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  • ट्रेन हादसे का असर : शताब्दी, वंदे भारत, गतिमान सहित आधा दर्जन ट्रेनें रद

    शताब्दी, वंदे भारत, गतिमान सहित आधा दर्जन ट्रेनें रद। फाइल फोटो।

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    मथुरा के पास पटरी से उतर गई थी मालगाड़ीदिल्ली मुंबई और दिल्ली चैन्नई रेल मार्ग हुआ प्रभावितट्रेनों को चलाया गया बदले हुए रुट से, इसलिए हुई देरी

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मथुरा के नजदीक वृंदावन रोड-अझई स्टेशनों के बीच बुधवार की रात को कोयले से लदी मालगाड़ी के पटरी से उतरने के कारण गुरुवार को भी दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-चेन्नई रेल मार्ग बुरी तरह से प्रभावित रहा। इस हादसे के कारण अप और डाउन के साथ ही तीसरी लाइन पर भी ट्रेनों का संचालन नहीं हो सका।

    इस दुर्घटना के कारण गुरुवार को ग्वालियर से गुजरने वाली शताब्दी एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस, भोपाल वंदे भारत, खजुराहो वंदे भारत, वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-आगरा एक्सप्रेस ट्रेनें रद रहीं। इसके अलावा जबलपुर व छत्तीसगढ़ के शहरों को जाने वाली ट्रेनों को आगरा, टूंडला, गोविंदपुरी, प्रयागराज होते हुए मानिकपुर-कटनी के रास्ते चलाया गया।

    इनमें उत्कल एक्सप्रेस, कटरा-जबलपुर एक्सप्रेस, जम्मूतवी-दुर्ग एक्सप्रेस, जीटी एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, बिलासपुर राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें शामिल हैं। वहीं कई ट्रेनों को हजरत निजामुद्दीन, गाजियाबाद, मितावली, एत्मादपुर, आगरा कैंट होते हुए संचालित किया गया।

    आगरा से निकलेगी महाकौशल

    महाकौशल एक्सप्रेस को दिल्ली के बजाय आगरा से संचालित किया गया। ट्रेनों के परिवर्तित मार्ग से संचालित होने के कारण ग्वालियर रेलवे स्टेशनों पर यात्री परेशान होते हुए नजर आए। दिनभर में गिनी-चुनी ट्रेनें ही स्टेशन पर आईं। हालांकि यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई थी, लेकिन जिन यात्रियों को रद या परिवर्तित मार्ग से चलने वाली ट्रेनों से जाना था, उन्हें ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा।

    ये हुआ था हादसा

    मालगाड़ी मथुरा की तरफ से कोयला लेकर दिल्ली जा रही थी। ट्रेन जैसे ही वृंदावन रोड रेलवे स्टेशन से 800 मीटर आगे पहुंची, तभी कपलिंग टूट गई और हादसा हो गया। ट्रेन में इंजन समेत 59 डिब्बे लगे थे। मालगाड़ी में भरा कोयला ट्रैक पर फैल गया। कई ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) खंभे टूट गए। राहत कार्य में 500 से ज्यादा कर्मचारी लगाए गए। डिब्बे हटाने के लिए आगरा, झांसी और दिल्ली से क्रेन मंगाई गई है। अधिकारियों का दावा है कि रात तक ट्रैक क्लीयर कर दिया जाएगा।

    दिल्ली की ओर से घंटों देरी से आईं ये ट्रेनें

    पातालकोट एक्सप्रेस 5:03 घंटे सचखंड एक्सप्रेस 4:30 घंटे तेलंगाना एक्सप्रेस 3:37 घंटे मंगला एक्सप्रेस 4:52 घंटे कर्नाटका एक्सप्रेस 10:05 घंटे पंजाब मेल 4:05 घंटे छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 2:10 घंटे झेलम एक्सप्रेस 4:38 घंटे समता एक्सप्रेस 4:31 घंटे

  • MP News: राहुल गांधी को आतंकी बताने वाले मंत्री, विधायक की कांग्रेस ने की थाने में शिकायत, पटवारी बोले- भाजपा सरकार के दबाव में काम कर रही पुलिस

    टीटी नगर थाने में बैठे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी व अन्य।

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    राहुल गांधी पर केंद्रीय मंत्री समेत अन्य नेताओं की टिप्पणियों से भड़के कांग्रेसी। उन्होंने एफआईआर दर्ज करने की मांग की, पुलिस ने पहले जांच की बात कही।जीतू पटवारी बोले- भाजपा के मंडल अध्यक्ष की तरह काम कर रहे हैं टीआई।

    नवदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। राजधानी के टीटी नगर, कोलार, संत हिरदाराम नगर सहित विभिन्न थानों में कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री, उत्तर प्रदेश के मंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। दरअसल इन तीनों नेताओं ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनके स्वजन पर आपमानजनक टिप्पणी की है।

    कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने तीनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की है। इस पर एसीपी ने 14 दिन में जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। वहीं जीतू पटवारी ने कार्रवाई नहीं करने पर थाने के सामने धरना देने की बात कही है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, उप्र के मंत्री रघुराज सिंह और शिवसेना (शिंदे गुट) विधायक संजय गायकवाड़ ने राहुल गांधी को आतंकवादी सहित अन्य अभद्र टिप्पणियां की हैं।

    केंद्र के इशारे पर अनर्गल बयान दे रहे मंत्री

    प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा के नेता अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं। अब तो उन्होंने उनके माता-पिता, दादी तक को नहीं छोड़ा है। उन पर भी अशोभनीय टिप्पणी की है। यह सब नेता-मंत्री केंद्र के इशारे पर यह सब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने चार हजार किलोमीटर पैदल चलकर देश की एकता-अखंडता की बात की। देश के गरीब और आमजन के मुद्दों को उठाया तो भाजपा को अच्छा नहीं लगता। करोड़ों रुपये लगाकर उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया गया, फिर भी जनता ने उनको अपना जनप्रतिनिधि चुना है। उनके पिता और दादी ने देश के लिए बलिदान दिया। देश के लिए मर मिटने वाले परिवार को लेकर ऐसी भाषा बोलना बर्दाश्त के बाहर है। मेरा आग्रह है कि तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कराएं।

    भाजपा सरकार की तानाशाही इस कदर चरम पर है कि टीआई BJP के मंडल अध्यक्ष और पुलिस थाने BJP के कार्यालय की भूमिका निभा रहे है।

    : जीतू पटवारी जी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष pic.twitter.com/1uPeis9Yzj

    — MP Congress (@INCMP) September 17, 2024

    पुलिस पर लगाया आरोप

    कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पटवारी ने पुलिस पर भी सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की तानाशाही इस कदर चरम पर है कि टीआई भाजपा के मंडल अध्यक्ष और पुलिस थाने भाजपा के कार्यालय की भूमिका निभा रहे हैं। हम वीडियो साक्ष्य के साथ दो घंटे तक थाने में प्रकरण दर्ज कराने के लिए बैठे रहे, लेकिन एफआईआर नहीं लिखी गई।

    इस दौरान जीतू पटवारी के साथ पूर्व मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, पीसी शर्मा, मुकेश नायक और अधिवक्ता जेपी धनोपिया, केके मिश्रा समेत अनेक नेता व कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।

    यह है मामला

    केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने दो दिन पहले भागलपुर में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को देश का नंबर वन आतंकी बताया था। उत्तर प्रदेश के मंत्री रघुराज सिंह ने सोमवार को इंदौर में कहा था कि राहुल गांधी आतंकवादी है, इतना ही नहीं उन्होंने उनके पिता, दादी, मां पर अपशब्द कहते हुए उनकी जाति पर टिप्पणी कर दी थी। वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा था कि कोई भी राहुल गांधी की जीभ काटेगा। मैं उसे 11 लाख रुपये का इनाम दूंगा।

  • MP के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 70 हजार पद खाली, अतिशेष के बाद अतिथियों की भर्ती

    मध्यप्रदेश में टीचर्स को लेकर बड़ी खबर।

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    1275 स्कूल बिना शिक्षक, 6,858 स्कूल एक शिक्षक पर निर्भर।शहरी क्षेत्रों में 28,815 अतिशेष शिक्षक, ग्रामीण स्कूलों में कमी।1.22 लाख स्कूलों में 1.10 करोड़ छात्र, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुश्किल।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश में शिक्षकों की कमी से सरकारी स्कूलों में शिक्षा का हाल-बेहाल है। स्कूलों में करीब 70 हजार पद खाली हैं। 1275 स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक ही नहीं हैं। 6,858 स्कूल ऐसे हैं, जो केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। ये ही बच्चों को सभी विषय पढ़ाते हैं। ऐसे में यहां किस गुणवत्ता की शिक्षा दी जा रही होगी, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

    प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हर साल शिक्षकों को यहां से वहां किया जाता है। अतिशेष शिक्षकों की सूची बनाकर उन्हें उन स्कूलों में भेजने का दावा होता है, जहां शिक्षक नहीं हैं। स्थिति यह है कि कुछ जिलों के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, तो शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में 28,815 अतिशेष शिक्षक हैं।

    शिक्षकों की कमी के चलते राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षण कार्य संभव ही नहीं हो पा रहा है। यह खुलासा शिक्षा पोर्टल पर अपलोड आंकड़ों से हुआ है। 5 साल में 30 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई है, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में प्रदेश के छात्रों को क्वालिटी की शिक्षा मिलना मुश्किल है। प्रदेश में 1 लाख 22 हजार स्कूलों में 1 करोड़ 10 लाख छात्र पढ़ रहे हैं।

