केसी त्यागी का इस्तीफा: जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से केसी त्यागी की छुट्टी, सामने आई ये बड़ी वजह

केसी त्यागी का इस्तीफा: जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से केसी त्यागी की छुट्टी हो गई। रविवार को निजी आबंटन का आरोप देते हुए केसी क्लर्क ने प्रवक्ता पद से छुट्टी दे दी। पार्टी के प्रमुख अफाक अहमद खान ने रविवार को पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी। तमाशा के बाद राजीव रंजन निरंजन ललन सिंह (लल्लन सिंह) को जेडीयू का नया राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है। हालांकि सार्क की छुट्टी के बाद यह विचारधारा चल रही है कि अंदरखाने एनडीए और टिकट में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

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अलाउद्दीन खिलजी अफाक अहमद खान के जारी पत्र में लिखा है कि जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार (मुख्यमंत्री, बिहार) ने राजीव रंजन प्रसाद को राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद पर नियुक्त किया है। केसी गीतकार, जो पार्टी में हैं, उन्होंने निजी तौर पर पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है।

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वहीं, क्रेडिट कार्ड की बहाली के बाद यह माना जा रहा है कि उन्हें इस पद से हटा दिया गया है। केसी सार्क ने पार्टी लाइन पर कई जनहित याचिकाएं दायर कीं. उनकी भव्यता के कारण भव्यता की भी बातें गायब हो गईं। विदेश नीति पर सार्क ने इंडिया अलायंस के नेताओं के सुर में सुर मिलाया था। केसी तानाशाह ने सीएम नीतीश को लिखे पत्र में लिखा, पिछले कई महीनों से मैं टीवी चैनलों पर चल रही बहसों से अपने को दूर रखता हूं।

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लॉरेंस ने आगे कहा कि पार्टी के प्रवक्ता के पद के साथ न्याय नहीं कर रहा हूं। आप मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करने का आश्वासन दें। समय-समय पर आपके व्यक्तित्व और बिहार सरकार के प्रचार-प्रसार में हर समय उपलब्ध। मई 2023 में सीएम नीतीश कुमार ने केसी लार्क को राष्ट्रीय प्रवक्ता के साथ ही विशेष सलाहकार नियुक्त किया था।

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लेटर ने कई बार अपने निजी विचारों को पार्टी के विचारों के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे पार्टी की छवि और नेतृत्व पर सवाल उठे। अगर समान नागरिक संहिता हो या वक्फ संशोधन बिल… यहां तक ​​कि फिलिस्तीन मुद्दे पर भी उन्होंने फ्रैंक बात अपनी रखी थी। दबंगों की बयानबाज़ी में नेतृत्व को दोस्ती करने वाला बताया गया और इससे पार्टी के अंदर और बाहर विवाद बढ़ गया। एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में एक पर बिना पार्टी से चर्चा की गई, वकील ने बयान जारी कर दिया, जिस पार्टी का नेतृत्व कोवार नागा गया था। इसी तरह लेटरल एंट्री के मुद्दे पर भी उन्होंने अपने निजी विचार प्रकट किये थे।

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