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  • सीधी में बाइक से जा रहे तीन युवकों को ट्रक ने मारी टक्कर, दर्दनाक मौत; चालक मौके से फरार

    सीधी में दर्दनाक सड़क दुर्घटना।

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    एक युवक को अस्पताल में समय पर इलाज नहीं मिला।परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।पुलिस ने फरार ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, सीधी। ट्रक और बाइक में सीधी भिड़ंत होने से तीन युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। तीनों युवक सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के गाजर गांव निवासी हैं। मामला सीधी जिले बहरी थाना क्षेत्र में शनिवार रात दस बजे नेशनल हाइवे 39 नेबूहा बंधा गांव में हुआ। पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। चालक घटना के बाद फरार हो गया है।

    राकेश बैस थाना प्रभारी बहरी ने बताया कि बाइक सवार मुकेश पुत्र देवराज यादव (25), मनीष पुत्र मंगल यादव (27), प्रकाश पुत्र संजय यादव (12) निवासी गाजर थाना सिटी कोतवाली बाइक से सीधी से बहरी की ओर जा रहे थे। रात करीब दस बजे बाइक नेबूहा बंधा गांव के पास पहुंची, तो समाने से आ रहे ट्रक से सीधी भिड़ंत हो गई।

    मुकेश यादव और प्रकाश यादव की मौके पर ही मौत हो गई। मनीष यादव को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

    परिजन ने किया हंगामा

    मृतक के स्वजन ने आरोप लगाया कि शनिवार की रात मनीष यादव को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां समय पर डॉक्टर नहीं मिले। इलाज समय पर हो जाता, तो उसकी मौत नहीं होती।

  • भोपाल में ड्रग्स फैक्ट्री का पर्दाफाश, 1800 करोड़ रुपये का प्रतिबंधित पदार्थ बरामद, दो गिरफ्तार

    इसी फैक्ट्री में बनाई जा रही थी ड्रग्स।

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    बरामद प्रतिबंधित पदार्थ एमडी ड्रग्स बताया जा रहा। स्थानीय पुलिस को छापामार कार्रवाई से दूर रखा गया।

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस), मध्य प्रदेश एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, दिल्ली की टीम ने एमडी ड्रग के विरुद्ध चल रहे अभियान में अब तक की सबसे बड़ी सफलता हासिल की है। जांच एजेंसियों ने भोपाल के बागरोदा औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई करते हुए एमडी ड्रग और इसे बनाने में उपयोग होने वाला कच्चा माल जब्त किया है। इसकी कीमत 1800 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है। जांच एजेंसियों ने यहां से दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

    गुजरात के गृहमंत्री ने दी बधाई

    गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने भारी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी के लिए टीम को बधाई दी। उन्होंने खुद कहा है कि यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा- ‘गुजरात एटीएस और दिल्ली एनसीबी की टीम ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में मिली बड़ी जीत पर बधाई। हाल ही में भोपाल की फैक्ट्री पर रेड डाली गई और एमडी (ड्रग्स) व उसे बनाने वाला पदार्थ बरामद किया गया, जिसकी कीमत 1814 करोड़ रुपये है।

    उन्होंने आगे लिखा, ‘यह उपलब्धि हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के ड्रग्स की तस्करी से लड़ने में उनके अथक प्रयास को दर्शाती है। उनका प्रयास हमारे समाज की सुरक्षा और सेहत की सुरक्षा के लिए अहम है। उनका यह समर्पण सच में तारीफ के काबिल है। भारत को सुरक्षित और सेहतमंद राष्ट्र बनाने के उनके मिशन में उनका साथ देना जारी रखें।’

  • MP में डॉक्‍टरों से नहीं छूट रहा निजी प्रैक्टिस का मोह, अब सरकार देगी 20 प्रतिशत अतिरिक्‍त प्रोत्‍साहन राशि

    मध्‍य प्रदेश में डॉक्‍टरों को सरकार देने जा रही है प्रोत्‍साहन भत्‍ता।

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    अब नए काॅलेजों में फैकल्टी के पद भरने में मिलेगी मदद। एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद भरने में परेशानी। सामुदायिक केंद्रों के डाॅक्टरों को अतिरिक्त भत्ता मिल रहा है।

