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  • A+ गंवाने के डर से डीएवीवी ने NAAC के नए सिस्टम से शुरू की तैयारी, दो महीने में बनाना होगी रिपोर्ट

    HighLights

    नैक के पुराने सिस्टम से संस्थान का आकलन नहीं करवाने का फैसला लिया हैविश्वविद्यालय ने ग्रेडिंग प्रक्रिया से खुद को अलग कर दिया हैएक्रेडिएशन को लेकर विभागों की तैयारियां शुरू करवाने पर जोर दिया

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। ए प्लस ग्रेड प्राप्त देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल (नैक) के पुराने सिस्टम से संस्थान का आकलन नहीं करवाने का फैसला लिया है। ग्रेड गिरने के डर और अधूरी तैयारी के चलते विश्वविद्यालय ने ग्रेडिंग प्रक्रिया से खुद को अलग कर दिया है।

    यही वजह है कि 30 जून तक नैक में आवेदन नहीं किया है, लेकिन अब अप्रैल 2024 से लागू नैक के नए सिस्टम को अपनाने में लगा है। पिछले दिनों विश्वविद्यालय ने नैक के संबंध में बैठक बुलाई थी, जिसमें विभागाध्यक्षों को नए सिस्टम को समझाया। इसके तहत एक्रेडिएशन को लेकर विभागों की तैयारियां शुरू करवाने पर जोर दिया।

    नियुक्तियां व शोध कम

    पिछले पांच साल में विश्वविद्यालय की स्थिति बिगड़ी है। पेपर लीग, नियुक्तियों कम, शोध कार्य में गिरवाट, परीक्षाएं और रिजल्ट में देरी जैसे कई प्रमुख वजह है। इसके चलते विश्वविद्यालय को डर था कि पिछली बार की ए प्लस ग्रेड भी बरकरार रखना मुश्किल है। इसके चलते विश्वविद्यालय ने पुराने सिस्टम से बाहर आया है।

    सूत्रों के मुताबिक विशेषज्ञों से संस्थान की स्थिति के बारे में आकलन करवाया। उन्होंने कुलगुरु से लेकर कुलसचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों को ए प्लस भी मुश्किल से आना बताया। विशेषज्ञों ने बताया कि यूटीडी में शिक्षकों के 210 पद रिक्त है। 13 साल में विज्ञापन 92 पदों के लिए निकाला गया था, लेकिन भर्तियां 40 पदों पर हुई। यहां तक नियुक्तियों पर विवाद भी खड़े हुए है। इसके चलते विश्वविद्यालय ने नैक के नए सिस्टम में जाने में दिलचस्पी दिखाई।

    अब दस मापदंड पर होगा आकलन

    नैक का ग्रेडिंग सिस्टम एक दशक पुराना है, जिसमें 700 अंक सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) और 300 अंक पीयर टीम निरीक्षण के बाद देती थी। पहले 7 मापदंड व 130 बिंदुओं पर संस्थानों को जानकारी देना होती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया खत्म हो गई है। अब संस्थान का आकलन दस मापदंड पर किया जाएगा, लेकिन इन पर खरा उतरना थोड़ा मुश्किल है।

    नए भवन, शोध कार्य से जुड़े उपकरण, रिसर्च, पेटेंट की संख्या बढ़ाना होगी। इसके अलावा प्लेसमेंट भी बढ़ाना होंगे। साथ ही विद्यार्थी-शिक्षक का अनुपात बराबर करना होगा। उसके बाद संस्थान की रिपोर्ट पर एक्रिडिएशन या नॉन एक्रिडिएशन दिया जाएगा। इसके चलते संस्थानों के सामने चुनौती बढ़ गई है। उन्हें अब रिपोर्ट में आंकड़े मजबूत करने की जरूरत है।

    72 फैकेल्टी को दिया प्रमोशन

    40 फैकल्टी की नियुक्ति की दी। 72 फैकल्टी के प्रमोशन भी किए हैं। अब सभी को मिलकर क्वालिटी टीचिंग के साथ रिसर्च व पैटेंट पर काम करना चाहिए। – प्रो. रेणु जैन, कुलगुरू, डीएवीवी

  • शाजापुर में देर रात एक घर के बाहर भीड़ ने किया हंगामा, यहां गंदा काम करने का लगाया आरोप

