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  • महिला ने ससुर की लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर की आत्महत्या

    महिला ने ससुर की लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर की आत्महत्या! सांकेतिक फोटो।

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    आत्महत्या करने से पहले महिला का हुआ था पति से झगड़ापरिवार के लोगों के सोने के बाद महिला ने उठाया कदममृतका के चार हैं बच्चे, मां के शव को देखकर बिलख पड़े

    नप्र, ग्वालियर/भितरवार । बेलगढ़ा के गदौठा गांव में रहने वाली 35 वर्षीय नीतू पत्नी कमल सिंह रावत ने ससुर की लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह कदम नीतू ने रात करीब एक बजे उठाया, जब घर में मौजूद सभी लोग सो गए। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वजह के बारे में पुलिस को पता चला है कि नीतू और कमल के बीच अक्सर झगड़ा होता था। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।

    नीतू और उसके पति कमल में बीते रोज भी झगड़ा हुआ था। रात करीब एक बजे अचानक गोली चलने की आवाज आई। स्वजन दौड़कर पहुंचे तो देखा कि दरवाजे के पास नीतू खून से लथपथ पड़ी हुई थी। रात में ही पुलिस यहां पहुंची। शव को पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया। अभी मृतका के मायके वालों के बयान नहीं हो सके हैं।

    चार बच्चे, मां की लाश देखकर बिलख पड़े

    नीतू के चार बच्चे तीन बेटी और एक बेटा है। मां की लाश देखकर चारों बच्चे बिलख पड़े। रिश्तेदारों ने इन्हें संभाला। नाल पेट पर सटाई, पैर से ट्रिगर दबाया: फोरेंसिक एक्सपर्ट ने पड़ताल की तो सामने आया कि बंदूक की नाल पेट पर सटाकर गोली चलाई है। पैर से ट्रिगर दबाया। गोली पेट को चीरकर गोली निकली।

    वीरपुर बांध पर पांच करोड़ रुपये से होंगे सुंदरीकरण कार्य

    शहर में मानसून के मेहरबान होने के कारण सालों बाद वीरपुर बांध भी लबालब हो गया। ऐसे में इसके सुंदरीकरण के लिए फिर से प्रयास किए गए हैं। नगर निगम ने यहां पांच करोड़ रुपये की लागत से सुंदरीकरण कार्यों, हरियाली, पाथवे निर्माण आदि का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। इसमें जलसंसाधन विभाग से भी सहमति ली गई है, ताकि समन्वय के साथ में इसे संवारने का काम हो सके।

    इसके चलते रविवार को जलसंसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री राजेश चतुर्वेदी सहित नगर निगम के अधिकारियों ने बांध का निरीक्षण किया। यहां अधिकारियों ने मौके पर नक्शा आदि बनाकर चर्चा की कि हरियाली बढ़ाने के साथ ही बांध पर पर्यटन की भी संभावनाएं देखी जाएं। संभावना जताई गई है कि जल्द ही शासन स्तर से भी मंजूरी मिल सकेगी। गौरतलब है कि यहां पूर्व में स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने भी सुंदरीकरण कार्य कराया था और अब नगर निगम इसे आगे विस्तार देगा।

  • गुजरात के जिस कारागार में बनाई थी सुरंग, फिर वहीं जाने की मांग कर रहे भोपाल जेल में बंद सिमी आतंकी

    भोपाल सेंट्रल जेल, जहां बंद हैं सिमी आतंकी (प्रतीकात्मक फोटो)

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    साबरमती जेल से 2013 में सिमी आतंकियों ने की थी भागने की कोशिश। जेल में 20 फीट लंबी सुरंग भी खोद ली थी, तभी उनका राजफाश हो गया। वर्ष 20217 में इन आतंकियों को भोपाल सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था।

