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    तकनीकी रिपोर्ट है अधिकारियों को संतुष्टि से अवलोकन करने दें: कोर्ट । प्रतीकात्‍मक फोटो।

    HighLights

    स्वर्णरेखा नदी के पुनरुद्धार के मामले से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाईकोर्ट में प्रोजेक्ट की डीपीआर का अवलोकन लंबित होने पर उठे सवालअधिकारियों ने डीपीआर का निरीक्षण कर के कोर्ट के समक्ष पेश नहीं किया

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। स्वर्णरेखा नदी के पुनरुद्धार के मामले से जुड़ी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में सोमवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के अप्रैल माह के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अभी तक आदेश का पालन नहीं हुआ है।

    अधिकारियों ने डीपीआर का निरीक्षण कर के कोर्ट के समक्ष पेश नहीं किया है, वह सिर्फ समय को टाल रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट की युगलपीठ ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अधिक राशि की आवश्यकता है, ऐसे में संबंधित अधिकारियों का डीपीआर को लेकर संतुष्ट होना जरूरी है। याचिकाकर्ता के तर्क पर कोर्ट ने कहा कि आपको पता है इस प्रोजेक्ट में कितना काम होना है? ऐसा नहीं है कि आज रिपोर्ट बनी और कल काम पूरा हो जाए।

    तकनीकी रिपोर्ट है उसका निरीक्षण करने में समय लगता है। ऐसा कहते हुए हाईकोर्ट ने तीन सितंबर को इस डीपीआर का अवलोकन कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। यहां बता दें कि वर्ष 2019 में हाईकोर्ट में एक अधिवक्ता ने जनहित याचिका दायर करते हुए शहर की स्वर्णरेखा नदी के पुनरुद्धार की मांग की है। साथ ही उसमें बहाय जा रहे सीवर के समाधान को लेकर भी विचारणीय प्रश्न खड़े किए हैं।

    इसके समाधान पर काम करते हुए नगर निगम और स्मार्ट सिटी सहित वन विभाग और पीएचई विभाग अपनी अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। वर्तमान में इसकी डीपीआर बन चुकी है जिसका निरीक्षण किए जाने के बाद पहले कोर्ट में पेश किया जाएगा, फिर कोर्ट के निर्देश पर शासन को भेजकर धन स्वीकृत करवाया जाएगा। इसके बाद पुनरुद्धार सहित सीवर ड्रेनेज और कचरा निस्पादन का काम शुरू किया जाएगा।