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  • बच्ची को स्कूल छोड़ने जा रही थी, तीन लुटेरों ने की मोबाइल छीनने कोशिश… महिला ने लात मार गिराई बाइक और उन्हें दबोच लिया

    लुटेरों से भिड़ने वाली रामसखी।

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    लुटेरे मोबाइल छीनने लगे, तो भी महिला ने नहीं छोड़ा। छीना झपटी में महिला नीचे गिर गई और चोट लग गई। इसके बाद वो वापस उठी और लुटेरों की बाइक गिरा दी।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Indore Crime News)। यह कहानी एक महिला के अप्रतिम साहस की है। इस महिला ने मोबाइल लूटने आए तीन लुटेरों से अकेले मुकाबला किया और न केवल मोबाइल बचाया बल्कि तीनों को दबोच लिया। हिम्मत, जिद, निडरता और साहस की यह कहानी 35 वर्षीय रामसखी की है।

    घटना बाणगंगा थाना अंतर्गत पारले फैक्ट्री के समीप बुधवार को हुई। भगतसिंह नगर निवासी रामसखी पति अनेकसिंह प्रजापत अपनी छह वर्षीय बेटी अंशिका को स्कूल छोड़ने जा रही थी। वह मोबाइल पर भतीजे से बात करते हुए बेटी का हाथ पकड़े हुए थी।

    नीचे गिर गई थी महिला

    तभी एक बाइक पर तीन बदमाश आए और झपट्टा मारकर रामसखी का मोबाइल छीनने लगे। लेकिन रामसखी ने मोबाइल नहीं छोड़ा। बदमाश ने और जोर लगाया तो छीना-झपटी में रामसखी नीचे जमीन पर गिर गईं और हाथ-पांव में चोट लगी।

    महिला ने नहीं छोड़ा मोबाइल

    इसके बावजूद मोबाइल नहीं छोड़ा तो एक बदमाश बाइक से उतरा और धक्का मारकर रामसखी से फोन छीन लिया। फोन छीनकर बदमाश बाइक से भागने ही वाले थे कि रामसखी बिजली की फुर्ती से उठी और जोरदार लात मारकर तीनों सवारों सहित बाइक नीचे गिरा दी।

    बाइक की चाबी भी निकाल ली

    इस बीच एक बदमाश की कालर भी पकड़ ली और बाइक की चाबी निकाल ली। महिला के इस साहस से बदमाश अवाक रह गए। वे फोन लौटाकर बाइक की चाभी वापस देने के लिए गिड़गिड़ाने लगे। तभी शोर सुन लोग इकट्ठा हुए और दो बदमाशों को वहीं दबोच लिया।

    ऐसे महिला की हिम्मत के आगे हार गए बदमाश

    मोबाइल पर बात करते हुए बेटी को छोड़ने जा रही रामसखी का बाइक सवार तीन बदमाशों ने पीछा किया।

    बदमाशों ने मोबाइल छीनने की कोशिश की, लेकिन रामसखी ने नहीं छोड़ा। छीनाझपटी में वह नीचे गिर गई।

    रामसखी ने साहस दिखाते हुए एक की कालर पकड़ ली और बाइक को लात मारकर तीनों को नीचे गिरा दिया।

    शोर सुनकर लोग इकट्ठा हुए और तीनों बदमाशों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।

    तीनों आरोपितों को जेल भेजा

    लोगों ने तीनों को जमकर पीटा और पुलिस के सुपुर्द कर दिया। टीआई लोकेशसिंह भदौरिया के मुताबिक आरोपितों की पहचान विशाल दीक्षित उर्फ सनम, आकाश कुशवाह व श्याम कुशवाह, तीनों निवासी शिवकंठ नगर के रूप में हुई है। पुलिस ने तीनों आरोपितों को जेल भेज दिया है।

  • श्री सिंगाजी थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट में 45 लाख रुपये के घोटाले में तीन सहायक अभियंता समेत चार निलंबित

    पावर जनरेटिंग कंपनी ने कड़ी कार्रवाई का दिया आश्वासन।

    HighLights

    खंडवा स्थित है श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना मटेरियल की सप्लाई में 45 लाख रुपये का घोटालातीन अभियंता और सुरक्षा कर्मी की भूमिका संदिग्ध

    नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर: मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी की श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगलिया (खंडवा) इकाई में 45 लाख रुपये के मटेरियल की सप्लाई में हुए घोटाले की जांच पूरी हो गई है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर कंपनी ने इन चार 3 इंजीनियर समेत 4 कर्मियों को निलंबित कर दिया है।