    बड़े शहरों के स्कूलों में भी नहीं है शिक्षक

    प्रदेश के बड़े शहरों के स्कूल भी शिक्षक विहीन हैं। भोपाल के 7, ग्वालियर के 18, इंदौर के 16 और जबलपुर के 15 स्कूल शामिल हैं। भोपाल के 43 स्कूलों में एक शिक्षक पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं में पढ़ा रहे हैं।

    प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ये हैं कमियां

    शिक्षक विहीन स्कूलों की संख्या 1275 एक शिक्षक के भरोसे स्कूलों की संख्या 6858 अतिशेष शिक्षकों की संख्या 28,815 स्कूलों में शौचालय बदहाल 11,000 स्कूलों में बिजली व्यवस्था नहीं 36,000 स्कूलों में खेल मैदान नहीं 32,000 स्कूलों में बाउंड्रीवाल नहीं 1500

    इन 10 जिलों के स्कूल शिक्षक विहीन

    सिंगरौली- 111 रीवा- 84 शिवपुरी- 76 छतरपुर- 56 विदिशा- 56 सतना- 52 सागर- 43 सीहोर- 40 खंडवा- 40 दमोह- 37

    इन 10 जिलों के स्कूल में एक शिक्षक

    शिवपुरी- 420 सतना- 413 रीवा- 409 विदिशा- 351 सिंगरौली- 281 देवास- 273 सागर- 271 राजगढ़- 244 मंदसौर- 213 छतरपुर- 202

    अतिशेष शहरी क्षेत्रों में भोपाल सबसे अधिक है। शहर में 1036 अतिशेष शिक्षक हैं। उसके बाद ग्वालियर- 1038, इंदौर- 1131, सागर- 1145, सतना- 1094, जबलपुर- 700, भिंड- 929, बालाघाट- 925, देवास- 801, रीवा- 965, राजगढ़- 948 और भिंड- 929 का नाम आता है।

    शिक्षकों की स्थिति

    प्राथमिक शिक्षकों की संख्या-1.40 लाख, प्राथमिक शिक्षकों के खाली पद- 20 हजार, माध्यमिक शिक्षकों की संख्या -61 हजार, माध्यमिक शिक्षकों के खाली पद-50 हजार

    अतिथि शिक्षकों को मिलेगा मौका

    डॉ संजय गोयल, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा कि जिन जिलों के स्कूल शिक्षक विहीन या एक शिक्षक हैं, वहां पर अतिशेष शिक्षकों को भेजा जाएगा। उसके बाद खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों को रखा जाएगा।

  • National Lok Adalat: दुर्घटना में मृतक के परिवार को एक करोड़ 35 लाख का मुआवजा

    इंदौर में शनिवार 14 सितंबर को हुई नेशनल लोक अदालत।

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    हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में भी लोक अदालत का आयोजन हुआ।इस दौरान यहां पर दो खंडपीठों में कुल 711 प्रकरण रखे गए थे। 280 प्रकरणों का निराकरण हुआ, कुल मुआवजा 2.98 करोड़ हुआ।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(National Lok Adalat)। मार्च 2021 में वाहन दुर्घटना में अजय नामक व्यक्ति की मृत्यु के बाद शनिवार को लोक अदालत में आश्रित स्वजन को एक करोड़ 35 लाख रुपये का मुआवजा दिया। अदालत में न्यायाधीश और बीमा कंपनी के अधिकारियों ने मृतक की पत्नी, दो पुत्रियों और माता को क्लेम राशि का चेक सौंपा।

    उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में भी लोक अदालत का आयोजन हुआ। दो खंडपीठों में कुल 711 प्रकरण रखे गए। 280 प्रकरणों का निराकरण हुआ। कुल मुआवजा राशि दो करोड़ 98 लाख से ज्यादा के पारित हुए।

    अलग होने के लिए दंपती पहुंचे थे कोर्ट बाहर निकले फिर हाथ थाम कर

    कुटुंब न्यायालय के भीतर दाखिल तो आपसी विवाद के चलते हुए थे और कोर्ट में लिखकर दिया था कि अब साथ रहना संभव नहीं। शनिवार को जब कोर्ट रूम से बाहर निकले तो एक दूसरे का हाथ थामे थे और फिर से घर बसाने का इरादा कर लिया। शनिवार को कुटुंब न्यायालय में 44 ऐसे ही दंपति फिर से एक हुए और पारिवारिक जीवन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

    शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के अंतर्गत कुटुंब न्यायालय में चार खंडपीठ बनाकर सुनवाई की गई। कुल 460 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए। इनमें 155 प्रकरणों को राजीनामे के आधार पर समाप्त किया गया। 44 दंपती आपसी सहमति से फिर एक साथ रहने को राजी हुए।

    प्रथम अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश संगीता मदान, द्वितीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश एससी श्रीवास्तव, तृतीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश माया विश्वलाल व अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश राकेश कुमार जैन ने दीप प्रज्वलन कर लोक अदालत की शुरुआत की। लोक अदालत में एडवोकेट जितेंद्र सिंह ठाकुर, प्रणय शर्मा, प्रीति मेहना, विजय राठौर, प्रशांत गिलोरे एवं अन्य अधिवक्ताओं का सहयोग रहा।

