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  • “पापा मैं अच्छा आदमी नहीं बन पाया…”, ऑनलाइन गेम से कर्ज में डूबे युवक ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में बताई वजह

    कमरे में मामा के लड़के के साथ रहता था छात्र।

    HighLights

    बीए फाइनल इयर के छात्र ने की आत्महत्या सुसाइड नोट में पैसे बर्बाद करने का जिक्रऑनलाइन गेम खलने का लग गई थी लत

    नवदुनिया प्रतिनिधि, सागर: गोपालगंज थाना क्षेत्र एक छात्र ने ऑनलाइन गेम से हुए कर्ज के चलते परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। छात्र ने फांसी लगाने के पहले एक सुसाइट नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने ऑनलाइन गेम में घर वालों से पढ़ाई के लिए लिए गए पैसे बर्बाद करने का जिक्र किया है। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी है।

    मामा के बेटे के साथ किराए के कमरे में रहता था

    पन्ना के रैपुरा का 20 वर्षीय लोकेंद्र विवि में बीए अंतिम वर्ष का छात्र था और वह रमझिरिया में किराए से रहता था। लोकेंद्र के साथ उसके मामा का लड़का पुष्पेंद्र भी रहता था। रविवार को लोकेंद्र हमेशा की तरह रात में खाना पीना खाकर सो गया। सुबह लोकेंद्र के मामा का लड़का पुष्पेंद्र सो कर उठा तो लोकेंद्र बिस्तर पर नहीं था।

    तौलिए से बनाया फांसी का फंदा

    पुष्पेंद्र ने सोचा कि लोकेंद्र चाय पीने बाहर गया होगा। यह सोचकर वह शौचालय चला गया, इसके बाद वह कमरे के बाजू में बने किचन में गया तो वहां पर पंखा टांगने वाले कुंदे में सफेद तौलिया के फंदे में लोकेंद्र को लटके देखा। पुष्पेंद्र ने तुरंत इसकी सूचना मकान मालिका को दी।

    इसके बाद मकान मालिक ने मोहल्ले के अन्य लोगों को बताया और पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का मुआयना किया। शव का पंचनामा बनाकर शव को फंदे से उतारा और पीएम के लिए जिला अस्पताल भेजा। सूचना के बाद रैपुरा से मृतक के परिवार वाले भी सागर आ गए, जहां पीएम के बाद शव को वह अपने गांव ले गए।

    सुसाइट नोट मिला

    मृतक के पास एक सुसाइट नोट भी मिला, जिसमें पुष्पेंद्र ने लिखा कि, घर वाले उसे माफ कर दें। पिछले दो साल में उसने पढ़ाई के नाम पर उनका बहुत पैसा बर्बाद किया। पढ़ाई के लिए सागर आने के बाद उसे इंटरनेट पर गेम खेलने की लत लग गई, जिसमें वह बहुत पैसा हार चुका है।

    सुसाइट नोट में उसने अपने पिता और चाचा से कहा है कि वह अच्छा आदमी नहीं बन पाया और यहां आकर गलत आदत में पड़ गया, जिसके कारण मैं यह कदम उठा रहा हूं।

    इकलौता बेटा

    लोकेंद्र के पिता किसान हैं। माता-पिता का लाेकेंद्र इकलौता लड़का था। उसकी एक बहन भी है, जो गांव में ही रहती है। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी है।