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  • जबलपुर में संदिग्धों से पटरियों की सुरक्षा करने इटारसी से मानिकपुर तक लगेगी फेंसिंग

    जबलपुर रेल मंडल से गुजरने वाली रेलवे ट्रैक के दोनों ओर करीब एक हजार किमी लंबी फेंसिंग लगाने की तैयारी

    HighLights

    करीबन 500 किमी लंबे रेलवे ट्रैक की सुरक्षा। ट्रेनों की गति बढ़ाने, पशुओं को रोकने में मदद। जबलपुर रेल मंडल के प्रस्ताव पर स्वीकृति मिली।

    अतुल शुक्ला, नईदुनिया, जबलपुर (Jabalpur News)। पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर, भोपाल और कोटा रेल मंडल की सीमा में आने वाले करीब 300 रेलवे स्टेशन और तीन हजार किमी लंबे (अप-डाउन) रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए फेंसिंग लगाने का काम जल्द शुरू होगा।

    करीबन 500 किमी लंबे रेलवे ट्रैक की सुरक्षा

    अकेले जबलपुर रेलवे मंडल के करीबन 500 किमी लंबे रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए दीवार की बजाए फेंसिंग लगाई जाएगी। अप-डाउन मिलाकर करीब एक हजार किमी लंबी फेंसिंग लगाई जानी है, जिसके लिए जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग ने काम शुरू कर दिया है। फिलहाल, ट्रैक के दोनों ओर रेलवे की जमीन काे चिंहित किया जा रहा है।

    प्रस्ताव पर स्वीकृति, अब होगा काम

    जबलपुर रेल मंडल के इटारसी से लेकर मानिकपुर, कटनी से लेकर बीना, कटनी से लेकर सिंगरौली और सतना से रीवा के बीच करीब 500 किमी का रेलवे ट्रैक है। इसमें ही करीब 100 से ज्यादा रेलवे स्टेशन भी आते हैं।

    रेलवे ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग लगाएगा

    रेलवे पहले चरण में रेलवे स्टेशन के दोनों छोर पर दीवार बनाएगा, ताकि संदिग्ध लोगों को स्टेशन परिसर में आने से रोका जा सके। इसके बाद एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक जाने वाले रेलवे ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग लगाएगा।

    रेलवे की जमीन का किया जा रहा चिन्हांकन

    इस प्रस्ताव पर पहले ही हरी झंडी मिल चुकी है। इस बार रेलवे ने बजट में दिया है। इंजीनियरिंग विभाग ने रेलवे ट्रैक के दोनों ओर जहां से फेंसिंग लगाने का काम शुरू होना है। वहां रेलवे की जमीन का चिन्हांकन किया जा रहा है।

    ट्रेनों की गति बढ़ाने, पशुओं को रोकने में मदद

    फेंसिंग लगने से न सिर्फ पटरियों की सुरक्षा होगी, बल्कि ट्रेनों की गति बढ़ाने में मदद मिलगी तो वहीं पशुओं को रेलवे ट्रैक पर आने से रोका जाएगा।

    130 किमी प्रति घंटे करने जा रहा ट्रैक की गति

    जबलपुर रेल मंडल, रेलवे ट्रैक की गति 110 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 130 किमी प्रति घंटे करने जा रहा है। यह स्पीड 160 किमी तक होगी। इसके लिए सबसे जरूरी है कि ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग लगाना।

    अन्य जानवर आने से इंजन को नुकसान

    ट्रैक पर गाय-भैंस के साथ अन्य जानवर आने से इंजन को नुकसान पहुंच रहा है। कई बाद ट्रैक पर जानवर आने और इंजन से टकराने के मामले सामने आए हैं, जिसमें इंजन को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है। ऐसे में ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग लगाने का काम किया जाना है।

    संदिग्ध वस्तु रखने के मामले बढ़े

    कछपुरा में रेलवे ट्रैक पर लोहे की सरिया रखने का मामला सामने आया है। जबलपुर स्टेशन के इटारसी आउटर पर भी ट्रैक पर संदिग्ध वस्तु रखीं मिली। इटारसी और बीना के पास भी कई बाद ट्रैक पर कई संदिग्ध वस्तु रखी मिली।

  • जबलपुर में रेलवे ट्रैक पर दौड़ी जेसीबी और प्लेटफार्म पर ट्रैक्टर, यात्री रह गए हैरान

    मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो के रेल ट्रैक पर जेसीबी मशीन व प्लेटफार्म पर खड़ा टैक्टर (फोटो : नईदुनिया)

