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  • मैं लड़का हूं, मेरी कोई नहीं सुनेगा… 6 पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर दी जान

    युवक ने सुसाइड नोट में किया प्रताड़ना का जिक्र।

    HighLights

    युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कीपुलिस को मिला छह पन्नों का सुसाइड नोट प्रेमिका और भाइयों पर लगाए गंभीर आरोप

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: 23 साल के ऋतिक बछाने ने बुधवार को ट्रेन के आगे जान दे दी। ऋतिक का एक युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। उसने प्रेमिका और उसके भाइयों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुसाइड नोट में लिखा कि मैं लड़का हूं। मेरी कोई नहीं सुनेगा। इसलिए मैं अपनी जान दे रहा हूं।

    कॉलेज छोड़ा और सैंडविच खिलाए

    अन्नपूर्णा थाना पुलिस के मुताबिक ऋतिक का एक वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों घर से भाग कर शादी करना चाहते थे। उसने सुसाइड नोट में लिखा कि प्रेमिका का भाई शुभम और निखिल परेशान कर रहे थे। मैंने उसका खुद से ज्यादा ध्यान रखा। कॉलेज छोड़ा और सैंडविच खिलाए। उसको काफी चीजें खरीद कर दीं। वह मुझे ब्लैकमेल कर रही थी। उसका भाई तो 15 गुंडों को लेकर आया था।

    रितिक का छह पन्‍नों का सुसाइड नोट

    “मेरा नाम रितिक बछाने है, मेरी मौत का जिम्मेदार मेरी गर्लफ्रेंड और उसके दोनों भाई हैं। लड़की से मेरा एक साल से चक्कर चल रहा था, इस बात की जानकारी घरवालों को लग गई थी, वह घर से भागकर आई थी, मुझसे शादी करना चाहती थी, लेकिन कोई कागजात नहीं लाई थी जिससे मैं उससे शादी कर सकूं। मैनें उसके साथ कुछ भी गलत काम नहीं किया है।”

    रोज सैंडविच खिलाता था

    “मैं उसे रोज सैंडविच खिलाता था और रोज कॉलेज छोड़ता था। मैंने उसे मेरी जान से बढ़कर उसे माना, उसका ध्यान रखा,कभी भी उसे किसी चीज की कमी नहीं होने दी। उसने जो मांगा मैंने उसे लाकर दिया, साड़ी, मेकअप, लिपिस्टिक, जूते चप्पल, सूट, कपड़े मैंने लाकर दिए। लेकिन उसने मुझे बहुत ब्लैकमेल किया। मैंने उसे कभी डराया नहीं, न ही कभी परेशान किया।”

    भाई देता है धमकी

    “उसका भाई रोज रात को 10 बजे आता है और घरवालों को डराता है। खुद की बहन को नहीं समझाता। मेरा पुलिस से निवेदन है कि उसके भाई पर कड़ी कार्रवाई करे और मुझे न्या मिले। क्यों कि मैं लड़का हूं, मेरी बात कोई नहीं मानेगा, इसलिे मरने जा रहा हूं। मेरे घरवालों को उससे सुरक्षा दी जाए।”

    मम्मा तू टेंशन मत करना

    “मम्मा तू टेंशन मत करना, मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था। मैंने मोबाइल में वीडियो बना दिया है, लड़की ने मेरे को बुलाया था मैने उसकी रिकॉर्डिंग विक्की के फोन पर भेज दी। अब मैं चलता हूं और तू अच्छी रहना। पापा को हिम्मत देना, इनको सजा दिलाने में। by By”

    पुलिस से कार्रवाई की मांग

    पुलिस को घर से डायरी मिली है जिसके छह पन्नों में पूरी कहानी लिखी है। उसने अन्नपूर्णा टीआई से स्वजन को सुरक्षा मुहैया करवाने की गुहार भी लगाई है। मामा के बेटे लोकेश के मुताबिक ऋतिक लोडिंग रिक्शा चलाता था। वह इकलौता बेटा था, एक बहन है। उसकी शादी नहीं हुई है।

