नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) ने रविवार को ईवीएम के डेटा से वोटर वेरिफिएबल एलसीडी ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों का 100 प्रतिशत मिलान की मांग सूची जारी की। अदालत ने तकनीक से जुड़े चार-पांच और बिंदुओं पर जानकारी लेने के बाद दूसरी बार फैसला सुरक्षित रखा। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग (इलेक्शन कमीशन) से पूछा कि माइक्रो कंट्रोलर (माइक्रो कंट्रोलर) किस कंट्रोल यूनिट या वीवीपैट में स्थापित है? साथ ही चुनाव आयोग से ईवीएम पर 4 सवालों के जवाब मांगते हैं।
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सुनवाई के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वह केवल चुनाव के दौरान चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता या निर्देश जारी नहीं कर सकता, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बारे में संदेह उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर स्टाफ की बेंच ने साफा ने कहा कि हम जजों पर नियंत्रण नहीं कर सकते। कोर्ट का कहना था कि हम किसी भी अन्य संवैधानिक एसोसिएट्स के कार्यभार को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने हमारे संदेह दूर किये. हम आपकी विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकते। हम संदेह के आधार पर ऑर्डर जारी नहीं कर सकते।
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बता दें कि दस्तावेजों में यह दावा किया गया है कि बोर्ड में शामिल होने के लिए दावेदारों को शामिल किया जा सकता है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि वो वोट वोट के टुकड़े टुकड़े करने वालों पर संदेह करने वालों और बैलेट पेपर्स के जरिए वापस चुनाव लड़ने वालों की विचार प्रक्रिया को नहीं बदला जा सकता है।
कोर्ट का कहना था कि हमें और जानकारी चाहिए, क्योंकि हम मामले की तह तक यानी गहनता से जानकारी चाहते हैं। जस्टिस खन्ना ने कहा, हमने अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न का अध्ययन किया। हम सिर्फ तीन-चार साहिर चाहते हैं। हम तथ्यपरक रूप से ग़लत नहीं होना चाहते हैं, लेकिन अपने निष्कर्षों के बारे में पूरी तरह से तरह के मूल्यांकन करना चाहते हैं और इसलिए हमने साज़िश के बारे में सोचा।
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प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में केवल पांच वोटिंग दस्तावेजों के एलसीडी और वीवीपैट शीट का मिलान होता है
बता दें कि मौजूदा समय में वीवीपैट वैर असिस्ट के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के सिर्फ पांच वोट के लिए वोटों की गिनती और वीवीपैट रसीद का मिलान किया जाता है। इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में सिर्फ पांच रैंडमली रूप से पुराने दस्तावेजों और वीवीपैट पर्चियों की गिनती की मांग करने वाली याचिका के बजाय ईसीआई को नोटिस जारी किया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने इन चार प्रस्तावों पर जवाब मांगा है
1). कंट्रोल यूनिट या वीवीपैट में क्या माइक्रो कंट्रोलर स्थापित है?2). माइक्रो कंट्रोलर क्या एक बार प्रोग्राम करने योग्य है?3). ईवीएम में सिंबल लोडिंग यूनिट कितनी उपलब्ध हैं?4). चुनाव नामांकन की सीमा 30 दिन है और स्टॉक में डेटा 45 दिनों के लिए तय किया गया है। लेकिन अधिनियम में इसे सुरक्षित रखने की सीमा 45 दिन है। भंडारण की अवधि कितनी हो सकती है?
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