    घोटाले में संदिग्ध चारों कर्मी

    जांच समिति ने बाण सागर जल विद्युत गृह (देवलोंद) में कार्यरत सहायक अभियंता रामराज पटेल, चालू प्रभार ताप गृह दोंगलिया में सहायक अभियंता (उत्पादन) अनुज विश्वकर्मा, सिंगाजी में सहायक अभियंता (उत्पादन) अरुण कुमार विश्वकर्मा और ताप विद्युत गृह सिंगाजी में कार्यरत सुरक्षा कर्मचारी मुकेश घिघोड़े की भूमिका घोटाले में संदिग्ध मानी। जांच समिति ने चारों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की अनुशंसा भी की है।

    45 लाख रुपये के मटेरियल में घोटाला

    उल्लेखनीय है कि नईदुनिया ने 28 जुलाई को खबर प्रकाशित करके इस घोटाले का पर्दाफाश किया था। बिजली कंपनी की श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में 45 लाख रुपये कीमत के मटेरियल की खरीदी की गई थी। अधिकारियों के समक्ष जब मटेरियल का बाक्स खोला गया तो उसमें स्क्रैप मिला।

    मटेरियल खरीद में गोलमाल

    मामले को गंभीरता से लेते हुए कंपनी ने चार सदस्यीय समिति का गठन कर जांच के निर्देश दिए थे। कंपनी मुख्यालय जबलपुर से खंडवा पहुंची जांच टीम ने दस्तावेज जब्त कर मटेरियल खरीदी मामले की गहन छानबीन की। पता चला कि मटेरियल खरीद में गोलमाल किया गया है।

    मटेरियल की जगह बाक्स में स्क्रैप भरकर श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगलिया भेजा गया था। इसके बाद मिलीभगत कर मटेरियल सप्लाई करने वाली ठेका कंपनी फर्म मेसर्स क्रिशिव पावर बिरसिंहपुर को भुगतान भी कर दिया गया।

    ठेका कंपनी के खिलाफ भी जांच

    बिजली कंपनी ने ठेका कंपनी के खिलाफ भी जांच प्रारंभ कर दी है। इसके अलावा मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा फर्म को किए गए आदेशों के परिपालन को तुरंत प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। पावर जनरेटिंग कम्पनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने कहा कि कंपनी को नुकसान पहुंचाने वाले अभियंताओं, कर्मचारियों, सप्लायर व ठेकेदारों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

  • Fraud in Private School: 8वीं तक की मान्यता… लेकिन क्लास लग रही 10वीं तक, एक ही कमरे में चल रही तीन कक्षाएं

    एक क्लास में बैठे मिले 72 बच्चे।

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    पोहरी के निजी स्कूलों में नियमों के विपरीत संचालन हो रहा। दसवीं तक की कक्षाएं आठवीं की मान्यता में चल रही हैं।सरकारी स्कूलों के शिक्षक निजी स्कूलों का संचालन कर रहे।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, शिवपुरी। जिले में मान्यता नियमों के विपरीत अशासकीय स्कूलों का संचालन किस कदर हो रहा है इसकी नजीर पोहरी में एसडीएम के निर्देश के बाद हरकत में आए शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण में सामने आया है। पेाहरी बीईओ अवधेश सिंह तोमर और उनकी टीम ने पेाहरी के अशासकीय स्कूलों का निरीक्षण पिछले कुछ दिनों में किया तो हालात यह मिले कि चार से पांच कमरों में दसवीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही थीं।

    मान्यता आठवीं तक की थी, लेकिन मौके पर नवीं, दसवीं कक्षा के बच्चे भी पढ़ते मिले। कक्षों में घरेलू सामान और फावड़े, गेंती रखे थेतो शौचालय में सायकल। अधिकांश स्टाफ भी मान्यता नियमों के विपरीत अप्रशिक्षित मिला, जिन पर डीएड, बीएड जैसी डिग्री तक नहीं हैं।

    सबसे बड़ी हैरानी इस बात की है कि दो स्कूलों का संचालक अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों द्वारा किए जाने की बात भी जांच टीम के सामने आई है। टीम ने प्रतिवेदन में भी इस तथ्य को उजागर किया है। इतने बड़े पैमाने पर नियम विरूद्ध संचालित इन स्कूलों और इनके संचालकों पर अब तक जिला स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

    कहां क्या मिली स्थिति

    स्थान-स्मार्ट किड्स पब्लिक स्कूल

    हालात – नईदुनिया को हासिल प्रतिवेदन पर गौर करें तो इस स्कूल में एलकेजी से आठवीं तक की मान्यता होने की जानकारी प्रधानाध्यापिका कल्पना धाकड़ ने दी जबकि मौके पर नवीं व दसवीं के छात्र अध्यन करते पाए गए। कुछ छात्र अशासकीय स्मार्ट किड्स स्कूल की गणवेश में भी थे। दोनों कक्षाओं के छात्र दसवीं की पुस्तक पढ़ते मिले। पूछने पर बताया कि उन्हें सीधे दसवीं की तैयारी कराई जाती है।

