Tag: Swine Flu in Indore

  • इंदौर में Swine Flu से प्रोफेसर की मौत, अस्पताल की इस करतूत से दहशत में कई लोग

    इंदौर में स्वाइन फ्लू का मामला।

    HighLights

    स्वाइन फ्लू के लक्षण जानकर लोग विशेषज्ञों से इलाज करा रहे।स्वास्थ्य विभाग की टीम डीएवीवी में सोमवार को करेगी जांच।सुयश अस्पताल को मरीज की जानकारी छुपाने पर नोटिस मिला।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शनिवार को स्वाइन फ्लू से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के स्कूल ऑफ डेटा साइंस के एचओडी डॉ विजय बाबू गुप्ता की मौत हो गई। अब इस खबर फैलते ही उनसे मिलने वाले सभी लोग दहशत में आ गए हैं। उन्हें भी यह डर लगने लगा है कि वह इसकी चपेट में ना आ जाएं, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इंदौर के अलावा प्रदेशभर से लोग शामिल हुए थे। ऐसे में वायरस के फैलने की आशंका पूरे प्रदेश में हो गई है।

    रविवार को डीएवीवी कैंपस में बने आवास से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। लोगों में इतनी दहशत थी कि सभी डबल मास्क पहनकर शामिल हुए। ऐसा लग रहा था कि जैसे फिर से कोरोना का दौर आ गया है। अंतिम संस्कार रीजनल पार्क स्थित मुक्तिधाम में किया गया था। अंतिम दर्शन के लिए घर पर कुलपति, रजिस्ट्रार सहित बड़ी संख्या में प्रोफेसर भी पहुंचे। उनसे मिलने वाले लोग स्वाइन फ्लू के लक्षण पहचानकर स्वयं इलाज करवाने के लिए विशेषज्ञों के पास पहुंच रहे हैं।

    सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम डीएवीवी पहुंचेगी। यहां घर के आसपास रहने वाले लोगों से मिलेगी। इस दौरान जिनमें भी में लक्षण पाए जाएंगे, उनकी जांच होगी। इसके अलावा जिन लोगों से डॉ गुप्ता ने मुलाकात की है, उनकी भी जानकारी जुटाकर उन्हें सतर्क किया जाएगा। इधर, सुयश अस्पताल को भी मरीज की जानकारी छुपाने पर नोटिस दिया गया है। विभाग के अधिकारी निजी लैब में हुई इस रिपोर्ट को मान्य नहीं कर रहे हैं, इसलिए अभी तक इस मौत का कारण स्वाइन फ्लू नहीं मान रहे हैं।

  • Swine Flu in Indore: मैक्सिको से इंदौर पहुंचा स्वाइन फ्लू का वायरस, ले ली डीएवीवी डेटा साइंस एचओडी की जान

    डॉ. विजय बाबू गुप्ता जिनकी स्वाइन फ्लू से मौत हो गई।

    HighLights

    कॉलेज के कार्यक्रम में मैक्सिको से आए प्रोफेसर से मिलने के बाद से थे बीमार।तबीयत बिगड़ने के कारण पिछले तीन दिनों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।उन्हें सर्दी, खांसी के साथ तेज बुखार था, जांच में वो स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मिले।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Swine Flu in Indore)। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के स्कूल ऑफ डेटा साइंस के एचओडी डॉ. विजय बाबू गुप्ता की शनिवार को स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। यह इस वर्ष स्वाइन फ्लू से होने वाली पहली मौत है। उनका करीब सात दिनों से निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके साथ पत्नी और बेटी भी संक्रमित थीं, जिन्हें दो दिन पहले ही डिस्चार्ज कर दिया गया।

    अभी वह आइसोलेट हैं। बता दें कि 23-24 अगस्त को विश्वविद्यालय में हुई दो दिवसीय बिजनेस इंटेलिजेंस, कम्प्यूटेशनल गणित और डेटा एनालिटिक्स पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मैक्सिको से आए प्रोफेसर से हुई मुलाकात के बाद से ही वह बीमार थे।

    मैक्सिको से आए प्रोफेसर से ही स्वाइन फ्लू का वायरस फैलने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि वह करीब तीन दिनों तक उनके साथ ही पूरे समय रहे थे। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को स्वाइन फ्लू के साथ ही स्लीप एपनिया और हाइपरटेंशन सहित अन्य बीमारियां भी थीं। उनका अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में उपचार चल रहा था।

    तीन दिन तक रहे वेंटिलेटर पर

    स्वजन ने बताया कि शनिवार को डॉ. गुप्ता को सर्दी, खांसी के साथ तेज बुखार था। इसके चलते उन्हें सुयश अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जांच में वह स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाए गए थे। तबीयत बिगड़ने के कारण पिछले तीन दिनों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। वह पत्नी और दो बेटियों के साथ रहते थे।

    इस साल इंदौर में मिले कुल 13 मरीज

    हमें अस्पताल से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। जनवरी से अब तक इंदौर में कुल 13 पाजिटिव मामले पाए गए हैं और अभी तीन मरीज एक्टिव हैं, जिनका उपचार चल रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर किसी को सर्दी और तेज बुखार जैसी शिकायतें हों तो उन्हें तुरंत इलाज लेना चाहिए। स्वाइन फ्लू को एच1एन1 इन्फ्लुएंजा वायरस के रूप में भी जाना जाता है। स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए नियमित रूप से फ्लू का टीका लगवाना चाहिए। – डॉ. अंशुल मिश्रा, जिला महामारी विज्ञानी

    स्वाइन फ्लू के लक्षण

    बुखार और ठंड लगना। खांसी और गले में खराश। नाक बहना या बंद होना। सिर और मांसपेशियों में दर्द। थकान और कमजोरी। उल्टी-दस्त लगना।

    स्वाइन फ्लू के कारण

    संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह वायरस फैलता है। संक्रमित सतहों को छूना और फिर मुंह, नाक या आंखों को छूना। भीड़-भाड़ वाले स्थानों में रहना, जहां वायरस का फैलाव हो।

    चिंता : इसी माह डीएवीवी आएंगी राष्ट्रपति

    इसी माह 17 और 18 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले दीक्षा समारोह में शामिल होने के लिए आ रही हैं। चिंता की बात यह है कि प्रोफेसर भी इसी कैंपस में रहते थे। ऐसे में अब प्रशासन को और भी अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि इस कार्यक्रम में भी बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित होगी।