सूत्रों के अनुसार मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के 7 अक्टूबर से भारत दौरे पर आने की उम्मीद है।
पिछले साल पदभार संभालने के बाद से यह मुइज़ू की देश की पहली एकल द्विपक्षीय यात्रा होगी।
हाल ही में, न्यूयॉर्क में 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मौके पर मुइज्जू ने एएनआई को बताया कि वह जल्द से जल्द भारत आने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच ”बेहद मजबूत” द्विपक्षीय संबंधों की भी सराहना की.”
मुइज्जू ने एएनआई को बताया, “मैं जल्द से जल्द (भारत) यात्रा करने की योजना बना रहा हूं…हमारे बीच बहुत मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं।”
इस जून की शुरुआत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के बाद यह विशेष रूप से दूसरी बार होगा जब मुइज़ू इस साल भारत का दौरा कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पहले मालदीव के लगभग हर राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा भारत की करते थे, लेकिन पद संभालने के बाद मुइज्जू ने पहले तुर्किये और फिर चीन की यात्रा कर इस चलन को बदल दिया।
मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू सरकार ने भारत के साथ संबंधों में खटास आने के बाद सुलह का रुख अपनाया, जिससे राजनयिक विवाद पैदा हो गया।
सत्ता में आने के बाद से मुइज्जू ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जो भारत-मालदीव संबंधों के दृष्टिकोण से अपरंपरागत हैं। उन्होंने अपना पूरा राष्ट्रपति अभियान ‘इंडिया आउट’ की तर्ज पर चलाया। भारतीय सैनिकों को देश से हटाना मुइज्जू की पार्टी का मुख्य चुनाव अभियान था।