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  • राजगढ़ में भारी बारिश, मोहनपुरा बांध के 10, कुशलपुरा, मूंडला व बांकपुरा के दो -दो गेट खोले

    मोहनपुरा डैम के गेट खोले गए।

    HighLights

    भारी बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त। अजनार समेत बाकी नदियां उफान पर।निचले इलाकों के लोगों को किया अलर्ट।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, राजगढ़। जिले में हो रही लगातार वर्षा के चलते अब जलाशयों का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले कई दिनों से जिले में रुक-रुककर वर्षा का दौर जारी है। जिसके कारण लगातार बांधों का जल स्तर बढ़ गया। ऐसे में बांधों गंट खोलकर जलस्तर को मेंटेंन किया गया। बुधवार को सुबह से पानी गिरने के कारण दोपहर बाद जिले के प्रमुख मोहनपुरा बांध के 10 गेट खोलकर पानी निकाला गया तो, बांकपुरा, कुशलपुरा व मूंडला बांधो के दो दो गेट खोले गए।

    उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जिले में अच्छी वर्षा देखने को मिली है। इसी बीच एक बार फिर मंगलवार शाम 6 बजे बाद से ही झमाझम वर्षा का दौर जारी है। रात में पानी रुकने के बाद बुधवार सुबह से फिर तेज वर्षा शुरू हो गई। पिछले वर्ष के मुकाबले अभी तक काफी अधिक वर्षा हो चुकी है। मंगलवार-बुधवार को जिले के कई क्षेत्रों में जोरदार वर्षा देखने को मिली। जिसके कारण न केवल जिले में नदियों का, बल्कि बांधों का जल स्तर भी बढ़ गया। पानी के स्तर को निर्धारित सीमा तक बनाए रखने के लिए मोहनपुरा बांध के10 गेटों को खोला गया। बांकपुरा, कुशलपुरा व मूंडला बांधो के दो दो गेट खोले गए। जिले की प्रमुख नदियां अजनार, नेवज, कालीसिंध का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है।

    नदी क्षेत्र के लोगों को किया गया अलर्ट

    बांधों के गेट खोलने के पहले ही प्रशासन द्वारा नदियों के किनारे रहने वाले नागरिकों व उधर आवाजाही करने वालों को सजग किया गया कि बांध के गेट खोले जा रहे हैं, इसलिए नदियों व डूब प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहे। नदियों के किनारे आवाजाही न करें। न ही नदियों को पार करें। आसपास के गांवों को भी इसके लिए अलर्ट किया गया है, ताकि किसी प्रकार का हादसा न हो।

    ब्यावरा में सबसे अधिक वर्षा, राजगढ़ में सबसे कम

    जिले में अभ तक जो पानी गिरा है उस लिहाज से जिले में सबसे अधिक वर्षा ब्यावरा में हुई है, जबकि सबसे कम वर्षा राजगढ़ तहसील में दर्ज की गई है। ब्यावरा में औसत से भी अधिक पानी गिर चुका है। यहां पर 1525 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है, जबकि सबसे कम वर्षा राजगढ़ में मात्र 600 मिमी ही बारिश हो सकी है। दूसरे स्थान पर जीरापुर तहसील है, जहां 1445 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है। जिले की औसत वर्षा का आंकड़ा 1100 मिमी है। अब तक जिले में 1084 मिमी वर्षा हो चुकी है।

  • Weather of MP: प्रदेश में अगले 48 घंटों तक मानसून सुपर एक्टिव, 7 संभागों में बारिश का येलो अलर्ट

    भोपाल व इंदौर में कल तक रुक-रुककर वर्षा

    HighLights

    अवदाब का क्षेत्र छत्तीसगढ़ के आसपास सक्रियरुक-रुक कर वर्षा दो से तीन दिन तक जारी रहेगी आगामी 5 अगस्त को नई मौसम प्रणाली के संकेत

    नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: बंगाल की खाड़ी में बना अवदाब का क्षेत्र दक्षिणी छत्तीसगढ़ के आसपास पहुंच गया है। मानसून द्रोणिका भी मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। इस वजह से प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा होने लगी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला दो से तीन दिन तक बना रह सकता है। रीवा, शहडोल संभाग के जिलों में हल्की वर्षा हो सकती है।

    मौसम प्रणाली सक्रिय

    मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, अवदाब का क्षेत्र वर्तमान में दक्षिणी छत्तीसगढ़ एवं उससे लगे ओडिशा एवं आंध्रप्रदेश पर बना हुआ है। मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, गुना, मंडला से अवदाब के क्षेत्र से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।