    HighLights

    जबलपुर स्टेशन के प्लेटफार्म दो पर वाशेबल एप्रन का काम शुरू।रेलवे ठेकेदार की लापरवाही, प्लेटफार्म पर ट्रैक्टर देख घबराए यात्री। प्लेटफार्म दो व तीन पर ट्रेनों की आवाजाही जारी रही, हादसा टला।

    नईदुनिया, जबलपुर (Jabalpur News)। मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म दो पर मंगलवार की रात लगभग सात बजे ट्रैक्टर चलता देख यात्री हैरान रह गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि जिस प्लेटफार्म पर कल तक यात्री और ट्रेन खड़ी हुआ करती थी, वहां आज टैक्टर दौड़ रहा था।

    इसी बीच पटरियों पर ट्रेन की बजाए जेसीबी चल रही थी। हालांकि जेसीबी पटरियों को उखाड़ रही थी, लेकिन ट्रैक्टर प्लेटफार्म पर क्यों आया, यह समझ से परे रहा। इसी दौरान प्लेटफार्म दो से लगे तीन पर ट्रेनों की आवाजाही जारी रही, जिसमें सवाल होने से लिए सैकड़ों यात्री प्लेटफार्म पर खड़े थे।

    स्टेशन प्रबंधन से जुड़ा कोई अधिकारी, कर्मचारी मौके पर नहीं था

    जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा वाशेबल एप्रन बनाने का काम किया जा रहा है, लेकिन विभाग ने जिस ठेकेदार को इसका काम दिया है, उसने ट्रैक की बजाए प्लेटफार्म पर ट्रैक्टर दौड़ा दिया।

    यह बात न तो यात्रियों को समझ आई और न ही रेलवे के अधिकारियों को। हालांकि प्लेटफार्म पर ट्रैक्टर चलता देख इसे रोकने के लिए स्टेशन प्रबंधन से जुड़ा कोई अधिकारी, कर्मचारी मौके पर नहीं था।

    यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़

    जबलपुर मंडल ने त्यौहार सीजन पर यात्रियों की परेशानी को समझने की बजाए दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों का रद कर बढ़ा दिया है, जिससे हजारों यात्रियों का गंतव्य तक पहुंचने का सफर मुश्किल में पड़ गया है। यहां डेली अपडाउन करने वाले लोग भी रेलवे के इस निर्णय से पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। वे भी अब निजी वाहन या सड़क के रास्ते ड्यूटी जाएंगे।

    प्लेटफार्म पर टैक्टर और ट्रैक पर जेसीबी ने मुश्किलें बढ़ा दीं

    प्लेटफार्म दो पर वाशेबल एप्रन का काम शुरू हो गया। भीड़-भाड़ से भरे प्लेटफार्म पर टैक्टर और ट्रैक पर जेसीबी ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी। रात के वक्त भारी वाहनों की प्लेटफार्म पर आवाजाही जारी थी। रेलवे के ठेकेदार ने लापरवाही करते हुए ट्रैक्टर को प्लेटफार्म पर चला दिया। इस दौरान यात्रियों को प्लेटफार्म पर आने-जाने में परेशानी हुई।

    यात्रियों में बढ़ी रेलवे से नाराजगी

    त्यौहार सीजन पर प्लेटफार्म दो बंद करने का यात्रियों ने विरोध किया।जबलपुर से ट्रेन में सतना जा रहे यात्री विजय पटेल ने बताया कि जबलपुर रेल मंडल को त्यौहार के सीजन में ही काम याद आता है। विनोद जायसवाल ने कहा कि रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग को पैसा कराने के लिए इससे अच्छा कोई और दूसरा अवसर नहीं मिला।

    जबकि प्लेटफार्म के ट्रैक पर बने वाशेबल एप्रन की गुणवत्ता खराब नहीं थी, फिर भी उसे उखाड़कर करोड़ों खर्च करने के लिए भीड़-भाड़ में काम शुरू कर दिया। इस दौरान कोई दुर्घटना होगी तो इसका जिम्मेदारी कौन होगा।

    मुख्य रेलवे स्टेशन के हालात

    ट्रेनें रद होने से यात्री लंबी कतार लगाकर खड़े हैं, लेकिन सही जानकारी नहीं मिल रही। यात्रियों का ट्रेन में आरक्षण रद हो गया है, जनरल टिकट लेकर ही यात्रा कर रहे हैं। प्लेटफार्म पर आने-जाने वाले यात्रियों की न जांच हो रही है और न ही पूछताछ। छोड़ने वालों से पूछताछ तक नहीं पूछी जा रही, संदिग्ध लगेज भी अंदर आ रहा। प्लेटफार्म पर वैध और अवैध वेंडर, दोनों घूम रहे हैं, कोई रोकटोक नहीं हो रही।

