Tag: Madhya Pradesh News

  • Success Story: खेत में काम करते समय लगा था करंट, अब पैरालंपिक में कमाल दिखाएगा मप्र का लाल

    कपिल परमार (फाइल फोटो)

    HighLights

    अब तक दस अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में 9 पदक जीत चुके हैं कपिल परमार।दुनिया में नंबर दो रैंक के पैरा जूडो खिलाड़ी कपिल सीहोर के रहने वाले हैंं। पिछले साल एशियन पैरा गेम्स में रजत पदक जीता, पीएम मोदी से की थी भेंट।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। पेरिस ओलंपिक खेलों की समापन के बाद अब पैरालंपिक में दम दिखाने के लिए भारतीय खिलाड़ी तैयार हैं। 28 अगस्त से आठ सितंबर के बीच पेरिस पैरालंपिक गेम्स खेले जाएंगे। इसमें भोपाल में रहकर जूडो सीखने वाले सीहोर जिला निवासी कपिल परमार भी देश को पदक दिलाने के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। प्रदेश के लाल कपिल परमार की कहानी भी दर्दभरी है।

    15 साल की उम्र में हुए हादसे का शिकार

    जब वह मात्र 15 वर्ष के थे, तब खेत में काम करने समय उन्हें विद्युत करंट का जोरदार झटका लग गया था, जिससे रेटिना खराब हो गया था। इस वजह से वह मात्र 20 प्रतिशत ही देख पाते हैं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर मेहनत की।

    कपिल से है पदक की उम्मीद

    आज वह देश के लिए जूडो में बड़ा नाम हैं और पैरांलिपिक में देश के लिए पदक की उम्मीद भी हैं। उनके चाहने वालों को उनसे स्वर्ण पदक की उम्मीद है। वह दुनिया में नंबर दो रैंक के पैरा जूडो खिलाड़ी हैं। कपिल के अनुसार उनके इस सपने को पूरा करने के लिए उनके पिता ने मजदूरी, हम्माली और टैक्सी चलाने का काम भी किया।

    पानी की मोटर चालू करते समय लगा था करंट

    कपिल परमार के अनुसार, 2009 की बात है। खेत में जगह-जगह पानी भरा हुआ था। जैसे ही वह पानी की मोटर चालू करने के लिए खेत में गए, उन्हें करंट लग गया। करंट इतना तेज था कि उनके हाथ की उंगलियां तक आपस में चिपक गई थीं। आज भी दो-तीन उंगलियां ऊपर नहीं होती हैं।

    मुश्किलों भरा रहा सफर

    करंट लगने के दो वर्ष बाद उन्हें चश्मा लग गया। फिर उन्होंने मां से बोला कि मुझे दिखाई नहीं देता और सिर भी दर्द करता है। मां उन्हें डाक्टर के पास ले गई, जहां हाई पावर का चश्मा लगाने की सलाह मिली। इसके बाद उन्हें थोड़ा साफ दिखाई देने लगा और सिर दर्द कम हो गया। इसके बाद उनके चश्मे का नंबर बढ़ता गया। कुछ वर्षों बाद चश्मा भी उतर गया। इसके बाद उन्हें थोड़ा-बहुत ही दिखाई देता था। रात में बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता था। फिर भोपाल में उन्हें ब्लाइंड जूडो के बारे में जानकारी लगी।

    शुरुआती दिनों में भोपाल में लिया प्रशिक्षण

    कपिल राजधानी भोपाल आकर लालघाटी स्थित श्री ब्लिस मिशन फार पैरा एंड ब्राइट संस्था में 2017 से कोच प्रवीण भटेले के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त करने लगे। समय के साथ उनके खेल में निखार आता गया और राष्ट्रीय पर अच्छा प्रदर्शन करने लगे। सुविधाओं की कमी होने लगी तो मप्र खेल विभाग के तात्या टोपे स्टेडियम में आकर जूडो का खास प्रशिक्षण लिया। इसके बाद कपिल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने लगे। कपिल इन दिनों लखनऊ में स्थापित इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जूडो एसोसिएशन में प्रशिक्षण लेते हैं, जहां कोच मुनव्वर अंजार अली सिद्दकी उन्हें प्रशिक्षित करते हैं।