    प्रधानाध्यापिका ने टीम को बताया कि नवीं और दसवीं के छात्र अन्य विद्यालय से अटैचमेंट कर पढ़ाते हैं और फार्म दूसरे स्कूल से भरवाते हैं। स्टाफ रजिस्टर में अंकित पांच शिक्षकों के नाम के आगे बीए व डीएड लिखा था लेकिन उनके प्रमाण पत्र विद्यालय पर नहीं मिले। इसके अलावा विद्यालय की मान्यता, रजिस्ट्रेशन आदि दस्तावेज भी मौके पर उपलब्ध नहीं कराए गए।

    स्थान-गुरूदेव मिशन स्कूल पोहरी

    हालात – यहां एक से आठ तक की कक्षाएं संचालित पाई गईं। कक्षों में संख्या के मान से अधिक छात्रों को बैठा कर अध्यापन कराया जा रहा था। कमरों में घुटन जैसी स्थिति मिली। बरामदे में दो जगह आठवीं व सातवीं के छात्रों को बैठा कर अध्यापन कराया जा रहा था। यहां पढ़ाने वाले शिक्षक शिक्षिकाएं भी अप्रशिक्षित मिले। मान्यता के विपरीत नवीं व दसवीं कक्षा संचालित की जा रही है। इसकी पुष्टि अध्यापन कार्य करा रहे शिक्षक रामेश्वर कुशवाह ने अपने कथनों में की।

    विद्यालय के प्राचार्य अनुपस्थित होने का हवाला देकर कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया। टीम ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि उक्त स्कूल का संचालन सीएम राइज पोहरी में पदस्थ उच्च माध्यमिक शिक्षक राजेंद्र धाकड़ द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। बीईओ ने अपने प्रतिवेदन में भी इसका उल्लेख किया है।

    स्थान-लू सेंट पब्लिक स्कूल

    हालात-स्कूल को आठवीं तक की मान्यता प्राप्त है, जबकि विद्यालय में कक्षा नौ व दस के छात्र अध्यन करते पाए गए। यह सारे छात्र एक ही कमरे में अध्यन करते मिले। प्रधानाध्यापक नेपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि हम नवीं व दसवीं के छात्रों को बतौर ट्यूशन पढ़ाते हैं। स्टाफ पंजी में दस शिक्षक-शिक्षिकाओं के नाम व हस्ताक्षर मिले, लेकिन किसी के भी नाम पोर्टल पर दर्ज नहीं थे। इसके अलावा अंजली धाकड़ व देवकीनंदन धाकड़ को छोड़कर सारे शिक्षक अप्रशिक्षित थे।

    एसडीएम साह के द्वारा समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रम में हमने पिछले दिनों कई निजी स्कूलों का निरीक्षण किया था, जिनमें से कुछ स्कूलों में मान्यता के विपरीत नवीं व दसवीं कक्षा संचालित मिलीं। स्टाफ भी अप्रशिक्षित था और भी कई खामियां मिली हैं। कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन वरिष्ठ कार्यालय को भेज दिया है। – अवधेश सिंह तोमर, बीईओ, पोहरी

  • घर पहुंची महिला ने दरवाजा खोला, तो पति को अंदर देखकर हो गई बेहोश

    पति को फांसी के फंदे पर लटके देखकर महिला के होशे ही उड़ गए थे और वो बेहोश हो गई। प्रतीकात्मक फोटो

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    पति एक ढाबे पर करता था काम। वहीं पत्नी आंगनबाड़ी सहायिका है। पुलिस कर रही खुदकुशी की जांच।

    मंदसौर, मल्हारगढ़ (Mandsaur Crime News)। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिल के मल्हारगढ़ नगर की काशी कॉलोनी में एक युवक ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक ने यह कदम क्यों उठाया अभी कारण पता नहीं चला है।

    एसआई साजिद मंसूरी ने बताया कि मंगलवार दोपहर 12 बजे काशी कॉलोनी में 40 वर्षीय कचरूलाल पुत्र जगदीश बलाई निवासी मल्हारगढ़ ने अपने मकान में छत पर रस्सी बांधकर फांसी लगा ली। पत्नी नीतू आंगनबाड़ी में सहायिका है।

    फंदे से उताकर ले गए थे अस्पताल

    वह घर पहुंची व दरवाजा खोला तो पति को फंदे पर लटका देख बेसुध हो गई। जिसके बाद आसपास के लोगो ने युवक को फंदे से उतारा व पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद उसे मल्हारगढ़ अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