    भीड़ से बचाकर युवक को ले जाती पुलिस।

    HighLights

    घर के बाहर भीड़ जमा होने की सूचना पर पहुंची थी पुलिस। महिला पुलिस के आने में हुई देरी से भी गुस्सा हो गए लोग। घर के अंदर मौजूद युवक ने मारने के लिए ईंट उठा ली थी।

    शाजापुर। शाजापुर शहर के किला रोड पर सोमवार देर रात जमकर हंगामा हुआ। एक घर में अनैतिक गतिविधि होने की शंका में यहां भीड़ जुट गई थी। लोग घर की तलाशी लेने की मांग कर रही थी। कोतवाली थाना पुलिस टीम भी पहुंची, लेकिन काफी देर तक महिला पुलिस अधिकारी नहीं पहुंची। इस पर भीड़ आक्रोशित हो गई।

    पुलिसकर्मियों के साथ कुछ लोग घर में घुसे। वहां एक युवक छत पर चढ़ गया और लोगों को देखकर ईंट उठा ली। युवक की इस हरकत से भीड़ और आक्रोशित हो गई। पुलिसकर्मियों ने युवक को मशक्कत के बाद पकड़ा। पुलिस युवक को थाने ले जा रही थी, तभी भीड़ ने उसकी पिटाई भी कर दी। पुलिस जैसे-तैसे युवक को थाने लेकर आई।

    हिंदू संगठनों ने की नारेबाजी

    इधर, कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर हिंदू संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। हालांकि अधिकारियों की समझाइश से मामला शांत हुआ। मामले में युवक की पत्नी को भी थाने लाया गया है। युवक मुस्लिम है और उसकी पत्नी हिंदू है।

    एक पीड़ित युवती भी थाने पहुंची। देर रात तक पुलिस संबंधितों से जानकारी लेती रही। कोतवाली थाने के बाहर बड़ी संख्या में लोग डटे रहे। एडिशनल एसपी टीएस बघेल ने बताया कि मामले में शिकायत पर सख्त कार्रवाई करेंगे। खबर अपडेट हो रही है…

  • Ganpati Ghat: गणपति घाट पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बन रही सड़क, अब सिर्फ 2 किमी का काम बाकी

    गणपति घाट को व्यवस्थित किया जा रहा है ताकि हादसे कम किए जा सकें।

    HighLights

    100 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे गणपति घाट का काम जारी। निर्माण एजेंसी ने अब तक साढ़े छह किमी की सड़क तैयार कर दी है।गणपति घाट पर अंडर पास का काम अगले महीने पूरा किया जाएगा।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Ganpati Ghat)। सड़क हादसों को रोकने के लिए मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर गणपति घाट को व्यवस्थित किया जा रहा है। साढ़े आठ किमी लंबे नए मार्ग निर्माण का काम काफी धीमा है। जबकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को दिसंबर तक काम खत्म करना है।

    अभी फ्लाईओवर और दो किमी की सड़क का डामरीकरण बाकी है। हालांकि अंडर पास का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है। फिलहाल निर्माण एजेंसी को ब्रिज के लिए फ्लाई एश की जरूरत है। इसे लेकर महीनेभर का इंतजार करना होगा।

    जून 2023 पर शुरू हुआ था निर्माण

    100 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे गणपति घाट का काम जून 2023 में शुरू हुआ था। निर्माण एजेंसी ने साढ़े छह किमी की सड़क तैयार कर दी है। डामरीकरण भी हो चुका है। अंडर पास का काम अगले महीने पूरा किया जाएगा।

    आने-जाने वाले वाहनों को हो रही दिक्कत

    निर्माण कार्य चलने के बावजूद यहां से वाहनों को निकलने के लिए वैकल्पिक मार्ग नहीं है। इसके चलते मार्ग पर वाहनों की आवाजाही में काफी दिक्कतें होती है। कई बार गाड़ियां आपस में टकरा जाती हैं। जबकि रात में अधिक दिक्कत है। इस वजह से आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं।

    दिसंबर तक पूरा हो जाएगा सड़क का काम

    अधिकारियों के मुताबिक सड़क का दो किलोमीटर का हिस्सा बाकी है। बेस तैयार होने के बाद सीमेंटीकरण होगा। बाद में डामर बिछाई जाएगी। दिसंबर तक काम पूरा किया जाएगा। इस संबंध में निर्माण एजेंसी को निर्देश दिए जा चुके हैं।

