हेल्थ डेस्क. पिछले कुछ दिनों में हीट स्ट्रोक के दौरान ब्रेन स्ट्रोक से लेकर पिछले कुछ दिनों की संख्या में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। डॉक्टरों की सलाह तो बीपी और मरीज़ों में ब्रेन स्ट्रोक के मामले काफी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण टेंपरेचर में अचानक से बदलाव आना है। यानी आप बहुत देर तक एक एसी में रहने के बाद सीधे धूप में उतार-चढ़ाव देखते हैं, तो शरीर के टेंपरेचर में बदलाव होते हैं। इससे ब्रेन स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है। जिन महिलाओं को हाई बीपी की समस्या होती है, तो उन्हें भी हीट स्ट्रोक के कारण ब्रेन स्ट्रोक का कारण काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
डॉक्टरों की राय में ब्लड फ्लो और मरीजों की जांच में ब्रेन स्ट्रोक के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं। इसका एक बड़ा कारण तेज गर्मी और अचानक से बदलना टेम्परेचर भी है। यानी अगर आप एसी से सीधे धूप में धूप में जाते हैं या फिर तेज धूप से सीधे एसी में जाते हैं तो ब्रेन स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
शरीर के एक हिस्से में मोटा चेहरा, हाथ, पैर सुन्न होना, बोलने में परेशानी होना, दोनों आंखों में पतला तेज सिर में दर्द होना, उल्टी होना और जी मिचलाना, शरीर में तेज दर्द होना
ब्रेन स्ट्रोक से कैसे बचें?
ब्रेन स्ट्रोक पहले 1 घंटे पर बेहद अहम होता है। इसलिए मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर आएं। तेज एसी से सूर्योदय धूप में जाने से निराश। धूप से आने के बाद बिल्कुल सही से एसी में नहीं। समय-समय पर ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच। अधिक देर तक धूप में न रहने से हीट स्ट्रोक हो सकता है। डॉक्टर को देखने और समझने में परेशानी हो रही है।
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