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया.भोपाल। राज्य सरकार ने आगामी वर्षों में 14 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है। इनमें पांच तो अगले वर्ष ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। कॉलेज शुरू करने में सबसे बड़ी चुनौती यहां फैकल्टी के उच्च पदों को भरना है।

    इसके लिए सरकार छोटे और पिछड़े जिलों के मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी को 20 प्रतिशत तक अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता देने की तैयारी कर रही है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय शीघ्र ही इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजेगा।

    क्‍यों बन रहे हैं ये हालात

    इस वर्ष प्रारंभ हुए सिवनी, नीमच और मंदसौर मेडिकल कालेज में फैकल्टी की कमी के चलते एमबीबीएस की 100 सीटों की अनुमति ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिल पाई, जबकि चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने 150-150 सीटों के लिए आवेदन किया था। सबसे अधिक परेशानी एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद भरने में आ रही है।

    नीमच, सिवनी, मंदसौर मेडिकल कॉलेजों से हुआ साबित

    दूरस्थ क्षेत्र के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के डाॅक्टरों को सरकार पहले से ही अतिरिक्त भत्ता दे रही है। दरअसल, निजी प्रैक्टिस के मोह में बड़े डाॅक्टर छोटे जिलों में नहीं जाना चाहते। नीमच, सिवनी और मंदसौर मेडिकल कॉलेज में यह साबित हो चुका है। इस कारण मजबूरी में सरकार नीति बनाने की तैयारी कर रही है।

    नहीं मिल पाते फैकल्‍टी

    नए कॉलेजों में पहले वर्ष तो गैर चिकित्सकीय विषय एनाॅटमी, फिजियोलाजी और बायोकेमेस्ट्री में ही फैकल्टी की आवश्यकता होती है। लेकिन आगे के वर्षों के लिए चिकित्सकीय विषय जैसे मेडिसिन, सर्जरी आदि विषयों में फैकल्टी नहीं मिल पाते। प्रोत्साहन राशि के संबंध में विस्तृत रूपरेखा बनने के बाद तय होगा कि किन जिलों को पिछड़े के श्रेणी में रखा जाएगा। यहां काम करने वाले फैकल्टी को कितना लाभ मिलेगा।

  • Ladli Behna Yojana Kist: लाड़ली बहना योजना के 1250 रुपये महिलाओं के अकाउंट में ट्रांसफर

    एक क्लिक से सीएम मोहन यादव ने महिलाओं के खाते में डाली लाड़ली बहना योजना की किस्त।

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    आज दमोह के सिंग्रामपुर में जुटा है पूरा मंत्रिमंडल। यहीं पर महिला सशक्तिकरण पर केंद्रीत आमसभा। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की राशि भी होगी जारी।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, दमोह(Ladli Behna Yojana Kist)। मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की किस्त के 1250 रुपये बहनों को खाते में अंतरित कर दी गई। सीएम डॉ. मोहन यादव दमोह के सिंग्रामपुर में आयोजित कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के जरिए एक करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों के खाते में यह राशि भेज दी है। इस बार त्योहार को देखते हुए योजना की किश्त पहले जारी की जा रही है।

    यह होगा आयोजन

    सिंग्रामपुर में कैबिनेट बैठक के बाद सिंग्रामपुर में ही एक बड़े स्थान पर आमसभा का आयोजन किया गया। यह आमसभा महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्रित है। इसमें लाड़ली बहना योजना और स्व सहायता समूह, वन समिति की महिला सदस्य, महिला पंच, सरपंच सहित सभी महिलाएं शामिल हैं।

    इसी दौरान सिंगल क्लिक के माध्यम से लाड़ली बहना की किश्त, सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत विभिन्न योजनाओं की राशि तथा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का सिंगल क्लिक के माध्यम से भुगतान किया जाना है। इसमें दमोह जिले के हितग्राही भी शामिल हैं।