    समय से पहले करेंगे काम

    दिसंबर तक गणपति घाट बनाने की डेडलाइन है, जो समय से पहले पूरा किया जाएगा। वैसे दो किमी की सड़क का डामरीकरण और ब्रिज बनना बाकी है। ओंकारश्वर में इन दिनों कावड़ यात्री पहुंच रहे हैं। इस दौरान वहां से भारी वाहन को लेकर प्रतिबंध लगा है। – सुमेश बांझल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

    नहीं आ रहे भारी वाहन

    सावन होने के चलते इन दिनों ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर आने-जाने वाले कावड़ यात्री निकल रहे हैं। इस बीच इंदौर-खंडवा रोड पर भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके चलते गणपति घाट पर बनने वाले ब्रिज के लिए फ्लाई एश नहीं आ रही है। वैसे सिंगाजी पावर प्लांट से 80 हजार क्यूबिक मीटर एश की व्यवस्था हो चुकी है। यह अगले महीने आने की उम्मीद है।

  • Indira Sagar Dam: इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से घटने लगी पानी की मात्रा, नर्मदा के जलस्तर में आई कमी

    ओंकारेश्वर बांध के गेटों से नर्मदा में छोड़ा जा रहा पानी

    HighLights

    गेट खुले होने के कारण नर्मदा नदी में पानी का बहाव बढ़ा हुआ थाजलस्तर अगस्त महीने के अनुरूप होने के बाद बांध के गेट बंद कर दिए हैंखंडवा जिले में ओमकारेश्वर के घाटों से पानी उतरना शुरू हो गया है

    खंडवा, नईदुनिया प्रतिनिधि। इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेटों से लगातार पानी छोड़ने से बांधों का जलस्तर नियंत्रित होने लगा है। इसे देखते हुए गेटों की ऊंचाई और पानी की मात्रा शनिवार को कम कर दी है। इससे नर्मदा नदी के जलस्तर में कुछ कमी आई है। वैसे दोनों बांधों से पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन हो रहा है।

    इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर नियंत्रित करने के लिए बुधवार को इस सीजन में पहली बार गेट खोले थे। इससे जलाशय का स्तर सामान्य हो रहा है। विदित हो कि इंदिरा सागर बांध के 12 गेट तथा ओंकारेश्वर बांध के गेट खोल कर पानी नर्मदा नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे नर्मदा का जलस्तर बढ़ा हुआ है।

    शनिवार सुबह ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर 19556 मीटर है

    अपस्ट्रीम स्थित इंदिरा सागर बांध से लगभग 5688 क्यूमेक्स एवं पावर हाउस से 1840 क्यूमेक्स अर्थात कुल 7528 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त स्थानीय नदियों से भी जल की आवक हो रही है। इससे जल की कुल आवक लगभग 8000 क्यूमेक्स की हो रही है।

    इस स्थिति को देखते हुए आज दोपहर दो बजे से ओंकारेश्वर बांध के खुले हुए 19 गेट में से चार गेट बंद कर 15 गेटों से 6207 क्यूमेक्स व पावर हाउस से 1896 क्यूमेक्स अर्थात कुल 8103 क्यूमेक्स पानी छोडा जाएगा।

  • दावा सुंदरता निखारने का… गलत उपचार से बिगड़ रहा चेहरा, महिलाएं हो रहीं गंभीर संक्रमण की श‍िकार

    अनाड़ी डाॅक्टर के लेजर ट्रीटमेंट से युवती की त्वचा जल गई। – सांकेतिक चित्र।

    HighLights

    त्वचा एवं केश समस्या पर झोलाछाप और दूसरी पैथी के चिकित्सक से परामर्श पड़ रहा महंगा।मध्‍य प्रदेश में जबलपुर में त्‍वचा रोग विशेषज्ञों के पास प्रतिदिन पहुंच रहे बड़ी संख्‍या में पीड़ित।अतिरिक्त मात्रा में स्टेरायड और एंटीबायोटिक दिए जाने के कारण हो रही स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍या।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। गोरी और चिकनी त्वचा की चाहत में झोलाछाप से उपचार कराने पर चेहरा बिगड़ रहा है। ब्यूटी पार्लर में त्वचा से दाग-धब्बे हटाने के लिए मनमानी क्रीम का उपयोग गंभीर संक्रमण का कारण बन रहा है। नगर में चर्म रोग विशेषज्ञों के क्लीनिक में प्रतिदिन त्वचा एवं केश संबंधी समस्या से पीड़ित व्यक्ति स्थिति बिगड़ने पर पहुंच रहे हैं।

