हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट: प्राथमिक जांच रिपोर्ट में भगदड़ को लेकर बड़ा खुलासा, जानिए कौन जिम्मेदार?

हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट. यूपी के हाथरस के फुलराई गांव में मंगलवार को अमंगल हो गया। भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 भक्तों की मौत हो गई। वहीं करीब 150 लोग घायल हैं। पापा ने इस घटना की प्राथमिक जांच रिपोर्ट अब पापा को प्रभावित किया है।

शिष्य के अनुसार, सत्संग के समापन के बाद भोले बाबा के पास पहुंच की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनके सेवादार और निजी गार्ड (ब्लैक कमांडो) ने खुद ही धक्का-मुक्की करना शुरू कर दिया। इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ मच गई। रिपोर्ट में बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों को जिम्मेदार बताया गया है।

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भगवान शंकर राव हाथरस की आधिकारिक जांच रिपोर्ट में भगदड़ के संभावित कारणों से यह बताया गया है कि भगवान शंकर ने नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा के अनुकरण और उनके द्वारा गुजरे रास्ते से मिट्टी इकट्ठा करने की कोशिश की थी। बोले बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड और सेवादारों ने भीड़ को परेशान किया जिससे भगदड़ मच गई।

डीएम ने सीएम को दी रिपोर्ट

हाथरस के घावों को ठीक करने के लिए दस्ताने ने यह रिपोर्ट तैयार की और घावों को ठीक करने के लिए दस्ताने ने इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री को सौंपा। इस घटना को लेकर 22 नेताओं के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री इस समय हाथरस में हैं और राहत और बचाव कार्य की समीक्षा कर रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने घायलों की हालत जानने के लिए अस्पताल का भी दौरा किया।

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जानिए रिपोर्ट में लिखी ये बातें

सिकंदराराऊ के उपजिलाधिकारी ने हाथरस के बुखार को लेकर अपनी रिपोर्ट में लिखा है, “श्री नारायण साकार हरि भोले बाबा दोपहर 12.30 बजे सत्संग पंडाल में पहुंचे और एक घंटा कार्यक्रम चला। इसके उपरान्त लगभग 01.40 बजे नारायण साकार हरि (भोले बाबा) पंडाल से निकलकर राष्ट्रीय राजमार्ग-91 पर एटा की ओर जाने के लिए आए तो जिस मार्ग से भोले बाबा निकल रहे थे उस मार्ग की ओर सत्संगी महिला, पुरुष, बच्चे आदि उनके दर्शन कर रहे थे। चरण स्पर्श तथा अर्शीवाद स्वरूप उसके चरण रज लेकर अपने मुख पर तन लगे।”

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ऐसे बना फरा-तफरी का माहौल

“जीटी रोड के किनारे और बीच में बने डिवाइडर पर काफी अधिक संख्या में दर्शन के लिए पहले से लोग खड़े थे। जो डिवाइडर से कूदकर बाबा के दर्शनार्थ उनके वाहन की ओर आगे बढ़ने लगे, तो बाबा के साथ उनके निजी सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमाडो) एवं सेवादारों द्वारा बाबा के पास भीड़ न पहुंचने की स्थिति में भीड़ के साथ खुद ही धक्का-मुक्की करना शुरू हो जाएगा। कर दिया गया जिससे कुछ लोग नीचे गिर गए तब भी भीड़ नहीं मानी और अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया।

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