    पीएम कर शव स्वजनों के सुपुर्द किया। मल्हारगढ़ थाना प्रभारी राजेन्द्र पंवार ने बताया की कचरूलाल उर्फ पप्पू ढाबे पर काम करता था। उसके आत्महत्या के कारण अभी अज्ञात है। पुलिस स्वजन से पूछताछ कर मामले में जांच कर रही है।

    ढाबे पर काम करता था युवक

    कचरुलाल उर्फ पप्पू मालवीय सांवलिया भोजनालय पर काम करता था। उसकी पत्नी वार्ड छह की आंगनबाड़ी में सहायिका है। एक बेटा व एक बेटी है। मृतक बच्चों स्कूल छोड़कर आया था, उसके बाद उसने यह कदम उठा लिया। रहवासियों के अनुसार कचरूलाल मेहनती था व मिलनसार युवक था।

    आत्महत्या के कारण का पता नहीं चला है। पुलिस अब इस मामले में उसकी पत्नी और आस-पास के लोगों से बात कर जांच करने की तैयारी में है।

  • Sagar Wall Collapse: तेज आवाज में डीजे बजने से हिलने लगी थी दीवार, इसके गिरने के बाद बच्चों की चीख में शोर में दबी

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    सागर जिले में दीवार ढहने से 8 बच्चों की मौत का मामला। आयोजन स्थल पर तेज आवाज से शुरू हो जाता था डीजे। दीवार गिरने में एक वजह डीजे की तेज आवाज भी है।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, सागर। शाहपुर में रविवार को शिवलिंग निर्माण के दौरान दीवार गिरने से हुई नौ बच्चों की मौत के मामले में ध्वनि नियंत्रण अधिनियम का भी पालन नहीं किया गया। दीवार गिरने का हादसा हुआ तब मौके पर तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा है। हादसे के बाद बच्चों के चीख-पुकार की आवाज भी डीजे की तेज आवाज में दब गई। इससे बच्चों को समय रहते मदद नहीं मिल सकी।

    तेज आवाज के कारण हिलने लगी दीवार

    लोगों का कहना है कि सुबह जैसे ही मंदिर समिति ने डीजे बजवाया, वैसे ही मकान का हिस्सा गिर पड़ा। हादसा की एक वजह डीजे की तेज आवाज भी थी। इससे जर्जर दीवार हिलने लगी और गिर गई।

    पार्षद राजा यादव के मुताबिक, दीवार कच्ची व बहुत पुरानी थी। लगातार पानी गिरने से यह कमजोर हो गई थी। वहीं डीजे सिस्टम की तेज आवाज की वजह से और कंपन बढ़ने से यह दीवार गिर गई। लोगों के मुताबिक, कच्चा मकान बांस और बल्ली पर टिका था, जो धीरे-धीरे कमजोर हो रहा था। वर्षा व डीजे की तेज आवाज से जब दीवार गिरी तो बच्चे चीखने-पुकारने लगे, लेकिन बाहर तक यह आवाज नहीं पहुंच सकी।

    बुजुर्ग ने सबसे पहले दी दीवार गिरने की सूचना

    मौके पर मौजूद 65 वर्षीय किशोरी लाल विश्वकर्मा भी चोटिल हो गए थे। वह जब बाहर आए, तब अन्य लोगों को हादसे की सूचना लगी और बचाव कार्य शुरू हो सका। जिला अस्पताल में भर्ती किशोरी लाल विश्वकर्मा का कहना है कि स्वयं चोटिल होने के बाद भी वह स्वयं को संभालते हुए बाहर आए और लोगों को सूचना दी, तब कहीं बच्चों को दीवार के मलबे से निकालने का काम शुरू हुआ।

    वहीं एडवोकेट जगमोहन सिंह लोधी का कहना है कि आयोजन स्थल पर सुबह पांच बजे से ही तेज आवाज में डीजे शुरू हो जाता था। यह डीजे देर रात तक बजता था। यदि मानक ध्वनि में इसे बजाया जाता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती।

  • Shivpuri News: छत और दीवारों से चू रहा पानी, जर्जर स्थिति में विद्यालय खौफ के साए में विद्यार्थी और शिक्षक

    फर्स पर भरा पानी, क्लास में खड़े बच्चे

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    खिरिया प्राथमिक विद्यालय में बदतर हालात है30 साल पुरानी स्कूल की इमारत की छत हैबारिश की बूंदे गिरने का दौर लगातार जारी रहता है

    नईदुनिया प्रतिनिधि शिवपुरी। बदरवास विकासखंड अंतर्गत कई शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय जर्जर स्थिति में हैं। बारिश के दिनों में इन स्कूलों की दीवारों और छत से पानी चू रहा है। ऐसे में यह स्कूल कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। शिक्षा विभाग के जिम्मेदार इन स्कूलों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