    झोलाछाप चिकित्सक या ब्यूटी पार्लर गए

    इसमें अधिकतर ऐसे मरीज हैं जो अपना सौंदर्य निखारने के लिए झोलाछाप चिकित्सक या ब्यूटी पार्लर में गए थे। जहां, धड़ल्ले से मरीजों को दूसरी पैथी की दवा और उपचार पद्धति का उपयोग हो रहा है। अतिरिक्त मात्रा में स्टेरॉयड और एंटीबायोटिक दिए जाने से मरीज स्वास्थ्य संबंधी समस्या से घिर रहे हैं। इन्हें त्वचा, फेफड़ों से लेकर रक्त संबंधी गंभीर संक्रमण की आशंका बन रही है।

    हाल में आए कुछ मामले….

    40 वर्षीय एक महिला की आंख के पलकों पर पाइोजेनिक ग्रैनुलोमा था। नीम-हकीम ने एक मसा नाशक लोशन दिया। दूधवाले ने मसा के नीचे एक बाल बांध दिया। कुछ दिन में यह गंभीर घाव बन गया। इसे बाद में रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन से हटाया गया। 26 वर्षीय एक युवती का रंग सांवला था। विवाह से पहले उसने गोरी त्वचा के लिए एक स्किन क्लीनिक में संपर्क किया। जहां, अनाड़ी डाॅक्टर के लेजर ट्रीटमेंट से युवती की त्वचा जल गई। विवाह से तीन दिन पहले खराब हुई त्वचा को अब ठीक होने में तीन वर्ष लग जाएंगे। एक 58 वर्षीय महिला अपना चेहरा की त्वचा पर निखार के लिए एक ब्यूटी पार्लर से क्रीम लेकर उपयोग कर रही थी। लगभग 15 वर्ष से जिस क्रीम का वह उपयोग कर रही थी उसमें स्टेरायड था। इसे निरंतर लगाने से त्वचा पतली हो गई है। अब वह संक्रमण की समस्या से जूझ रही है।

    लगातार आ रहे मरीज

    त्वचा संबंधी समस्या लेकर लगातार मरीज आ रहे हैं। कई मरीज ऐसे आ रहे हैं जिनका केस गलत उपचार से बिगड़ गया है। ये लोग उन क्लीनिक और चिकित्सक के पास उपचार के लिए गए थे, जो दूसरी विधा के हैं। झोलाछाप चिकित्सकों और अवैध क्लीनिक पर कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया है।- डाॅ. अमरेंद्र पांडे, पूर्व अध्यक्ष, आईएमए

    बड़ी चिंता…घट रही रोगप्रतिरोधक क्षमता

    त्वचा रोग विशेषज्ञों ने बताया कि झोलाछाप और अकुशल चिकित्सक चर्म एवं केश संबंधी समस्या के निदान के लिए धड़ल्ले से स्टेराॅयड और एंटीबायोटिक का उपयोग कर रहे है। संक्रमण गंभीर होने पर जब विशेषज्ञ चिकित्सक के पास उपचार के लिए पहुंच रहे हैं तो उन्हें महंगे एंटीबायोटिक इंजेक्शन देना पड़ रहा है। इससे मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है। उन्हें बुखार सहित अन्य संक्रमण हो रहे हैं। गरीब रोगी के लिए इन महंगे इंजेक्शन का व्यय वहन करना मुश्किल होता है।

    अवैध क्‍लीनिक की श‍ि‍कायतें मिली हैं

    अवैध क्लीनिक संचालन से संबंधित शिकायतें आई हैं। हाल ही में एक क्लीनिक का पंजीयन निरस्त किया गया है। इस क्लिनिक से दूसरी पैथी की दवा जा रही थी। जहां भी शिकायत मिल रही है जांच कराई जा रही है। नियम का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।- डाॅ. संजय मिश्रा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

    यहां आ रही समस्या..