    उत्तरी हरियाणा पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ मौजूद है। महाराष्ट्र के आसपास विपरीत दिशा की हवाओं का सम्मिलन क्षेत्र (शियर जोन) बना हुआ है।

    मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अवदाब के क्षेत्र के प्रभाव से प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया है। अवदाब के क्षेत्र के सोमवार को विदर्भ के आसपास पहुंचकर कुछ कमजोर होकर गहरे कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने के आसार हैं।

    रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला

    इस मौसम प्रणाली के असर से ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला दो से तीन दिन तक बना रह सकता है। इस दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। शेष क्षेत्रों में भी हल्की वर्षा होने के आसार हैं। पांच अगस्त को एक अन्य मौसम प्रणाली के बंगाल की खाड़ी में बनने के संकेत मिले हैं। इस वजह से वर्षा का दौर अभी बना रहेगा।

    कहां कितनी वर्षा

    रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक उज्जैन में 26, भोपाल में 24, छिंदवाड़ा में 19, नर्मदापुरम में 16, इंदौर में 15, जबलपुर में 13, खरगोन में छह, बैतूल, पचमढ़ी एवं सिवनी में तीन, गुना एवं रायसेन में दो और शिवपुरी में एक मिलीमीटर वर्षा हुई।

  • Weather of MP: प्रदेश में तीन मानसून एक्टिव, इंदौर-उज्जैन, रीवा समेत 5 संभागों में बारिश का येलो अलर्ट

    प्रदेश में अगले दिनों फिर से वर्षा शुरू हो सकती है

    HighLights

    प्रदेश में थमा भारी बारिश का सिलसिलागुरुवार को हल्की बारिश की संभावनाअलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणाली

    नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल : वातावरण में नमी कम होने के कारण प्रदेश में भारी वर्षा का सिलसिला फिलहाल थम गया है। हालांकि गुरुवार को इंदौर, उज्जैन, रीवा, शहडोल संभाग के जिलों में मध्यम स्तर की वर्षा होने की संभावना है। शेष क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ हल्की वर्षा हो सकती है।

    मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में गहरा कम दबाव का क्षेत्र गुजरात में भुज के आसपास बना हुआ है। मानसून द्रोणिका भुज में बनी मौसम प्रणाली से उदयपुर, शिवपुरी, चुर्क, डाल्टनगंज, दीघा से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना गया है।

    पूर्वी-पश्चिमी द्रोणिका इस चक्रवात से लेकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। दक्षिणी गुजरात से लेकर केरल तक अपतटीय द्रोणिका मौजूद है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास बना हुआ है। इनके अतिरिक्त बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।

    मौसम प्रणालियां सक्रिय

    मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर बनी इन मौसम प्रणालियों के असर से मिल रही नमी के कारण प्रदेश में कहीं-कहीं वर्षा हो रही है। गुरुवार को शहडोल, रीवा, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है। शेष क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है।

    उधर बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात गुजरात को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो सकता है। दो दिन बाद यह उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा पर पहुंचेगा। इसके प्रभाव से शुक्रवार से एक बार फिर प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला शुरू हो सकता है।

    कहां कितनी वर्षा

    बुधवार को विभिन्न मौसम प्रणालियों के असर से सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक प्रदेश के कई हिस्सों में वर्षा हुई। इस दौरान उमरिया में 25, खरगोन में नौ, खंडवा में दो, धार में एक, उज्जैन में 0.4, इंदौर में 0.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

  • Weather of MP: प्रदेश में अगले 48 घंटों में मानसून सुपर एक्टिव, 6 संभागों में भारी बारिश अलर्ट

    बंगाल की खाड़ी में चक्रवात सक्रिय।

    HighLights

    कुछ क्षेत्रों में 34 डिग्री से ऊपर रहा तापमान शिवपुरी, मंडला, रीवा, सतना में हुई बारिश 21-22 अगस्त को भारी बारिश का अनुमान

    नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को मौसम के दो विपरीत रंग देखने को मिले। उज्जैन, नर्मदापुरम और नरसिंहपुर जैसे जिलों में तापमान 34 डिग्री से ऊपर रहा तो भोपाल, इंदौर और जबलपुर समेत कई जिलों में धूप खिली रही। इसके विपरीत नर्मदापुरम, शिवपुरी, मंडला, रीवा, सतना, और सिवनी जैसे क्षेत्रों में वर्षा हुई।