    शशिकांत तिवारी, नईदुनिया: भोपाल। भोपाल की केंद्रीय जेल में बंद प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी ) के 11 आतंकी गुजरात के साबरमती जेल में रहना चाहते हैं। यह वही जेल हैं, जहां वर्ष 2013 में सिमी का मास्टरमाइंड सफदर नागौरी सहित अन्य आतंकियों ने जेल में सुरंग बनाकर भागने की योजना बनाई थी। लगभग 20 फीट लंबाई तक सुरंग खोद भी डाली थी। इसी बीच पपीता तोड़ने गए जेल के एक सुरक्षाकर्मी को इसकी भनक लग गई। पपीता जहां पर गिरा, वहां सुरंग का एक सिरा था, जिसके ऊपर लोहे की प्लेट रखी हुई थी।

    जल्द कोर्ट में सुनवाई

    सिमी आतंकियों की शिफ्टिंग के मामले में मध्य प्रदेश सरकार की याचिका पर 30 सितंबर को गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। वर्ष 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट मामले में सिमी आतंकियों को साबरमती जेल में बंद रखा गया था। मप्र में भी इनमें कुछ के विरुद्ध अपराध कायम होने के बाद उन्हें साबरमती जेल से 2017 में भोपाल लाया गया था। इनमें सफदर नागौरी भी शामिल था।

    चार साल पहले लगाई थी याचिका

    इन सभी ने लगभग चार वर्ष पहले अहमदाबाद की विशेष टाडा कोर्ट में याचिका लगाकर खुद को साबरमती जेल में शिफ्ट करने की मांग की थी। इसके पीछे उनका तर्क था कि वे भोपाल जेल में सुरक्षित नहीं हैं। यहां उन्हें नजरबंद करके रखा जाता है। अंधेरे में रखा जाता है। उनकी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि कोर्ट में पेशी पर ले जाने के दौरान उनका एनकाउंटर किया जा सकता है, जिससे उनकी सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जेल से ही की जाने लगी है। वे जेल में कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं।

    उनकी याचिका पर टाडा कोर्ट ने उन्हें साबरमती जेल में शिफ्ट करने के आदेश भी दे दिए थे। इस पर रोक के लिए मप्र सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है, जहां से आतंकियों की शिफ्टिंग पर स्थगन है। मामले में सुनवाई 30 सितंबर को होने वाली है। बता दें कि इन 11 आतंकियों में नागौरी सहित छह को अहमदाबाद बम ब्लास्ट मामले फरवरी 2022 में फांसी की सजा भी सुनाई जा चुकी है, जिस पर आतंकियों ने क्षमा याचिका लगा रखी है।

  • घर में दूसरी औरत को देख दंग रह गई पत्‍नी, पति ने चुपके से कर डाली थी दूसरी शादी, पोल खुली तो दिया तीन तलाक

    रतलाम में दर्ज किया गया तीन तलाक का केस।

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    रतलाम के जावरा में आया तीन तलाक का मामला। आरोपी ने पहली पत्‍नी से छुपकर की थी दूसरी शादी। पति के खिलाफ दूसरी पत्नी दर्ज ने दर्ज कराया केस।

    नईदुनिया न्यूज, रतलाम/जावरा। जावरा के एक युवक द्वारा पहली शादी की बात छिपाकर खाचरौद की युवती से दूसरी शादी करने और बाद में सच्चाई सामने आने पर दूसरी पत्नी को तीन तलाक देने का मामला सामने आया है। दूसरी पत्नी ने पति के खिलाफ जावरा शहर थाने में तीन तलाक का केस दर्ज कराया है। पुलिस प्रकरण दर्ज कर जांच कर रही है।

    जानकारी अनुसार फरियादी शबनम बी ने जावरा शहर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उसकी शादी 10 अगस्त 2020 को मुस्लिम रिवाज से आरोपित पति मोहम्मद रफीक पुत्र मुन्ना खां निवासी ऊंटखाना जेल रोड जावरा से हुई थी। शादी के बाद से वह पति रफीक के साथ जावरा में रह रही थी। उन्हें एक पुत्र है।

