दिल्ली आईएएस कोचिंग घटना पर SC: दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर (पुराना राजेंद्र नगर) के कोचिंग इंस्टीट्यूट (राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल) में तीन यूपीएससी के छात्रों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने (सुप्रीम कोर्ट) संवत को स्मारक बना लिया है। कोचिंग सेंटर (कोचिंग सेंटर) में सुरक्षा सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा कि कोचिंग सेंटर ‘डेथ चेंबर’ बन गए हैं। कोचिंग सेंटर बच्चों की जिंदगी से खेल रहे हैं। मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा है। कोचिंग आश्रम में शिया रूल्स के खिलाफ़ फ़ायरिंग से जुड़े उच्च न्यायालय के एक आदेश के अनुसार कोचिंग फ़ेडरेशन सेंटर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए कही ये बातें।
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बता दें कि दिल्ली में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबकर हुई तीन छात्रों की मौत को लेकर लोग अब भी काफी गुस्से में हैं। छात्र इस मामले को लेकर लगातार प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
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समीक्षा के दौरान कोर्ट ने कहा, “कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न आदर्शों से आए छात्रों की जिंदगी से मुलाकात कर रहे हैं।” ये बच्चे जिंदगी से खेल रहे हैं। कोचिंग सेंटर ‘डेथ चेंबर’ में शामिल हो रहे हैं।
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कोर्ट ने फेडरेशन की फाइल पर सख्त वोटिंग का प्रस्ताव रखा जिसमें एक लाख रुपये का हर्जाना भी शामिल था। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “कोचिंग सेंटर्स डेथ चेंबर बन गए हैं।” अगर सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं किया जा सकता है तो उन्हें ऑनलाइन ही चलाना बेहतर होगा। देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली के पुराने रेजिडेंट नगर में हुई घटना डकैती वाली है।
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न्यायमूर्ति सूर्यकांत की राष्ट्रपति वाली प्रियंका ने कहा, ”हमें यह नहीं पता कि अभी तक दिल्ली सरकार या केंद्र सरकार ने क्या प्रभावी उपाय किए हैं।” अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले कुछ छात्रों की जान-जाने की घटना हुई। ये इवेंट सभी के लिए बाइक खरीदने वाली है। उन्होंने आगे कहा, “इसलिए हम इस मामले का स्व: संज्ञान लेते हैं, ताकि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया जा सके।” उसने ये बताया कि अब तक इसमें किस-किस से सुरक्षा नियुक्त किए गए हैं और अगर ऐसे लोग गए हैं तो उनकी देखभाल के लिए किसी तरह का प्रभावशाली तंत्र पेश किया गया है।
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