    अवैध क्लीनिक में सौंदर्य निखारने के लिए प्लेटलेट रिच प्लाज्मा (पीआरपी) का हो रहा है। लापरवाही पर रक्त संबंधी संक्रमण का खतरा रहता है। अनाड़ी लेजर ट्रीटमेंट कर रहे हे। दाग-धब्बे हटाने के फेर में त्वचा जला दे रहे हैं। कुछ क्लीनिक स्किन स्पेशलिस्ट होने का भ्रामक प्रचार करते हैं। ऐसे छोटे-छोटे क्लीनिक गली-मोहल्ले में खुल रहे हैं, जहां सीधी नजर नहीं रहती है। उपचार में जेल और थैरेपी के लिए घटिया उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। स्किन ट्रीटमेंट क्लीनिक की चेन वाले कुछ केंद्रों में होम्योपैथी चिकित्सक की नियुक्ति कर उससे एलोपैथी और लेजर का कार्य लिया जा रहा है। ब्यूटी, हेयर पार्लर और झोलाछाप चिकित्सक के यहां से मनमाने लोशन, क्रीम बेचे जा रहे हैं। अवैध क्लीनिक और झोलाछाप चिकित्सकों को प्रभावी लोगों का संरक्षण मिलने से कार्रवाई रुक जाती है। गलत उपचार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

  • इंदौर शहर में मुसीबत बन गए ई-रिक्शा… 23 रूट हैं तय, लेकिन नहीं चलते इन पर

    राजवाड़ा पर रोक के बावजूद आ जाते हैं ई-रिक्शा। इससे जाम की स्थिति बनी रहती है।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(e rickshaw in Indore)। इंदौर शहर में यातायात सुगम करने तथा प्रदूषण कम करने के लिए ई-रिक्शा चलाए गए, लेकिन अब ये शहर के गले की फांस बनने लगे हैं। इन्हें निर्धारित रूट पर संचालित करने के लिए करीब पांच माह पहले 23 रूट बनाए गए थे।

    तय हुआ था कि इन रूटों पर आठ हजार से अधिक ई-रिक्शा का संचालन किया जाएगा, मगर अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। परिणाम यह हुआ कि अब ई-रिक्शा चालकों की जहां मर्जी होती है, वहां अपनी गाड़ियां दौड़ाते रहते हैं। इससे शहर में यातायात की समस्या सुलझने के बजाय और उलझने लगी है। शहर के प्रमुख मार्गों पर तो इनकी रेलमपेल के कारण कई बार जाम की स्थिति बन जाती है।

    कलेक्टर को दिया ज्ञापन

    इंदौर शहर की प्रमुख सड़कों से गलियों और कालोनियों तक ई-रिक्शा का संचालन किया जाना था, ताकि शहर की सड़कों पर से यातायात का दबाव कम किया जा सके। साथ ही लोग गलियों और कालोनियों से ई-रिक्शा की सहायता से मुख्य मार्गों तक आसानी से पहुंच सके, परंतु ई-रिक्शा धड़ल्ले से मुख्य मार्गों पर दौड़ रहे हैं।

    प्रत्येक चौराहे पर चार से पांच ई-रिक्शा हमेशा खड़ी रहती है। कहीं भी रिक्शा खड़ी कर सवारी बैठाई जा रही है। इस कारण दिन में कई बार जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। गत दिनों भगवा आटो रिक्शा संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने भी कलेक्टर आशीष सिंह को ई-रिक्शा को निर्धारित रूट पर चलाने को लेकर ज्ञापन दिया है।

    यातायात सुधार के लिए किए थे प्रयास

    इंदौर जिले में मार्च माह में नए ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई गई थी। रजिस्ट्रेशन रोक को शोरूम संचालकों ने कोर्ट में चुनौती दी और प्रतिबंध हटाया। इंदौर शहर के अंदर रूटों पर कलर कोडिंग के हिसाब से ई-रिक्शा चलाई जाना है। शहर के बीच में राजवाड़ा पर ई-रिक्शा का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था।

    एक रूट पर 300 ई-रिक्शा की अनुमति थी

    शहर में ई-रिक्शा के लिए 23 रूट बनाए गए हैं और एक रूट पर 300 ई-रिक्शा चलाने की बात हुई थी। इसमें एयरपोर्ट से लेकर तेजाजी नगर चौराहा, गंगवाल बस स्टैंड से ग्रीन पार्क कालोनी, राऊ गोल चौराहा से देवास नाका, मृगनयनी से देवास नाका, गिटार तिराहा से खजराना, पलासिया चौराहा से कनाड़िया रोड, बापट चौराहा से देवास नाका का रूट है।

