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  • MP Politics: मोदी के सुशासन की राह पर मोहन सरकार, शीघ्र समाधान पर जोर को मिली नई जिम्मेदारी

    समितियां बना दी हैं

    HighLights

    प्रशासनिक व्यवस्था में कसावट के लिए संभागीय प्रभारी नियुक्त किए तो राजस्व के लंबित मामलों को निपटाने महा अभियान छेड़ामंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश, प्रत्येक योजना की समीक्षा कर दायरा बढ़ाने की आवश्यकता हो तो प्रस्ताव तैयार करेंप्रदेश सरकार अपने संसाधनों से तो योजनाएं संचालित कर ही रही है, केंद्रीय योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ भी मिले,

    वैभव श्रीधर, नईदुनिया, भोपाल। विधानसभा हो या फिर लोकसभा चुनाव, मध्य प्रदेश की जनता ने पीएम नरेंद्र मोदी के सुशासन मॉडल को भरपूर समर्थन दिया है। इसी राह पर प्रदेश की मोहन सरकार भी है। आमजन से जुड़ी योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ वास्तविक लोगों को मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कई योजनाओं के क्रियान्वयन और निगरानी के लिए समितियां बना दी हैं।

    वहीं, राजस्व से जुड़े मामलों के निराकरण के लिए महा अभियान छेड़ दिया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र व्यक्ति लाभ प्राप्त करने से वंचित न रहें और अपात्रों को व्यवस्था से बाहर करने के उद्देश्य से स्मार्ट पीडीएस व्यवस्था लागू की जा रही है।

    सभी मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वे प्रत्येक योजना की समीक्षा करें और यदि आवश्यकता हो तो प्रस्ताव तैयार करें। उधर, प्रशासनिक कसावट के लिए संभागीय प्रभारी नियुक्त करने के साथ थाना, विकासखंड, जिला और संभाग की सीमाओं में परिवर्तन भी किया जा रहा है।

    पीएम नरेन्द्र मोदी ने बीते दिनों दो दिवसीय सीएम कान्क्लेव में जनहितैषी योजनाओं के शत प्रतिशत क्रियान्वयन और सुशासन पर सर्वाधिक जोर दिया। मध्य प्रदेश सरकार भी पीएम मोदी के सुशासन की राह पर है। गांव हों या शहर, राजस्व से जुड़े प्रकरण वर्षों लंबित रहते हैं। आमजन परेशान होते रहते हैं। इसका असर सरकार की छवि पर भी पड़ता है।

    निपटने के लिए दूसरी बार राजस्व महा अभियान प्रारंभ किया गया है

    पहले चरण में 30 लाख से अधिक प्रकरणों का निराकरण हुआ था, जो शेष रह गए हैं उन्हें इस चरण में पूरा करने का लक्ष्य जिलों को दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ पात्रों को ही मिले, इसके लिए आधार नंबर लिए जा चुके हैं। अब स्मार्ट पीडीएस व्यवस्था लागू की जा रही है।

    इसमें यदि किसी उपभोक्ता का नाम दो स्थान पर है तो वह पकड़ में आ जाएगा। ऐसे उपभोक्ता जो छह-छह माह से खाद्यान्न ही नहीं ले रहे हैं, उनके नाम पर उचित मूल्य की दुकान के बाहर चस्पा किए जाएंगे और फिर भी वे नहीं आए तो सूची में नाम हटाकर अन्य को जोड़ा जाएगा। निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर पुस्तक, यूनिफार्म आदि के लिए अनावश्यक बोझ न डालें, इसके लिए अभियान छेड़ा गया। कई जिलों में अतिरिक्त ली गई फीस वापस लौटाई गई।

