हलवा पॉलिटिक्स: संसद में ‘हलवा’! राहुल गांधी के महान कलाकार ने ली चुटकी, कही ऐसी बात जो कांग्रेस को पसंद नहीं आएगी- आचार्य प्रमोद कृष्णम

आचार्य प्रमोद कृष्णम राहुल गांधी पर: संसद के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को दोनों सदन काफी पार्टियां भर रहे थे। सदम में राहुल गांधी की जाति और उनके हलवे वाले बयान पर जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (निर्मला सीतारमण) के एक पोस्ट के बारे में चर्चा की। पोस्टर बजट पेश होने से पहले हलवा सेरेमनी का था। इसे लेकर वे मोदी सरकार पर आधारित थे। मामले में आध्यात्मिक गुरु आचार्य रामकृष्ण राम की एंट्री हुई है। वे राहुल गांधी पर तंज कसते हैं। उन्होंने हलवे के बारे में कहा कि वह स्वादिष्ट तो था, लेकिन गर्म-गर्म पदार्थों के इस्तेमाल के कारण चलाये गये।

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बता दें कि हलवा से लेकर स्टॉक विवाद तब शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा का हिस्सा लेते हुए दावा किया था कि 20 अधिकारियों ने देश का बजट बनाने का काम किया है, जिसमें सिर्फ एक अल्पसंख्यक और एक अन्य समूह शामिल है। वर्ग) हैं, जबकि वे एक भी एवं दलित आदिवासी नहीं हैं।

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फ़ार्मेल कैसल ने बताया कि हलवा समारोह में सरकारी अधिकारियों की जाति की ऐसी स्थिति की गणना पहले संप्राग शासन में नहीं की गई थी। उनका कहना है, ”यह एक साजिश है और इसी तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं।” अब इसमें सभी लोगों की जाति के लोगों को शामिल करके लोगों का बंटवारा क्यों किया जा रहा है?”

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वित्त मंत्री आगे बोलें, ”फोटोग्राफी कार्यक्रम 2013-14 में शुरू हुआ। समाजवादी पार्टी नीति संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार) के वित्त मंत्री नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में स्थित और पारंपरिक रूप से हलवा कन्वेंशन सेंटर पहुंचे। उस समय हलवा उत्सव रद्द नहीं किया गया? आपके पास (गांधी) तो कंट्रोल कंट्रोल की ताकत थी। उस समय की घटना में कितनी संख्या में जनजाति, जनजाति या जनजाति के अधिकारी थे?”

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