    इसके साथ ही एयरपोर्ट से अरविंदो हास्पिटल, मरीमाता चौराहा से सरवटे बस स्टैंड, संजय सेतु से चोइथराम मंडी चौराहा, रेलवे स्टेशन सियागंज की ओर पटेल प्रतिमा से बिचौली हप्सी, संजय सेतु से राज मोहल्ला, बड़ा गणपति से कृष्णपुरा छत्री वन-वे, रेलवे स्टेशन से मूसाखेड़ी चौराहा, मधु मिलन चौराहा से भंवरकुआं चौराहा, महूनाका से कैट रोड, महू नाका से राजेंद्र नगर, नौलखा से देवगुराड़िया, चंदन नगर चौराहा से प्लेटफार्म नंबर 6 रेलवे स्टेशन रूट हैं।

    सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में होगा फैसला

    शहर में ई-रिक्शा के संचालन के लिए रूट तय किए गए हैं। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इसके संचालन की योजना पर निर्णय होगा। – प्रदीप शर्मा, आरटीओ

  • मायके में रह रही महिला की मोहल्‍ले के युवक से हुई थी दोस्‍ती… कहा – अब पति के साथ रहूंगी और बातचीत कर दी बंद तो पति को उता‍र दिया मौत के घाट

    पुलिस ने युवक की हत्‍या के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। – सांकेतिक चित्र।

    HighLights

    बरगी थाना क्षेत्र के निगरी में हुई हत्या की जांच में खुलासा। वारदात के आरोपित प्रेमी और उसके दो दोस्त गिरफ्तार।चाकू से अनेक वारकर युवक को उतार दिया मौत के घाट।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। बरगी थाना क्षेत्र निवासी में निगरी तिराहा निवासी मुकेश झारिया (50) की हत्या उसकी पत्नी के पुरुष मित्र ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर की थी। हत्या के आरोपित विवेक दुबे (22), मयंक त्रिपाठी (31) और संजय चौधरी (21) को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपित खमरिया थाना क्षेत्र के घाना और सुंदरपुर के रहने वाले हैं।

    बच्‍चों के साथ मायके में रहती थी महिला

    यह जानकारी गुरुवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा एवं बरगी नगर पुलिस अधीक्षक सुनील नेमा ने पत्रकारों से बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि मुकेश की पत्नी, बच्चों के साथ तीन-चार वर्ष से खमरिया घाना स्थित मायके में रह रही थी। वहीं, उसकी मोहल्ले में रहने वाले विवेक दुबे से मित्रता हो गई। कुछ समय पहले महिला ने विवेक से कहा कि वह अब पति के साथ रहेगी। उसने इसके बाद विवेक से बातचीत और मिलना बंद कर दिया।

    आरोीप ने तीन दोस्‍तों को झांसे में लिया

    रोष में आकर विवेक ने महिला के पति की हत्या कराना ठाना। उसने तीन दोस्तों को झांसे में लिया। उन्हें बताया कि निगरी में एक व्यक्ति को मारने की सुपारी मिली है। मोटी राशि मिलेगी। चारों ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया। महिला का पति मुकेश निगरी में अपनी मां के साथ रहता था।

    घर के बाहर मिला था रक्‍तरंंजित शव

    जानकारी के अनुसार युवक की मां स्वजन के यहां टेमरभीटा गई थी। तीन अगस्त को घर के बाहर मुकेश का रक्तरंजित शव मिला। सीसीटीसी कैमरों के फुटेज खंगालने पर एक मोटरसाइकिल में तीन संदेही दिखे। इनकी (विवेक, मयंक, संजय) गिरफ्तारी के बाद घटना उजागर हुई।

    चाकू से किए कई वार

    आरोपित दो अगस्त की रात को निगरी गए थे। घर के बाहर मुकेश सो रहा था, तभी तीनों ने चाकू से उस पर कई वार कर हत्या कर दी। इसके बाद अपने घर लौट गए। पता चला है कि आरोपी विवेक तीन माह से हत्या की योजना बना रहा था। उसने अकेले निगरी जाकर रैकी की, फिर वारदात को अंजाम दिया। तीनों आरोपितों को बुधवार को न्यायालय के निर्देश पर जेल भेज दिया गया है। आरोपितों को पकड़ने में बरगी थाना प्रभारी कमलेश चौरिया, खमरिया थाना प्रभारी भुपेन्द्र आर्माे, बरगी नगर चौकी की उप निरीक्षक सरिता पटेल की भूमिका रही।

