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  • Rain in MP: 6 दिन में तीसरी बार खुले मध्‍य प्रदेश के भीमगढ़ बांध के गेट, प्रशासन अलर्ट

    दो बार भीमगढ़ बांध के गेट खोले जा चुके हैं, जिन्हें हालात सामान्य होने के बाद दोबारा बंद कर दिया गया था।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। बालाघाट सहित पड़ोसी जिला सिवनी में बारिश का दौर जारी है। सिवनी में मानसून अत्यधिक मेहरबान होने से संजय सरोवर जलाशय (भीमगढ़ बांध) का जल संग्रहण क्षेत्र एक बार फिर लबालब हो गया है। छह दिन बाद शनिवार को तीसरी बार भीमगढ़ बांध के गेट खोले गए हैं। इसके बाद बालाघाट जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।

    दो बार पहले खुल चुके गेट

    इससे पहले दो बार भीमगढ़ बांध के गेट खोले जा चुके हैं, जिन्हें हालात सामान्य होने के बाद दोबारा बंद कर दिया गया था। कलेक्टर डाॅ. गिरीश कुमार मिश्रा ने वैनगंगा नदी क्षेत्र से संबंधित विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, खबर लिखे जाने तक नदी के किनारे में बसे गांवों में बाढ़ जैसे हालात नहीं बने हैं, लेकिन मौसम विभाग की जिले में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए बाढ़ के हालात बनने के आसार से इन्कार नहीं किया जा सकता।

    अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश

    हफ्तेभर पहले प्रशासन ने राहत कार्याें और रेस्क्यू आपरेशन के जरिए लोगों को मदद पहुंचाने का कार्य किया था। छह दिन बाद दोबारा ऐसे हालात बनने की संभावना को देखते हुए कलेक्टर ने एसडीईआरएफ, पटवारी, तहसीलदारों आदि को अलर्ट रहने और अपने-अपने क्षेत्र में स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं।

    20 हजार घन फीट प्रति सेकंड छोड़ा पानी

    जानकारी के अनुसार, शनिवार को भीमगढ़ बांध के तीन गेट खोले गए हैं। दोपहर दो बजे खोले गए इन गेटों से 20 हजार घन फीट प्रति सेकंड पानी छोड़ा गया है। बताया गया कि पहले ये गेट शनिवार शाम छह बजे खोले जाने थे, लेकिन बांध में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गेट को समय से पहले खोल दिया गया। इसके बाद कम हो चुके वैनगंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी भी देखने मिली। बता दें कि हर साल बार‍िश के दिनों में भीमगढ़ बांध में जलस्तर बढ़ने से इनके गेट खोले जाते हैं, जिसका सीधा असर बालाघाट जिले से होकर बहने वाली वैनगंगा नदी के किनारे बसे दो सौ से अधिक गांवों पर पड़ता है।

    इधर, आज भारी वर्षा की संभावना, बढ़ी चिंता

    मौसम विभाग की भारी बार‍िश को लेकर जताई गई संभावना ने प्रशासन को भी चिंता में डाल दिया है। मौसम विभाग के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय से कृषि विज्ञान केंद्र को प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार, जिले में आज रविवार और 31 जुलाई बुधवार को अति भारी बार‍िश की संभावना है।

    किसानों के लिए एडवाइजरी जारी

    कृषि विभाग ने भारी बार‍िश को देखते हुए किसानों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए किसान को खेतों, पेड़ों के नीचे, पहाड़ी इलाकों, चट्टानों के आसपास न जाने की सलाह दी गई है। बारिश और जमा पानी में खड़े होने से बचने, बिजली के हाइटेंशन तारों और टावर से दूर रहने कहा गया है। मवेशियों को खुले में चराते वक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

    कब-कब खोले गए डेम के गेट

    22 जुलाई को पहली बार पांच गेट खोले गए। 23 जुलाई को दो गेट खोले गए। तब सातों गेट से 70 हजार घन फीट जल प्रति सेकंड छोड़ा गया था। 27 जुलाई को फिर तीन गेट से 20 हजार घन फीट जल प्रति सेकंड छोड़ा गया छह दिन पहले 79 परिवारों के 327 सदस्य हुए थे प्रभावित

    बचाव दल को मुस्तैद रहने को कहा

    भीमगढ़ बांध के गेट खोले जाने और जिले में बार‍िश के दौर को देखते हुए पूर्व में ही बचाव दल को मुस्तैद रहने निर्देशित किया गया है। एसडीईआरएफ या अन्य बचाव दल डूब या बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहले से डटे हुए हैं। पटवारी, तहसीलदार आदि को भी अपने-अपने क्षेत्र में अलर्ट रहने कहा गया है। सुरक्षा उपकरणों के साथ बचाव दल तैनात हैं।

