नं. यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। असल, भारत में 12 प्रतिशत मानक गुणवत्ता और मानक मानक में फेल हो गए। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। एफएसएसएआई ने प्रोटोटाइप से लेकर 4054 भव्यतावादी जातियों तक के लिए गुणवत्तापूर्ण परीक्षण किया था। बाद में जांच में 474 सीटें फेल हो गईं। ऐसे में कार्टून की क्वालिटी पर एक बार फिर से सवाल पूछे जाने लगे हैं।
रॉयटर्स ने भारत के सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत मई से जुलाई तक प्लास्टिक के परीक्षण के आंकड़े हासिल किये। ऐसा कहा गया है कि महीनों के बीच 4,054 सिक्कों का परीक्षण किया गया। जिसमें से 474 मानक गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को शामिल नहीं किया गया है।
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आपको बता दें कि इसी साल अप्रैल में एमडीएच और एवरेस्ट के प्रोडक्शन हाउस के प्रोडक्शन हाउस को लेकर विवाद शुरू हो गया था। हांगकांग कांग्रेस ने इन भारतीय मसालों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। इस विवाद के सामने आने के बाद अमेरिका और सिंगापुर समेत अन्य देशों ने भी इन पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था।