  • एमपी हाईकोर्ट ने दिया धार कलेक्टर सहित दो अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तार वारंट जारी करने का आदेश

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ। फाइल फोटो

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    मिथुन चौहान ग्राम पंचायत नालछा धार में ग्राम रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ था।स्वास्थ खराब होने के कारण मिथुन चौहान एक दिन कार्य पर उपस्थित नहीं हो सका।एक दिन की अनुपस्थिति को कदाचरण बताते मिथुन को पद से हटा दिया गया था।

    इंदौर (MP High Court)। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने धार जिले के कलेक्टर प्रियांक मिश्र और जिला पंचायत के मुख्य तत्कालीन कार्यपालन अधिकारी शृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। अदालत के आदेश का पालन नहीं करने पर यह आदेश जारी किया गया है।

    इस मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रसन्ना भटनागर ने बताया कि याचिकाकर्ता मिथुन चौहान ग्राम पंचायत नालछा जिला धार में ग्राम रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ था। 25 फरवरी 2017 को स्वास्थ खराब होने के कारण वह एक दिन कार्य पर उपस्थित नहीं हो सका। एक दिन की अनुपस्थिति को कदाचरण बताते हुए, बिना जांच किए और बिना सुनवाई का अवसर दिए उसे हटा दिया गया।

    हाईकोर्ट में लगाई थी रिट याचिका

    उक्त आदेश को चुनौती देते हुए ग्राम रोजगार सहायक ने अपील प्रस्तुत की, लेकिन अपील भी निरस्त कर दी गई। जिसके बाद उसने 2019 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में रिट याचिका प्रस्तुत की। इसके बाद हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए 22 अगस्त 2023 को उसकी सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त कर दिया गया था। इसके साथ ही यह आदेश भी दिया गया कि ग्राम रोजगार सहायक को 50 प्रतिशत पिछले वेतन सहित वापस नौकरी पर रखा जाए।

    हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया

    इस आदेश को चुनौती देते हुए शासन के द्वारा अपील प्रस्तुत की गई, लेकिन 3 जुलाई 2024 को अपील भी निरस्त हो गई। अपील निरस्त होने के बाद भी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया।याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका प्रस्तुत की जिसमें दिनांक 20 सितंबर 2024 को शासन को यह निर्देश दिए कि वह आदेश का पालन करें।

    इसके साथ ही 4 अक्टूबर 2024 को न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहें। इसके बाद भी आदेश का पालन नहीं किया गया और न ही उक्त दोनों अधिकारी हाईकोर्ट में उपस्थित रहे। इसलिए न्यायालय द्वारा कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए गए हैं।

  • कृषि मंत्री शिवराज की दमदार योजना, किसानों को फ्री में हाईब्रीड बीज, फिर पीत क्रांति की तैयारी

    तिलहन की प्रति वर्ष 10 लाख हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य।

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    राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन की हुई शुरुआत 347 जिलों में 600 क्लस्टर बनाए जाएंगेकिसानों को फ्री में दिए जाएंगे उन्नत बीज

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल: देश में खाद्य तेल की आवश्यकता की पूर्ति के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता सरकार समाप्त करेगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन बनाया है। इसके अंतर्गत मध्य प्रदेश सहित देश के 21 राज्यों के तिलहन बीज उत्पादक 347 जिलों में उन्नत बीज दिए जाएंगे।

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यह बीज तैयार करेगा और फिर प्रमाणित बीज किसानों को निश्शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए पूरे देश में 600 क्लस्टर बनाए जाएंगे। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां मीडिया से चर्चा में दी।

    खाद्य तेल मिशन

    केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने बताया कि 10 हजार 103 करोड़ रुपये की लागत से उन्नत बीज उत्पादन का कार्यक्रम चलाया जाएगा। अभी हमें देश की खाद्य तेल की आवश्यकता के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। इस समाप्त करके आत्मनिर्भर बनने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन बनाया है। इसमें उन जिलों को शामिल किया गया है, जहां तिलहन का उत्पादन होता है।