    यही कारण है कि स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों सहित वहां अध्यनरत छात्र खौफ के साए में हैं। इसी क्रम में सोमवार को खिरिया प्राथमिक विद्यालय का नया मामला सामने आया है। यहां 30 साल पुरानी स्कूल की इमारत की छत पर दीवार से पानी चू रहा है।

    स्कूल भवन की इमारत काफी जर्जर हो चुकी है। हालात यह हैं कि स्कूल के तीनों कमरों में से बारिश का पानी टपक कर रहा। न तो शिक्षकों को बैठने के लिए जगह है और न ही बच्चों के बैठने के लिए। ऐसे में शिक्षकों को इस बात का भय सता रहा है कि बारिश के दौरान कहीं कोई हादसा घटित न हो जाए। शिक्षकों के अनुसार वह सागर में हुए हादसे के बाद और अधिक दहशत में आ गए हैं।

    बच्चों को कहना बैठाएं

    स्कूल में प्रधानाध्यापक आनंद पाल यादव, सविता चिढ़ार व रवि गोस्वामी, तीन शिक्षक पदस्थ हैं। तीनों का कहना है कि बारिश के कारण स्कूल में पानी टपक रहा है। ऑफिस की कुर्सियां, क्लास रूम सभी जगह पानी भरा हुआ है। ऐसे में यह समझ नहीं आ रहा है कि बच्चों को कहा बैठाएं और खुद कहां बैठें। उनके अनुसार बारिश के कारण छत पर पानी भर जाने के कारण बारिश बंद होने के बाद भी स्कूल के कक्षों में घंटों तक बारिश की बूंदे गिरने का दौर लगातार जारी रहता है क्योंकि पूरी छत चू रही है।

    बीआरसीसी को लिख कर दर्ज कराई शिकायत

    शिक्षकों के अनुसार स्कूल की इमारत की खराब स्थिति की शिकायत वह लोग बीआरसीसी अंगद सिंह तोमर को मौखिक और लिखित रूप में दर्ज करा चुके हैं, परंतु आज तक इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। शिक्षकों ने वरिष्ठ अधिकारियों से स्कूल की इमारत को सही करवाने की गुहार लगाई है ताकि वह खौफ से बाहर निकलकर भयमुक्त वातावरण में बच्चों को अध्ययन कार्य करा सकें।

  • Indore Traffic System: एक हजार से ज्यादा विद्यार्थी, डॉक्टर, वकील, समाजसेवी प्रति शनिवार, रविवार संभालेंगे शहर का यातायात

    मंत्री विजयवर्गीय ने कहा- जब भी मैं इंदौर में रहूंगा किसी चौराहे पर ड्यूटी दूंगा

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    सोमवार से शहर में ट्रैफिक मित्र अभियान शुरू हुआमंत्री विजयवर्गीय ने कहा- मैं इंदौर में रहूंगा किसी चौराहे पर ड्यूटी दूंगाअभियान का लोगो, गीत, वेबसाइट किए लांच, वर्षभर चलेंगे कार्यक्रम

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से सोमवार से शहर में ट्रैफिक मित्र अभियान शुरू हुआ। नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में इसका विधिवत शुभारंभ किया।

    कार्यक्रम में एक हजार से ज्यादा विद्यार्थी, डॉक्टर, वकील, समाजसेवियों को यातायात प्रबंधन की शपथ दिलवाई गई। ये सभी एक वर्ष तक प्रति शनिवार, रविवार शहर के विभिन्न चौराहों पर यातायात व्यवस्था संभालेंगे।

    मंत्री विजयवर्गीय ने भी ट्रैफिक मित्र के रूप में शपथ ली

    उन्होंने कहा कि मैं जब भी इंदौर में रहूंगा, किसी चौराहे पर ड्यूटी अवश्य दूंगा। कार्यक्रम में ट्रैफिक मित्र अभियान से संबंधित लोगो, गीत, वेबसाइट, इंटरनेट मीडिया हैंडलर को लांच किया गया। वर्षभर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का ब्रोशर भी विमोचित किया गया।

    इस अवसर पर मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि मुझे गर्व है कि इंदौर जो कहता है वह करता है। हम सबको इंदौर को ट्रैफिक में नंबर वन बनाने का संकल्प लेना है। शहर के यातायात प्रबंधन तथा अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग होकर सप्ताह में एक दिन साइकिल का उपयोग करें। महापौर भार्गव ने कहा कि इंदौर के नागरिकों के सहयोग से हम रिकार्ड समय में पौधारोपण का लक्ष्य हासिल कर सके हैं।