    थाना, ब्लाक, जिला और संभागों की सीमाएं बदलेंगी

    जिला स्तर के मामले अनावश्यक प्रशासकीय प्रक्रिया में न उलझें और विभागों के बीच समन्वय हो, इसके लिए अपर मुख्य सचिव और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों को संभागीय प्रभारी बनाया है। भोपाल में अधिकारियों को बुलाकर बैठक करने के स्थान पर संभागीय मुख्यालयों में मुख्यमंत्री ने स्वयं बैठकें की और इसमें जनप्रतिनिधियों को भी भागीदार बनाया ताकि मैदानी स्तर पर आने वाली कठिनाइयों का मौके पर ही समाधान हो जाए। इसके साथ ही थाना, ब्लाक, जिला और संभागों की सीमाएं भी बदली जा रही हैं ताकि आमजन को सुविधा हो। वर्ष 2025 निवेश वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। निवेशक विभिन्न अनुमतियों के लिए यहां-वहां न भटकें, इसके लिए एकल खिड़की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं उद्योगपतियों से बात कर रहे हैं ताकि उन्हें प्रदेश में कोई परेशानी न हो।

    केंद्रीय योजनाओं का शत-प्रतिशत मिले लाभ

    प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से तो योजनाएं संचालित कर ही रही है। केंद्रीय योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ भी मिले, इसके लिए मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संचालन, क्रियान्वयन और निगरानी समितियां बनाई गई हैं।

    मंत्रियों और अधिकारियों से कहा गया है कि वे स्वयं राज्य और केंद्र सरकार के बजट का अध्ययन करें। एक-एक योजना की समीक्षा करें और देखें कि क्या सभी पात्र व्यक्तियों को लाभ मिल रहा है। यदि इनका दायरा बढ़ाए जाने की आवश्यकता हो तो प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए।

  • स्कूल में घुसकर संचालक से मारपीट कर किया लहूलुहान, एबीवीपी कार्यकर्ता पर आरोप

    अभि‍नव भटनागर।

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    राजधानी के ओरियन स्कूल बावडिया कला का मामलासंचालक के हाथ में आए 12 टांके, मारने की धमकी दी घटना के बाद आला पुल‍िस अध‍िकारी भी मौके पर पहुंचे

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी के शाहपुरा थाना क्षेत्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे ओर‍ियन इंटरनेशनल स्कूल में घुसकर तोड़फोड़ कर दी। स्कूल के संचालक अभिनय भटनागर के साथ मारपीट की। उस पर कांच से हमला कर दिया, इसमें वह बुरी तरह से घायल हुए हैं। उनके हाथ में बड़ा घाव हुआ है,12 टांके हाथ में टांके लगे है।

    पुलिस ने उनकी शिकायत पर एबीवीपी से जुड़े शिवाजी पाटिल और मृदुल जावड़े और उनके साथियेां के खिलाफ मारपीट,जान से मारने की धमकी और स्कूल में तोड़फोड़ की धाराओं में एफआइआर दर्ज कर ली गई है। शाहपुरा थाना पुलिस के एसआइ जगन्नाथ सिंह ने बताया कि शाहपुरा निवासी ज्ञानेंद्र भटनागर (73) ओर‍ियन इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमेन हैं। उनके बेटे 46 वर्षीय अभिनव भटनागर संचालक है।

    उन्होंने पुलिस को शिकायत में बताया कि स्कूल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आठ-दस लोग प्राचार्य से मिलने के लिए पहुंचे थे, मिलने में देर हुई तो वह हंगामा करने लगे, जब शोर शाराब सुनकर बाहर आया तो देखा कि उनके पिता ज्ञानेंद्र भटनागर के साथ मारपीट कर रहे थे। उन्होंने रोकने और उनको समझाने की कोशिश की। आरोपितों ने अभिनव से भी धक्का-मुक्की करते हुए मारपीट की। उन लोगों ने कमरे का कांच का दरवाजा तोड़कर अभिनव के दाएं हाथ में मारा।

    बच्चे मैदान में खेल रहे थे:- घटना के समय स्कूल के बच्चे मैदान में खेल रहे थे। इसी दौरान यह हंगामा हो गया। सभी बच्चों को स्कूल के अंदर ले जाया गया। घटना को लेकर बच्चे और महिला शिक्षक दहशत में आ गए थे।

    इनका कहना है

    – स्कूल संचालक के साथ मारपीट की शिकायत पर आरोपितों पर एफआइआर दर्ज कर ली गई, जल्द ही आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी। प्रियंका शुक्ला पुलिस उपायुक्त

