ब्रह्मोस: ब्रह्मोस के पूर्व इंजीनियर को उम्रकैद, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए थी जासूसी

पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर: नागपुर की एक अदालत ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के लिए यह सजा सुनाई है। निशांत को 2018 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करते और जानकारी देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले अग्रवाल को अप्रैल 2023 में बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने जमानत दी थी।

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रिपोर्टों के अनुसार, निशांत भारत की डीआरडीओ और रूस की सैन्य औद्योगिक कंसोर्शियम (एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया) के जॉइंट वेंचर- ब्रह्मोस एयरोस्पेस में वरिष्ठ सिस्टम इंजीनियर के पद पर काम कर रहे थे। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने पर काम कर रही है, जो जमीन, हवा, समुद्र और समुद्र के अंदर से भी लॉन्च की जा सकती है।

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2018 में ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के नागपुर स्थित मिसाइल सेंटर के तकनीकी अनुसंधान केंद्र में काम करने के दौरान निशांत अग्रवाल को मिलिट्री इंटेलिजेंस और यूपी-महाराष्ट्र की एटीएस ने जॉइंट ऑपरेशन में गिरफ्तार किया था। उन्होंने चार साल तक ब्रह्मोस एयरोस्पेस में काम किया था। अग्रवाल ने फेसबुक पर नेहा शर्मा और पूजा रंजन के नाम के दो अकाउंट से चैट किया था।

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जांच में सामने आया कि दोनों अकाउंट्स को पाकिस्तानी खुफिया एजेंट संभाल रहे थे। निशांत के अलावा एक और इंजीनियर पर सेना नजर रख रही थी। इसके बाद निशांत को गिरफ्तार कर लिया गया। निशांत पर आईपीसी और ओएसए की अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया। निशांत ने कुरुक्षेत्र एनआईटी से पढ़ाई की थी। वो स्वर्ण पदक विजेता था।

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देश की सुरक्षा के लिए फैसला

फैसले में कई डिफेंस एक्सपोर्ट्स का कहना है कि यह फैसला देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वालों के लिए एक कड़ी चेतावनी भी है। साथ ही, यह उन कला और इंजीनियरों के लिए भी एक जागरूकता का संदेश है जो संवेदनशील जानकारी तक पहुँचाते हैं। उन्हें हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए और किसी भी प्रकार के लालच या दबाव में आकर देशद्रोह नहीं करना चाहिए।

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