    अब हमें इंदौर को यातायात में नंबर वन बनाने की दिशा में काम करना है। प्रवासी सम्मेलन के दौरान विभिन्न देशों के अतिथि, देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ पूरी कैबिनेट इंदौर में थी। आयोजन के सात दिन इंदौर ने ईमानदारी से यातायात नियमों का पालन किया और जाम की स्थिति नहीं बनने दी। अगर हम खुद सड़कों पर होंगे तो इंदौर ट्रैफिक में नंबर वन होगा। जैसी इच्छा शक्ति हमने स्वच्छता में दिखाई है वैसी ही इच्छा शक्ति हमें यातायात को लेकर भी दिखानी होगी।

    ट्रैफिक मित्र अभियान के तहत पांच प्रमुख अभियान चलाए जाएंगे

    1- मैं हूं ट्रैफिक मित्र के तहत एक हजार विद्यार्थी, डाक्टर, वकील, समाजसेवी हर शनिवार रविवार शाम के समय प्रमुख चौराहों की यातायात व्यवस्था संभालेंगे।

    2- ट्रैफिक टॉक के तहत स्कूल और कॉलेजों में वर्षभर में 48 सत्र आयोजित होंगे। इनमें पुलिस विभाग, आरटीओ विभाग, यातायात विशेषज्ञ और महापौर शामिल होंगे। इंदौर के यातायात को बेहतर बनाने के संबंध में चर्चा होगी।

    3- ट्रैफिक मीटिंग के तहत विभिन्न संगठनों के साथ वर्ष में 24 बैठकें आयोजित होंगी। कपड़ा संगठन, मिल एसोसिएशन, लोहा व्यापारी संगठन जैसे विभिन्न समूहों के साथ मिलकर यातायात सुधार पर उनकी भूमिका को लेकर चर्चा होगी।

    4- नो हेलमेट नो एंट्री के तहत सरकारी और निजी संस्थानों में नियम लागू किया जाएगा कि बिना हेलमेट के कर्मचारियों को कार्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाए।

    5- शपथ अभियान- इसके तहत सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक आयोजनों में यातायात सुधार पर 10 मिनट का समय दिया जाएगा। लोगों को यातायात नियमों की जानकारी दी जाएगी। नियमों के पालन की शपथ दिलवाई जाएगी।

    ये भी हुए शामिल

    सोमवार को अभियान के शुभारंभ अवसर पर महापौर परिषद सदस्य राकेश जैन, नंदकिशोर पहाड़िया, अभिषेक शर्मा, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, यातायात डीसीपी अरविंद तिवारी, आरटीओ प्रदीप शर्मा, सहायक आरटीओ अर्चना मिश्रा, अपर आयुक्त मनोज पाठक आदि उपस्थित थे।

  • मध्य प्रदेश में पांच वर्ष में 44 करोड़ रुपये की जेनेरिक दवाएं रोगियों ने खाई, ब्रांडेड दवा से जेनेरिक सस्ती

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    सभी निजी डॉक्टर ब्रांडेड दवा लिख रहे हैंप्रदेश में जेनेरिक दवाओं की बिक्री कम प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के अनुसार हैं

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के अंतर्गत पिछले पांच वर्ष में 44 करोड़ रुपये की जेनेरिक दवाएं रोगियों ने खरीदीं। वर्ष 2019-20 में चार करोड़ 58 लाख रुपये की दवाएं इन केंद्रों से खरीदी गई थीं। जन औषधि केंद्र बढ़ने और लोगों में जागरूकता आने से यह आंकड़ा लगातार बढ़ते हुए 13 करोड़ तक पहुंच गया है, फिर भी अन्य बड़े राज्यों की तुलना में हम बहुत पीछे हैं।

    खासकर दक्षिण के राज्यों में इन दवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ा है। 2019-20 से 2023-24 के बीच पांच वर्षों में केरल में 630 करोड़, कर्नाटक में 563 करोड़, तमिलनाडु में 307 करोड़ और बंगाल में 228 करोड़ रुपये की जेनरिक दवाएं लोगों ने इन केंद्रों से खरीदीं।

    देशभर की बात करें तो इस अवधि तीन हजार 548 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ जो वर्ष 2018-19 में 313 करोड़ रुपये था। यह आंकड़े प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के अनुसार हैं।

    दवाएं समान गुणवत्ता की

    उल्लेखनीय है इन केंद्रों में ब्रांडेड दवाओं की तुलना में पांच से 10 गुना तक सस्ती दवाएं समान गुणवत्ता की मिलती है। प्रदेश में सरकारी अस्पताल छोड़कर अधिकतर सभी डॉक्टर जेनरिक दवाएं लिख रहे हैं, जिससे दवाओं की खपत कम है।