    600 क्लस्टर बनाकर किसानों को निश्शुल्क बीज दिए जाएंगे। प्रशिक्षण देकर नई तकनीक के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही जो उत्पादन होगा, उसे सौ प्रतिशत खरीदा जाएगा। प्रतिवर्ष दस लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की जाएगी।ओ सात वर्ष में 70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र इस योजना में लिया जाएगा। उन्नत बीजों की कमी पूरा करने के लिए 65 नए बीज केंद्र बनाए जाएंगे। बीजों को सुरक्षित रखने के लिए 50 बीज भंडारण इकाइयां भी बनेंगी।

    किसान हित में उठाए कई कदम

    मंत्री शिवराज ने बताया कि मोदी सरकार ने पिछले 120 दिन में किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं। देश में अब जो तेल आयात होगा, उस पर आयात शुल्क 27 प्रतिशत देना होगा। यह अभी शून्य था। पाम आयल और बाकी तेल के आने से सोयाबीन सहित अन्य उपज के मूल्य काफी कम हुए थे। आयात शुल्क लगाने से औसत पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल सोयाबीन का मूल्य बढ़ा है और यह क्रम जारी है।

    सोयाबीन भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया है ताकि मूल्य ठीक दिए जा सकें। इसी तरह बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात शुल्क लगा था, जिसे समाप्त कर दिया है। निर्यात बढ़ने से बासमती की कीमत बढ़ेंगी। इसकी तरह गैर बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटाने के कारण भी किसानों को धान का अच्छा मूल्य मिलेगा। प्याज का निर्यात शुल्क भी 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। इसका सीधा लाभ किसानों को होगा।

  • MP Weather Update: विदा लेता मानसून करेगा धमाका, जबलपुर, रीवा सहित 13 जिलों में बारिश का अलर्ट

    मध्य प्रदेश में मौसम का हाल।

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    मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई का सिलसिला शुरू।गुना में तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।7 अक्टूबर को जबलपुर, रीवा में बारिश की उम्मीद।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई का सिलसिला शुरू हो चुका है। बादल छंटने से धीरे-धीरे मौसम भी साफ होने लगा है। धूप निकलने से दिन का तापमान बढ़ने लगा है। उमस भी महसूस होने लगी है।

    गुरुवार को प्रदेश में सबसे अधिक 36.8 डिग्री सेल्सियस तापमान गुना में दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अगले तीन दिन में भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों से भी मानसून की वापसी संभव है।

    बांग्लादेश के पास शुक्रवार को कम दबाव का क्षेत्र बनने के आसार हैं। उसके प्रभाव से दो दिन बाद जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में बांग्लादेश के आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके शुक्रवार को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है।

    इन क्षेत्रों में हो सकती है बारिश

    मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि इस मौसम प्रणाली के असर से सात अक्टूबर के आसपास जबलपुर, शहडोल, सागर और रीवा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश को सिलसिला शुरू हो सकता है। शेष क्षेत्रों में बादल छा सकते हैं। दक्षिण-पश्चिम मानसून ग्वालियर, मुरैना, दतिया, शिवपुरी और श्योपुरकलां से जा चुका है। बांग्लादेश के आसपास कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण पूर्वी मध्य प्रदेश से अभी लगभग 10 दिन तक मानसून की वापसी की उम्मीद नहीं है।

  • मध्‍य प्रदेश सरकार कराएगी बस, ट्रक, लोडिंग वाहनों के ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर का श्रमिक पंजीयन

    मध्‍य प्रदेश में बस ड्राइवरों की सरकार ले रही है सुध।

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    मोटर यातायात श्रमिक अधिनियम 1961 के तहत ऐसे संस्थानों के पंजीयन का प्रावधान है। प्रदेश में मोटर यातायात परिवहन संस्थानों व उनमें कार्यरत श्रमिकों की संख्या बहुतायत है। इन संस्थानों में श्रमिक, श्रम कानूनों के तहत सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रहते हैं।