    ऐसे आगे बढ़े कपिल

    कपिल परमार को पहचान 2023 में मिली, जब उन्होंने चौथे एशियन पैरा गेम्स में देश को 60 किग्रा वर्ग जेएक केटेगरी में देश को रजत पदक दिलाया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। मोदी ने उन्हें बधाई दी। इससे पहले कपिल ने कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप-2019 में स्वर्ण, आईबीएसए जूडो ग्रांड प्री-2022 में कांस्य, आईबीएसए जूडो टोक्यो इंटरनेशनल ओपन टूर्नामेंट- 2022 में स्वर्ण पदक जीतकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। इसके बाद उन्होंने आईबीएसए जूडो ग्रांड प्री-2023 में स्वर्ण पदक जीता। आईबीएसए जूडो एशियन चैंपियनशिप-2023 में व्यक्तिगत में रजत व पुरुष टीम चैंपियनशिप में कांस्य पदक प्राप्त किया। कपिल ने अभी तक दस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं खेली हैं, जिसमें नौ में पदक जीते हैं। विश्व में दूसरे नंबर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं।

  • Mohan Cabinet Meeting: मोहन कैबिनेट की बैठक आज, कई अहम प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

    कैबिनेट बैठक के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव (फाइल फोटो)

    भोपाल। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक होगी। इस बैठक में राजस्व से जुड़े प्रकरणों के निराकरण के लिए साइबर तहसील का विस्तार सभी विकासखंडों में करने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। इसके अलावा प्रदेश में संचालित महिला सशक्तीकरण की केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य और जिला स्तर पर नए पद सृजित करने का प्रस्ताव भी मंजूर हो सकता है।

    कैबिनेट बैठक में नर्मदा नदी से जुड़ी सिंचाई परियोजनाओं को प्रशासकीय स्वीकृति दी जाएगी। वर्ष 2024-25 की तबादला नीति पर भी विचार किया जा सकता है। इसके अलावा, मप्र नगरपालिका अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है। News updating…

  • MP में प्रमुख मार्गों पर बेसहारा मवेशियों को रोकने के होंगे प्रबंध, एसीसएस गृह की अध्यक्षता में बनी समिति

    सड़कों पर विचरते निराश्रित मवेशी (प्रतीकात्मक चित्र)

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    पांच सदस्यीय समिति में संबंधित विभागों के सचिव शामिल।गोवंश को सड़क पर आने से रोकने चलाया जाएगा अभियान। मवेशियों के नियंत्रण हेतु मिले सुझावों को भी करेंगे शामिल।

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश के प्रमुख मार्गों में बेसहारा मवेशियों को आने से रोकने के प्रबंध किए जाएंगे। प्रदेश भर में 15 दिन तक विशेष अभियान चलाकर मवेशी नियंत्रण की कार्रवाई की जाएगी। राज्य शासन ने इसके लिए आवारा मवेशी समिति का गठन किया है। समिति के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव गृह होंगे। समिति में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग और प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी विभाग को सदस्य बनाया गया है। प्रमुख सचिव नगरीय आवास एवं विकास समिति के सदस्य सचिव रहेंगे। इस विशेष अभियान अंतर्गत मवेशियों के नियंत्रण हेतु प्राप्त सुझावों को भी शामिल किया जाएगा।

    कलेक्टरों को दिए थे निर्देश

    गौरतलब है कि इसके पूर्व राज्य शासन के पशुपालन व डेयरी विभाग द्वारा सभी जिलों के कलेक्टरों को प्रमुख मार्गों पर आवारा मवेशियों के नियंत्रण हेतु उपाय करने के निर्देश जारी किए गए थे। इसके लिए प्रत्येक जिले को 05-05 लाख रुपये अनुदान देने की भी बात कही गई थी।