    घरेलू विवाद के चलते वे सात-आठ माह पहले पुत्र को लेकर मायके चली गई थी। मायके से 15 जून 2024 को वापस ससुराल जावरा पहुंची तो घर में आफरीन बी नाम की महिला मिली।

    पति से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह उसकी पहली पत्नी है। उन्होंने पति से कहा कि शादी के पहले यह बात क्यों नहीं बताई। इस पर आरोपित रफीक ने कहा कि उसके साथ रहना है तो रहो, नहीं तो अपने मायके चले जाओ।

    वह तुम्हे तलाक देता है और तीन बार तलाक..तलाक कह दिया। इसके बाद से वह मायके में ही रह रही है। 26 सितंबर को शबनम ने रिपोर्ट दर्ज कराई।

    पुलिस के अनुसार आरोपित मोहम्मद रफीक के खिलाफ मुस्लिम विवाह अधिनियम की धारा 3/4 व भादंवि की धारा 417 के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना की जा रही है।

  • अमरकंटक मार्ग पर बस ने बाइक सवार छात्रों को मारी टक्कर, दो मृत

    नईदुनिया प्रतिनिधि, डिंडौरी। कोतवाली अंतर्गत अमरकंटक मार्ग पर टांकी नाला के पास तेज रफ्तार बस चालक ने बाइक सवारों को टक्कर मार दी। हादसे में बाइक में सवार दोनों छात्र की मौत हो गई। सूचना पर 108 वाहन द्वारा दोनों को जिला अस्पताल लाया गया।

    जानकारी लगते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामले की विवेचना शुरू की। घटना शनिवार की दोपहर लगभग तीन बजे के आसपास की बताई गई है।

    बस अमरकंटक से डिंडौरी की ओर आ रही थी, वहीं बाइक सवार छात्र डिंडौरी से गाडासरई सडवाछापर जा रहे थे। दुर्घटना में बाइक में सवार आशीष झारिया पिता भूपेन्द्र झारिया उम्र 18 वर्ष और विवेक बंसल पिता अनुज बंसल उम्र 18 वर्ष दोनों निवासी ग्राम सडवाछापर की मौत हुई है।

    सूचना मिलते ही 108 वाहन से दोनों छात्र को जिला अस्पताल लाया गया, जहां परीक्षण के बाद डॉक्टर ने उन्हे मृत घोषित कर दिया गया।

  • MP News: सरकारी स्कूलों में बच्चों के कम नामांकन से सरकार चिंतित, कलेक्टरों से कहा – विश्लेषण करें

    स्कूल में पढने वाले बच्चे (प्रतीकात्मक चित्र)

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    राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिला कलेक्टरों को लिखा पत्र। स्कूलों में अनमैप्ड स्टूडेंट्स के बारे में मांगी जानकारी।स्टूडेंट्स मैपिंग की प्रगति की समीक्षा करने के भी निर्देश।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों के नामांकन में कमी आई है। इससे सरकार चिंतित है, क्योंकि बच्चों के प्रवेश के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा कि वे पिछले वर्ष की तुलना में विद्यार्थियों के नामांकन में आई गिरावट का विश्लेषण करें।

    स्कूल शिक्षा विभाग कर रहा समीक्षा

    दरअसल, पिछले वर्ष की तुलना में इतने विद्यार्थियों का पंजीयन कम हुआ है, इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग इसकी समीक्षा कर रहा है। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर विश्लेषण करने के लिये कहा है। पत्र में कहा गया है कि मैपिंग का का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। इस प्रक्रिया में स्कूल के शिक्षकों द्वारा बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को स्कूल से अनमैप करके ड्रॉपबॉक्स में भेज दिया गया है। इस वजह से विद्यार्थियों के नामांकन में गिरावट देखने में आ रही है। स्कूल में अनमैप विद्यार्थियों की स्कूलवार और विद्यार्थीवार जानकारी जिले के पास उपलब्ध है। इसकी स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भी समीक्षा की जा रही है। यह कार्य 31 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए। मैपिंग की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा की जाए। विकासखंड स्तर और जनशिक्षा स्तर से भी अनमैप्ड विद्यार्थियों की मैपिंग का लक्ष्य दिया जाए।

    इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि मैपिंग की प्रक्रिया पूरी की जाए। पत्र में कहा गया है कि जो विद्यार्थी ड्रॉपबॉक्स में भेज दिए गए हैं, उन्हें राज्य सरकार की निश्शुल्क पाठय-पुस्तक, गणवेश और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा।

    यह है ड्रॉपबॉक्स

    ड्रॉपबॉक्स दरअसल एक ऐसा ऑनलाइन बॉक्स है, जो सभी की पहुंच में होता है और जिसमें देशभर में स्कूल से अनमैप्ड स्टूडेंट्स की जानकारी होती है। ऐसे स्टूडेंट्स को खोजने के लिए ऑनलाइन सुविधा है, जिससे शाला से अनमैप्ड स्टूडेंट को ट्रैक कर स्कूल में दर्ज किया जा सके। ड्रॉपबॉक्स स्टूडेंट वे स्टूडेंट होते हैं, जो विगत सत्र में किसी स्कूल में दर्ज थे, लेकिन वर्तमान सत्र में किसी भी स्कूल में दर्ज के रूप में दिखाई नहीं दे रहे हैं। सामान्यत: स्कूल शिक्षक स्टूडेंट्स के प्रोग्रेशन के दौरान स्टूडेंट की जानकारी नहीं मिलने की स्थिति में बिना जांच-पड़ताल किए स्टूडेंट को ड्रॉपबॉक्स में भेज देते हैं। इससे गफलत की स्थिति बन जाती है।

  • Nakli Ghee: घी जैसा बताकर बिक रहा नकली घी… धोखेबाजों ने भगवान को भी नहीं छोड़ा, पूजा का घी भी नकली

    डिब्बे की पैकिंग इस तरह की जाती है कि कोई भी उसे असली घी समझ लेता है।

    HighLights

    उपभोक्ता वनस्पति तेल और केमिकल का मिश्रण खरीद रहे हैं।दुकानों से लेकर ई-कामर्स वेबसाइट पर भी हो रही इसकी बिक्री। कई ब्रांड पैक पर लाइट घी या देसी घी जैसा स्वाद लिख देते हैं।

    लोकेश सोलंकी, नईदुनिया इंदौर(Nakli Ghee)। देसी घी जैसा स्वाद, लाइट घी, पूजा घी और बटर से बेहतर जैसी टैग लाइन के साथ घी और मक्खन की नकल बेची जा रही है। दुकान, सुपर स्टोर्स से घी के भ्रम में उपभोक्ता वनस्पति तेल और केमिकल का मिश्रण खरीद रहे हैं।

    दुकानों से लेकर ई-कामर्स वेबसाइट पर भी ऐसे उत्पादों की बिक्री हो रही है। इंदौर में एक दिन पहले पकड़ी गई पांच हजार किलो से ज्यादा नकली घी की खेप भी असल में इसी मार्केटिंग रणनीति का हिस्सा है। नियमों का झोल ऐसा है कि घी की नकल बनाने और बेचने के बावजूद मिलावट की कार्रवाई से ये कारोबारी बच जाते हैं।

    लाइट घी और देसी घी जैसा स्वाद

    कई ब्रांड तो पैक पर लाइट घी या देसी घी जैसा स्वाद लिख देते हैं। इसमें घी शब्द को बोल्ड कर शेष इबारत को छोटा कर दिया जाता है। कोने में या बहुत छोटे अक्षरों में इन पर कुकिंग मीडियम लिखा होता है। शुद्ध घी से 100 से 200 रुपये सस्ता होने से उपभोक्ता लालच में आ जाता है। ब्रांड नेम और पैकिंग देख असली घी समझ खरीद भी लेता है।