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार बस, ट्रक, लोडिंग वाहनों के ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर का श्रमिक पंजीयन कराएगी। इसके लिए श्रम विभाग मोटर परिवहन संस्थानों में लगे श्रमिकों के पंजीकरण का एक माह तक अभियान चलाएगा।

    इस संबंध में श्रमायुक्त धनराजू एस ने सभी श्रम अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, मोटर परिवहन संस्थानों में ड्राइवर, कंडक्टर, क्लीनर, लोडिंग एवं अनलोडिंग करने वाले मजदूर की श्रेणी में आते हैं।

    इन श्रमिकों के कल्याण के लिए मोटर यातायात श्रमिक अधिनियम 1961 के तहत ऐसे संस्थानों के पंजीयन का प्रविधान है।

    प्रदेश में मोटर यातायात परिवहन संस्थानों व उनमें कार्यरत श्रमिकों की संख्या बहुतायत है, लेकिन इसके बावजूद ये पंजीकृत नहीं हैं। ऐसे में इन संस्थानों में लगे श्रमिक, श्रम कानूनों के तहत सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित रहते हैं।

    रजिस्‍ट्रेशन के लिए प्रेरित करेंगे

    आगामी एक माह में अभियान चलाकर संबंधित शासकीय, अर्धशासकीय, निजी निकायों, संस्थानों के अंतर्गत संचालित मोटर यातायात संस्थान एवं ट्रांसपोर्ट आनर्स, एसोसिएशन आदि से संपर्क कर उन्हें भी अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे कि पंजीयन एवं नवीनीकरण की संख्या में वृद्धि हो सके और इनमें नियोजित श्रमिकों को श्रम कानूनों के प्रविधानों का लाभ मिल सके।

    मैदानी अधिकारियों की उदासीनता के चलते श्रमिकों को नहीं मिल पाता लाभ

    मैदानी श्रम अधिकारियों द्वारा ऐसे संस्थानों का पंजीयन अधिनियम के अनुसार नहीं किया जा रहा है और न ही उनका नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। ऐसे में इन संस्थाओं के श्रमिकों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। इससे इन संस्थानों में लगे श्रमिकों को श्रम कानूनों के तहत मिलने वाले विभिन्न लाभ जैसे न्यूनतम मजदूरी, साप्ताहिक अवकाश व अन्य अवकाश, ओवर टाइम, यूनिफार्म एवं चिकित्सा सुविधाएं आदि नहीं मिल पा रही है।

  • Monsoon Ki Vidai: ग्वालियर-चंबल से हुई मानसून की विदाई, अभी कुछ इलाकों में होगी बारिश

    नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल(Monsoon Ki Vidai)। मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई की शुरुआत हो चुकी है। ग्वालियर-चंबल अंचल के जिलों से मानसून विदा ले चुका है। इसके साथ ही अब तापमान भी बढ़ने लगा है। उधर प्रदेश के कुछ इलाकों में अगले कुछ दिनों में बारिश के आसार नजर आ रहे हैं। इसके बाद पूरे मध्य प्रदेश ससे मानसून की वापसी हो जाएगी।

    इंदौर में 5 अक्टूबर के बाद हल्की बारिश की संभावना

    बारिश की गतिविधियां थमने व बादलों छंटने के कारण अब सूरज की तल्खी शहरवासियों को महसूस हो रही है। इसके कारण दिन व रात के तापमान में इजाफा देखने को मिल रहा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गुरुवार को शहर में मौसम शुष्क रहेगा लेकिन 5 अक्टूबर के बाद शहर में हल्की बारिश होने की संभावना है।

    भोपाल स्थित मौसम केंद्र के मौसम विज्ञानियों के मुताबिक 4 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इसके अलावा दक्षिण पश्चिमी बांग्लादेश व उसके समीप वाले हिस्से में 5.8 किमी की ऊंचाई पर ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है।

    उससे होकर म्यनमार तक एक द्रोणिका भी जा रही है। इसके प्रभाव से इंदौर में पांच व छह अक्टूबर को हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। बुधवार को शहर में अधिकतम तापमान 34 डिग्री दर्ज किया गया। वही न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 23.5 डिग्री दर्ज किया गया।