    जीएस धुर्वे, अपर कलेक्टर, बालाघाट

  • Indian Railway: यात्रियों को ट्रेन में ही दूध, डायपर, मोबाइल चार्जर, ईयर फोन और उपचार भी दे रहा रेलवे

    रेल में मोजूद यात्री मांग रहे मदद। प्रतीकात्मक फोटो

    नरेन्द्र जोशी, नईदुनिया रतलाम(Indian Railway)। क्या ही गजब हो यदि रेल यात्रा के दौरान आपको अपने शिशु के लिए गाय के गर्म दूध की आवश्यकता हो और एक फोन पर वह आपको चलती ट्रेन में ही मिल जाए। इससे भी बढ़िया तो यह हो कि किसी दवा की जरूरत हो, तो वह भी ट्रेन में ही उपलब्ध हो जाए।

    इतना ही नहीं, अगर बच्चे का डायपर लाना भूल गए हैं, तो एक सूचना देने पर ही उन्हें ट्रेन में डायपर भी मिल जाएंगे। यह सब इन दिनों रतलाम रेल मंडल की ट्रेनों में संभव हो रहा है। दरअसल, रतलाम रेल मंडल इन दिनों यात्री सुविधाओं की किताब में एक नया पृष्ठ लिख रहा है।

    यह सब रेल मदद ऐप, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और टीटीई कॉल जैसे प्लेटफार्म के माध्यम से किया जा रहा है। बीते तीन महीने में ही इससे 700 यात्रियों को सुविधाएं दी गई हैं। केवल जुलाई माह में ही अब तक 237 यात्रियों ने इस सुविधा का लाभ लेते हुए वस्तुओं का ऑर्डर दिया है।

    यद्यपि इसके लिए यात्रियों को उस वस्तु की कीमत का भुगतान करना होता है, जो उसने मंगवाई है। दिलचस्प यह भी है कि पश्चिम रेलवे के सभी रेल मंडलों में रतलाम मंडल को एक्सीलेंट रेटिंग मिली है। यह रेटिंग यात्रियों की संतुष्टि के आधार पर मिली है।

    इस तरह काम करता है सिस्टम

    फेसबुक, एक्स, टीटीई काल सहित अन्य किसी भी माध्यम से सूचना मिलते ही ट्रेन की लोकेशन का पता किया जाता है। इसके बाद अगले स्टेशन तक सूचना पहुंचाई जाती है कि कोच विशेष में, अमुक सीट पर, इस पीएनआर पर यात्रा कर रहे यात्री को इस वस्तु की आवश्यकता है।

    अगले स्टेशन का स्टाफ तुरंत अलर्ट होता है और यात्री द्वारा चाही गई आवश्यक सेवा या वस्तु को जुटाता है। ट्रेन के पहुंचते ही टीम यात्री के पास पहुंचती है और उसे चाही गई सेवा या वस्तु दे दी जाती है।

    रेलवे द्वारा पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य सेवा को, दूसरी प्राथमिकता दूध व डायपर जैसी आवश्यक वस्तुओं को और तीसरी प्राथमिकता यात्रा में आवश्यक अन्य चीजों जैसे मोबाइल चार्जर, ईयरफोन आदि को दी जाती है। यात्री को सेवाओं के बदले भुगतान करना होता है। डाक्टर की सेवा के लिए 200 रुपये शुल्क तय है, शेष वस्तुओं के बिल पर लिखी राशि का भुगतान करना होता है।

    कठोरता से निगरानी भी

    रेलमंडल यात्रियों को सफर के दौरान जरूरत की चीजें उपलब्ध करवाने के लिए लगातार निगरानी भी कर रहा है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या को लेकर रेलवे सबसे ज्यादा अलर्ट रहता है। गत तीन माह में महिला यात्री और बच्चों से संबंधित चीजें (दूध, सैनिटरी नैपकिन, डायपर इत्यादि) मांगे जाने पर पूर्ति की गई है। दिव्यांगजन की मदद की भी 34 सूचनाएं मिलीं, जिन पर तुरंत सहायता पहुंचाई गई है।

    ऐसी ऐसी मांगें

    25 जुलाई : ट्रेन नंबर 11464 में दो साल के बच्चे को पेटदर्द व उल्टी की परेशानी पर रेल मदद से सूचना दी गई। ट्रेन के नागदा जंक्शन स्टेशन पर पहुंचते ही डॉक्टरी सहायता उपलब्ध कराई गई। 17 जुलाई : ट्रेन संख्या 19489 में एक यात्री द्वारा गाय का तीन लीटर गर्म दूध मांगा गया, जो रतलाम स्टेशन पर उपलब्ध करवाया गया।

    यात्रियों को दे रहे सुविधा

    यात्री सुविधाओं के लिए रेल प्रशासन सजग है। सुविधा प्रदान कर रेलमंडल को भी संतुष्टि प्राप्त होती है। – प्रदीप शर्मा, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, रेल मंडल, रतलाम