    21 और 22 अगस्त को भारी बारिश

    मौसम विभाग के विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मंगलवार से वर्षा का एक मजबूत सिस्टम सक्रिय होने की संभावना है, जिससे 21 और 22 अगस्त को पूरे प्रदेश में भारी वर्षा हो सकती है। इसका कारण बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवात है, जो कम दबाव के क्षेत्र के रूप में आगे बढ़ रहा है।

    अगले कुछ दिनों में बारिश का अलर्ट

    मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अब तक इस मानसून सीजन की 76 प्रतिशत से अधिक यानी 28.5 इंच वर्षा हो चुकी है। मानसून ट्रफ बीकानेर से सीधी होते हुए इस सिस्टम से मर्ज हो रही है, जिससे राज्य में बारिश का दौर फिर से लौटेगा। इस स्थिति के चलते प्रदेश के लोगों को अगले कुछ दिनों में भारी वर्षा का सामना करना पड़ सकता है।

  • Weather of MP: मध्य प्रदेश में सक्रिय हो रहा नया मानसून, 4 अगस्त से भारी बारिश का अलर्ट

    मध्य प्रदेश में अच्छी वर्षा की संभावना फिलहाल कुछ दिन नहीं।

    HighLights

    कुछ दिन थम सकता है वर्षा का सिलसिला4 अगस्त से प्रदेश में फिर शुरू होगी बारिश प्रदेश में सामान्य से 7 % अधिक वर्षा हुई

    नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल : मानसून द्रोणिका वर्तमान में उत्तर प्रदेश और दिल्ली से होकर गुजर रही है। झारखंड पर बना ऊपरी हवा का चक्रवात भी गांगेय क्षेत्र पश्चिम बंगाल चला गया है। वर्तमान में अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली भी सक्रिय नहीं है। इससे मध्य प्रदेश में अच्छी वर्षा की संभावना फिलहाल कुछ दिन नहीं है।

    मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गांगेय क्षेत्र पश्चिम बंगाल पर बने चक्रवात के पुन: कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर ओडिशा होते हुए मध्य प्रदेश की तरफ आने की संभावना बनी हुई है। उसके प्रभाव से चार अगस्त से मध्य प्रदेश में फिर वर्षा का दौर शुरू हो सकता है।

    प्रदेश में सात प्रतिशत अधिक

    इस सीजन में एक जून से लेकर 31 जुलाई को सुबह साढ़े आठ बजे तक मध्य प्रदेश में कुल 480. मिमी. वर्षा हो चुकी है। यह सामान्य वर्षा (448.4 मिमी.) की तुलना में सात प्रतिशत अधिक है।

    इस दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश में 491.8 मिमी. वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा (491.1) के समकक्ष है। इसी तरह पश्चिमी मध्य प्रदेश में कुल 471.6 मिमी. वर्षा हुई। यह सामान्य वर्षा (415.5 मिमी.) की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है।

    अरब सागर पर बना चक्रवात

    मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में मानसून द्रोणिका गंगानगर, हिसार, दिल्ली, हरदोई, देहरी, पुरुलिया, सागर द्वीप से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। झारखंड में हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात भी कमजोर पड़ गया है।

    दक्षिणी गुजरात से लेकर उत्तरी केरल तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। महाराष्ट्र पर विपरीत हवाओं का सम्मिलन (शियर जोन) बना हुआ है। सौराष्ट्र व उससे लगे अरब सागर पर भी एक चक्रवात बना हुआ है।

    बारिश की गतिविधियों में कमी

    मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून द्रोणिका अब प्रदेश से जा चुकी है। झारखंड पर बना चक्रवात भी गांगेय क्षेत्र पश्चिम बंगाल चला गया है। इस वजह से फिलहाल प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में कमी आने के आसार हैं।

    हालांकि, वातावरण में बड़े पैमाने पर नमी मौजूद है। इस वजह से तापमान बढ़ने के कारण गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं। उधर, पश्चिम बंगाल पहुंचे चक्रवात के कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर एक बार फिर सक्रिय होने से चार अगस्त के आसपास प्रदेश में फिर से वर्षा का सिलसिला शुरू हो सकता है।

    कहां कितनी वर्षा

    बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक भोपाल एवं सिवनी में 22, नर्मदापुरम में 13, सीधी में सात, पचमढ़ी एवं मंडला में छह, रायसेन में पांच, रीवा में चार, मलाजखंड एवं उमरिया में दो, दमोह में एक, इंदौर में 0.1 मिलीमीटर वर्षा हुई।