    फिर बनी जोड़ियां

    बाणगंगा निवासी 26 साल की महिला और खंडवा रोड के 28 वर्षीय युवक चार वर्षीय पुत्र होने के बावजूद विवाह विच्छेद करना चाह रहे थे। इसी तरह तलावली चांदा के 36 वर्षीय पुरुष और 35 वर्षीय महिला दंपती भी अलग होना चाह रहे थे। दोनों शासकीय नौकरी में हैं। दो संतानों के बाद भी दोनों में विवाद बढ़ने लगे। न्यायाधीश के समझाने के बाद दंपती फिर एक हो गए।

  • Indore Jhanki 2024: इंदौर में अनंत चतुर्दशी की झांकियों में दिखेगी धर्म, पर्यावरण और विकास की झलक

    इंदौर में मालवा मिल की झांकी में हनुमान जी का दृश्य।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। अनंत चतुर्दशी पर 17 सितंबर को पूरा शहर रतजगा करेगा। झांकियों का चल समारोह शाम को जेल रोड से निकलना शुरू होगा, लेकिन इसे देखने के लिए दोपहर बाद से ही दुकानों के ओटलों से लेकर छतों पर हजारों लोग अपनी जगह तय कर चुके होंगे।

    झांकियों की परंपरा 1923 में सेठ हुकमचंद द्वारा हुकमचंद मिल से शुरू की गई थी, जो आज भी जारी है। इन झांकियों के लिए सैकड़ों कलाकार पिछले 20 दिनों से लगातार काम कर रहे हैं। जहां यह झांकियां आध्यात्मिकता से सराबोर रहेंगी, वहीं आधुनिकता की झलक भी देखने को मिलेगी। इस बार 30 से अधिक झांकियां निकाली जाएंगी।

    हुकमचंद मिल – 101वां वर्ष

    पहली झांकी – सत्यम-शिवम-सुंदरम पर आधारित है। इसमें कलात्मक रूप से मंदिर बनाए गए हैं।

    दूसरी झांकी – कृष्ण जन्मोत्सव पर आधारित है। इसमें नंदबाबा के गांव में कृष्ण जन्मोत्सव मनाते हुए दिखाया गया है।

    तीसरी झांकी – श्रीकृष्ण व इंद्र युद्ध पर आधारित है। इसमें पारिजात वृक्ष, विशाल हाथी पर इंद्र व गरुड़ पर कृष्ण सवार होंगे।

    मालवा मिल – 90वां वर्ष

    पहली झांकी – सीता स्वयंवर पर आधारित है। इसमें प्रभु श्रीराम माता सीता को हार पहनाते हुए दिखाई देंगे।

    दूसरी झांकी – कृष्ण लीला पर आधारित है। इसमें श्रीकृष्ण की बाललीलाओं को प्रदर्शित किया गया है।

    तीसरी झांकी – सद्भावना पर आधारित है। इसमें भारत माता के पीछे तिरंगा चक्र घूमते हुए दिखेगा।

    होप टेक्सटाइल्स – 75वां वर्ष

    पहली झांकी – गणेशजी पर आधारित है। इसमें मां पार्वती द्वारा बाल गणेश को वस्त्र भेंट करते हुए दिखाया गया है।

    दूसरी झांकी – शिव तांडव पर आधारित है। इसमें माता सती द्वारा यज्ञाग्नि में दाह करने के बाद शिव का रौद्र रूप दिखाया गया है।

    कल्याण मिल – 95वां वर्ष

    पहली झांकी – माता कालका द्वारा रक्तबीज का वध और माता दुर्गा की देवों द्वारा आराधना करते दिखाया है।

    दूसरी झांकी – राष्ट्रीय विषय एकता-अखंडता, हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देते हुए है। दूसरे भाग में हंसी-खुशी से झूलती हुई लाड़ली बहनाओं को दिखाया गया है। अमृत महोत्सव की झलक है।

    स्वदेशी मिल – 95वां वर्ष

    पहली झांकी – हनुमानजी पर आधारित है। इसमें अहिरावण का वध कर प्रभु राम और लक्ष्मण को छुड़ाते हुए दिखाया गया है।

    दूसरी झांकी – मोबाइल पर आधारित है। इसमें मोबाइल के दुष्परिणाम दिखाए गए हैं।

    तीसरी झांकी – कुंभकर्ण पर आधारित है। इसमें छह माह तक लगातार सोने वाले कुंभकर्ण को जगाते हुए दिखाया गया है।

    राजकुमार मिल- 89वां वर्ष

    पहली झांकी – मोटी-पतलू पर आधारित है। इसमें मोटी-पतलू के अलग-अलग कार्टून हैं।

    दूसरी झांकी – वासुकि नाग और गरुड़ युद्ध पर आधारित है। इसमें समुद्र मंथन के लिए वासुकि नाग को ले जाते दिखाया गया है।

