पश्चिम बंगाल में कोचिंग सेंटर से घर जा कर 62 दिनों के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई। घर की जांच के दौरान लापता नाबालिग का शव नहर में मिला था। इस विश्वव्यापी इलाके में पौराणिक कथाएँ फैलीं। मामले में सरकारी कर्मचारियों को एक घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया। बंगाल पुलिस ने पूरे मामले की 25 दिनों की जांच रिपोर्ट में बारुईपुर कोर्ट को पूछताछ दी थी। अब 62 दिन बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए नाबालिग को मौत की सजा सुनाई।
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बता दें कि 4 अक्टूबर को दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में 9 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में बरुईपुर पाक्सो कोर्ट ने 19 साल के मुस्तकिन सरदार को दोषी पाया था। नाबालिग के परिवार से गुमशुदगी की शिकायत मिलने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने जांच शुरू कर महज एक घंटे में ही गुमशुदागी को गिरफ्तार कर लिया था। बरुईपुर पुलिस ने सिर्फ 25 दिनों की जांच में एक पूरे मामले की जांच की। पुलिस द्वारा केस के 5वें दिन यानी 30 अक्टूबर को पाक्सो कोर्ट में पूरी तरह से अनचाहा दंड कर दिया गया था.
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पुलिस द्वारा पेश किए जाने के बाद बरुईपुर पाक्सो कोर्ट में 4 नवंबर से मामले की सुनवाई शुरू हुई और 22 दिन बाद 26 नवंबर को पूरी सुनवाई शुरू हो गई। सुनवाई के दौरान अदालत में कुल 36 गवाहों की गवाही हुई। राज्य जांच एजेंसी की ओर से स्टेट काउंसिल बिवास चटर्जी ने सभी वैज्ञानिक और भौतिक साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए अपराध साबित करने के खिलाफ आरोप लगाए। आख़िरकार, मासूम मुस्तकिन सरदार को गुरुवार को दोषी करार देते हुए शुक्रवार का दिन तय किया गया। जिसे आज पाक्सो कोर्ट के जज सुब्रत चटर्जी ने सज़ा-ए-मौत की सज़ा सुनाई है।
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अक्टूबर में हुई थी घटनाकोलकाता के आरजी कर रेप और राजधानी केसर को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच 9 साल के नाबालिग से बलात्कार और हत्या का ये मामला सामने आया जिसके बाद पूरे राज्य में हंगामा मच गया। गैंगस्टर के गुमशुदगी की याचिका के बाद पुलिस की जांच में एक गैंगस्टर से गैंगस्टर की पहचान की गई और रात करीब 2:45 बजे पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान बिग बॉस ने अपना अपराध कबूल कर लिया और घटना स्थल पर पुलिस को ले जाया गया जहां बिग बॉस का शव फेंका गया था। उसी दिन 9 मार्च को मैसाचुसेट्स के मसौदे का शव बरामद कर लिया गया था। पीड़ित परिवार ने फांसी ही को फांसी देने की मांग शुरू कर दी थी। लैपटॉप को समय पर पूरा करने के लिए कोर्ट में रात 9 बजे तक सुनवाई हुई थी।
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