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  • Indore Dahod Railway Line Project : मार्च में इंदौर और धार के बीच दौड़ेगी ट्रेन, रतलाम मंडल ने तय की डेड लाइन

    गुनावद-धार के बीच चल रहा अर्थवर्क का काम।

    HighLights

    रतलाम मंडल ने मार्च 2025 तक इंदौर-धार के बीच ट्रेन संचालन का लक्ष्य रखा है। धार-अमझेरा और अमझेरा-सरदारपुर सेक्शन में बारिश के बाद शुरू होगा काम। रेल अफसरों के अनुसार इस प्रोजेक्ट से आदिवासी अंचल में तेजी से विकास होगा।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन प्रोजेक्ट को शुरू हुए एक दशक हो चुका है। इस दशक में 205 किमी लंबे रेल लाइन प्राेजेक्ट दो वर्ष पहले तक काम काफी धीमी गति से चल रहा था। मगर, बीते एक वर्ष में पूरे प्रोजेक्ट को अलग-अलग सेक्शन में बांट काम को गति दी गई है।

    वर्तमान में इंदौर-टिही और दाहोद-कतवारा के बीच ट्रैक पूरी तरह से तैयार हो चुका है। टिही-धार(नौगांव) के बीच तेजी से रेल लाइन बिछाई जा रही है। वहीं अब धार-अमझेरा, अमझेरा-सरदारपुर और सरदारपुर-झाबुआ के बीच बारिश के बाद काम शुरू हो जाएगा।

    मार्च 2025 की रखी समय सीमा

    कुल मिलाकर रतलाम मंडल ने मार्च 2025 तक इंदौर-धार के बीच ट्रेन संचालन का लक्ष्य रखा है। इस प्रोजेक्ट का एक बड़ा हिस्सा आदिवासी अंचल को रेल सेवाओं से जोड़ेगा। आवागमन के लिए बेहतर विकल्प मिलेगा। रेल लाइन शुरू होने से इस क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा।

    साल 2008 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का काम साल 2013 में शुरू हुआ था। वर्तमान में इंदौर-टिही रेलखंड में मालगाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। दाहोद से कतवारा तक काम पूरा हो चुका है। टिही-धार(46 किमी) रेलखंड पर ट्रैक बिछाने काम किया जा रहा है।

    आदिवासी अंचल में तेज होगा विकास

    प्रोजेक्ट में सोगार, गुनावद, नौगांव, झाबुआ, पिटोल में नई रेलवे स्टेशन भवन, प्लेटफॉर्म आदि का निर्माण शुरू कर दिया है। रेल अफसरों के अनुसार इस प्रोजेक्ट से आदिवासी अंचल में तेजी से विकास होगा। लक्ष्य अनुसार मार्च 2025 तक इंदौर-धार सेक्शन में ट्रेन संचालन करना है।

    इसके साथ पूरे प्रोजेक्ट को 2026 तक पूरा करना है। इसलिए टिही-धार के साथ ही अब बारिश के बाद धार-अमझेरा (20 किमी) और अमझेरा-सरदारपुर (20 किमी) सेक्शन का काम शुरू कर दिया जाएगा।

    दिसंबर तक सरदारपुर-झाबुआ (60 किमी) सेक्शन में भी काम शुरू हो जाएगा। कतवारा से झाबुआ के बीच भी पटरी बिछाने का काम चल रहा है।

  • Indian Railway: यात्रियों को ट्रेन में ही दूध, डायपर, मोबाइल चार्जर, ईयर फोन और उपचार भी दे रहा रेलवे

    रेल में मोजूद यात्री मांग रहे मदद। प्रतीकात्मक फोटो

    नरेन्द्र जोशी, नईदुनिया रतलाम(Indian Railway)। क्या ही गजब हो यदि रेल यात्रा के दौरान आपको अपने शिशु के लिए गाय के गर्म दूध की आवश्यकता हो और एक फोन पर वह आपको चलती ट्रेन में ही मिल जाए। इससे भी बढ़िया तो यह हो कि किसी दवा की जरूरत हो, तो वह भी ट्रेन में ही उपलब्ध हो जाए।