    आईडीए – 27वां वर्ष

    पहली झांकी – विकास पर आधारित है। इसमें स्टार्टअप पार्क, स्वीमिंग पुल, आइएसबीटी, फ्लाईओवर आदि होगा।

    दूसरी झांकी – हनुमानजी पर आधारित है। इसमें 25 फीट ऊंचे हनुमानजी संजीवनी बूटी लाते दिखाई देंगे।

    तीसरी झांकी – श्रीकृष्ण पर आधारित है। इसमें वह भीष्म पितामह पर प्रहार करते हुए दिखेंगे।

    इंदौर नगर निगम – 28वां वर्ष

    पहली झांकी – अहिल्या माता की जयंती पर आधारित है। पालकी में अहिल्या माता दर्शन देते हुए दिखेंगी।

    दूसरी झांकी – अभिमन्यु पर आधारित रहेगी। इसमें सुरेखा हरण का चित्रण होगा।

    तीसरी झांकी – स्वच्छता पर आधारित होगी। इसमें एक पेड़ मां के नाम सहित अन्य योजनाओं की जानकारी होगी।

    चौथी झांकी – डिजिटल विषय पर रहेगी। इसमें एप, पोर्टल आदि आनलाइन व्यवस्थाओं की जानकारी होगी।

    खजराना मंदिर – 19वां वर्ष

    पहली झांकी – गणेशजी पर आधारित है। इसमें गणेशजी अपने माता-पिता की परिक्रमा करते दिखेंगे।

    दूसरी झांकी – सौर ऊर्जा पर आधारित है। इसमें सौर ऊर्जा योजना और उसके फायदे के बारे में बताया गया है।

  • इंटरनेट मीडिया पर महिला मित्र ने ब्लाक किया, गुस्से में लगा दी आठ गाड़ियों में आग

    कारो में आग लगाने वाला आरोपित संजय किरार।

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    आरोपित करता था युवती से एकतरफा प्रेमदोस्त की कार को लेकर धोखे सेसीसीटीवी फुटेज से हुई आरोपित की पहचान

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। सिटी सेंटर स्थित राजकमल अपार्टमेंट की पार्किंग में खड़ी आठ गाड़ियों की आगजनी का राजफाश हो गया है। आग गुढ़ी-गुढ़ा का नाका क्षेत्र में रहने वाले संजय किरार ने लगाई थी। वह राजकमल अपार्टमेंट में रहने वाली युवती से एकतरफा प्रेम करता था।

    इंटरनेट मीडिया पर भी लगातार उसे मैसेज कर रहा था। जब युवती ने ब्लाक किया तो गुस्से में उसकी गाड़ी में आग लगाने राजकमल अपार्टमेंट पहुंचा। यहां एक गाड़ी में आग लगाने के चक्कर में आसपास खड़ी गाड़ियां भी जल गई।

    8 सितंबर की रात राजकमल अपार्टमेंट की पार्किंग में खड़ी आठ गाड़ियों में आग लग गई थी। यहां रहने वाले लोगों की शिकायत पर यूनिवर्सिटी थाना पुलिस ने एफआइआर दर्ज की थी। यूनिवर्सिटी थाना प्रभारी उपेंद्र छारी ने बताया कि आगजनी की घटना के बाद सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। इसमें एक युवक आग लगाता दिखा। वह कार से यहां आया था। कार के नंबर के आधार पर पुलिस कार मालिक तक पहुंची तो उसने बताया कि उसका दोस्त संजय किरार उसकी कार धोखे से ले गया था। शराब पी रहे थे, इसी दौरान गुपचुप कार लेकर भाग गया।

    संजय के घर पुलिस पहुंची और उसे पकड़ा तो कहानी खुल गई। संजय ने बताया कि यहां एक युवती रहती है। इंटरनेट मीडिया पर उसकी दोस्त है। उससे चैटिंग होती थी। वह उससे एकतरफा प्रेम करने लगा। युवती ने इससे इंकार कर दिया। जब युवती ने इंकार किया तो वह बार-बार मैसेज करने लगा। इस पर युवती ने उसे ब्लाक कर दिया। उस दिन वह गुस्से में युवती की स्कूटी जलाने के लिए आया था। स्कूटी पर माचिश की तीली फेंकी, तभी कार आसपास खड़ी गाड़ियों तक पहुंच गई।

  • MP News: खेल अकादमियों में पैरा खिलाड़ियों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण, मंत्री विश्वास सारंग ने किया ऐलान

