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  • Sehore News: जर्जर मकान गिरने से मलबे में दबी बुजुर्ग महिला की मौत, बचावकर्मियों ने सात घंटे की मशक्कत के बाद किया था रेस्क्यू

    रेस्क्यू के बाद महिला को एंबुलेस से भेजा अस्पताल।

    HighLights

    शनिवार सुबह पड़ोसी के मकान की दीवार गिरी। घटना के वक्त रसोई में खाना पका रही थी बुजुर्ग महिला। घटना की खबर लगते ही मौके पर लोगों की भीड़ लग गई।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, सीहोर। नगरीय क्षेत्र में कई जर्जर भवन हैं, जिन्हें नगर पालिका को चिन्हित कर नोटिस देकर उन्हें गिराने की कार्रवाई करनी होती है, जिससे बरसात के समय जर्जर भवन हादसों का कारण न बन सके। लेकिन नगर पालिका की बड़ी चूक सामने आई है, जहां शनिवार को चरखा लाइन स्थित दो जर्जर मकानों के बीच बनी दीवार भरभरा कर पड़ोसी के घर पर गिर गई, जिससे वहां खाना बना रही एक बुजुर्ग महिला दब गई। घटना के तत्काल बाद नगर पालिका का रेस्क्यू अमला मौके पर पहुंचा और बचाव कार्य में जुट गया। करीब सात घंटे की मशक्कत के बाद बुजुर्ग महिला को मलबे से बाहर निकाला जा सका। इसके बाद उसे तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल भेज दिया गया। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

    सुबह हुआ हादसा

    जानकारी के अनुसार चरखा लाइन जैन मंदिर के पास चंद्रकांता शर्मा स्व. भगवानदास शर्मा उम्र 85 वर्ष सुबह 10 बजे अपने भवन में खाना पका रही थी। इसी दौरान पड़ोसी की जर्जर दीवार धराशायी होकर उनके ऊपर गिर गई, जिससे वह मलबे के नीचे दब गई। सूचना मिलते ही नपा अमला मौके पर पहुंचा और वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में रेस्क्यू शुरू कर दिया। वहीं मौके पर एंबुलेंस भी बुलाई गई। जर्जर भवन की दीवार गिरने से आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। बताया जा रहा है कि भवन जर्जर था और दो दिन से लगातार बरसात हो रही है, जिससे भवन की दीवार गिरी है।

    इस भवन में चंद्रकांता अपनी बेटी गुड़िया शर्मा के साथ रहती, जो खाना बनाने में उनकी मदद कर रही थी। किसी सामान की जरुरत पड़ने पर वह दूसरे कमरे में गई थी, तभी अचानक दीवार उनके ऊपर गिर गई। बेटी तो किसी तरह बाहर निकल आई, लेकिन बुजुर्ग महिला मलबे के नीचे दबी है। उनका पोता कार्तिक कुबेरेश्वर काम करने गया था, जिससे वह भी सुरक्षित है।

    सूचना मिलने पर एसडीएम समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए व स्वास्थ्य विभाग का अमला भी 108 के साथ मुस्तैद हो गया। मौके पर दो जेसीबी बुला ली गईं।

    मार्ग पर रोका आवागमन

    चरखा लाइन स्थित जर्जर भवन पूरी तरह से धराशायी हो चुका है। मलबा हटाने के लिए दो जेसीबी और चार ट्रैक्टर ट्राली, एसडीईआरएफ के करीब 25 जवान, इतना ही नगर पालिका का अमला और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। चरखा लाइन के दोनों के तरफ के रास्ते बंद कर दिए। मौके पर एसडीएम तन्मय वर्मा, तहसीलदार भरत नायक, सीएसपी निरंजन राजपूत, सीएमओ भूपेन्द्र दीक्षित, कोतवाली थाना प्रभारी गिरीश दुबे सहित राजस्व व नपा अमला मौजूद है।

    नपा की लापरवाही आई सामने

    शहर में कई जगह जर्जर भवन वहां रहने वाले लोगों सहित आसपास के लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं, लेकिन वर्षा से पूर्व नगर पालिका अमले ने ऐसे जर्जर भवनों को चिन्हित करने और उन्हें नोटिस जारी कर मकान खाली कर व उसे गिराने की कार्रवाई नहीं की, जिससे यह हादसा सामने आया है।

    शिकायतों के बावजूद नहीं होती कार्रवाई

    जर्जर भवनों को लेकर कई शिकायतें नपा को की जाती हैं। जागरूक नागरिक क्षेत्र के ऐसे मकान जिन से कोई अनहोनी हो सकती है। उनकी शिकायत नपा से करती हैए लेकिन नपा इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं करता। जबकि पहले कई हादसे जर्जर भवनों के कारण हो चुके हैं।

    यहां हुए हादसे

    – वर्ष 2016 में लगातार हुई बारिश के कारण शुगर फैक्टरी का आवास गिर गया था। जिसमें तीन लोग घायल हुए थे। इसके अलावा शुगर फैक्टरी के अन्य आवास भी गिर रहे हैं।

    – 2014 में अस्पताल भवन की छत जर्जर होने के कारण गिर गई थी। जिसमें कोई घायल तो नहीं हुआ, लेकिन कभी भी कोई बड़ी घटना घटित हो सकती थी। हांलाकि अब इस भवन में अस्पताल संचालित नहीं होता और इसे धराशायी भी कर दिया गया है।