यूनाइटेड किंगडम हाल ही में स्वास्थ्य कर्मियों की महीनों से चली आ रही हड़ताल से बाहर आया है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पहले से ही अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने और महंगाई पर काबू पाने समेत कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। अब दशकों पुराने एक मामले ने ब्रिटेन में तूफ़ान खड़ा कर दिया है और सुनक को इसके लिए माफ़ी मांगने पर भी मजबूर कर दिया है। मामला है 1980 के दशक में हुआ ‘संक्रमित रक्त कांड’. सबसे बुरी बात यह है कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस घटना को छुपाने की कोशिश की जिसके परिणामस्वरूप कई मौतें हुईं।
संक्रमित रक्त कांड क्या है?
मामले में एक जांच रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि 30,000 से अधिक लोगों को एचआईवी और हेपेटाइटिस जैसे वायरस से संक्रमित रक्त मिला। संक्रमित रक्त जांच ने निष्कर्ष निकाला कि 1970 और 1990 के दशक के बीच उन रोगियों को दूषित रक्त दिया गया था, जिन्हें हीमोफिलिया, दुर्घटना और सर्जरी जैसे रक्त विकारों के लिए रक्त आधान की आवश्यकता थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमित रक्त के कारण अब तक लगभग 3,000 लोगों की मौत हो चुकी है और आगे और मौतें हो सकती हैं। इस घटना को यूनाइटेड किंगडम में सबसे बड़ी उपचार आपदा के रूप में वर्णित किया गया है।
ऋषि सुनक की प्रतिक्रिया
चौंकाने वाली रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हाउस ऑफ कॉमन्स से माफ़ी मांगी। सुनक ने लंबे समय से प्रतीक्षित रिपोर्ट के निष्कर्षों को ‘ब्रिटिश राज्य के लिए शर्म का दिन’ बताया। सुनक ने कहा, “समय-समय पर सत्ता और भरोसे के पदों पर बैठे लोगों के पास उन संक्रमणों के प्रसार को रोकने का मौका था, लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे।”
इस सरकार और 1970 के दशक से लेकर अब तक की हर सरकार की ओर से, मैं सचमुच खेद व्यक्त करता हूँ। pic.twitter.com/eFQBPIvdBk — ऋषि सुनक (@RishiSunak) 20 मई, 2024
प्रधानमंत्री ने पीड़ितों के लिए मुआवजे के उपायों की भी घोषणा की। रिपोर्टों के अनुसार, कुल मुआवजे पर यूके सरकार को 10 बिलियन पाउंड (12 बिलियन डॉलर) से अधिक का खर्च उठाना पड़ सकता है।