Tag: West Central Railway

  • इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग सिस्टम से ट्रेनों को मिलेगी गति, सुरक्षा भी होगी सुनिश्चित

    सभी विद्युत सिग्नलिंग प्रणालियों को कंप्यूटर आधारित इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग सिस्टम से बदला जा रहा है। -सांकेतिक चित्र।

    HighLights

    पश्चिम मध्य रेलवे में लगाए गए हैं 135 इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग सिस्टम।भोपाल मंडल में 45 रेलवे स्टेशनों पर भी इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग सिस्टम।ट्रेन संचालन में डिजिटलीकरण, आधुनिकीकरण के लिए हो रही कवायद।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। पश्चिम मध्य रेल में सिग्नलिंग सिस्टम में तीव्र गति से अपग्रेडेशन किया जा रहा है। नए प्रकार की इंटरलाॅकिंग प्रणाली को अलग-अलग रेलखंडों पर लगाया जा रहा है, साथ ही पुरानी इंटरलाकिंग प्रणाली को भी बदला जा रहा है।

    भोपाल मंडल के अन्य स्टेशन पर भी यह प्रणाली

    ट्रेन संचालन में डिजिटलीकरण एवं आधुनिकीकरण और सुरक्षा बढ़ाने के लिए इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है। भोपाल मंडल में 45 स्टेशनों पर कंप्यूटर आधारित इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग प्रणाली शुरू की गई है। जल्द ही भोपाल मंडल के अन्य स्टेशन भी एडवांस इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग प्रणाली से लैस होंगे।

    इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग सिस्टम से ट्रेनों को गति मिलेगी। इसके साथ ही इसे कवच तकनीक के साथ-साथ सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम के साथ भी जोड़ा जा सकता है। मंडल के अन्य स्टेशनों पर भी इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग सिस्टम जल्द लगाए जाएंगे। – सौरभ कटारिया, सीनियर डीसीएम, भोपाल मंडल

    तीनों मंडल में शुरू की प्रणाली

    पश्चिम मध्य रेलवे में अब तक 135 स्टेशनों पर इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग सिस्टम शुरू हो चुके हैं, जो ट्रेन की आवाजाही पर सटीक रूप से नियंत्रण करने में समक्ष है। पश्चिम मध्य रेलवे सभी विद्युत सिग्नलिंग प्रणालियों को कंप्यूटर आधारित इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग सिस्टम से बदल रहा है। इसमें भोपाल मंडल के 45 स्टेशन, जबलपुर मंडल के 45 स्टेशन एवं कोटा मंडल के 45 स्टेशनों सहित अब तक कुल 135 स्टेशनों पर कंप्यूटर आधारित इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग प्रणाली शुरू की गई है। इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग सिग्नल, प्वाइंट और लेवल-क्राॅसिंग गेटों को नियंत्रित करने के लिए कंप्यूटर आधारित सिस्टम और इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों का उपयोग किया गया है।