    सुविधा प्राप्त करने वाले यात्री

    माह यात्रियों की संख्या अप्रैल 210 मई 239 जून 251 25 जुलाई तक 237

  • Kolar River In MP: उफनती कोलार नदी में युवक पुल से नीचे कूदा, तलाश जारी

    रमपुरा-चकल्दी के पास कोलार नदी पर बने पुल पर लगी लोगों की भीड़ व मौके पर पहुंची पुलिस

    HighLights

    मौके पर पहुंची पुलिस ने चकल्दी से सतराना तक दस किमी क्षेत्र में की सर्चिंगतीन बजे एक युवक उफनती कोलार नदी के पुल से नीचे पानी में कूद गयायुवक के नदी में छलांग लगाने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है

    नईदुनिया प्रतिनिधि, सीहोर। जिले के भैरुंदा जनपद के ग्राम पंचायत रमपुरा-चकल्दी में शनिवार की दोपहर करीब तीन बजे एक युवक उफनती कोलार नदी के पुल से नीचे पानी में कूद गया। युवक को कुछ ग्रामीण बच्चों ने दूर से नदी में कूदते हुआ देखा। थोड़ी देर तो वह यह समझे कि वह नदी में तैर रहा है। फिर थोड़ी देर बाद वह उफनती नदी के तेज बहाव में बह गया, सूचना पर रेहटी पुलिस मौके पर पहुंची और नदी में बहे युवक की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन शाम सात बजे तक युवक का पता नहीं चल सका है।

    जानकारी के अनुसार चकल्दी के पास कोलार नदी पर बने पुल से ग्राम नांदियाखेड़ा नरेला जोड़ पर रहने वाले कृष्णपाल पिता मेहताब सिंह मसकोले उम्र 35 वर्ष जब वर्षा के पानी का तेज बहाव था, उस समय छलांग लगा दी। इस दौरान कई बच्चे पुल के आसपास पानी के बहाव को देख रहे थे।

    पहले तो बच्चों को लगा कि युवक नहाने के लिए कूंदा है, लेकिन कुछ दूर बाद वह दिखाई देना बंद हो गया, जिसके बाद उन्होंने उक्त युवक के घर जाकर परिजनों को पुल से कूंदने की सूचना दी, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर रेहटी पुलिस को सूचित किया। इसके बाद रेहटी थाने से मौके पर पुलिस बल पहुंचा।

    युवक की जानकारी जुटाने के साथ ही उसकी तलाश शुरू कर दी है। इस दौरान रेहटी पुलिस ने चकल्दी से सतराना तक करीब दस किमी में सर्चिंग की है। शाम सात बजे तक युवक का पता नहीं चल सका है। हालांकि युवक के नदी में छलांग लगाने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।

    बिना रेलिंग के पुल से हादसे का भय

    ग्रामीणों का कहना है कि तेज वर्षा में बाढ़ के हालात बनने से पुल पर पानी आ जाता है। यहां रेलिंग नहीं होने से हादसे का भी भय बना रहता है। एक साल पहले रेलिंग नहीं होने से यहां से गुजर रहा बाइक सवार भी पुल से नदी में गिर गया था। हालांकि दिन की घटना होने से व बाइक सवार को तैरना आने व ग्रामीणों के मौजूद होने से उसे बचा लिया गया था।

  • Sehore News: जर्जर मकान गिरने से मलबे में दबी बुजुर्ग महिला की मौत, बचावकर्मियों ने सात घंटे की मशक्कत के बाद किया था रेस्क्यू

    रेस्क्यू के बाद महिला को एंबुलेस से भेजा अस्पताल।

    HighLights

    शनिवार सुबह पड़ोसी के मकान की दीवार गिरी। घटना के वक्त रसोई में खाना पका रही थी बुजुर्ग महिला। घटना की खबर लगते ही मौके पर लोगों की भीड़ लग गई।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, सीहोर। नगरीय क्षेत्र में कई जर्जर भवन हैं, जिन्हें नगर पालिका को चिन्हित कर नोटिस देकर उन्हें गिराने की कार्रवाई करनी होती है, जिससे बरसात के समय जर्जर भवन हादसों का कारण न बन सके। लेकिन नगर पालिका की बड़ी चूक सामने आई है, जहां शनिवार को चरखा लाइन स्थित दो जर्जर मकानों के बीच बनी दीवार भरभरा कर पड़ोसी के घर पर गिर गई, जिससे वहां खाना बना रही एक बुजुर्ग महिला दब गई। घटना के तत्काल बाद नगर पालिका का रेस्क्यू अमला मौके पर पहुंचा और बचाव कार्य में जुट गया। करीब सात घंटे की मशक्कत के बाद बुजुर्ग महिला को मलबे से बाहर निकाला जा सका। इसके बाद उसे तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल भेज दिया गया। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

