अमेरिकी कार निर्माता कंपनी एंटरप्राइजेज ने गुड़गांव की बैटरी निर्माता कंपनी पावर के खिलाफ डेमोक्रेट के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में मामला दर्ज कराया है। जिस कंपनी के इंकलाब के खिलाफ़ इंकलाब कोर्ट ऑफ इंडिया है, उसका नाम इंकलाब पावर इंडिया है। यूथ इंक ने इंक से मांग की है कि इंकलाब इंक का उपयोग करने से रोका जाए।
इंक का प्रतिनिधित्व करते हुए वयोवृद्ध वकील चंद्र लाल ने अपने सिद्धांतों का प्रयोग करते हुए निषेध की मांग करते हुए तर्क दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय फर्मों द्वारा भारत में इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों से न केवल कलाकारों का जन्म हुआ है, बल्कि उनके व्यापारिक हितों को भी नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोपियन पावर बनाम बैटरी के शेयरधारक अमेरिकी फर्म को निर्देशित किया जा रहा है क्योंकि उपभोक्ता मान रहे हैं कि ये इंकलाब इंक से जुड़े हुए हैं।
दूसरी ओर मोटरसाइकिल पावर का कहना है कि वह कई सार्जेंट से बिजनेस कर रही है। उन्होंने वॅली पर्म्प्रिक बैटरियां बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया है। ईवी के रैंप में उतरने की उसकी कोई योजना नहीं है। कंपनी ने कोर्ट में ये भी दावा किया कि उसकी बैटरियों के पहले से ही लाखों ग्राहक हैं।
वयोवृद्ध वकील ने दावा किया कि इलिनोइस पावर कंट्री के राष्ट्रीय समाचार पत्रों में अपनी बैटरी का विज्ञापन एक ईवी कंपनी के रूप में कर रही थी। और विदेशी फर्म के लोगो का इस्तेमाल कर रही थी। ऑटोमोबाइल इंक. के वकील ने भारत में अपने ब्रांड के खिलाफ और व्यावसायिक हितों को नुकसान पहुंचाने की अपील करते हुए यूथ पावर के डॉक्युमेंट्स का इस्तेमाल किया और उनके नकल के अचानक एक्शन की मांग की।
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