी नहीं करा रहा है, और ना ही रकम वापस लौटा रहा है।

    पुलिस ने जब आरोपित महेश मीणा से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने नारायण पाटीदार से जमीन नौ करोड़ 60 लाख रुपये में खरीदी थी, लेकिन वह तय समय में जमीन के पैसे अदा नहीं कर पाया। इसलिए उसका अनुबंध खत्म हो गया और उसी जमीन पर उसने लोगों से रुपये लेकर रखे थे। जांच के बाद आरोपित महेश मीणा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। अब पुलिस उसे जल्द ही गिरफ्तार करने की बात कह रही है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।