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  • मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की बढ़ सकती है मुश्किल.. ‘2016 से गुमशुदा मानसिंह मामले की जांच के लिए बने SIT’, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

    मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (फाइल फोटो)

    HighLights

    मंत्री गोविंद सिंह पर है मान सिंह को गायब करने का आरोप। सुप्रीम कोर्ट ने नई एसआईटी गठित करने के आदेश दिए। ओबीसी महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। सागर से 2016 से लापता मान सिंह पटेल की गुमशुदगी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित करने के आदेश दिए हैं। एसआइटी गठित होने के आदेश से मंत्री गोविद सिंह राजपूत की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।

    ये है पूरा मामला

    गौरतलब है कि मान सिंह पटेल साल 2016 में लापता हैं। जमीन विवाद मामले में उनके बेटे सीताराम पटेल ने गोविंद सिंह राजपूत और उनके सहयोगियों पर पिता को गायब कराने का आरोप लगाया था। सीताराम ने पुलिस थाने में FIR दर्ज कराने आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने मान सिंह की गुमशुदगी दर्ज कर ली।

    इस मामले में मंत्री का नाम आने के बाद पुलिस ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इस एसआईटी की जांच को सुप्रीम कोर्ट ने महज दिखावा बताते हुए नई एसआईटी बनाने और उसमें दूसरे राज्यों के सीनियर IPS अफसरों को शामिल कर जांच करने के निर्देश दिए हैं।

    मंत्री पर पुश्तैनी जमीन पर कब्जे का आरोप

    मान सिंह के बेटे सीताराम पटेल ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर अपने पिता की गुमशुदगी और उनकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। इस मामले में ओबीसी महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मानसिंह के बेटे सीताराम पटेल ने दावा किया था कि उनके पिता अगस्त 2016 में उस समय लापता हो गए, जब उन्होंने राजपूत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। सीताराम ने आरोप लगाया था कि उन्हें चुप कराने और संपत्ति पर कब्जा करने के लिए उनके पिता को गायब कराया गया था।

    सीएम हेल्पलाइन पर भी कई बार शिकायत

    स्थानीय प्रशासन और सीएम हेल्पलाइन को कई बार शिकायत करने के बावजूद मान सिंह का पता लगाने के लिए ठोस पुलिस कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद सीताराम ओबीसी महासभा के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट की शरण में गया था।

    मैं अभी गुना में हूं। सुप्रीम कोर्ट ने गुमशुदा व्यक्ति के मामले में एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। मैं इसका स्वागत करता हूं, उसके परिवार को न्याय मिलना चाहिए। खासकर कुछ लोगों से मैंने सुना है कि इसमें किसके खिलाफ टिप्पणी की गई है, तो मेरे खिलाफ कोर्ट द्वारा न तो मेरे कोई टिप्पणी की है, न ही मुझे आज तक कोई नोटिस दिया गया है। न ही जांच में बुलाया गया है। मेरे राजनीतिक विरोधियों द्वारा जो षड्यंत्र रचा गया था, उसमें कोर्ट से पूरा न्याय मिला है। सुप्रीम कोर्ट का बयान पढ़े बगैर जो लोग अनर्गल बयानबाजी और प्रचार करेंगे उनके खिलाफ कोर्ट जाऊंगा। नहीं माने तो मानहानि का केस भी दायर करूंगा। – गोविंद सिंह राजपूत, मंत्री