    सुबह हुआ हादसा

    जानकारी के अनुसार चरखा लाइन जैन मंदिर के पास चंद्रकांता शर्मा स्व. भगवानदास शर्मा उम्र 85 वर्ष सुबह 10 बजे अपने भवन में खाना पका रही थी। इसी दौरान पड़ोसी की जर्जर दीवार धराशायी होकर उनके ऊपर गिर गई, जिससे वह मलबे के नीचे दब गई। सूचना मिलते ही नपा अमला मौके पर पहुंचा और वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में रेस्क्यू शुरू कर दिया। वहीं मौके पर एंबुलेंस भी बुलाई गई। जर्जर भवन की दीवार गिरने से आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। बताया जा रहा है कि भवन जर्जर था और दो दिन से लगातार बरसात हो रही है, जिससे भवन की दीवार गिरी है।

    इस भवन में चंद्रकांता अपनी बेटी गुड़िया शर्मा के साथ रहती, जो खाना बनाने में उनकी मदद कर रही थी। किसी सामान की जरुरत पड़ने पर वह दूसरे कमरे में गई थी, तभी अचानक दीवार उनके ऊपर गिर गई। बेटी तो किसी तरह बाहर निकल आई, लेकिन बुजुर्ग महिला मलबे के नीचे दबी है। उनका पोता कार्तिक कुबेरेश्वर काम करने गया था, जिससे वह भी सुरक्षित है।

    सूचना मिलने पर एसडीएम समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए व स्वास्थ्य विभाग का अमला भी 108 के साथ मुस्तैद हो गया। मौके पर दो जेसीबी बुला ली गईं।

    मार्ग पर रोका आवागमन

    चरखा लाइन स्थित जर्जर भवन पूरी तरह से धराशायी हो चुका है। मलबा हटाने के लिए दो जेसीबी और चार ट्रैक्टर ट्राली, एसडीईआरएफ के करीब 25 जवान, इतना ही नगर पालिका का अमला और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। चरखा लाइन के दोनों के तरफ के रास्ते बंद कर दिए। मौके पर एसडीएम तन्मय वर्मा, तहसीलदार भरत नायक, सीएसपी निरंजन राजपूत, सीएमओ भूपेन्द्र दीक्षित, कोतवाली थाना प्रभारी गिरीश दुबे सहित राजस्व व नपा अमला मौजूद है।

    नपा की लापरवाही आई सामने

    शहर में कई जगह जर्जर भवन वहां रहने वाले लोगों सहित आसपास के लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं, लेकिन वर्षा से पूर्व नगर पालिका अमले ने ऐसे जर्जर भवनों को चिन्हित करने और उन्हें नोटिस जारी कर मकान खाली कर व उसे गिराने की कार्रवाई नहीं की, जिससे यह हादसा सामने आया है।

    शिकायतों के बावजूद नहीं होती कार्रवाई

    जर्जर भवनों को लेकर कई शिकायतें नपा को की जाती हैं। जागरूक नागरिक क्षेत्र के ऐसे मकान जिन से कोई अनहोनी हो सकती है। उनकी शिकायत नपा से करती हैए लेकिन नपा इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं करता। जबकि पहले कई हादसे जर्जर भवनों के कारण हो चुके हैं।

    यहां हुए हादसे

    – वर्ष 2016 में लगातार हुई बारिश के कारण शुगर फैक्टरी का आवास गिर गया था। जिसमें तीन लोग घायल हुए थे। इसके अलावा शुगर फैक्टरी के अन्य आवास भी गिर रहे हैं।

    – 2014 में अस्पताल भवन की छत जर्जर होने के कारण गिर गई थी। जिसमें कोई घायल तो नहीं हुआ, लेकिन कभी भी कोई बड़ी घटना घटित हो सकती थी। हांलाकि अब इस भवन में अस्पताल संचालित नहीं होता और इसे धराशायी भी कर दिया गया है।

  • कटनी में कुए्ं में गैस रिसाव से चार युवकों की मौत, पंप सुधारने उतरे थे, पांचवां आधे रास्‍ते से लौटा तो बच गया

    कुएं के अंदर बेहोश पड़े युवकों को ऊपर लाने का प्रयास करते रहे लोग।

    HighLights

    उमरिया से आई टीम डेढ़ बजे रात में बाहर निकाल सकी शव।बचाव के लिए भी सिलेंडर आदि लगाकर लोगों को उतारे थे।मरने वालों में पिता-पुत्र और दो सगे भाई शामिल हैं।

    नईदुनिया, कटनी (Katni News)। मध्‍यप्रदेश के कटनी में एनकेजे के जुहली गांव में कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से चार युवकों की मौत हो गई। चारों लोग पंप सुधारने के लिए कुएं में उतरे थे। उतरे ही बेहोश हो गए थे। अचानक साथ के लोगों के बेहोश होने के कारण पांचवा व्यक्ति अंदर नहीं आ गया और बाहर निकलकर गांव पहुंचा। साथ ही लोगों व पुलिस को जानकारी दी। उमरिया से टीम बुलाई गई है। एनकेजे पुलिस सहित एसडीएम मौके पर पहुंचे और चारों को कुएं से बाहर निकाला गया। जब तक जान जा चुकी थी।