    पूजा घी पूरी तरह नकली

    पूजन सामग्री की दुकानों पर पूजा घी के नाम से बिकने वाला घी तो पूरी तरह नकली होता है। इनमें से कई तो अखाद्य तेलों से बने होते हैं। आम उपभोक्ता घी के साथ पूजा जैसा पवित्र शब्द पढ़कर इसे असली मानकर खरीद लेता है। बीते वर्षों में एक के बाद एक कई ब्रांड ऐसे पूजा घी लांच कर चुके हैं। नियमों की अस्पष्टता इन्हें नकली घी बेचने की आजादी दे रही है।

    कार्रवाई के नियम नहीं

    हाई कोर्ट के वकील निमेष पाठक के अनुसार आमतौर पर ऐसे उत्पाद बना रहे कारोबारी पैकिंग पर देसी घी या शुद्ध घी नहीं लिखते हैं। इन पर कुकिंग मीडियम, घी जैसा स्वाद या घी का विकल्प लिखा जाता है। या सिर्फ घी की तस्वीर छापकर ब्रांड नेम छाप दिया जाता है। दरअसल कानून में कहीं भी ऐसी टैगलाइन या तस्वीर को प्रतिबंधित करने का प्रविधान नहीं हैं।

    ऐसे में कानूनन इन पर मिलावट या नकली घी बेचने की कार्रवाई नहीं हो सकती। पैक के पीछे ये बारीक अक्षरों में अवयवों का विवरण लिख देते हैं, जो आमतौर पर उपभोक्ता नहीं पढ़ता। पूजा घी लिखकर भी वे कार्रवाई से बचे रहते हैं क्योंकि उनकी दलील होती है कि यह खाने का नहीं, पूजा के लिए है।

    वेजीटेबल फैट बेचा जा रहा

    बाजार में घी के विकल्प के तौर पर हाइड्रोजनेट तेल और वेजीटेबल फैट बेचा जा रहा है। इससे उपभोक्ता ठगा रहे हैं और बाजार में ब्रांडों विश्वसनीयता भी कम होती है। सरकार को स्पष्ट नियम बनाना चाहिए कि किसी भी ऐसे उत्पाद पर स्पष्ट रूप से बड़े अक्षरों में लिखा जाए कि यह घी नहीं है। – मोतीसिंह पटेल, अध्यक्ष, इंदौर दुग्ध संघ

  • Disaster Rain In MP: किसानों के सपने बर्बाद होने का खतरा, सोयाबीन की खड़ी या कटकर खेतों में पड़ी फसल पर संकट

    सोयाबीन की फसल पर संकट।

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    दानों में काला दाग लगने की आशंका बढ़ गई।अन्य फसलों जैसे मक्का, कपास पर भी संकट है।किसानों का दावा- फसल को 20% नुकसान हुआ है।

    नईदुनिया, मालवा-निमाड़। देश के सबसे बड़े सोयाबीन बेल्ट मालवा-निमाड़ में सोयाबीन की फसल खतरे में है। यह मानसून में हो रही बारिश के कारण पैदा हुआ है। फसल इन दिनों या तो खेतों में खड़ी है या कटने के बाद खलिहान में है। कई जगह तो खेतों में ही सूखने के लिए सोयाबीन की ढेरियां रखी हुई हैं। ऐसे में इन दिनों हो रही बारिश से किसानों परेशान हैं।

    किसानों का दावा है कि रुक-रुककर हो रही बारिश से फसल को करीब 20 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। फसल अभी खेत में खड़ी है, उसके दानों में काला दाग लगने की आशंका भी है। खंडवा जिले में दो लाख हेक्टेयर सोयाबीन में कुछ किस्म में पहले ही अफलन की स्थिति थी। अब जैसे-तैसे उगी फसल पर भी बारिश से संकट है। 20 से 30 प्रतिशत उत्पादन प्रभावित हुआ है। देवास जिले में लगभग 3.45 लाख हेक्टेयर सोयाबीन रकबा है। यहां कीट व्याधि, अफलन की स्थिति के बाद मानसून ने स्थिति और बिगाड़ दी है।