    पीएमबीजेपी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 403 जन औषधि केंद्र संचालित हैं, जबकि देशभर में 12, 616 केंद्र हैं। अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश में दवाओं की कम बिक्री एक वजह यह है कि सभी दवाएं रोगियों को नहीं मिल पाती हैँ। उन्हें कुछ दवाएं दूसरी दुकान से खरीदना पड़ता है।

    एम्स को छोड़ दें तो अन्य सरकारी अस्पतालों में ओपीडी में आने वाले रोगियों को अस्पताल से दवाएं मिल जाती हैं, उन्हें खरीदना नहीं पड़ता। एम्स में रोगियों को अस्पताल से दवाएं नहीं मिलती। अधिकतर रोगी अमृत फार्मेसी से तो कुछ बाजार से ब्रांडेड दवाएं खरीदते है। ओपीडी में आने वाले रोगियों में बमुश्किल पांच प्रतिशत ही जन औषधि केंद्र से दवाएं लेते हैं। सभी जिलों में अस्पताल के बाहर केंद्र खुले हैं पर यह बाजारों की जगह कालोनियों में हैं, जिससे कम लोग पहुंच पाते हैं।

    प्रदेश में जन औषधि केंद्रों से दवाओं की बिक्री वर्ष

    दवाओं की बिक्री (राशि-करोड़ रुपये में) 2019-20 — 4.58 2020-21 — 6.20 2021-22 — 8.47 2022-23 — 11.10 2023-24 — 13.84

  • संयुक्त दल ने की थी झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई, राजस्व, नपा, शिक्षा, स्वास्थ्य अधिकारी बने तमाशबीन

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    लगभग 10 दिन पहले जिला प्रशासन ने एक टीम गठित कर पत्र जारी कर दिया थाडॉक्टरों के खिलाफ दवाखाना सिल करने की कार्रवाई सिविल अधीक्षक द्वारा की गई हैइसके बाद शहर में दर्जनों अपंजीकृत डॉक्टर चिह्नित किए गए हैं जिसे के बाद उन पर जांच होगी

    नईदुनिया न्यूज़, सारंगपुर। सरकार के प्राथमिकता वाले आदेशों की जांच और कार्रवाई में स्थानीय प्रशासन के अफसर सिर्फ कागजी खानापूर्ति में जुटे हैं। सरकार के जिन आदेशों पर प्रदेशभर और पडोसी जिलों में कड़ी कार्रवाई हो रही हैं, यहां सिर्फ फाइलें कार्यालय दर कार्यालय घूम रही हैं।

    सामान्य प्रशासन के ही आदेशों का पालन कराने में पसीना छूट रहा है। शासन के विशेष आदेशों के तहत कार्रवाई के बजाय सिर्फ राजस्व, स्वास्थ्य, शिक्षा और नगर पालिका अधिकारियों की टीम द्वारा कार्रवाई के करने के बजाय, अपनी जिम्मेदारियों को महज इतिश्री कर लिया गया है।

    शुरू ही नहीं हुई बेसमेंट की जांच

    दिल्ली में बेसमेंट में हुए हादसे के बाद प्रदेश सरकार ने प्रशासन को पत्र भेजकर शहरी क्षेत्र में बेसमेंट की जांच रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों की मानें तो लगभग 10 दिन पहले जिला प्रशासन ने एक टीम गठित कर पत्र जारी कर दिया था। लेकिन कई दिन बीतने के बाद कार्रवाई तो दूर नपा की टीम बेसमेंट झांकने तक नहीं पहुंची है।

    प्रशासन ने शासन के पत्र के आधार पर नगरीय क्षेत्र में नगर पालिकाओं को भी पत्र जारी किया है। यहां पर बेसमेंट की सबसे खराब स्थित है। जिस पर आज तक कार्रवाई न होना एक सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। बताया गया कि क्षेत्र के कॉम्प्लेक्स के बेसमेंट में पानी निकासी की व्यवस्था भी नहीं है।

    इसी तरह निजी कॉम्प्लेक्स के बेसमेंट में दुकानें संचालित हो रही हैं। लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि नपा ने अभी तक इन्हें चिह्नित करने के साथ आज तक कार्रवाई नहीं की।

    औपचारिकता में सिमटी झोलाछापों की कार्रवाई

    शासन ने 15 जुलाई को झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। मामले में प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देने के साथ साथ बनाए गए दल को जिम्मेदारी देकर मामले को इतिश्री कर लिया है। सूत्रों की माने तो सारंगपुर में दो डॉक्टरों के खिलाफ दवाखाना सिल करने की कार्रवाई सिविल अधीक्षक द्वारा की गई है। किंतु इसके बाद यह अभियान शिथिल पडा है। जबकि शहर में दर्जनों अपंजीकृत डॉक्टर चिह्नित किए गए हैं।