  • MP CG News Today: मंडला में बस पलटने से दो दर्जन यात्री घायल, सीएम मोहन यादव के पिता का अंतिम संस्कार आज

    मंडला में दुर्घटनाग्रस्त बस।

    HighLights

    मंडला में दुर्घटनाग्रस्त बस में 80 यात्री सवार थे, ये कवर्धा जा रही थी। छत्तीसगढ़ के कई इलाकों मे जारी है रुक-रुककर बारिश का दौर। मध्य प्रदेश में भी बारिश से लगातार बनी हुई है ठंडक, गर्मी से राहत।

    MP CG News Today: डिजिटल डेस्क, भोपाल, रायपुर। मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में भी रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। मध्य प्रदेश के मंडला में आज सुबह बस पलटने से दो दर्जन लोग घायल हो गए। सीएम डॉ. मोहन यादव के पिता का मंगलवार को निधन हो गया था, आज उज्जैन में उनका अंतिम संस्कार होगा। यहां पढ़ें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की आज की ताजा खबरें…

    मंडला में बस पलटने से दो दर्जन यात्री हुए घायल

    लखनऊ से छत्तीसगढ़ के कवर्धा जा रही बस आज सुबह 6 बजे मध्य प्रदेश के मंडला जिले में पलट गई। इस हादसे में बस में सवार दो दर्जन यात्री घायल हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक बस में 80 यात्री सवार थे और यह मिठौरी के जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घायल यात्रियों को सिंहपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर…

    खबर अपडेट हो रही है…

  • ‘अजगर’ जैसे घसीटकर कलेक्‍टोरेट पहुंचा किसान, करोड़ों के भ्रष्टाचार के सबूत लेकर पहुंचा

    जमीन पर लोटते हुए शिकायत करने पहुंचा शख्स।

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    जमीन पर लोटते हुए जनसुनवाई में पहुंचा किसान7 साल से काट रहा था कलेक्ट्रेट ऑफिस के चक्करपूर्व सरपंच पर लगाया करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप

    नीमच। मंगलवार को कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान एक किसान सांप की तरह जमीन में घसीटते हुए पहुंचा। किसान मुकेश कई सालों से अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर काट रहा था, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी। जनसुनवाई में पहुंचे किसान ने अपने गांव के पूर्व सरपंच पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। नीमच जिले की जावद विधानसभा के ग्राम काकरिया तलाई के रहने वाले मुकेश प्रजापत ने बताया कि वह पिछले 07 सालों से कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहा है।

    मुकेश का वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह कलेक्टर कार्यालय के सामने जमीन पर घसीट रहा है। मुकेश के पास कागजों का एक लंबा ढेर भी है, जो रस्सी की डोर में फंसाकर गले में फंसाए हुए है, साथ ही ये डोर कागज के साथ उसके पीछे लंबी दूर तक घसिट रही है। मुकेश ने बताया कि वह अपने लिए नहीं बल्की जनता के लिए भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है।

    खबर अपडेट की जा रही है…

  • ग्वालियर में जेएएच अस्पताल के ट्रामा सेंटर में एसी फटा, एक मरीज की मौत

    ट्रामा सेंटर का वह एसी जिसमें आग लगी और विस्‍फोट हुआ।

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    ट्रामा सेंटर में सुबह सात बजे आग लगने के बाद फटा एसीट्रामा सेंटर में भर्ती थे 10 मरीज, पड़ी जान खतरे मेंगंभीर रूप से घायल मरीज को रखा है वेंटीलेटर पर

    ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर में मंगलवार सुबह सात बजे सीलिंग एसी में आग लग गई। आग से एसी फट गया। इससे ट्रामा सेंटर में भर्ती एक मरीज की मौत हो गई। मृतक मरीज दो दिन से वेंटीलेटर पर ही था। हालांकि ट्रामा सेंटर में भर्ती अन्य 9 मरीज सुरक्षित हैं। मौके पर प्रबंधन ने पहुंचकर सभी मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट कराया है।