    इस सोयाबीन को हुआ बड़ा नुकसान

    यशवंतनगर खेड़ा के उन्नत किसान जीवन सिंह पवार ने बताया कि कम अवधि वाली सोयाबीन की किस्मों में काफी नुकसान की आशंका है।

    पानी में डूब गई फसल

    शाजापुर जिले में दो दिनों से हुई बारिश के कारण कटाई बंद है। कही-कहीं तो खेतों में कटी रखी फसल बह गई है। बेहरावल के किसान गिरीश पाटीदार, रामचंद्र पटेल, ठाकुर प्रसाद ने बताया कि सोयाबीन काली पड़ने लगी है। 20 से 25 फीसदी उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। झाबुआ जिले में पककर तैयार फसलों को नुकसान की आशंका है, वहीं रतलाम जिले में तेज बारिश से खेतों में काटकर रखी सोयाबीन बह रही है।

    खेतलपुर के किसान गोपाल धाकड़ के अनुसार पकी सोयाबीन पानी लगने से दागी हो जाती है और बेचने पर इसके भाव निम्न स्तर के मिलते हैं। निमाड़ अंचल में मक्का, कपास, मिर्च पर भी संकटखरगोन जिले में सोयाबीन का रकबा 85 हजार हेक्टेयर है। तेज बारिश और खेतों में पानी जमाव के कारण सोयाबीन पांच प्रतिशत और मक्का, कपास व मिर्च सात प्रतिशत खराब हुई है।

    धार जिले में तीन लाख 15 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हुई है। राजगढ़ क्षेत्र के दंतोली ग्राम में 50 प्रतिशत फसल पर दाग लग गया है। जिले में औसतन 15-20 प्रतिशत फसल प्रभावित हुई है। मंदसौर जिले में फसल कटाई का दौर चल रहा है। दो दिनों से जिले में बारिश से खड़ी फसल संकट में है।

  • Transfer in MP: वन विभाग में 32 अधिकारियों के तबादले यहां देखें सूची

    अधिकारियों का तबादला (प्रतीकात्मक चित्र)

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मप्र शासन के वन विभाग ने बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुए 32 आईएफएस अफसरों का तबादला कर दिया है। वन विभाग के सचिव अतुल कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को इसके आदेश जारी कर दिए। तबादला सूची में प्रधान मुख्य वन संरक्षक के अलावा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक, वन संरक्षक, उप वन संरक्षक, वन मंडलाधिकारी, उप वन मंडलाधिकारी जैसे अधिकारियों के नाम शामिल हैं। इन अधिकारियों का तबादला किया गया है…

  • हमारी मौत का जिम्मेदार मेरा भाई… ठेकेदार, पत्नी और इकलौते बेटे की खून से लथपथ मिली लाश, महिला की हथेली पर डेथ नोट

    ग्वालियर में एक साथ परिवार के पूरे सदस्यों की मौत।

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    घर में इकलौते बेटे के साथ मिली पति-पत्नी की लाशगोली लगने से मौत, कमरे में मिली लाइसेंसी रायफलहत्या-आत्महत्या दोनों एंगल से पुलिस कर रही जांच

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: शहर के बहोड़ापुर स्थित बारह बीघा कालोनी में रहने वाले सरकारी ठेकेदार नरेंद्र सिंह चौहान, उनकी पत्नी सीमा और इकलौते बेटे आदित्य की खून से लथपथ लाश मिली है। लाश घर के अंडर बेडरूम में पड़ी मिली। सीमा की हथेली पर लिखा मिला है- हमारी मौत का जिम्मेदार मेरा भाई है, सरकार से अपील है, उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले।