  • मुख्यमंत्री आवास में होगा महिला सरपंच सम्मेलन, सीएम मोहन यादव करेंगे संवाद

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (प्रतीकात्मक चित्र)

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। राजधानी में श्यामला हिल्स पर स्थित मुख्यमंत्री आवास में शुक्रवार को महिला सरपंचों का सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन में प्रदेश भर की महिला सरपंच सम्मिलित होंगी। रक्षाबंधन पर्व के उपलक्ष्य में यह आयोजन किया जा रहा है।

    उल्लेखनीय है कि प्रदेशभर में सरकार रक्षाबंधन की थीम पर विभिन्न महिला सम्मेलनों का आयोजन कर रही है। मुख्यमंत्री आवास में भी अलग-अलग समूहों को बुलाया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को महिला सरपंच आएंगी। महिला सरपंचों के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव संवाद करेंगे। इस मौके पर महिला सरपंच मुख्यमंत्री को राखी भी बांधेंगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि सम्मेलन के दौरान मंच से सीएम डॉ. मोहन यादव महिला सरपंचों के हित में कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। News updating…

  • Gas Cylinder Subsidy: महिला के नाम पर होगा गैस कनेक्शन… तभी मिलेगा 450 रुपये में सिलेंडर

    HighLights

    लगभग 40 लाख महिलाओं को मिल रहा है इसका लाभ अब तक 579 करोड़ रुपए का दिया जा चुका है अनुदान महिला के नाम पर कनेक्शन करवाना भी नहीं होगा मान्य

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश में 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर पाने के लिए कनेक्शन पुरुष के नाम से महिला के नाम स्थानांतरित कराने से काम नहीं चलेगा। ऐसे किसी भी प्रकरण को मान्य नहीं किया जाएगा। योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा, जिनके नाम योजना की शुरुआत के समय रसोई गैस कलेक्शन था।

    40 लाख महिलाओं को लाभ

    प्रदेश में अभी 40 लाख महिलाओं को 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर दिलाने के लिए अंतर की राशि अनुदान के रूप में दी जा रही है। विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में शामिल महिलाओं को 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की योजना लागू की थी।

    इसमें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की लाभार्थी भी शामिल की गईं। योजना का लाभ लेने के लिए कई उपभोक्ताओं ने अपने नाम के स्थान पर कनेक्शन महिलाओं के नाम पर करा लिए पर इसे मान्य नहीं किया जाएगा।

    योजना केवल उज्ज्वला योजना और मुख्यमंत्री लाड़ली बहना के लिए है। पुरुषों के नाम पर यदि रसोई गैस कनेक्शन है तो उसे मान्य नहीं किया जाएगा। योजना लागू होने के बाद बड़ी संख्या में कनेक्शन स्थानांतरित कराने के प्रकरण सामने आए हैं। इसे देखते हुए सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस बात का ध्यान रखें कि कनेक्शन महिला के नाम पर ही होना चाहिए। – गोविंद सिंह राजपूत, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री

    उल्लेखनीय है कि जुलाई 2023 से मार्च 2024 तक 579 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है। अप्रैल और मई 2024 का 52.44 करोड़ रुपये अनुदान दिया जाना बाकी है। इसके लिए अब सरकार ने रसोई गैस सहायता योजना (उज्ज्वला) एवं रसोई गैस सहायता योजना (गैर उज्ज्वला) लागू की है। अब इसके माध्यम से ही आयल कंपनियों को अनुदान की राशि का भुगतान खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग करेगा। कंपनियां सीधे महिलाओं के खातों में अनुदान की राशि अंतरित करेंगी।

  • जेल का डर दिखाकर आरक्षक ने संदिग्ध चोर से 20 हजार रुपये वसूले… अब 20 दिन से लगा रहा दो पुलिस थानों के चक्‍कर

    बड़ा सवाल यह है, कि यदि आरोपित मोबाइल चोर है, तो उस पर केस दर्ज क्यों नहीं हुआ? – सांकेतिक चित्र।