    घटनाक्रम के मुताबिक जयारोग्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर में 10 मरीज भर्ती है। ट्रामा सेंटर में सीलिंग एसी लगे हुए हैं। इन्हीं एसी में से एक में मंगलवार सुबह करीब सात बजे आग लग गई और उसमें विस्फोट हो गया। यह एसी आजाद नामक एक मरीज के ऊपर दीवार पर लगा हुआ था। इससे आजाद उसकी चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि इस मरीज को वेंटीलेटर पर रखा गया था। बाद में डाक्टरों ने जब उसकी इसीजी कराई तो उसकी मौत हो चुकी थी।

    आग लगने व विस्फोट के बाद आग को प्रबंधन के लोगों ने बुझाया और ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों को दूसरे वार्ड में सिफ्ट किया। अब प्रबंधन जांच कर रहा है कि एसी में आग कैसे लगी और विस्फोट कैसे हुआ। मौके पर अस्पताल प्रबंधन सहित प्रशासन के वरिष्ठ अफसर पहुंच चुके हैं।

  • 1918 में होलकर काल में बनी थी इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन योजना, बहुत रोचक है इस प्रोजेक्‍ट का इतिहास

    इंदौर-मनमाड़ रेलवे परियोजना हुई मंजूर।

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    जनता के घोषणा पत्र पर होने लग गया है अमल। रेल मंत्रालय ने इस परियोजना को हरी झंडी दी। मंजूरी से इंदौर के विकास को एक नई गति मिलेगी।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियाेजना स्वीकृत होने के बाद अब जमीनी स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है। 106 वर्ष पुरानी इस परियोजना को लेकर नईदुनिया ने जनता की मांग पर सांसद शंकर लालवानी को 27 अगस्त को जनता का घोषणा पत्र सौंपा था।

    इसमें सांसद लालवानी ने जल्द ही इस परियोजना को स्वीकृति दिलाने का कहा था। जिसके बाद सोमवार को रेल मंत्रालय ने इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है। पांच वर्ष में परियोजना पूरी की जाना है। इसके बाद इंदौर से मुंबई की दूरी 830 किमी से घटकर 568 किमी रह जाएगी।

    सौ से अधिक साल में यह सब हुआ

    रेल मामलों के विशेषज्ञ नागेश नामजोशी ने बताया कि 1918 में होलकर राज्य में आर्किटेक्ट पैट्रिक गिडीस ने सबसे पहले इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना का खाका तैयार किया था। लेकिन इस इस पर काम नहीं हो पाया। 2002 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतिश कुमार ने प्रोजेक्ट के सर्वे के लिए राशि मंजूर की और 2004 में सर्वे पूरा हुआ। लेकिन महाराष्ट्र और मप्र सरकार में समन्वय स्थापित नहीं होने के कारण कार्य शुरू ही नहीं हो पाया। इसके बाद इस परियेाजना के लिए महाराष्ट्र से आंदोलन शुरू हुआ, जो इंदौर तक पहुंचा। 2016 में सेंट्रल रेलवे ने सर्वे किया। 2019 में जहाजरानी मंत्रालय और रेलवे के बीच इस परियोजना के लिए अनुबंध हुआ। लेकिन बाद में निरस्त हो गया। अब पूरा प्रोजेक्ट रेलवे खुद तैयार कर रही है।

    मुंबई की दूरी होगी कम

    वर्तमान में इंदौर से मुंबई जाने के लिए रतलाम, सूरत होते हुए 830 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। इंदौर-मनमाड़ लाइन तैयार होने के बाद यह दूरी घटकर 568 किमी हो जाएगी। करीब 260 किमी की दूरी घट जाएगी। इसके साथ ही चार से पांच घंंटे का समय भी बचेगा।

  • खुशखबरी: मनमाड इंदौर के बीच नई रेल लाइन को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी

    मनमाड इंदौर के बीच न्यू रेल लाइन को मिली मंजूरी। यह 2028-29 तक पूरी हो जाएगी।

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    इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की कुल लंबाई 268 किमी है।परियोजना की कुल लागत 18,036 करोड़ रुपये है परियोजना निर्माण के दौरान रोजगार भी पैदा करेगी