    पैरालिंपिक कांस्य विजेता कपिल परमार का स्वागत करते खेल मंत्री विश्वास सारंग।

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    पैरा खिलाड़ियों के लिए नौकरी के साथ विशेष बजट का प्रविधान भी होगा। पेरिस पैरालिंपिक में कांस्य विजेता कपिल परमार से मिले खेल मंत्री विश्वास सारंग।15 साल पहले हुए एक हादसे में कपिल परमार की आंखों की रोशनी चली गई थी।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। पिछले दिनों पेरिस में खेले गए पैरालिंपिक-2024 में कांस्य पदक जीतने वाले मप्र के लाड़ले सपूत कपिल परमार शुक्रवार को भोपाल पहुंचे। यहां पर उनका भव्य स्वागत किया गया। प्रदेश के खेल व युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने तात्या टोपे स्टेडियम में कपिल से भेंट कर उन्हें सम्मानित किया और पैरालिंपिक गेम्स में पदक जीतने पर बधाई दी।

    इस मौके पर खेल मंत्री सारंग ने पैरा खिलाड़ियों के हित में एक बड़ी घोषणा की। मंत्री सारंग ने कहा कि प्रदेश की सभी खेल अकादमियों में पैरा खिलाड़ियों के लिए अलग से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। पैरा खिलाड़ियों के लिए नौकरी के साथ विशेष बजट का भी प्रविधान किया जाएगा।

    मप्र खेल अकादमी के खिलाड़ी हैं कपिल

    गौरतलब है कि कपिल परमार पैरालंपिक जूडो में पदक जीतने वाले देश के पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने मप्र राज्य जूडो अकादमी में प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने 28 अगस्त से 80 सितंबर तक पेरिस में खेले गए पेरालिंपिक में पुरुषों की जे1-60 किग्रा श्रेणी में कांस्य पदक के मुकाबले में ब्राजील के एलिल्टन डी ओलीवेरिया को हराकर यह सफलता प्राप्त की थी।

    हादसे में खो दी थी आंखों की रोशनी

    कपिल मूलतः सीहोर के निवासी है। वर्ष 2009-10 में करंट लगने से उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। कपिल 80 प्रतिशत ब्लांइड हैं। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में जूडो को खेलना प्रारंभ किया था। उन्होंने पहली बार पेरालिंपिक में हिस्सा लिया था। कपिल अब तक 17 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने अब तक 08 स्वर्ण पदक सहित कुल 13 अंतरराष्ट्रीय पदक अर्जित किए हैं।

  • भारी बारिश से डबरा में फंसे 525 लोगों को सुरक्षित निकाला, DM ने कहा- रिश्तेदारों के यहां चले जाएं लोग!

    डबरा में अति बारिश से बढ़ी मुश्किलें।

    HighLights

    राहत शिविरों में भोजन और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था की गई।सेना और एसडीआरएफ ने मिलकर बचाव कार्यों में सहयोग किया।मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की सहायता प्रदान की है।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। 12 सितम्बर 2024 को जिले की डबरा तहसील के ग्राम सेंकरा व खेड़ीरायमल में पानी के बीच फंसे लगभग 125 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। जिले के कई ग्रामों से कुल मिलाकर अब तक लगभग 525 लोगों को जिला प्रशासन व जनपद पंचायतों की टीमों ने एसडीआरएफ के सहयोग से सुरक्षित निकाला है। इन सभी लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में आश्रय दिलाया है। जिला प्रशासन ने राहत शिविरों में खाद्य पदार्थों व दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था की है। अतिवृष्टि से प्रभावित जिले के ग्रामों में संयुक्त टीमें लगातार भ्रमण कर लोगों की मदद कर रही हैं।

    कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि डबरा तहसील के ग्राम सेंकरा में चारों ओर से हुए जल भराव में फंसे लोगों को निकालने के लिये राज्य शासन के माध्यम से हैदराबाद से एनडीआरएफ का दल विशेष विमान से ग्वालियर रवाना हुआ था। हेलीकॉप्टर भी बुलाए गए थे, लेकिन स्थानीय स्तर पर ही जिला प्रशासन व जनपद पंचायत के संयुक्त दलों ने कड़ी मेहनत व सूझबूझ के साथ एसडीआरएफ के सहयोग से ग्राम सेंकरा व खेड़ीरायमल में पानी के बीच फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया, इसलिए हैदराबाद से आ रहे दल के सहयोग की जरूरत नहीं पड़ी।

    थल सेना की दो टुकड़ी भी कर रही हैं बचाव कार्य में मदद

    जिले में अतिवृष्टि से निर्मित हुई जल भराव की स्थिति से प्रभावित गांवों व शहरी क्षेत्र में सेना की भी मदद ली जा रही है। जिला प्रशासन के सहायता मांगे जाने पर थल सेना भी बचाव कार्य में मदद कर रही है। कलेक्टर चौहान ने बताया कि आर्मी कैन्ट मुरार की दो बड़ी टीमें बचाव कार्य में सहयोग के लिये आ गई हैं। एक टीम मुरार क्षेत्र में और दूसरी टीम डबरा क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य में सहयोग करने में जुटी हैं। एनडीआरएफ की टीमें भी ग्वालियर जिले में बचाव कार्य में सहयोग के लिये पहुंच चुकी हैं।