    HighLights

    अंबाह पुलिस थाने के आरक्षक ने मुरैना में आकर की वसूली।स्टेशन रोड थाने के प्रधान आरक्षक को इस घटना का पता चला।अंबाह के आरक्षक से 20 हजार व चोरी के माेबाइल लेकर रख लिए।

    नईदुनिया न्यूज, मुरैना। अंबाह थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक ने मुरैना शहर में आकर मोबाइल चोरी के आरोप में एक युवक को पकड़ा। मामले को रफा-दफा करने 20 हजार रुपये और चोरी के तीन मोबाइल वसूले गए। इस घटनाक्रम में रोचक बात यह है, कि इस बात की शिकायत जब स्टेशन रोड थाने में पहुंची तो स्टेशन रोड थाने के एक प्रधान आरक्षक ने अंबाह थाने के आरक्षक से 20 हजार रुपये व माेबाइल लेकर रख लिए।

    बड़ा सवाल- संदिग्‍ध पर केस क्‍यों दर्ज नहीं

    संदिग्ध मोबाइल चोर अपने 20 हजार वापस लेने के लिए अंबाह एवं मुरैना के पुलिसकर्मियों के चक्कर काट रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है, कि यदि आरोपित मोबाइल चोर है, तो उस पर केस दर्ज क्यों नहीं हुआ? घटनाक्रम 17 जुलाई का है, जब अंबाह थाने के आरक्षक रामस्वरूप ने स्टेशन रोड थाने के पूर्व नगर रक्षा समिति सदस्य देवेंद्र रामपुरे निवासी इमलिया की मुखबिरी पर लालौर गांव के आशीष कुशवाह काे पकड़ा।

    आशीष कुशवाह ट्रेनों से मोबाइल चुराता है। अंबाह थाने के आरक्षक रामस्वरूप ने मुरैना शहर में आकर ये क्यों किया, ये तो वही बता सकते हैं। यह बात सही है, कि आरक्षक रामस्वरूप से 20 हजार रुपये व मोबाइल मेरे पास आ चुके हैं। शिकायतकर्ता आशीष को टीआइ साहब के सामने पेश होने काे कहा है, वह आ नहीं रहा।- सुनील जायसवाल, प्रधान आरक्षक, स्टेशन रोड थाना

    चार मोबाइल किए जब्‍त, दी जेल भेजने की धमकी

    आशीष पर ट्रेनों से यात्रियों के मोबाइल चुराने का आरोप है। उस दिन आरक्षक रामस्वरूप ने आशीष से चार मोबाइल जब्त किए और जेल भेजने की धमकी देकर आशीष कुशवाह को पुलिस पेट्रोल पंप पर ले गया, जहां आशीष से मोबाइल से 20 हजार रुपये ट्रांसफर करवाए। आशीष से मिले चार मोबाइलों में से एक को आरक्षक रामस्वरूप ले गया, दो मोबाइल मुखबिर देवेंद्र रामपुरे को दे दिए।

    यह घटनास्थल स्टेशन रोड थाना क्षेत्र का है, इसीलिए संदिग्ध मोबाइल चोर आशीष कुशवाह ने खुद ही स्टेशन रोड थाने में आवेदन देकर पूरे घटनाक्रम की शिकायत की। इसके बाद स्टेशन रोड थाने के प्रधान आरक्षक सुनील जायसवाल ने अंबाह थाने के आरक्षक रामस्वरूप को फटकारा और आला अफसरों से शिकायत की धमकी दी। इससे डरे आरक्षक रामस्वरूप ने 20 हजार रुपये व मोबाइल प्रधान आरक्षक जायसवाल को सौंप दिए। आरोप है, कि कई दिन से सुनील जायसवाल 20 हजार रुपये और चोरी के मोबाइलों को रखकर बैठा है। आशीष कुशवाह को उसके 20 हजार रुपये नहीं लौटाए गए। अब यह मामला एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान तक जा पहुंचा है, तो स्टेशन रोड पुलिस मोबाइल आशीष कुशवाह पर मोबाइल चोरी का केस दर्ज करने की तैयारी में है। सवाल यह है, कि संदिग्ध चोर से 20 हजार की वसूली और 20 दिन से ज्यादा समय तक दो थानों के स्टाफ द्वारा मामले में कार्रवाई नहीं करने पर जिम्मेदारों पर क्या एक्शन लिया जाएगा।