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर निवासियों के लिए खुशखबरी है। मनमाड इंदौर के बीच न्यू रेल लाइन को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने 309 किलोमीटर की योजना को मंजूरी दी। यह 18036 करोड़ का प्रोजेक्ट है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय के तहत 18,036 करोड़ रुपये (लगभग) की कुल लागत वाली नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। इंदौर और मनमाड के बीच प्रस्तावित नई लाइन सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के लिए बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता मिलेगी।

    इस मंजूरी से दो राज्‍यों को होंगे फायदे

    कैबिनेट ने 309 किलोमीटर लंबी नई लाइन परियोजना को मंजूरी दी। दो प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों – मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए यह काम करेगी। स्वीकृत परियोजना वाणिज्यिक केंद्रों मुंबई और इंदौर को सबसे छोटे रेल मार्ग से जोड़ेगी। इसके अलावा यह रेलवे लाइन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के असंबद्ध क्षेत्रों को भी जोड़ेगी। यह रेलवे लाइन महाराष्ट्र के 2 जिलों और मध्य प्रदेश के 4 जिलों से होकर गुजरेगी। परियोजना की कुल लागत ₹ 18,036 करोड़ है और इसे 2028-29 तक पूरा किया जाएगा। परियोजना निर्माण के दौरान लगभग 102 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेगी।

    परियोजना मंजूर होने के मायने

    यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप है, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएगा, जिससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है। यह लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह परियोजना 2 राज्यों यानी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 जिलों को कवर करती है 1,000 गांव और करीब 30 लाख की आबादी को लाभ मिलेगा। परियोजना देश के पश्चिमी/दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़ने वाला छोटा रास्ता उपलब्ध कराकर इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन/धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। परियोजना मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को भी सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में इसके वितरण में सुविधा होगी। यह कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट, पीओएल आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए एक आवश्यक मार्ग है। क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।

    268 किमी है रेल लाइन की लंबाई

    इसके लिए 2200 हेक्टेयर भूमि भी अधिगृहीत करने की आवश्यकता होगी। छह साल की देरी होने से इस परियोजना की अनुमानित लागत साढ़े नौ हजार करोड़ से बढ़कर 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की कुल लंबाई 268 किमी है।

    9 सुरंगें भी बनेगी

    इसमें 50 किमी मनमाड़ से धुले तक काम चल रहा है। अब धुले से इंदौर के महू तक लाइन बिछाने के लिए डीपीआर तैयार है। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन पर ठोस प्रगति हुई है। इस ट्रैक के बनने से इंदौर की मुंबई व दक्षिण के राज्यों के बीच संपर्क सुगम होगा। 218 किमी हिस्से में लाइन बिछाई जानी है, उसमें 9 सुरंगें बनेंगी।

  • लोक सुरक्षा कानून लागू करेगी मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जैसे शहरों से होगी शुरुआत

    मध्य प्रदेश विधानसभा। फाइल फोटो

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    सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा।इसकी दो महीने तक की रिकॉर्डिंग भी सुरक्षित रखनी होगी। इस पर होने वाला खर्च दुकान संचालकों को ही करना होगा।

    वैभव श्रीधर, नईदुनिया भोपाल। मध्य प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। इसकी रिकॉर्डिंग दो माह तक सुरक्षित रखनी होगी और जब भी पुलिस को जांच के लिए इसकी आवश्यकता होगी तो उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए लोक सुरक्षा कानून का प्रारूप तैयार किया गया है।

    इसे विधानसभा का मानसून सत्र निर्धारित समयावधि से पहले ही सत्र समाप्त होने के कारण प्रस्तुत नहीं किया जा सका था। अब गृह विभाग ने अध्यादेश के माध्यम से इसे लागू करने की तैयारी की है और प्रारूप को परिमार्जन के लिए विधि विभाग को भेजा है। प्रदेश में कॉलेज, स्कूल, मॉल, रेस्टोरेंट, अस्पताल सहित ऐसे स्थान, जहां सौ से अधिक लोग इकट्ठा होते हैं, वहां संचालकों को सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।

