पुणे पोर्श कांड के नाबालिग नाबालिग लड़के के पिता विशाल अग्रवाल को 2 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुणे सेशन कोर्ट के आदेश के तहत 24 मई तक पुलिस के जज में रहेंगे। इस दौरान पूछताछ की जाएगी। मासूम से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था. अपराधी ने पहले पुलिस को चकमा देने की पूरी कोशिश की थी। इसकी साजिश के बाद उन्होंने अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद ही रच ली थी। लेकिन पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, जीपीएस और उनके रिश्तेदारों से मिली दुकानों के आधार पर न्यूजीलैंडा की जांच की।
विशाल अग्रवाल अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद पुणे से गिरफ्तार हो गए थे। पुलिस को चकमा देने के लिए 3 कारें उनके घर से निकली थीं। वो खुद एक कार को ड्राइव कर रहे थे, और उनके ड्राइवर 2 डेस्क्टो कार को चला रहे थे। वह अपनी कार से मुंबई के लिए निकले, जबकि एक ड्राइवर गोवा गया, तो दूसरा कोल्हापुर की ओर निकल गया। इसके बाद उन्होंने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। परिवार के दूसरे नंबर से संपर्क में आ गए।
उन्होंने रास्ते में अपनी कार भी बदल ली. छत्रपति संभाजीनगर की ओर अपने मित्र की कार लेकर निकल गये। डौंड में अपना फार्म हाउस भी चला गया। बीच- समुद्रतट में अपने अवशेषों को अपने शिष्य बनाए रख रहे हैं। सोमवार की रात वो अपने ड्राइवर के साथ संभाजीनगर के एक लॉज में रुकी। यहाँ उनके पीछे लगी रही। जीपीएस की मदद से उनके इंजेक्शन का पता लगाया गया। सीसीटीवी में सीसीटीवी फुटेज मिली, जिससे उनकी पहचान हो गई.
छत्रपति संभाजीनगर के लॉज से सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात गिरफ्तार कर लिया गया, जहां वो रुके हुए थे। उन्हें पुणे की जिला अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से नाबालिग आरोपी पर मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी। अदालत ने पुलिस की अपील को खारिज कर दिया था। इस घटना की जांच के लिए पुलिस ने कई टीमें बनाई हैं।
स्पोर्ट्स कार पोर्श से मैसाचुसेट्स ने 2 ऑटोमोबाइल को रचाया
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की सुबह की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट अचल संपत्ति के 17 साल के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार 2 बिल्डर को धोखा दिया, जिससे दोनों की मौत हो गई। बुनियादी ढांचे को 14 घंटे बाद कोर्ट से कुछ श्रमिकों के साथ जमानत मिल गई। कोर्ट ने उन्हें 15 दिनों तक प्लास्टिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क पर सिगरेट के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध निर्देश का निर्देश दिया था। पुलिस जांच में सामने आया कि नवजात शिशु बेहद तेज गति से शराब के नशे में कार चला रहा था।
पुणे पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इस मामले में नाबालिग नाबालिग पर एक वयस्क की तरह का लाइसेंस दाखिल किया जाना चाहिए। इसके लिए पुलिस को ऊपरी अदालत से अनुमति प्राप्त है। आईपीएस के खिलाफ धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 304ए (लापरवाही से हत्या) और मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।