भुवन। पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी-अपनी ओर से नामित रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के व्हीलर आइलैंड (पजे अब्दुल कलाम द्वीप) से जाने वाले मिसाइल द्वीप को अगले साल मार्च महीने तक के लिए टाल दिया है। राज्य सरकार के फोर्ब्स पर डीडीआरओ ने कछुओं के जन्मकाल पर अंतिम निर्णय लिया है।
दुनिया के सबसे छोटे कछुओं में शामिल हैं ओलिव रिडली प्लांट के कछुए दिसंबर से मार्च के दौरान ओडिशा के छह देशों के तटवर्ती इलाके में शामिल होते हैं। इस दौरान मिसाइल परीक्षण की वजह से उनकी उत्पत्ति और जीवन पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा, इस पर ध्यान देते हुए डीड्राओ ने कलाम द्वीप से होने वाले मिसाइल परीक्षणों को मार्च तक टाल दिया है।
राज्य सरकार ने लिखा था पत्र
बता दें कि ओडिशा राज्य सरकार ने डीडीआरओ को भर्ती परीक्षण के लिए पत्र नहीं दिया था। ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना ने बताया कि राज्य सरकार ने ओलिव रिडली कछून के संरक्षण के लिए कई उपाय बताए हैं। इसके अलावा डीडीआरओ ने वन विभाग के बेहतर सहयोग के साथ कच्छों की सुरक्षा के लिए एक अधिकारी को नामित करने का भी निर्णय लिया है।
कछुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस बल की स्थापना
जेना ने कहा कि गंजम, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर के जिला मतदाताओं और एसपी को वार्षिक कछुआ संरक्षण अभियान के लिए वन विभाग के सहयोग से काम करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा मैंग्रोव डिविजन के 10 सशस्त्र सिपाहियों के लिए समुद्री गश्ती दल को तैनात किया गया है।