    पशुपालकों पर कसी जाएगी नकेल

    दरअसल, प्रमुख मार्गों में बेसहारा मवेशियों के घूमने या बैठने से कई जगह सड़क दुर्घटनाएं जुलाई-अगस्त में हो चुकी हैं। पशुपालक बारिश के दिनों में मवेशियों को खुले में छोड़ देते हैं जिससे यह समस्या हो रही है। इस समिति के सुझावों के आधार पर इस समस्या का स्थायी हल निकाला जाएगा। ऐसे पशुपालकों पर कड़ी कार्रवाई भी शुरू हो सकती है।

  • महाकाल मंदिर के गणेश मंडप में घुसे तीन आवारा कुत्ते आपस में लड़े, जान बचाकर भागे श्रद्धालु

    महाकाल मंदिर के गणेश मंडप में श्रद्धालुओं के बीच आपस में लड़ते आवारा कुत्ते।

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    महाकाल मंदिर परिसर में घूमते रहते हैं आवारा कुत्ते। गेट पर सुरक्षाकर्मी होने के बाद भी ये अंदर घुस आए। कुत्तों की लड़ाई से मंदिर में मच सकती थी भगदड़।

    उज्जैन(Mahakal Mandir Ujjain)। उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आवारा कुत्तों का आतंक खत्म नहीं हो रहा है। शुक्रवार रात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें तीन कुत्ते गणेश मंडप में आपस में लड़ रहे हैं। श्रद्धालु इनसे डरकर जान बचाकर इधर-उधर भागते नजर आए।

    पहले भी महाकाल मंदिर परिसर में आवारा कुत्ते कई बार श्रद्धालुओं को काट चुके हैं। इन्हें बाहर करने और पकड़ने के लिए नगर निगम ने कई बार अभियान चलाया, लेकिन इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है।

    मच सकती थी भगदड़

    सावन माह में महाकाल मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें कुत्ते आपस में लड़ रहे हैं। पास खड़े श्रद्धालु डरकर इधर-उधर भाग रहे हैं। इससे यहां भगदड़ भी मच सकती थी।

    गणेश मंडपर में खड़े होकर दर्शन करते हैं श्रद्धालु

    महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं को किस प्रकार की सुविधा दी जा रही है इसका ताजा उदाहरण शुक्रवार रात देखने को मिला। मंदिर के अंदर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए गणेश मंडपम तय किया गया है। श्रद्धालु गणेश मंडपम में खड़े रहकर भगवान महाकाल के दर्शन करते हैं।

    शयन आरती के पहले मंदिर में घुसे कुत्ते

    ऐसे में शुक्रवार रात को गणेश मंडपम में तीन आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिला। यहां रात में शयन आरती के पहले 10 बजे कुत्ते आपस में लड़ते दिखाई दिए। तीनों कुत्ते आपस में एक दूसरे को काट रहे थे। ऐसे में श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला।

    जान बचाकर भागे श्रद्धालु

    श्रद्धालु अपनी जान बचाकर भागते दिखे। गनीमत रही की कुत्तों ने किसी श्रद्धालुओं को नहीं काटा। यहां बता दे की पूर्व में मंदिर परिसर में ही इन्ही कुत्तों द्वारा कई बार श्रद्धालुओं को काटा भी गया है। मंदिर के अंदर कुत्तों के इस आतंक को देखकर यह भी स्पष्ट हो गया है कि महाकाल मंदिर समिति श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कितनी चिंतित है।

    महाकाल मंदिर की देखरेख का जिम्मा मंदिर समिति के पास है। इसके अलावा मंदिर समिति द्वारा ही निजी सुरक्षा एजेंसी, मंदिर समिति कर्मचारी और पुलिसकर्मी की ड्यूटी भी लगाई जाती है। बावजूद इसके इस प्रकार की घटना घटित होना मंदिर को शर्मसार कर रहा है।