    – ओर‍ियन इंटरनेशनल स्कूल में जो घटना हुई,एबीवीपी निंदा करती है और खेद व्यक्त करती है।एबीवीपी के कार्यकर्ता रचनात्मक कार्य के लिए अनुमति लेने गए थे, जहां उनके साथ अभद्रता की गई। टूटे कांच से दोनों पक्षों को चोट लगी है। ऐसे कार्य के लिए हमारी ओर से कोई समर्थन नहीं करता है। शिवम जाट नगर महामंत्री एबीवीपी

  • Good News: 1.5 लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को 3000 रुपए तक वेतन वृद्धि, अगस्त में बढ़ सकता है 4 फीसदी महंगाई भत्ता

    सरकार ने संविदा कर्मचारियों को 3.85 प्रतिशत की वृद्धि दर से वार्षिक वेतन वृद्धि देने का निर्णय लिया है। – फाइल फोटो

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    वित्त विभाग ने 3.85 प्रतिशत की दर से दी वेतन वृद्धि। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वेतन में वृद्धि। लोकसभा चुनाव के कारण नहीं हो पाया था निर्धारण।

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों का वेतन 1 अप्रैल 2024 से 700 रुपए से लेकर 3000 रुपये तक बढ़ जाएगा। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर सरकार ने संविदा कर्मचारियों को 3.85 प्रतिशत की वृद्धि दर से वार्षिक वेतन वृद्धि देने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट में प्रावधान भी रखा गया है।

    वार्षिक वेतन वृद्धि देने का प्रावधान

    संविदा कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के स्थान पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि देने का प्रावधान है। 22 जुलाई 2023 को संविदा नीति के अंतर्गत जारी किए गए निर्देश अनुसार, प्रतिवर्ष 1 अप्रैल को संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि की जाएगी।

    लोकसभा चुनाव की कारण टली थी वेतनवृद्धि

    लोकसभा चुनाव के कारण इसका निर्धारण नहीं हो पाया था। अब वित्त विभाग ने 3.87 प्रतिशत की दर से वार्षिक वेतन वृद्धि के आदेश जारी किए हैं, जो एक अप्रैल 2024 से प्रभावी होंगे। हालांकि, मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहा है कि भारत सरकार ने जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी किया है उसमें दर 5.39 प्रतिशत है। प्रदेश में यह दर 3.87 रखी गई है।

    किसे कितना होगा लाभ – (रुपये में)

    भृत्य /चौकीदार- 785 वाहन चालक- 987 लिपिक- 987 डाटा एंट्री ऑपरेटर- 1188 सहायक वार्डन- 1,281 मोबाइल स्रोत सलाहकार- 1,281 लेखापाल- 1,281 एमआईएस कोऑर्डिनेटर- 1,660 स्टेनोग्राफर- 1,425 ड्राफ्ट्समैन- 1,660 उपयंत्री-1,660 बीआरसी- 1,670 एपीसी जेंडर- 1,670 एपीसीआईडी- 1,660 व्याख्याता-1,830 प्रोग्रामर- 2,160 सहायक परियोजना वित्त- 2,160 सहायक यंत्री- 2,169 सहायक प्रबंधक- 2,535

    अगस्त में बढ़ाया जा सकता है 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता

    प्रदेश के 7 लाख नियमित अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता सरकार अगस्त में बढ़ा सकती है। अब 46 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को मार्च 2024 से 50 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। इसमें प्रदेश के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी भी शामिल हैं।

    शिवराज सरकार में राज्य के कर्मचारियों के साथ ही अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि की जाती थी। कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं। इस बार बजट में 56 प्रतिशत महंगाई भत्ते के हिसाब से सभी विभागों के स्थापना व्यय में प्रावधान रखा गया है। इसमें पेंशनरों की महंगाई राहत भी शामिल हैं। 4 लाख पेंशनर्स को अभी 46 प्रतिशत की दर से ही महंगाई राहत मिल रही है।

  • Bhopal News: बच्ची को सांप ने काटा, परिवार को एक दिन बाद पता चला, मासूम की मौत

    बच्ची के स्वजनों ने पास के ही अस्पताल में ले गए, जहां मालूम हुआ कि बच्ची को सांप ने काटा है। – (फाइल फोटो)