    जिला पंचायत सीईओ के नेतृत्व में बचाव कार्य में जुटी रहीं टीमें

    कलेक्टर चौहान के निर्देश पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार गुरुवार को दिन भर जिले के जल भराव वाले गांवों के भ्रमण पर रहे। उन्होंने क्षेत्रीय एसडीएम, जनपद पंचायतों के सीईओ, विद्युत वितरण कंपनी व खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ विभिन्न ग्रामों में सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिलाया। क्षेत्रीय ग्राम पंचायतों के सहयोग से राहत शिविरों में भोजन के पैकेट भी वितरित करवाए। उन्होंने अपनी मौजूदगी में ग्राम लिधौरा और मिलघन में लोगों को संयुक्त टीमों के सहयोग से सुरिक्षत रूप से बाहर निकलवाया।

    इन गांवों से किया लोगों को रेस्क्यू

    जिला प्रशासन, जनपद पंचायत व अन्य विभागों की संयुक्त टीमों ने एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रबंधन दल) ने आदिवासी का पुरा उटीला से 15 लोगों, सासन भितरवार से 38, नंदों का डेरा डबरा से 70, खेड़ीरायमल व सेंकरा डबरा से लगभग 140, गुरुनानकनगर डबरा से लगभग 135 व ग्राम इकहरा तहसील तानसेन से लगभग 50 लोगों को सुरक्षित रूप से पानी से बाहर निकालकर राहत कैम्पों में पहुंचाया गया है। इसके अलावा ग्राम मिलघन व लिधौरा से भी लगभग 40 लोगों का सफल रेस्क्यू किया है। जिला प्रशासन की टीमें अभी भी प्रभावित गांवों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचकर राहत व बचाव कार्यों का जायजा लिया।

    कई बांधों से लगातार छोड़ा जा रहा है पानी

    पिछले दिनों से लगातार जारी बरसात से तिघरा, रमौआ, ककैटो, अपर ककैटो, पहसारी व हरसी सहित ग्वालियर जिले के सभी प्रमुख बांध पानी से लबालब हो गए हैं। सभी डैमों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने इन बांधों के कमाण्ड क्षेत्र व डाउन स्ट्रीम (निचले क्षेत्र) में बसे गांवों के निवासियों से सावधान रहने की अपील की है।

    आगे भी भारी बारिश का अनुमान

    कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा है कि मौसम विभाग ने आगे भी भारी बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है। समस्त जिलेवासी पूरी सावधानी बरतें। उन्होंने अपील की है कि उनके घर की दीवारें व छत कमजोर हो, तो वे जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किए गए शासकीय भवनों में आश्रय ले लें या फिर अपने रिश्तेदारों के घर चले जाएं। जिले में गुरुवार की सुबह तक लगभग 1008 एमएम बारिश हो चुकी थी, जो पिछले साल से 463.8 एमएम अधिक है। पिछले साल इस अवधि में 544 एमएम बारिश दर्ज की गई थी।

    मृत लोगों के परजिनों 4–4 लाख की आर्थिक सहायता

    ग्वालियर जिले में पिछले दिनों से लगातार जारी भारी बारिश की वजह से निर्मित हुई स्थितियों से जिले में चार लोगों की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 4–4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के घाटीगांव में पाटई नाला में एक व्यक्ति के तेज बहाव में बह जाने की सूचना जिला प्रशासन को मिली है। इसके अलावा जखारा ग्राम में कच्चा मकान गिरने से उमा बघेल, ग्राम सेंथरी में कच्चा मकान गिरने से मुकेश बघेल व ग्राम कोसा में कच्चे मकान के गिरने से अमन पुत्र धर्मेन्द्र रावत की मौत हुई है।

  • दतिया में किले की दीवार ढहने से 5 लोगों की मौत, अब भी मलबे में फंसे हैं दो लोग

    दतिया किला व दतिया किले की ढही हुई दीवार।

    HighLights

    रात तीन बजे के करीब ढही किले की दीवार। रेस्क्यू टीम कर रही निकालने का कोशिश। पुलिस व प्रशासन के अफसर मौके पर मौजूद।

    नईदुनिया प्रतिनिधि. दतिया। अंचल में हो लगातार हो रही बारिश से राजगढ़ किले की दीवार ढह गई। दीवार ढहने से 9 लोग दब गए। आसपास के लोगों ने 2 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। अभी तक दीवार के नीचे से पांच लोगों के शव निकाल लिए गए हैं। सभी एक ही परिवार के हैं। दो की तलाश की जा रही है।

    जिन लोगों की मौत हुई है उनमें निरंजन वंशकार, ममता पत्नी निरंजन, राधा पुत्री निरंजन, सूरज पुत्र निरंजन, शिवम पुत्र निरंजन एक ही परिवार के लोग शामिल हैं। हादसे में घायलों में मुन्ना पुत्र खित्ते वंशकार व उसका बेटा आकाश शामिल हैं।