    इस पर होने वाला व्यय भी संचालकों को भी वहन करना होगा। दरअसल, इस व्यवस्था की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि जांच के दौरान पुलिस को जब भी रिकॉर्डिंग की आवश्यकता होती थी तो यह बात सामने आती थी कि सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं या फिर रिकॉर्डिंग सुरक्षित नहीं रखी जाती है। प्रस्तावित लोक सुरक्षा कानून में यह प्रविधान किया जा रहा है कि संचालकों को सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग दो माह तक सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा।

    चार साल से चल रही तैयारी

    प्रदेश में लोक सुरक्षा कानून बनाने की तैयारी वर्ष 2020 यानी चार वर्ष से चल रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गृह विभाग ने इसकी कवायद प्रारंभ की थी। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने तेलंगाना के सीसीटीवी कैमरे लगाने और उसका डाटा सुरक्षित रखने संबंधी कानून का अध्ययन कराकर प्रारूप तैयार कराया था। विधि विभाग द्वारा परिमार्जित करने के बाद इसे कैबिनेट के माध्यम से राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति के लिए भेजा जाएगा।

  • Weather of MP: प्रदेश में अगले 48 घंटों तक मानसून सुपर एक्टिव, 7 संभागों में बारिश का येलो अलर्ट

    भोपाल व इंदौर में कल तक रुक-रुककर वर्षा

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    अवदाब का क्षेत्र छत्तीसगढ़ के आसपास सक्रियरुक-रुक कर वर्षा दो से तीन दिन तक जारी रहेगी आगामी 5 अगस्त को नई मौसम प्रणाली के संकेत

    नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: बंगाल की खाड़ी में बना अवदाब का क्षेत्र दक्षिणी छत्तीसगढ़ के आसपास पहुंच गया है। मानसून द्रोणिका भी मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। इस वजह से प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा होने लगी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला दो से तीन दिन तक बना रह सकता है। रीवा, शहडोल संभाग के जिलों में हल्की वर्षा हो सकती है।

    मौसम प्रणाली सक्रिय

    मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, अवदाब का क्षेत्र वर्तमान में दक्षिणी छत्तीसगढ़ एवं उससे लगे ओडिशा एवं आंध्रप्रदेश पर बना हुआ है। मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, गुना, मंडला से अवदाब के क्षेत्र से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।

    उत्तरी हरियाणा पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ मौजूद है। महाराष्ट्र के आसपास विपरीत दिशा की हवाओं का सम्मिलन क्षेत्र (शियर जोन) बना हुआ है।

    मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अवदाब के क्षेत्र के प्रभाव से प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया है। अवदाब के क्षेत्र के सोमवार को विदर्भ के आसपास पहुंचकर कुछ कमजोर होकर गहरे कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने के आसार हैं।

    रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला

    इस मौसम प्रणाली के असर से ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला दो से तीन दिन तक बना रह सकता है। इस दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। शेष क्षेत्रों में भी हल्की वर्षा होने के आसार हैं। पांच अगस्त को एक अन्य मौसम प्रणाली के बंगाल की खाड़ी में बनने के संकेत मिले हैं। इस वजह से वर्षा का दौर अभी बना रहेगा।

    कहां कितनी वर्षा

    रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक उज्जैन में 26, भोपाल में 24, छिंदवाड़ा में 19, नर्मदापुरम में 16, इंदौर में 15, जबलपुर में 13, खरगोन में छह, बैतूल, पचमढ़ी एवं सिवनी में तीन, गुना एवं रायसेन में दो और शिवपुरी में एक मिलीमीटर वर्षा हुई।

  • Sihora MP: सिहोरा को जिला बनाने के लिए आंदोलन की तैयारी, तय होगी रणनीति

    लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति द्वारा पिछले दिनों निकाली गई रैली। फाइल फोटो