    बंदूक से हत्या या आत्महत्या

    सीमा की लाश बिस्तर पर उल्टी पड़ी है। वह बेटे से लिपटी हुई है। बेटे की लाश चादर के अंदर है, जबकि नरेंद्र की लाश जमीन पर पड़ी है। उसके सिर में गोली लगी है। नरेंद्र की लाश के पास ही 306 बोर की लाइसेंसी रायफल मिली है। फिलहाल पुलिस हत्या और आत्महत्या में उलझी है। पुलिस इसमें हत्या के बाद आत्महत्या के एंगल पर भी पड़ताल कर रही है।

    महिला का भाई लापता

    सीमा का भाई राजीव गौर बहोड़ापुर इलाके में ही स्थित साक्षी हाइट्स अपार्टमेंट में रहता है। पुलिस उसके घर पहुंची, लेकिन वह घर से गायब मिला है। अब उसके मिलने के बाद ही तीन हत्याओं की गुत्थी सुलझ सकेगी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह घटना या तो मंगलवार देर रात या फिर बुधवार तड़के हुई है।

    पड़ोसियों को गोली चलने की नहीं लगी भनक

    चौंकाने वाली बात यह है- गोली चली और पड़ोसियों को भनक तक नहीं लगी। गोली नरेंद्र की लाइसेंसी बंदूक से ही चली है। हत्या और आत्महत्या के एंगल पर पड़ताल करते हुए फोरेंसिक एक्सपर्ट डा.अखिलेश भार्गव ने जांच की तो हाथ पर ब्लैकनिंग भी मिली है। यह तब मिलती है, जब गोली चले। इसके चलते हैंड स्वाब भी कराए गए हैं।

    विवाद या झड़प के निशान नहीं

    पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिस अवस्था में लाश मिली है। उससे लग रहा है- सोते में ही सीमा और आदित्य को गोली मारी गई है। पूरे घर में कहीं भी संघर्ष के निशान नहीं है। अगर झगड़ा होने के बाद ऐसा होता या कोई बाहर से आकर ऐसा करता तो संघर्ष जरूर होता।

    हत्या के एंगल पर भी जांच

    पुलिस हत्या के एंगल पर भी जांच कर रही है। इसके लिए आसपास के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं। पुलिस रिश्तेदार, पड़ोसियों से बात कर रही है। साथ ही मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट भी खंगाल रही है।

  • भोपाल में दोस्त की बर्थडे पार्टी से आकर युवक ने लगाई फांसी

    दोस्त के जन्मदिन की पार्टी से लौटा था युवक

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    बर्थडे पार्टी से लौटकर युवक ने लगाई फांसीनौकरी पर नहीं पहुंचने पर दोस्त को चला पतामृतक युवक के पास से नहीं मिला सुसाइड नोट

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शाहपुरा के भरत नगर में 20 वर्षीय युवक ने फांसी लगा ली। युवक फांसी लगाने से पहले दोस्त की बर्थडे पार्टी में था और देर रात घर पहुंचा था। फोन न उठाने पर सुबह उसका दोस्त तलाशता हुआ कमरे पर पहुंचा, जहां उसे वह फांसी के फंदे पर लटका मिला। पुलिस को मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

    शाहपुरा थाना पुलिस के अनुसार युवक का नाम गंगेश सिंह है, वह मूलत: उत्तरप्रदेश के चित्रकूट का रहने वाला है। वह भोपाल में पिछले तीन वर्षों से रह रहा था। यहां वह ब्लिंकइट कंपनी में काम करता था। सोमवार की रात उसके दोस्त की बर्थडे पार्टी थी, बताया जा रहा है वहां कोई विवाद हुआ था। सुबह वह कंपनी में नौकरी के लिए नहीं पहुंचा तो उसका दोस्त कमरे पर आया, जिसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता लगा रही है।