  • Rain in MP: 6 दिन में तीसरी बार खुले मध्‍य प्रदेश के भीमगढ़ बांध के गेट, प्रशासन अलर्ट

    दो बार भीमगढ़ बांध के गेट खोले जा चुके हैं, जिन्हें हालात सामान्य होने के बाद दोबारा बंद कर दिया गया था।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। बालाघाट सहित पड़ोसी जिला सिवनी में बारिश का दौर जारी है। सिवनी में मानसून अत्यधिक मेहरबान होने से संजय सरोवर जलाशय (भीमगढ़ बांध) का जल संग्रहण क्षेत्र एक बार फिर लबालब हो गया है। छह दिन बाद शनिवार को तीसरी बार भीमगढ़ बांध के गेट खोले गए हैं। इसके बाद बालाघाट जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।

    दो बार पहले खुल चुके गेट

    इससे पहले दो बार भीमगढ़ बांध के गेट खोले जा चुके हैं, जिन्हें हालात सामान्य होने के बाद दोबारा बंद कर दिया गया था। कलेक्टर डाॅ. गिरीश कुमार मिश्रा ने वैनगंगा नदी क्षेत्र से संबंधित विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, खबर लिखे जाने तक नदी के किनारे में बसे गांवों में बाढ़ जैसे हालात नहीं बने हैं, लेकिन मौसम विभाग की जिले में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए बाढ़ के हालात बनने के आसार से इन्कार नहीं किया जा सकता।

    अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश

    हफ्तेभर पहले प्रशासन ने राहत कार्याें और रेस्क्यू आपरेशन के जरिए लोगों को मदद पहुंचाने का कार्य किया था। छह दिन बाद दोबारा ऐसे हालात बनने की संभावना को देखते हुए कलेक्टर ने एसडीईआरएफ, पटवारी, तहसीलदारों आदि को अलर्ट रहने और अपने-अपने क्षेत्र में स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं।

    20 हजार घन फीट प्रति सेकंड छोड़ा पानी

    जानकारी के अनुसार, शनिवार को भीमगढ़ बांध के तीन गेट खोले गए हैं। दोपहर दो बजे खोले गए इन गेटों से 20 हजार घन फीट प्रति सेकंड पानी छोड़ा गया है। बताया गया कि पहले ये गेट शनिवार शाम छह बजे खोले जाने थे, लेकिन बांध में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गेट को समय से पहले खोल दिया गया। इसके बाद कम हो चुके वैनगंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी भी देखने मिली। बता दें कि हर साल बार‍िश के दिनों में भीमगढ़ बांध में जलस्तर बढ़ने से इनके गेट खोले जाते हैं, जिसका सीधा असर बालाघाट जिले से होकर बहने वाली वैनगंगा नदी के किनारे बसे दो सौ से अधिक गांवों पर पड़ता है।

    इधर, आज भारी वर्षा की संभावना, बढ़ी चिंता

    मौसम विभाग की भारी बार‍िश को लेकर जताई गई संभावना ने प्रशासन को भी चिंता में डाल दिया है। मौसम विभाग के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय से कृषि विज्ञान केंद्र को प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार, जिले में आज रविवार और 31 जुलाई बुधवार को अति भारी बार‍िश की संभावना है।

    किसानों के लिए एडवाइजरी जारी

    कृषि विभाग ने भारी बार‍िश को देखते हुए किसानों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए किसान को खेतों, पेड़ों के नीचे, पहाड़ी इलाकों, चट्टानों के आसपास न जाने की सलाह दी गई है। बारिश और जमा पानी में खड़े होने से बचने, बिजली के हाइटेंशन तारों और टावर से दूर रहने कहा गया है। मवेशियों को खुले में चराते वक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

    कब-कब खोले गए डेम के गेट

    22 जुलाई को पहली बार पांच गेट खोले गए। 23 जुलाई को दो गेट खोले गए। तब सातों गेट से 70 हजार घन फीट जल प्रति सेकंड छोड़ा गया था। 27 जुलाई को फिर तीन गेट से 20 हजार घन फीट जल प्रति सेकंड छोड़ा गया छह दिन पहले 79 परिवारों के 327 सदस्य हुए थे प्रभावित