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    खेलकर लौटी तो घर में बोली- पैर में हो रहा दर्द बच्ची ने किसी को नहीं बताई सांप काटने की बात भोपाल के पास कोलार के कजलीखेड़ा की घटना

    नवदुनिया प्रतिनिधि। कोलार के ग्राम कजलीखेड़ा में एक 9 वर्षीय बच्ची की सर्पदंश से मौत हो गई। बच्ची की जान बच जाती, लेकिन वह परिवार को सांप काटने की बात नहीं बता सकी, जिससे उसे सही समय पर उपचार नहीं मिल पाया और रविवार को जेपी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।

    मामले की जांच कर रहे एसएसआई सुनील त्रिपाठी ने बताया कि 9 वर्षीय इल्मा खान कजलीखेड़ा में रहती है। शनिवार शाम को वह अपने दोस्तों के साथ घर के पास ही खेल रही थी। तभी उसके पैर में अचानक दर्द शुरू हुआ और वह घर आई। उसने पैर दर्द होने की बात अपने स्वजनों को बताई और सोने चली गई।

    रविवार सुबह अचानक बिगड़ी तबीयत

    रविवार को सुबह उसका दर्द तेज हुआ और तबीयत बिगड़ने लगी। बच्ची के स्वजनों ने पास के ही अस्पताल में ले गए, जहां मालूम हुआ कि बच्ची को सांप ने काटा है। इसके बाद झाड़-फूंक भी करवाया।

    जेपी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत

    बच्ची की तबीयत में सुधार न होने पर स्वजनों ने बच्ची को जेपी अस्पताल में दोपहर को भर्ती करवाया। लेकिन कुछ ही देर बाद बच्ची जिंदगी की जंग हार गई। पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेजा है।

  • MP News: भोपाल में चौथी मंजिल से गिरा चार साल का मासूम, स्कूल बैग ने बचा ली जान

    छत से गिरा बालक (इनसेट- अस्पताल में मासूम)

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    पीठ पर टंगा था स्कूल बैग, बालकनी से झांकते वक्त संतुलन बिगड़ने से नीचे गिरा।40 फीट ऊंचाई से गिरने के बावजूद बच्चे को किसी तरह की चोट नहीं लगीबच्चे की मां वल्लभ भवन में कर्मचारी है, पिता छिंदवाड़ा में नौकरी करते हैं।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। जाको राखे साईयां, मार सके ना कोय…कुछ ऐसा ही हुआ एक चार साल के मासूम के साथ। चौथी मंजिल की बालकनी से झांकने के दौरान वह सीधे जमीन पर आ गिरा, लेकिन उसे कुछ नहीं हुआ। इसे चमत्कार ही कहा जाएगा कि करीब 40 फीट की ऊंचाई से गिरने के दौरान गति और दिशा का ऐसा संयोजन बैठा कि पहले जमीन पर स्कूल बैग गिरा, फिर उस पर बच्चा। इससे इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद भी उसकी जान बच गई।

    सरस्वती नगर के ईडब्ल्यूएस में क्रांति भारती अपने दो बच्चों के साथ रहती हैं। क्रांति वल्लभ भवन में ग्रेड तीन कर्मचारी हैं, जबकि उनके पति छिंदवाड़ा में काम करते हैं। नौकरी के चलते क्रांति के दोनों बच्चे दिन में स्कूल से आने के बाद कुछ देर घर में अकेले होते हैं। बड़ी बेटी कुहू दोपहर दो बजे स्कूल से घर आती है, जबकि बेटा सूर्यांश एक बजे घर आ जाता है।

    झांकते वक्त नीचे गिरा

    एक से दो बजे के बीच बालक को घर में अकेला रहना पड़ता है। इसी क्रम में शुक्रवार को सूर्यांश एक बजे स्कूल से अपने घर पहुंचा, लेकिन वह कमरे में जाने के बजाय बालकानी की ओर चला गया। बालकनी की रैलिंग ऊंची होने के चलते सूर्यांश कुर्सी लगाकर नीचे झांकने लगा। नीचे झांकते समय संतुलन बिगड़ने से वह चौथी मंजिल से नीचे सड़क पर गिर गया। किसी के गिरने की आवास सुन पड़ोसी बाहर निकलकर आए तो देखा कि बालक सकुशल है।