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    लोगों ने कहा-सभी सुविधाएं मौजूद। फिर क्यों सरकार कर रही परहेज।सिहोरा को जिला जल्द घोषित करें।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, सिहोरा(Sihora MP)। एक अक्टूबर 2003 को सिहोरा में कलेक्टर एसपी की पदस्थापना प्रस्तावित की गई थी, लेकिन राजनीतिक अड़ंगे के कारण ऐसा नहीं हो सका। हाल ही में प्रदेश में कई छोटे जिले बनने के बाद से सिहोरा को भी जिला बनाए जाने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है।

    नईदुनिया द्वारा लगातार जनभावनाओं को प्रकाशित किए जाने से लोगों में नया जोश आ गया है और यह मुहिम अब जन आंदोलन बनने लगी है। आम लोगों का कहना है कि भाजपा सरकार सिहोरा को जिला का दर्जा देने में घोर उपेक्षा कर रही है, बावजूद इसके प्रस्तावित सिहोरा जिला की चारों विधानसभा मझौली, बहोरीबंद, ढीमरखेड़ा और सिहोरा में भाजपा के प्रत्याशियों को जनता ने जीत की ओर अग्रेशित किया।

    Sihora Jila: आंदोलन की तैयारी में स्वयं सेवी संस्थाएं

    बहोरीबंद, मझौली और ढीमरखेड़ा में एक-एक बार विपक्षी पार्टी के प्रत्याशियों की जीत जरूर हुई लेकिन वे भी सिहोरा को प्रस्तावित जिला मुख्यालय का दर्जा दिला पाने में नाकाम रहे। सिहोरा में पांचवीं बार भाजपा प्रत्याशी की 43 हजार के भारी मतों से जीत हुई जिसके बाद से ही विधायक संतोष बरकड़े की ओर आशा की नजर से लोग देख रहे हैं। दूसरी तरफ पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधि जिले का प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री को भेज रहे हैं, तो स्वयं सेवी संस्थाएं भी अब आंदोलन की मूड में नजर आ रही हैं।

    विधायक संतोष बरकड़े ने नईदुनिया को बताया कि सिहोरा को जिला का दर्जा दिलाने के लिए मेरे द्वारा एक ठोस कार्य योजना बनाई गई है जिसकी जानकारी लक्ष्य सिहोरा जिला समिति पदाधिकारी को है। कार्य योजना का जल्द खुलासा मेरे द्वारा शीघ्र किया जाएगा।

    Sihora News: सिहोरा को जिला बनावाने के लिए बैठक

    प्रदेश में बनते जिले और सिहोरा की लगातार उपेक्षा से नाराज सिहोरा वासी आज रविवार को एकजुट होकर संघर्ष की रणनीति तैयार करेंगे। लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने इसके लिए व्यापक तैयारी की है।

    इस संबंध में समिति के कृष्ण कुमार कुररिया ने बताया कि इस बैठक में सिहोरा के समस्त राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ साथ सामाजिक, धार्मिक संगठनों के सदस्यों और प्रत्येक जनमानस को भी आमंत्रित किया जा रहा है।

    सभी मिलकर सिहोरा जिला के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक ठोस रणनीति का निर्धारण करेंगे। समिति के अनिल जैन, विकास दुबे, सुशील जैन, संतोष पांडे, अमित बक्शी, मानस तिवारी, रामजी शुक्ला, प्रदीप दुबे, मोहन सोंधिया, राजभान मिश्रा आदि ने सभी सिहोरा वासियों से आज दोपहर तीन बजे सामुदायिक भवन थाने के पास सिहोरा पहुंचने का आग्रह किया है।

  • रीवा के एक ही स्कूल के 10 शिक्षकों को ब्रेन ट्यूमर, कलेक्टर बोलीं-जांच कराएंगे

    जिले में 200 शिक्षकों के नाम गंभीर बीमारियों के साथ दर्ज।

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    रीवा में शिक्षकों ने फर्जी बीमारियों का दावा किया ब्रेन ट्यूमर, किडनी की बीमारियों का किया दावा कई शिक्षक 37 साल से एक ही स्कूल में तैनात