    अधिकारी ने बताया कि चारों लोगों के बाहर निकाला गया है। जुहली-जुहला गांव के बीच नादन हार में जुहली निवासी संजय दुबे का खेत है। गुरुवार की शाम को खेत के कुएं की मोटर सुधारने के लिए संजय अपने भाई राम दुबे, बेटे निखिल दुबे और गांव के ही दो सगे भाई जग्गी कुशवाहा व पिंटू कुशवाहा को लेकर पहुंचा था। कुएं चारों एक-एक करके उतरे और अंदर जाकर बेहोश होकर गिर गए थे।

    इस बीच संजय दुबे भी कुएं में उतर रहे थे। उन्होंने नीचे चारों लोगों को गिरते देखा और उनको भी आधे रास्ते में सांस लेने में तकलीफ हुई तो वे बाहर निकल आए थे। बाहर आकर उन्होंने गांव के लोगों को घटना की जानकारी दी। एनकेजे पुलिस को भी सूचना दी गई।

    मौके पर एनकेजे थाना प्रभारी नीरज दुबे बल के साथ पहुंचे और उसके बाद सूचना पर एसडीएम प्रदीप मिश्रा व अन्य अधिकारी भी पहुंच गए। युवकों के जहरीली गैस के रिसाव होने से बेहोश हो गए थे।

    अंधेरा व रास्ता के कारण परेशानी

    संजय दुबे के खेत गांव से काफी दूर हैं और बारिश होने के कारण वहां तक पहुंचने का मार्ग खराब होने से परेशानी हो रही थी। अंदर जाने वालों को परेशानी न हो, इसके बचाव के लिए भी सिलेंडर आदि लगाकर लोगों को उतारे थे। रात में प्रकाश की व्यवस्था कराते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी युवकों को निकाला गया।

    एसडीएम मिश्रा का ने बताया कि जब तक बाहर निकाल पाए तब तक जान जा चुकी थी। चारों लोगों को बाहर निकाला है। कुएं के अंदर मैथेन गैस के रिसाव हुआ है।

  • स्कूल में घुसकर संचालक से मारपीट कर किया लहूलुहान, एबीवीपी कार्यकर्ता पर आरोप

    अभि‍नव भटनागर।

    HighLights

    राजधानी के ओरियन स्कूल बावडिया कला का मामलासंचालक के हाथ में आए 12 टांके, मारने की धमकी दी घटना के बाद आला पुल‍िस अध‍िकारी भी मौके पर पहुंचे

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी के शाहपुरा थाना क्षेत्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे ओर‍ियन इंटरनेशनल स्कूल में घुसकर तोड़फोड़ कर दी। स्कूल के संचालक अभिनय भटनागर के साथ मारपीट की। उस पर कांच से हमला कर दिया, इसमें वह बुरी तरह से घायल हुए हैं। उनके हाथ में बड़ा घाव हुआ है,12 टांके हाथ में टांके लगे है।

    पुलिस ने उनकी शिकायत पर एबीवीपी से जुड़े शिवाजी पाटिल और मृदुल जावड़े और उनके साथियेां के खिलाफ मारपीट,जान से मारने की धमकी और स्कूल में तोड़फोड़ की धाराओं में एफआइआर दर्ज कर ली गई है। शाहपुरा थाना पुलिस के एसआइ जगन्नाथ सिंह ने बताया कि शाहपुरा निवासी ज्ञानेंद्र भटनागर (73) ओर‍ियन इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमेन हैं। उनके बेटे 46 वर्षीय अभिनव भटनागर संचालक है।

    उन्होंने पुलिस को शिकायत में बताया कि स्कूल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आठ-दस लोग प्राचार्य से मिलने के लिए पहुंचे थे, मिलने में देर हुई तो वह हंगामा करने लगे, जब शोर शाराब सुनकर बाहर आया तो देखा कि उनके पिता ज्ञानेंद्र भटनागर के साथ मारपीट कर रहे थे। उन्होंने रोकने और उनको समझाने की कोशिश की। आरोपितों ने अभिनव से भी धक्का-मुक्की करते हुए मारपीट की। उन लोगों ने कमरे का कांच का दरवाजा तोड़कर अभिनव के दाएं हाथ में मारा।

    बच्चे मैदान में खेल रहे थे:- घटना के समय स्कूल के बच्चे मैदान में खेल रहे थे। इसी दौरान यह हंगामा हो गया। सभी बच्चों को स्कूल के अंदर ले जाया गया। घटना को लेकर बच्चे और महिला शिक्षक दहशत में आ गए थे।