  • भोपाल की सड़कों पर दौड़ीं नवाब हमीदुल्ला की 80 साल पुरानी विंटेज जीपें

    80 साल पुरानी विंटेज जीप।

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    शौकत महल से कलियासोत तक निकला जीपों का काफिला।1942 से 76 तक की 18 जीपें थीं रैली में शामिल।विश्व युद्ध में किया गया था विंटेज जीपों का उपयोग।

    नवदुनिया प्रतिनिधि। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नए जमाने की लग्जरी कारें तो सड़कों पर हर रोज देखी जाती हैं। लेकिन 80 साल पुराना जीपों का शाही कलेक्शन भोपाल की सड़कों पर उतरा तो लोगों की निगाहें जैसे थम सी गईं। भोपाल नवाब हमीदुल्ला खां का जीपों के प्रति प्रेम जगजाहिर है और उनके ही कलेक्शन की कुछ जीपें स्वतंत्रता दिवस की सुबह शहर की सड़कों पर दौड़ती हुई दिखाई दीं। विंटेज कार रैली में ये जीपें शहर के जिस हिस्से में पहुंचीं, वहां लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गईं। 18 विंटेज जीपों की इस रैली में पांच जीपें भोपाल नवाब हमीदुल्ला के पर्सनल कलेक्शन की हैं। जबकि अन्य 13 विंटेज जीपें शहर के अन्य जीप लवर्स की थीं।

    1942 से 76 तक की जीपें थीं रैली में शामिल

    भोपाल विली जीपीडब्ल्यू क्लब की ओर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विंटेज कार रैली का आयोजन किया गया। रैली सुबह नौ बजे शौकत महल से शुरू हुई जो, वीआईपी रोड और स्मार्ट सिटी रोड से होते हुए कलियासोत डैम तक पहुंची। वहीं दोपहर एक बजे न्यूमार्केट से होते हुए रैली वापस इकबाल मैदान पर पहुंची। इनमें 1942 से लेकर 1976 के माडल तक की जीपें शामिल थीं।

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    भोपाल नवाब ने इंग्लैंड से आयात कर बनाया था 18 जीपों का कलेक्शन

    क्लब के फाउंडर दानिश अनवर ने बताया कि नवाब हमीदुल्ला के पास 18 विंटेज जीपों का कलेक्शन था, जो उन्होंने इंग्लैंड और अमेरिका से उस जमाने में आयात की थीं। वे इन जीपों से शहर के आसपास सैर और शिकार करने जाया करते थे। उनके जाने के बाद परिवार में कुछ जीपें बेटियों ने ले ली तो, कुछ जीपें परिवार ने बेच दीं। उनमें से पांच जीपें हमारे ग्रुप के पास हैं, जो हमारे दादा ने करीब 30-35 साल पहले खरीदी थीं। इन जीपों के अलावा परिवार की पुरानी जीपों को भी विंटेज रैली में शामिल किया गया है।

    विश्व युद्ध में किया गया था विंटेज जीपों का उपयोग

    विंटेज जीप रैली में सबसे पुरानी कार 1942 की फोर्ड जीपीडब्ल्यू थी, जो सलमान मोहम्मद खान के दादा ने नवाब परिवार से खरीदी थी। यह जीप वर्ल्ड वार में उपयोग की गई थी, जिसे अमेरिका से इंग्लैंड लाया गया था। इसके अलावा 1952 कि विलीज जीप भी सबसे पुराने कलेक्शन में शामिल थी। साथ ही अन्य जीपें 60 और कुछ 70 के दशक की जीपें भी शामिल थीं।

    ये सभी जीपें उनके दादा से नाती-नातिन को हस्तांतरित की गईं और अब वे अपने दादा की तरह ही उनका रख-रखाव और देखभाल कर रहे हैं। 75 साल पुराने वाहन का रख-रखाव करना बहुत मुश्किल है। इसमें बहुत पैसा और समय लगता है। लेकिन यह जुनून ही है जो हमें उन्हें जीवित रखने और सड़क पर दहाड़ते रहने में मदद करता है।