    इतना ही नहीं, अगर बच्चे का डायपर लाना भूल गए हैं, तो एक सूचना देने पर ही उन्हें ट्रेन में डायपर भी मिल जाएंगे। यह सब इन दिनों रतलाम रेल मंडल की ट्रेनों में संभव हो रहा है। दरअसल, रतलाम रेल मंडल इन दिनों यात्री सुविधाओं की किताब में एक नया पृष्ठ लिख रहा है।

    यह सब रेल मदद ऐप, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और टीटीई कॉल जैसे प्लेटफार्म के माध्यम से किया जा रहा है। बीते तीन महीने में ही इससे 700 यात्रियों को सुविधाएं दी गई हैं। केवल जुलाई माह में ही अब तक 237 यात्रियों ने इस सुविधा का लाभ लेते हुए वस्तुओं का ऑर्डर दिया है।

    यद्यपि इसके लिए यात्रियों को उस वस्तु की कीमत का भुगतान करना होता है, जो उसने मंगवाई है। दिलचस्प यह भी है कि पश्चिम रेलवे के सभी रेल मंडलों में रतलाम मंडल को एक्सीलेंट रेटिंग मिली है। यह रेटिंग यात्रियों की संतुष्टि के आधार पर मिली है।

    इस तरह काम करता है सिस्टम

    फेसबुक, एक्स, टीटीई काल सहित अन्य किसी भी माध्यम से सूचना मिलते ही ट्रेन की लोकेशन का पता किया जाता है। इसके बाद अगले स्टेशन तक सूचना पहुंचाई जाती है कि कोच विशेष में, अमुक सीट पर, इस पीएनआर पर यात्रा कर रहे यात्री को इस वस्तु की आवश्यकता है।

    अगले स्टेशन का स्टाफ तुरंत अलर्ट होता है और यात्री द्वारा चाही गई आवश्यक सेवा या वस्तु को जुटाता है। ट्रेन के पहुंचते ही टीम यात्री के पास पहुंचती है और उसे चाही गई सेवा या वस्तु दे दी जाती है।

    रेलवे द्वारा पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य सेवा को, दूसरी प्राथमिकता दूध व डायपर जैसी आवश्यक वस्तुओं को और तीसरी प्राथमिकता यात्रा में आवश्यक अन्य चीजों जैसे मोबाइल चार्जर, ईयरफोन आदि को दी जाती है। यात्री को सेवाओं के बदले भुगतान करना होता है। डाक्टर की सेवा के लिए 200 रुपये शुल्क तय है, शेष वस्तुओं के बिल पर लिखी राशि का भुगतान करना होता है।

    कठोरता से निगरानी भी

    रेलमंडल यात्रियों को सफर के दौरान जरूरत की चीजें उपलब्ध करवाने के लिए लगातार निगरानी भी कर रहा है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या को लेकर रेलवे सबसे ज्यादा अलर्ट रहता है। गत तीन माह में महिला यात्री और बच्चों से संबंधित चीजें (दूध, सैनिटरी नैपकिन, डायपर इत्यादि) मांगे जाने पर पूर्ति की गई है। दिव्यांगजन की मदद की भी 34 सूचनाएं मिलीं, जिन पर तुरंत सहायता पहुंचाई गई है।

    ऐसी ऐसी मांगें

    25 जुलाई : ट्रेन नंबर 11464 में दो साल के बच्चे को पेटदर्द व उल्टी की परेशानी पर रेल मदद से सूचना दी गई। ट्रेन के नागदा जंक्शन स्टेशन पर पहुंचते ही डॉक्टरी सहायता उपलब्ध कराई गई। 17 जुलाई : ट्रेन संख्या 19489 में एक यात्री द्वारा गाय का तीन लीटर गर्म दूध मांगा गया, जो रतलाम स्टेशन पर उपलब्ध करवाया गया।

    यात्रियों को दे रहे सुविधा

    यात्री सुविधाओं के लिए रेल प्रशासन सजग है। सुविधा प्रदान कर रेलमंडल को भी संतुष्टि प्राप्त होती है। – प्रदीप शर्मा, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, रेल मंडल, रतलाम

    सुविधा प्राप्त करने वाले यात्री

    माह यात्रियों की संख्या अप्रैल 210 मई 239 जून 251 25 जुलाई तक 237