    जिसने भी सुना, रह गया हैरान

    पड़ोसियों ने तुरंत क्रांति को फोन कर सूचना दी। क्रांति ने घर पहुंचकर सूर्यांश को अस्पताल पहुंचाया, ताकि पता चल सके कि कहीं उसे अंदरूनी चोट तो नहीं है। दोपहर में प्राथमिक परीक्षण के बाद क्रांति बच्चे को लेकर घर आ गई, लेकिन शाम तक जैसे-जैसे रिश्तेदारों को इसकी जानकारी लगी, वे उसे देखने पहुंचने लगे। बच्चे को देखकर कई लोग तो मानने को तैयार नहीं थे कि वह इतनी ऊंचाई से गिरा और चोट नहीं लगी।

    बालक पूर्णत: स्वस्थ

    स्वजन शाम को सूर्यांश को लेकर फिर निजी अस्पताल पहुंचे और विशेषज्ञों को दिखाया। सीटी स्कैन और अन्य जांचें कराई गईं, लेकिन किसी तरह के अंदरूनी चोट का भी पता नहीं चला। सभी जांचों के बाद पाया गया कि बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ है। यह माता-पिता के लिए सुखद बात है, परंतु सभी के मन में अब भी कौतूहल बना हुआ है कि आखिर कैसे एक स्कूल बैग ने बच्चे की जान बचा ली।

    इसमें विज्ञान के किसी नियम को सीधे तौर पर लागू होना नहीं माना जा सकता। यह विज्ञान से ज्यादा भगवान का चमत्कार है। जो जितनी ऊंचाई से गिरता है, उसका मोमेंटम उतना अधिक हो जाता है। बच्चा किस एंगल से गिरा, कैसे गिरा और इस दौरान बैग किस तरह नीचे आया, यह संयोग ही है, जिसने बच्चे की जान बच गई। – यशपाल सिंह, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त गणित शिक्षक

  • Bhopal News: भूखंड बेचने का झांसा देकर 43 लाख रुपये हड़पे, प्रकरण दर्ज

    प्रॉपर्टी ब्रोकर ने की धोखाधड़ी (प्रतीकात्मक चित्र)

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    शिकायतकर्ताओं के मुताबिक जमीन की रजिस्ट्री कराने से इंकार कर रहा आरोपित। आरोपित का कहना है कि जमीन सौदे को लेकर उसकी रकम खुद दूसरे के पास फंसी। पुलिस इस ममले में जल्द कर सकती है आरोपित प्रॉपर्टी ब्रोकर को गिरफ्तार।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल Bhopal Crime News। कटारा हिल्स इलाके में लोगों को भूखंड बेचने का झांसा देकर एक प्रापर्टी ब्रोकर ने करीब 43 लाख रुपये धोखाधड़ी कर दी। पुलिस ने इस मामले में आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करते छानबीन शुरू कर दी है। फिलहाल आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

    यह है मामला

    कटारा हिल्स थाने में पदस्थ एसआई सविता वासुदेव के मुताबिक संजय सिंह समेत करीब आधा दर्जन लोगों ने पुलिस को लिखित में आवेदन दिया था कि उन्होंने महेश मीणा से उसकी कालोनी में भूखंड खरीदा था। इसके लिए वह करीब 43 लाख रुपये भी दे चुके हैं। इसके बावजूद आरोपित उसकी रजिस्ट्री भी नहीं करा रहा है, और ना ही रकम वापस लौटा रहा है।

    पुलिस ने जब आरोपित महेश मीणा से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने नारायण पाटीदार से जमीन नौ करोड़ 60 लाख रुपये में खरीदी थी, लेकिन वह तय समय में जमीन के पैसे अदा नहीं कर पाया। इसलिए उसका अनुबंध खत्म हो गया और उसी जमीन पर उसने लोगों से रुपये लेकर रखे थे। जांच के बाद आरोपित महेश मीणा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। अब पुलिस उसे जल्द ही गिरफ्तार करने की बात कह रही है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।