  • बिहार के बक्सर के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से चार की मौत, 70 घायल

    नई दिल्ली: दिल्ली से कामाख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के छह डिब्बे बुधवार रात बिहार के बक्सर जिले में रघुनाथपुर स्टेशन के पास पटरी से उतर गए, जिससे कम से कम चार यात्रियों की मौत हो गई और 70 अन्य घायल हो गए। दुर्घटना रात 9:53 बजे हुई और पटरी से उतरे दो डिब्बे एसी III टियर के थे, जो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जैसा कि टेलीविजन फुटेज में दिखाया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि बक्सर एसपी मनीष कुमार ने चार यात्रियों की मौत की पुष्टि की है. आरपीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि 70 यात्री घायल हो गए और उन्हें नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया। गंभीर रूप से घायलों को एम्स, पटना ले जाया गया।

    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स को कहा कि वह लोगों की मौत से दुखी हैं और उन्होंने ट्रेन के पटरी से उतरने के पीछे के कारण का पता लगाने की कसम खाई है। उन्होंने यह भी कहा कि बचाव और निकासी अभियान समाप्त हो गया है और सभी डिब्बों का निरीक्षण किया गया है। 23 कोच वाली ट्रेन बुधवार सुबह 7:40 बजे दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से रवाना हुई और लगभग 33 घंटे के बाद इसे गुवाहाटी के पास कामाख्या पहुंचना था।

    स्थानीय निवासी हरि पाठक ने कहा कि उन्होंने तेज आवाज सुनी और ट्रेन से धुआं निकलते देखा. उन्होंने कहा, “हम यह देखने के लिए दौड़े कि क्या हुआ। ट्रेन पटरी से उतर गई थी और एसी डिब्बे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।” स्थानीय लोगों ने भी मदद की। पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और यात्रियों को ट्रेन से बचाने में मदद की।

    जगदीशपुर के एसडीपीओ राजीव चंद्र सिंह ने कहा कि दुर्घटना में बिजली के तार और खंभों और रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि कुछ डिब्बे असंतुलित होकर गिरे लेकिन पलटे नहीं, जिससे हताहतों की संख्या कम हो गई. उन्होंने कहा कि तकनीकी टीम दुर्घटना के कारण के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करेगी। पूर्व मध्य रेलवे ज़ोन के सीपीआरओ बीरेंद्र कुमार ने पीटीआई को बताया कि ट्रेन दुर्घटना से 30 मिनट से भी कम समय पहले बक्सर स्टेशन से रवाना हुई थी और आरा की ओर जा रही थी।

    उन्होंने कहा कि ट्रेन का रघुनाथपुर स्टेशन पर रुकने का कोई निर्धारित समय नहीं था, जहां यह हादसा हुआ। घटना की सूचना मिलते ही एंबुलेंस और डॉक्टरों को घटनास्थल पर भेजा गया। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को अधिक से अधिक लोगों को शीघ्र राहत पहुंचाने का निर्देश दिया है.

    उन्होंने कहा कि उन्होंने बक्सर और भोजपुर (जहां आरा स्थित है) के जिलाधिकारियों से भी बात की है और उन्हें जल्द से जल्द घटनास्थल पर पहुंचने और राहत कार्य में तेजी लाने को कहा है।

    उन्होंने कहा कि भोजपुर जिले के अनुमंडलीय अस्पताल जगदीशपुर और शाहपुर अस्पताल में बचाव एवं राहत कार्य के लिए चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी तैयार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि रोहतास, बक्सर और भोजपुर जिले से एंबुलेंस को घटनास्थल पर भेजा गया है.

    रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पटरी से उतरी ट्रेन के यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है.

    उन्होंने बताया कि दुर्घटनास्थल से यात्रियों को ले जाने के लिए पटना से एक स्क्रैच रेक भेजा गया था. स्क्रैच रेक एक अस्थायी रेक है जिसका कॉन्फ़िगरेशन मूल ट्रेन के समान है। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए छह बसें भेजी गईं।

    एक अन्य रेलवे अधिकारी ने कहा कि फंसे हुए यात्रियों को उनकी आगे की यात्रा तक ले जाने के लिए आरा से एक रेक की व्यवस्था की गई थी।

    आरपीएफ के इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने पत्रकारों को बताया कि मेडिकल टीमों को मौके पर भेजा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बक्सर शहर के स्थानीय अस्पतालों को सतर्क कर दिया गया है।

    उन्होंने कहा कि बचाव एवं चिकित्सा दल को मौके पर भेजा गया है. रेलवे

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