मणिपुर यौन उत्पीड़न मामला: मणिपुर में दो महिलाओं के निर्वस्त्र घूमने का मामला (मणिपुर में दो महिलाओं के निर्वस्त्र घूमने का मामला) में बड़ा खुलासा हुआ है। सिपाहियों ने ही दोनों महिलाओं को भीड़ में शामिल किया था। इसके बाद दरिंदों की भीड़ ने दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर पहले तो कुजाया था। उसके बाद दोनों की प्रोसेसिंग हो गई। सीबीआई के अन्वेषक में यह दफ़्तर वाला खुलासा हुआ है।
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बता दें कि साल 2023 में चार मई की घटना के करीब दो महीने बाद जुलाई में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें देखा कि दो महिलाएं पुरुषों की भीड़ से घिरी हुई हैं और उन्हें निर्वासित कर लिया जा रहा है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सीबीआई के आरोपपत्र में कहा गया है कि कांगपोकपी जिले में इन महिलाओं को सरकारी वाहन (जिप्सी) में आतंकियों की शरण में रखा गया था, लेकिन वे दोनों महिलाएं करीब 1000 मेइती दंगाइयों की भीड़ में शामिल हो गईं। इसमें कहा गया है कि इसके बाद दोनों महिलाओं का निर्वासन कर दिया गया था। यह घटना राज्य में जातीय हिंसा के दौरान हुई है।
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आरोप पत्र में यह है खुलासा
आरोप पत्र में कहा गया है कि राइफल, एसएलआर, इंसास और .303 राइफल जैसे डीजल हथियार से लगभग 900-1,000 लोगों की भीड़ बच गई, दोनों महिलाएं भाग रही थीं। कहा जाता है कि दक्षिण के कांगपोकपी जिले में करीब 68 किमी दूर एक भीड़ सैकुल स्टेशन के गांव में जबरदस्ती घुस गई थी। भीड़ से भागने के लिए महिलाएं अन्य समानताएं देखने के साथ जंगल में भाग गईं, लेकिन दंगाइयों ने उन्हें ले लिया। अधिकारियों ने बताया कि भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने महिलाओं की मदद के लिए सड़क किनारे पुलिस वाहनों के पास जाने की बात कही। दोनों महिलाएं पुलिस वाहन में स्पेशल हो गईं, जिसमें पहले दो मैकेनिक और ड्राइवर बैठे थे, जबकि तीन-चार मैकेनिक वाहन के बाहर थे।
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करगिल युद्ध में एक महिला ने सैनिकों की पत्नी को शामिल किया था। अधिकारियों ने कहा कि महिलाएं अपने वाहनों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए गई थीं, लेकिन अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा कि उनके पास वाहनों की चाबियां नहीं थीं और उन्होंने कोई मदद नहीं की।
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जुलाई में वायरल हुआ था वीडियोमणिपुर में पिछले साल चार मई की घटना के करीब दो महीने बाद जुलाई में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें देखा जा सकता था कि दो महिलाएं पुरुषों की भीड़ से घिरी हुई हैं और उन्हें बंधक बनाकर रखा जा रहा है। पिछले साल 16 अक्टूबर को साकेत में विशेष न्यायाधीश, साकेत कोर्ट के समक्ष छह आरोपों के खिलाफ आरोपपत्र सामने आया था।
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