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  • रीवा के एक ही स्कूल के 10 शिक्षकों को ब्रेन ट्यूमर, कलेक्टर बोलीं-जांच कराएंगे

    जिले में 200 शिक्षकों के नाम गंभीर बीमारियों के साथ दर्ज।

    HighLights

    रीवा में शिक्षकों ने फर्जी बीमारियों का दावा किया ब्रेन ट्यूमर, किडनी की बीमारियों का किया दावा कई शिक्षक 37 साल से एक ही स्कूल में तैनात

    नईदुनिया प्रतिनिधि, रीवा : मनमर्जी के स्कूल में तैनाती के लिए शिक्षक कैसे-कैसे बहाने बनाते हैं, इसकी बानगी रीवा जिले के शासकीय स्कूल बदराव से सामने आई है। दस शिक्षकों ने ब्रेन ट्यूमर जैसी घातक बीमारियों से खुद को ग्रस्त बताने से गुरेज नहीं किया।

    चौंकाने वाला मामला सामने आने के बाद रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि गलत जानकारी देकर पदस्थापना की बात सामने आई है। जिला शिक्षाधिकारी सुदामा गुप्ता को जांच के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों ने स्वयं को ब्रेन ट्यूमर के अलावा किडनी की बीमारी और दिव्यांग घोषित कराने में कसर नहीं छोड़ी। आश्चर्यजनक रूप से एजुकेशन पोर्टल पर यह जानकारी दर्ज है।

    तबादले से बचने की चालाकी

    एक ही स्कूल में 557 विद्यार्थियों पर 34 शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला, बदराव के प्राचार्य आरके जैन के मुताबिक स्कूल में 557 विद्यार्थियों पर 34 शिक्षक और एक कर्मचारी की तैनाती है। इनमें से 10 अतिशेष शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाना है। इसके लिए जानकारी खंगाली तब इनकी बीमारी के बारे में पता चला।

    जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता ने कहा कि 2022 में ट्रांसफर नीति आई थी। इसमें गंभीर बीमारी से जूझ रहे कर्मचारियों को स्थानांतरण से छूट दी गई है। तबादले से बचने के लिए कुछ शिक्षकों ने चालाकी की और पोर्टल पर गलत फीडिंग करा ली।

    37 वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हैं शिक्षक

    स्थानांतरण के तमाम नियम-कायदों को धता बताते हुए शिक्षक पांच-दस नहीं 37 वर्षों से एक ही स्कूल में तैनात हैं। बदराव स्कूल में दो शिक्षक 37 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा दो शिक्षक 26, एक 14 तो एक अन्य शिक्षक 10 वर्षों से यहीं पर तैनात हैं।

    इधर, जिले में ही 50 से ज्यादा स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। कई स्कूलों में तो चार से पांच शिक्षक ही पूरी व्यवस्था संभाल रहे हैं। दरअसल, बदराव स्कूल रीवा जिला मुख्यालय से मात्र छह किमी दूर है और विभाग की सूची में ग्रामीण क्षेत्र में दर्ज है। यही कारण है कि स्कूल शिक्षकों की पसंद बना हुआ है।

    लंबे अवकाश पर चल रहे हैं शिक्षक

    स्कूल में 2018 से पदस्थ विनय कृष्ण तिवारी को भी स्वयं को ब्रेन ट्यूमर से ग्रस्त बताया गया है। पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने पर वे छुट्टी पर हैं। 1987 से पदस्थ भागवत प्रसाद पांडेय भी ब्रेन ट्यूमर मरीज की सूची में हैं। अदिति सिंह, एमडी सिंह के नाम के आगे भी ब्रेन ट्यूमर दर्ज है। सुधाकर तिवारी के नाम के आगे ब्रेन ट्यूमर के साथ दिव्यांग भी दर्ज है। सूत्र बताते हैं कि वे न तो दिव्यांग हैं, न ही उन्हें ब्रेन ट्यूमर है।

    जिले में 200 शिक्षकों के नाम के आगे गंभीर बीमारियां दर्ज

    जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक राजेश मिश्रा ने बताया कि जिले में 200 शिक्षक ऐसे हैं, जिनके नाम के आगे अतिशेष शिक्षकों की सूची में गंभीर बीमारियां दर्ज हैं। जिले के हर ब्लाक से ऐसे मामले हैं। उन्होंने कहा कि 28 अगस्त से अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

    गलत जानकारी देकर पदस्थापना का मामला प्रकाश में आया है। जांच करने के निर्देश डीईओ रीवा को दिए गए हैं। जिन टीचरों ने मेडिकल लगाकर एक स्थान पर स्थापना ली गई है उनकी जांच मेडिकल बोर्ड से कराई जाएगी । प्रतिभा पाल, कलेक्टर रीवा