    इनका कहना है

    – स्कूल संचालक के साथ मारपीट की शिकायत पर आरोपितों पर एफआइआर दर्ज कर ली गई, जल्द ही आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी। प्रियंका शुक्ला पुलिस उपायुक्त

    – ओर‍ियन इंटरनेशनल स्कूल में जो घटना हुई,एबीवीपी निंदा करती है और खेद व्यक्त करती है।एबीवीपी के कार्यकर्ता रचनात्मक कार्य के लिए अनुमति लेने गए थे, जहां उनके साथ अभद्रता की गई। टूटे कांच से दोनों पक्षों को चोट लगी है। ऐसे कार्य के लिए हमारी ओर से कोई समर्थन नहीं करता है। शिवम जाट नगर महामंत्री एबीवीपी

  • Agriculture News: फिर जांच में अमानक निकला बीज, विक्री तथा स्थानांतरण पर लगा प्रतिबंध

    जौरा में खाद के लिए लगी किसानों की कतार

    HighLights

    अमानक बीजों ने बढ़ाई समस्याएं खेती का उत्पादन क्षेत्र बढ़ रहा हैकृषि विभाग ने फिर नोटिस जारी किया

    नईदुनिया न्यूज़, मुरैना। मुरैना जिले में अमानक खाद-बीज की खपत पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। रवी हो या खरीफ का सीजन, जब भी बोवनी का समय होता है, बाजार में नकली व अमानक खाद-बीज खपने लगता है। बीते सीजन में भी ऐसे कई मामले सामने आए।

    कृषि विभाग ने इस सीजन में स्पेलिंग शुरू की तो फिर अमानक बीच बाजार में बिकने के मामले सामने आए हैं। जांच में फेल होने पर कृषि विभाग ने तीन फर्माें के बीच की विक्री, भण्डारण व परिवहन पर प्रतिबंध लगाया है। बीज अनुज्ञापन पंजीयन अधिकारी एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उपसंचालक पीसी पटेल ने बताया, कि बीते दिनों कोर्टेवा एग्री साइंस सीड्स प्रालि तेलंगाना की कंपनी के बीच के संपल सबलगढ़ कस्बे की दुकान मैसर्स मंगल बीज भंडार से लिए थे। लैब में हुई जांच में यह बीज अमानक पाया गया है। इसके अलावा कोहिनूर हाइब्रिड सीड्स निजामाबाद का बीज मैसर्स शिवा बीज भंडार जीवाजीगंज मुरैना से विक्रय किया जा रहा था।

    इस बीज के भी सैंपल लिए गए, जो जांच में अमानक पाए गए हैं। इसी तरह मुरैना शहर के जीवाजीगंज में मैसर्स अग्रवाल सीड्स स्टोर से कार्तिक वायोसीड्स सावरकांटा गुजरात की कंपनी के बीज के सेंपल लिए, यह भी जांच में फेल हो गए। उप संचालक पीसी पटेल ने बताया, कि जांच में फेल हुए बीजों के पूरी लाट पर प्रतिबंध लगाया गया है।

    खाद के लिए लग रहीं किसानों की कतार

    प्रशासन का दावा कमी नहीं हर बार की तरह इस बार भी जिला प्रशासन दावा कर रहा है, कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं हैं। फिर भी हालत यह है कि मुरैना जिला मुख्यालय से लेकर कस्बाई क्षेत्र जहां-जहां खाद का वितरण किया जा रहा है, वहां खाद के लिए किसानों की कतार लग रही है।

    जौरा कस्बे में खाद के लिए कतार में लगे किसानों का नंबर पांच-पांच घंटे में आ पा रहा है। मुरैना में पुलिस की निगरानी में खाद का वितरण हो रहा है। किसान का आधार कार्ड दिखाने पर पांच बोरे यूरिया दिया जा रहा है, जिस किसान को 10 बोरे खाद की जरूरत है, उस किसान के परिवार के दो सदस्य आधार कार्ड लेकर खाद की लाइन में लग रहे हैं।

    उधर कलेक्टर अंकित अस्थाना ने एसडीएम- तहसीलदारों को निर्देश दिए है, कि खाद वितरण पर राजस्व अधिकारी नजर रखें। जिले में पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा खाद है, किसानों को भरपूर खाद खाद की कमी नहीं है, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष खाद अधिक मात्रा में उपलब्ध। वितरण की व्यवस्था को राजस्व अधिकारी संभाले, ताकि किसानों को आसानी से खाद मिल सके।

  • Indore Traffic News: इंदौर में 100 से ज्यादा ट्रैफिक सिग्नल का बदलेगा टाइमिंग, चौराहे क्रास करने में नहीं लगेगी ज्यादा देर

    इंदौर के मधुमिलन चौराहे पर रोटरी बनाकर ट्रैफिक को सुगम बनाने का प्रयास किया जाएगा।