    जबलपुर में 35 के पार पहुंचा तापमान, बढ़ी उमस-गर्मी

    बुधवार को जबलपुर का अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो समान्य से करीब तीन डिग्री ज्यादा था। इधर अक्टूबर के पहले सप्ताह में मानसून सीजन पूरी तरह से खत्म हो जाएगा और इसी के साथ ही शीत ऋतु ने दस्तक दे दी है।

    मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में अभी भी कई जगह मानसून सक्रिय है। तीन-चार दिन बाद जबलपुर में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी हो सकती है। इस बीच ठंड ने अपनी दस्तक दे दी है। सुबह और रात के वक्त ठंड का अहसास होने लगा है और अब धीरे-धीरे न्यूनतम तापमान में कमी आएगी।

    क्षेत्रीय मौसम विज्ञानिकों के मुताबिक प्रदेश के कुछ जिलों में मानसूनी गतिविधियां जारी है लिहाजा प्रदेश से मानसून की वापसी की अधिकारिक घोषणा नहीं की जा रही है। आसमान पर अब भी हल्के बादल छा रहे हैं कहीं-कहीं बूंदाबादी व छिटपुट वर्षा संभावित है। लेकिन अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह मानसून की विदाई सुनिश्चित है। मानसून सीजन में इस बार औसत से ज्यादा वर्षा हुई, जो पिछले साल की तुलना में चार इंच अधिक बारिश हुई है।

  • भोपाल में अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन, सीएम हाउस तक न्याय यात्रा निकालने पर अड़े, पुलिस ने की बैरिकेडिंग

    आंबेडकर पार्क में जमा अतिथि शिक्षक।

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    नियमितीकरण सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन। प्रदेशभर से आए हजारों अतिथि शिक्षक प्रदर्शन में शामिल। प्रदर्शनकारियो को आगे बढ़ने से रोकने पुलिस ने की बैरिकेडिंग।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक बुधवार को गांधी जयंती के मौके पर राजधानी के आंबेडकर पार्क में एकत्रित हुए है और नियमितीकरण सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अतिथि शिक्षक सीएम हाउस तक न्याय यात्रा निकालते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष अपनी मांगें रखना चाहते हैं।

    अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। आंबेडकर पार्क के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने कुछ दूरी पर बैरिकेडिंग भी कर रखी है।

    अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया कि 10 सितंबर को तिरंगा यात्रा के बाद प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने जिन बातों पर सहमति दी थी, उस संबंध में अब तक आदेश जारी नहीं हुआ है।

    उन्होंने कहा कि बैठक में 10 माह के अनुबंध, स्कोर कार्ड में 10 अंक प्रतिवर्ष जोड़ने , 10 वर्ष के अधिकतम सौ अंक जोड़ने, 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले करीब 12 हजार अतिथि शिक्षकों को पुनः अवसर देने सहित कई मांगों पर सहमति बनी थी। अब तक इस संबंध में कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है। सरकार अतिथि शिक्षकों के साथ लगातार वादाखिलाफी कर रही है। अब हम चुप बैठने वाले नहीं हैं।

    स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान से आहत

    अतिथि शिक्षक स्कूल शिक्षा मंत्री के उस बयान से भी आहत व आक्रोशित हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि मेहमान बनकर आए हो तो घर पर कब्जा करोगे क्या? इसके विरोध में अतिथि शिक्षकों ने तमाम जिलों में बीजेपी जिला अध्यक्षों, विधायकों और कलेक्टर एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर संज्ञान लेने का आग्रह किया था। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि स्कूल शिक्षा मंत्री हमारा अपमान न करें, बल्कि हमारे साथ न्याय करें।

    आमरण अनशन की चेतावनी

    आंबेडकर पार्क में एकत्रित अतिथि शिक्षकों को संबोधित करते हुए संगठन के प्रदेशाध्यक्ष केसी पवार ने कहा कि यदि सरकार जल्द अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो हम भोपाल की सड़कों पर आमरण अनशन करेंगे।