    स्कूलों पर मेहरबानी

    बता दे की सबसे पहले शासन के आदेश पर प्रशासन ने निजी स्कूलों में आइएसबीएन और डुप्लीकेट पुस्तकों की जांच के लिए राजस्व और स्कूल शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम गठित करने की बात सामने आई थी। बावजूद इसके आज तक अभियान के तहत एक दिन भी जांच नहीं की गई। इसी तरह निजी स्कूलों में फीस वृद्धि का मामला लंबे समय से चल रहा है। आज तक न तो ठोस कार्रवाई हुई और न ही कार्रवाई करने की किसी ने जहमत दिखाई।

    बोले जिम्मेदार

    हमारे द्वारा पूर्व में भी नियम विरुद्ध संचालित क्लीनिक पर कार्रवाई की है आगे भी यह जारी रहेगी। -डॉ. मनीष चौहान, सिविल अधीक्षक, सिविल अस्पताल, सारंगपुर।

    शिक्षा विभाग एवं शासन के जो भी निर्देश मिलते है उन पर अमल किया जाता है। फीस वृद्धि के मामले जो भी शासन के निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार निजी स्कूलों पर कार्रवाई करेंगे। – बीएल सूर्यवंशी, बीईओ, सारंगपुर।

  • दान पेटी में निकला स्‍टांप, लिखा था मेरा अगला टारगेट मुकेश धीरूभाई अंबानी मुंबई

    HighLights

    अचलेश्वर मंदिर के एक महीने बाद दान-पत्र खुलेएक माह में छह लाख 53 हजार 450 रुपये निकले हैंदोनों सोमवारों को 50-50 हजार रुपये की धनराशि चढ़ौत्री के रूप में आई हैं

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। अचलेश्वर महादेव की दान पेटी में जब दान की रकम की गिनती की गई तो एक स्‍टांप पर लिख हुआ था कि मेरा अगला टारगेट मुकेश धीरूबाई अंबानी। स्‍टांप पर पता भी लिखा हुआ है। जिसमें किसी मनोज शर्मा पुत्र रामेश्‍वर दयाल शर्मा (जीवित मोक्षी आत्मा) निवासी बालाजी विहार गुढ़ी गुढ़ा का नाका, कंपू ग्वालियर लिखा हुआ है। स्टांप निकलने के बाद प्रबंधन ने इसे पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    अचलेश्वर मंदिर के दान-पत्र एक माह बाद रविवार की सुबह खोले गए। इस माह चढ़ावे के रूप में अचलनाथ भक्तों ने उनकी गुल्लक में छह लाख 53 हजार 450 रुपये अर्पित किए हैं, जो कि पिछले माह की तुलना एक लाख पांच हजार एक सौ पचास रुपये अधिक हैं। इसमें सावन माह के पहले व दूसरे सोमवार की चढ़ौत्री भी शामिल हैं। दोनों सोमवारों को 50-50 हजार रुपये की धनराशि चढ़ौत्री के रूप में आई हैं।

    दानपत्र 20 ग्राम व 10 ग्राम चांदी के सिक्के भी निकले हैं। इस माह भक्तों ने चढ़ौत्री के साथ-साथ अपनी समस्याओं को पत्र भी भगवान अचलनाथ के चरणों में निराकरण के लिए अर्पित किए हैं। इनमें घरेलू व पारिवारिक समस्या से जुड़े हैं।

    दानपत्र में भगवान अचलनाथ के अर्जी के पत्र भी निकले हैं

    दान-पात्र में भगवान अचलनाथ के भक्तों की अर्जी के पत्र निकले हैं। एक भक्त ने लिखा है कि मुझे तीन हजार रुपये की आवश्यकता है। मैं यह रुपये हार गया हूं, मेरी व्यवस्था कर दो। इसके अलावा घर परिवार की समस्या से जुड़े पत्र है। एक पत्र में युवती के नाम का भी निकला है।

    छह घंटे में हुई गिनती

    अचलेश्वर संचालन समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश उच्च न्यायालय एनके मोदी के निर्देशन पर बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने मंदिर में लगे चौदह दानपत्रों के ताले खोले गए। गिनती के लिए पहले नोटों को छांटकर उनकी गड्डियां बनाईं गईं। उसके बाद नोटों की गिनती की गई। मंदिर के प्रबंधक वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस माह चढ़ौत्री के रूप में छह लाख 53 हजार 450 रुपये की राशि निकली है।

    नोट कुलसंख्या राशि

    500 400 दो लाख

    200 144 28 हजार 800

    100 1305 एक लाख 30 हजार 500

    50 1551 77 हजार 559

    20 3785 75 हजार 700

    10 8047 80 हजार 470

    5 126 630

    इसके साथ ही सिक्के 54 हजार 800