    HighLights

    सबसे ज्यादा परेशानी मधुमिलन चौराहे पर आती है। चौराहे पर दो रोटरी और दो सिग्नल बनाए जाएंगे।शहर के छावनी चौराहे पर भी उलझते हैं वाहन।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर शहर में बिगड़ रही यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए बड़ी कवायद चल रही है। यातायात पुलिस सौ से ज्यादा चौराहों, मार्गों और ट्रैफिक सिग्नल की टाइमिंग बदलाव करने की तैयारी में है। प्रमुख चौराहों पर रोटरी बनाने की योजना तैयार की गई है।

    इस बदलाव में एसजीएसआईटीएस कॉलेज के इंजीनियर को भी शामिल किया है। इस कवायद का मकसद शहर के ट्रैफिक को सुधारना है, ताकि वाहन चालक बेफिक्र होकर गुजर सकें। पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता ने बुधवार को शहर के ट्रैफिक अफसरों के साथ बैठक की।

    दो रोटरी और दो सिग्नल बनाए जाएंगे

    एसीपी ने प्रजेंटेशन के माध्यम से उन चौराहों की स्थिति बताई, जहां ट्रैफिक का दबाव अधिक रहता है। सबसे ज्यादा दिक्कत मधुमिलन चौराहा की थी। उलझते वाहनों की तस्वीर देखकर तय हुआ कि चौराहे पर दो रोटरी और दो सिग्नल बनाए जाएंगे।

    इसके पूर्व एसजीएसआईटीएस कॉलेज के इंजीनियर और ट्रैफिक पुलिस की टीम दौरा करेगी। स्कीम-140 स्थित अंडर बायपास की व्यवस्था सुधारने के लिए आइलैंड तोड़ने की योजना बनाई है। इसी तरह स्टार चौराहा से देवासनाका तक का दबाव कम करने के लिए भारी वाहनों को एमआर-11 से निकाला जाएगा।

    हालांकि इस रोड पर चौड़ीकरण का प्रस्ताव भी बनाया गया है। डीसीपी (ट्रैफिक)अरविंद तिवारी के मुताबिक आजादनगर चौराहा पर तो रोटरी में खामी है। इसके कारण यातायात का दबाव व्हाइट चर्च तक आता है। नई रोटरी आईआरसी के मानकों के अनुसार बनाई जाएगी।

    छावनी में दबाव की स्टडी और धोबी घाट पर ट्रैफिक मोड़ेंगे

    आयुक्त के मुताबिक छावनी चौराहा पर वाहन उलझते हैं। इस चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस स्टडी करेगी। अग्रसेन चौराहा और मधुमिलन चौराहा से आने-जाने वाले वाहन सुगमता से निकाले जाएंगे। इंदिरा गांधी प्रतिमा से छावनी तक जगह कम है। अतिक्रमण हटाकर लेफ्ट टर्न डिवाइडर बनाने का प्रस्ताव बनाया है। एसीपी किरण शर्मा ने कहा कि जीपीओ चौराहा पर बिजली के पोल हटाने हैं। रोड मार्किंग और कैट आई की आवश्यकता है।

    रिंग रोड (पिपल्याहाना अंडरब्रिज) : इस रोड के माध्यम से अन्य जिलों और शहरों से आने वाले भारी वाहन, मध्यम वाहन, छोटी-बड़ी यात्री बसें, स्कूल, कॉलेज की बसें शहर में प्रवेश करती हैं। अस्पताल, होटल, स्कूल, कॉलेज होने से ट्रैफिक दबाव प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। रेडिसन होटल से खजराना चौराहा की ओर मेट्रो का काम चल रहा है। इस कारण रोड संकरे हो गए हैं। सत्यसाईं चौराहा : इस चौराहे की बनावट में ही खामियां हैं। विजय नगर से स्कीम-54 की तरफ जाने वाले वाहन अनावश्यक सिग्नल पर खड़े होते हैं। लेफ्ट टर्न पर पर्याप्त स्थान होने के बाद भी दुकानों के सामने बड़ा आइलैंड बनाकर बिजली के पोल और बैंक स्थापित करने से लेफ्ट टर्न बाधित होता है। सयाजी होटल चौराहा : इस चौराहे की बड़ी रोटरी मेट्रो निर्माण के कारण हटा दी थी। अस्थायी रोटरी टीन से ढंककर बनाई है। सिग्नल तो है लेकिन ट्रैफिक के मुताबिक रोटरी की आवश्यकता है।

  • Good News: 1.5 लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को 3000 रुपए तक वेतन वृद्धि, अगस्त में बढ़ सकता है 4 फीसदी महंगाई भत्ता

    सरकार ने संविदा कर्मचारियों को 3.85 प्रतिशत की वृद्धि दर से वार्षिक वेतन वृद्धि देने का निर्णय लिया है। – फाइल फोटो