    बचाव दल को मुस्तैद रहने को कहा

    भीमगढ़ बांध के गेट खोले जाने और जिले में बार‍िश के दौर को देखते हुए पूर्व में ही बचाव दल को मुस्तैद रहने निर्देशित किया गया है। एसडीईआरएफ या अन्य बचाव दल डूब या बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहले से डटे हुए हैं। पटवारी, तहसीलदार आदि को भी अपने-अपने क्षेत्र में अलर्ट रहने कहा गया है। सुरक्षा उपकरणों के साथ बचाव दल तैनात हैं।

    जीएस धुर्वे, अपर कलेक्टर, बालाघाट

  • Weather of MP: मध्य प्रदेश में बना मौसम प्रणाली सक्रिय, अगले 3 दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट

    मप्र में बंगाल की खाड़ी से बड़ी मात्रा में नमी आ रही है।

    HighLights

    छग से मध्य प्रदेश पहुंचा कम दबाव का क्षेत्र, जारी रहेगी अच्छी वर्षा नरसिंहपुर, सिवनी में चार-चार इंच तो जबलपुर में ढाई इंच गिरा पानीप्रदेश में सोमवार को 10 से अधिक शहरों में तापमान 30 डिग्री के नीचे

    नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल : ओडिशा के ऊपर स्थित कम दबाव का क्षेत्र तेज चाल चलते हुए 24 घंटे के भीतर छत्तीसगढ़ पार करते हुए मध्य प्रदेश में प्रवेश कर चुका है। अभी भी कम दबाव के क्षेत्र के रूप में विद्यमान यह मौसम प्रणाली पूर्वी मध्यप्रदेश के ऊपर स्थित है, वहीं मानसून द्रोणिका भी प्रदेश से गुजर रही है।

    कम दबाव के क्षेत्र द्रोणिका के असर से बंगाल की खाड़ी से बड़ी मात्रा में नमी आ रही है। इसके असर से प्रदेश के कई हिस्से विशेष तौर पर पूर्वी और दक्षिणी हिस्से जमकर भीग रहे हैं। प्रदेश में सोमवार सुबह जबलपुर और नरसिंहपुर में भारी वर्षा दर्ज हुई तो सोमवार दिन में सिवनी में भारी वर्षा हुई।

    प्रदेश पर बना कम दबाव का क्षेत्र

    मौसम विज्ञानियों ने पूर्वी मध्यप्रदेश में सागर, जबलपुर, शहडोल, नर्मदापुरम और भोपाल संभाग के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा का अनुमान व्यक्त किया है, वहीं प्रदेश के अन्य हिस्सों में मध्यम वर्षा होगी। मौसम विभाग के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि प्रदेश पर बना कम दबाव का क्षेत्र वापसी कर सकता है या इसी जगह पर कमजोर पड़ सकता है।

    लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान 24 से 48 घंटे तक प्रदेश में बड़ी मात्रा में नमी आती रहेगी। इधर, मानसून द्रोणिका सागर, मंडला से होती हुई कम दबाव के क्षेत्र से गुजरकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है, जिससे अगले दो दिन तक अच्छी वर्षा का दौर जारी रहेगा।

    कहां-कितनी वर्षा

    बादलों और वर्षा के दौर के बीच रविवार सुबह 8.30 बजे से सोमवार सुबह 8.30 बजे के बीच जबलपुर में 119.6 मिमी, नरसिंहपुर में 106 मिमी, सिवनी में 71.4 मिमी, भोपाल में 49 मिमी, नर्मदापुरम में 27.4 मिमी, मलाजखंड में 22.4 मिमी, उज्जैन में 23 मिमी, खंडवा में 14 मिमी, इंदौर में 13.8, रायसेन में 13 मिमी और रतलाम में 12 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

    वर्षा का सिलसिला सोमवार दिन में भी जारी रहा। सुबह 8.30 से शाम 5.30 के बीच सबसे अधिक 106.2 मिमी वर्षा सिवनी में दर्ज की गई, जबकि मलाजखंड में 22, मंडला और भोपाल में 18-18 मिमी तो सागर में 12 मिमी वर्षा दर्ज हुई।

    अच्छी बारिश से गिरा दिन का तापमान

    प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार जारी वर्षा के दौर एवं बादलों के लगातार छाए रहने के बीच दिन के तापमान में कमी आई है। प्रदेश में सोमवार को 10 से अधिक शहरों में तापमान 30 डिग्री के नीचे आ गया है।

    सोमवार को बैतूल में अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस, सिवनी में 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन का सबसे कम तापमान पचमढ़ी में 24.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।