    नईदुनिया प्रतिनिधि, रीवा : मनमर्जी के स्कूल में तैनाती के लिए शिक्षक कैसे-कैसे बहाने बनाते हैं, इसकी बानगी रीवा जिले के शासकीय स्कूल बदराव से सामने आई है। दस शिक्षकों ने ब्रेन ट्यूमर जैसी घातक बीमारियों से खुद को ग्रस्त बताने से गुरेज नहीं किया।

    चौंकाने वाला मामला सामने आने के बाद रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि गलत जानकारी देकर पदस्थापना की बात सामने आई है। जिला शिक्षाधिकारी सुदामा गुप्ता को जांच के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों ने स्वयं को ब्रेन ट्यूमर के अलावा किडनी की बीमारी और दिव्यांग घोषित कराने में कसर नहीं छोड़ी। आश्चर्यजनक रूप से एजुकेशन पोर्टल पर यह जानकारी दर्ज है।

    तबादले से बचने की चालाकी

    एक ही स्कूल में 557 विद्यार्थियों पर 34 शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला, बदराव के प्राचार्य आरके जैन के मुताबिक स्कूल में 557 विद्यार्थियों पर 34 शिक्षक और एक कर्मचारी की तैनाती है। इनमें से 10 अतिशेष शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाना है। इसके लिए जानकारी खंगाली तब इनकी बीमारी के बारे में पता चला।

    जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता ने कहा कि 2022 में ट्रांसफर नीति आई थी। इसमें गंभीर बीमारी से जूझ रहे कर्मचारियों को स्थानांतरण से छूट दी गई है। तबादले से बचने के लिए कुछ शिक्षकों ने चालाकी की और पोर्टल पर गलत फीडिंग करा ली।

    37 वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हैं शिक्षक

    स्थानांतरण के तमाम नियम-कायदों को धता बताते हुए शिक्षक पांच-दस नहीं 37 वर्षों से एक ही स्कूल में तैनात हैं। बदराव स्कूल में दो शिक्षक 37 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा दो शिक्षक 26, एक 14 तो एक अन्य शिक्षक 10 वर्षों से यहीं पर तैनात हैं।

    इधर, जिले में ही 50 से ज्यादा स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। कई स्कूलों में तो चार से पांच शिक्षक ही पूरी व्यवस्था संभाल रहे हैं। दरअसल, बदराव स्कूल रीवा जिला मुख्यालय से मात्र छह किमी दूर है और विभाग की सूची में ग्रामीण क्षेत्र में दर्ज है। यही कारण है कि स्कूल शिक्षकों की पसंद बना हुआ है।

    लंबे अवकाश पर चल रहे हैं शिक्षक

    स्कूल में 2018 से पदस्थ विनय कृष्ण तिवारी को भी स्वयं को ब्रेन ट्यूमर से ग्रस्त बताया गया है। पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने पर वे छुट्टी पर हैं। 1987 से पदस्थ भागवत प्रसाद पांडेय भी ब्रेन ट्यूमर मरीज की सूची में हैं। अदिति सिंह, एमडी सिंह के नाम के आगे भी ब्रेन ट्यूमर दर्ज है। सुधाकर तिवारी के नाम के आगे ब्रेन ट्यूमर के साथ दिव्यांग भी दर्ज है। सूत्र बताते हैं कि वे न तो दिव्यांग हैं, न ही उन्हें ब्रेन ट्यूमर है।

    जिले में 200 शिक्षकों के नाम के आगे गंभीर बीमारियां दर्ज

    जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक राजेश मिश्रा ने बताया कि जिले में 200 शिक्षक ऐसे हैं, जिनके नाम के आगे अतिशेष शिक्षकों की सूची में गंभीर बीमारियां दर्ज हैं। जिले के हर ब्लाक से ऐसे मामले हैं। उन्होंने कहा कि 28 अगस्त से अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

    गलत जानकारी देकर पदस्थापना का मामला प्रकाश में आया है। जांच करने के निर्देश डीईओ रीवा को दिए गए हैं। जिन टीचरों ने मेडिकल लगाकर एक स्थान पर स्थापना ली गई है उनकी जांच मेडिकल बोर्ड से कराई जाएगी । प्रतिभा पाल, कलेक्टर रीवा