    HighLights

    वित्त विभाग ने 3.85 प्रतिशत की दर से दी वेतन वृद्धि। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वेतन में वृद्धि। लोकसभा चुनाव के कारण नहीं हो पाया था निर्धारण।

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों का वेतन 1 अप्रैल 2024 से 700 रुपए से लेकर 3000 रुपये तक बढ़ जाएगा। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर सरकार ने संविदा कर्मचारियों को 3.85 प्रतिशत की वृद्धि दर से वार्षिक वेतन वृद्धि देने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट में प्रावधान भी रखा गया है।

    वार्षिक वेतन वृद्धि देने का प्रावधान

    संविदा कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के स्थान पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि देने का प्रावधान है। 22 जुलाई 2023 को संविदा नीति के अंतर्गत जारी किए गए निर्देश अनुसार, प्रतिवर्ष 1 अप्रैल को संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि की जाएगी।

    लोकसभा चुनाव की कारण टली थी वेतनवृद्धि

    लोकसभा चुनाव के कारण इसका निर्धारण नहीं हो पाया था। अब वित्त विभाग ने 3.87 प्रतिशत की दर से वार्षिक वेतन वृद्धि के आदेश जारी किए हैं, जो एक अप्रैल 2024 से प्रभावी होंगे। हालांकि, मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहा है कि भारत सरकार ने जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी किया है उसमें दर 5.39 प्रतिशत है। प्रदेश में यह दर 3.87 रखी गई है।

    किसे कितना होगा लाभ – (रुपये में)

    भृत्य /चौकीदार- 785 वाहन चालक- 987 लिपिक- 987 डाटा एंट्री ऑपरेटर- 1188 सहायक वार्डन- 1,281 मोबाइल स्रोत सलाहकार- 1,281 लेखापाल- 1,281 एमआईएस कोऑर्डिनेटर- 1,660 स्टेनोग्राफर- 1,425 ड्राफ्ट्समैन- 1,660 उपयंत्री-1,660 बीआरसी- 1,670 एपीसी जेंडर- 1,670 एपीसीआईडी- 1,660 व्याख्याता-1,830 प्रोग्रामर- 2,160 सहायक परियोजना वित्त- 2,160 सहायक यंत्री- 2,169 सहायक प्रबंधक- 2,535

    अगस्त में बढ़ाया जा सकता है 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता

    प्रदेश के 7 लाख नियमित अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता सरकार अगस्त में बढ़ा सकती है। अब 46 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को मार्च 2024 से 50 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। इसमें प्रदेश के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी भी शामिल हैं।

    शिवराज सरकार में राज्य के कर्मचारियों के साथ ही अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि की जाती थी। कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं। इस बार बजट में 56 प्रतिशत महंगाई भत्ते के हिसाब से सभी विभागों के स्थापना व्यय में प्रावधान रखा गया है। इसमें पेंशनरों की महंगाई राहत भी शामिल हैं। 4 लाख पेंशनर्स को अभी 46 प्रतिशत की दर से ही महंगाई राहत मिल रही है।

  • उज्‍जैन में ओवरलोड ई-रिक्शा का वीडियो वायरल, सात सवारी अंदर, तीन बाहर लटकी

    यात्रियों की जान खतरे में डालकर चालक चला रहा था ई रिक्शा। नईदुनिया

    HighLights

    पुलिस ने ई-रिक्शा के नंबर देख रिक्शा किया जब्तइस आरोपी ड्राइवर पर चालानी कार्रवाई की गई है।काफी तेज गति से ड्राइवर चला रहा था ई रिक्शा।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। शहर में ई रिक्शा ड्राइवरों द्वारा यातायात के नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें एक ई रिक्शा चालक दस सवारियां लेकर शहर की सड़कों पर घूम रहा था। ई रिक्शा के अंदर सात और बाहर तीन सवारी लटक रही थी।

    पुलिस ने ई रिक्शा जब्त कर लिया है। ड्राइवर पर चालानी कार्रवाई की गई है। ई रिक्शा का किसी वाहन चालक ने मोबाइल से वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।

    यातायात डीएसपी विक्रमसिंह कनपुरिया ने बताया कि लोगों ने शिकायत की थी कि सोशल मीडिया फेसबुक व वाटसअप पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें ई रिक्शा के अंदर सात सवारी बैठी थी। वहीं तीन युवक ई रिक्शा के बाहर लटक रहे थे। ड्राइवर काफी तेज गति से ई रिक्शा चला रहा था।

    किसी ड्राइवर ने मोबाइल से वीडियो बनाकर उसे वायरल किया था। वीडियो में ई रिक्शा का नंबर नजर आ रहा था। इसके आधार पर वाहन जब्त कर थाने पर खड़ा करवाया जा चुका है। वहीं चालक के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई है।