    तेज आवाज आई थी

    लोगों ने बताया कि सुबह करीब साढ़े 3 बजे बहुत तेज आवाज आई। बाहर निकले तो देखा तो किले की दीवार गिर गई है। हमने दो लोगों को तत्काल बाहर निकला और पुलिस व प्रशासन को सूचना दी। मौके पर कलेक्टर संदीप मकीन, एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा, कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा और एसडीईआरएफ की टीम पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन करना शुरू कर दिया।

    मौके पर मौजूद लोगों ने रेस्क्यू की गति धीमी होने का आरोप लगाकर सुबह करीब 8 बजे हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि मलबा हटाने में लापरवाही बरती जा रही है। सुबह 4 बजे से मलबा हटाया रहा है, लेकिन रेस्क्यू टीम एक भी आदमी को बाहर नहीं निकाल पाई है।

    मलबे की चपेट में निरंजन बंशकार ​​​​​और उसकी बहन का परिवार आया है। अंदेशा जताया जा रहा है कि बीते 30 घंटे से लगातार हो रही बारिश के चलते किले की दीवार कमजोर हो गई थी।

    अन्य जगहों पर भी ढहे घर

    लगातार तेज बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में एक दर्जन से अधिक मकान ढह गए। इस दौरान इंदरगढ़ के वार्ड क्रमांक 10 में करीब बारह कच्चे मकान गिर जाने से वहां के परिवारों को तहसीलदार शिल्पा सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्कूलों में शिफ्ट कराया। इन परिवारों में स्कूलों में ही रात गुजारी। ग्राम छेंकुरी में भी बिजली गिरने से नरेश बघेल पुत्र जगराम बघेल का मकान ढह गया। जिससे वहां पास ही रखा ट्रैक्टर, बाइक और मकान में रखा खाने पीने का सामान नष्ट हो गया। गनीमत रही कि परिवार के लोग बाल बाल बच गए। वहीं ग्राम पैंता में लक्ष्मीनारायण पुत्र हल्के दांगी का मकान की छत ढह गई। जिससे घर के बर्तन, अनाज आदि दब गए। बारिश से निर्मल केवट पैंता, चेतराम अहिरवार निवासी बीकर एवं राजू सेन सड़वारा के भी कच्चे मकान ढह गए।

  • तीन माह के गर्भ में ही पता चल जाएगा शिशु को सिकल सेल एनीमिया तो नहीं, मप्र के तीन मेडिकल कॉलेजों में विशेष जांच शुरू करने की तैयारी

    गर्भवती महिला की होगी जांच (प्रतीकात्मक चित्र)

    HighLights

    एक एनजीओ के माध्यम से कुछ जिलों में सुविधा शुरू।इसको लेकर एम्स से भी अनुबंध करने की तैयारी है। सरकार चला रही सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम।

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक देश को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में प्रदेश में जांच और उपचार की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित संतान का जन्म न हो, इसलिए गर्भ में ही रक्त परीक्षण किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इसके लिए मेडिकल कॉलेजों से प्रस्ताव मांगे हैं। अभी तक इंदौर, जबलपुर और रीवा के सरकारी मेडिकल कॉलेज ने प्रस्ताव दिया है।

    एम्स भोपाल से भी इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की ओर से अनुबंध करने की तैयारी है। इस जांच में गर्भावस्था के पहले तीन माह में शिशु के रक्त के सैंपल निकालकर जांच की जाती है। जांच के बाद अगर शिशु बीमारी से प्रभावित मिलता है तो गर्भ समापन कराया जाएगा। अभी एक गैर सरकारी संगठन के सहयोग से कुछ जिलों में यह सुविधा कुछ मामलों में शुरू की गई है।

    यह बीमारी मुख्य रूप से मध्य प्रदेश सहित देशभर में ज्यादातर आदिवासियों में पाई जाती है। इसमें खून बनाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं का आकार बदल जाता है, जिससे रोगी के शरीर में रक्त नहीं बनने से इसकी कमी हो जाती है। रक्त कम होने से उसे दूसरी बीमारियों भी घेरने लगती हैं। इसके उन्मूलन के लिए प्रदेश में पीड़ितों या वाहकों का आपस में विवाह रोका जा रहा है। इसके लिए जेनेटिक कार्ड बनाया गया है। जेनेटिक काउंसलिंग भी की जा रही है।

    युवक-युवती के जेनेटिक कार्ड के मिलान से यह पता चल जाता है कि विवाह करना उचित है या नहीं। प्रदेश में वर्ष 2018 में दो जिलों में सामान्य लोगों का रक्त परीक्षण कर बीमारी की पहचान की शुरुआत की गई थी। अभी तक 63 लाख लोगों की जांच हो चुकी है, जिसमें 21 हजार रोगी और एक लाख 34 हजार वाहक मिले हैं। प्रदेश की अग्रणी भूमिका होने के कारण ही प्रधानमंत्री ने इस बीमारी के उन्मूलन की शुरुआत मप्र से की थी।