    आज की रैली का नारा भोपाल की विरासत को बचाना

    भोपाल का इतिहास बचाओ। भोपाल की पुरानी जीपों को बचाओ। रैली इकबाल मैदान से शुरू हुई और कलियासौध डैम की ओर गई, फिर नए बाजार से इकबाल मैदान लौटी। सवारी करते समय, हमें कुछ बेहतरीन अनुभव मिले जैसे स्कूली छात्र अपने फोन से वीडियो शूट करना और तस्वीरें क्लिक करना शुरू कर देते हैं, और हम हर उस व्यक्ति में उत्साह देखते हैं जिससे हम मिले।

    हमने कुछ सुपर बाइक समूहों को भी पार किया, और वे भी हमारी 75 साल पुरानी जीपों के साथ सड़क पर आश्चर्यजनक लग रहे थे। इस रैली का आयोजन भोपाल विली के जीपीडब्ल्यू क्लब द्वारा किया गया है, जो भारत का सबसे बड़ा विंटेज जीप समूह है। इस समूह की स्थापना 2017 में 3 जीपों के साथ की गई थी, और अब इसमें 40 से अधिक सदस्य जुड़ चुके हैं। इस समूह को क्या खास बनाता है।

    यह समूह किसी भी राजनीतिक दल या किसी वाणिज्यिक संगठन या कंपनी से जुड़ा नहीं है। यह एक गैर-राजनीतिक और गैर-वित्तपोषित क्लब है। यह हमारी 9वीं रैली थी हर रैली का अलग-अलग आदर्श वाक्य होता है। पहली रैली का आदर्श वाक्य था वन्य जीवन को बचाना। हमारे दौरे के दौरान, हमने कोई यातायात नियम नहीं तोड़ा और न ही किसी जानवर को नुकसान पहुँचाया। यह एक शांति रैली थी।

    क्लब का नाम: भोपाल विली का GPW क्लब

    क्लब के संस्थापक : दानिश अनवर, सलमान मोहम्मद खान, सादत अली खान

    उपरोक्त सभी जानकारी क्लब के संस्थापकों में से एक दानिश अनवर द्वारा लिखी गई है

  • MP Weather Update: भोपाल सहित जबलपुर, नर्मदापुरम व इंदौर संभाग में हल्की वर्षा की संभावना

    आसमान पर छाए बादल।

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    रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभाग में कहीं-कहीं भारी वर्षा बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी से रूक रूक कर वर्षा उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने के आसार।

    भोपाल। प्रदेश में मानसून अभी भी सक्रिय है, लेकिन राहत की बात है कि प्रदेश में कहीं पर भी बहुत ज्यादा वर्षा की चेतावनी नहीं है। भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर एवं उज्जैन संभाग के जिलों में भी हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। वहीं रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभाग में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है।

    मौसम विज्ञान केंद्र अनुसार मानसून द्रोणिका बीकानेर, उरई, मध्यप्रदेश के सीधी से रांची, दीघा से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। उत्तर-पश्चिम राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी गुजरात पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र एवं उससे लगे बांग्लादेश पर भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बन गया है।

    मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय इन मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आ रही है। इस वजह से प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। गुरुवार से उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने के आसार हैं। गुरुवार-शुक्रवार को रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभाग में कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर एवं उज्जैन संभाग के जिलों में भी हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।

  • हाउसिंग बोर्ड भोपाल के कटारा हिल्स में पहली राष्ट्रीय स्तर की कालोनी करेगा विकसित

    प्रतीकात्मक तस्चीर।

    HighLights

    34 एकड़ 186 भूखंड में किए जाएंगे विकसित। पहली खासियत कालोनी में होगा एसपीटी। दूसरी इसमें अंडरग्राउंड होगी बिजली।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड कटारा हिल्स की 34 एकड़ जमीन पर शहर में पहली राष्ट्रीय स्तर की कलोनी विकसित करेगा। यह कालोनी सफायर पार्क सिटी के नाम से जानी जाएगी । इस कालोनी की दो खासियत इसे राष्ट्रीय स्तर की कालोनी की पहचान दिलाएगी।

    एक कालोनी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और दूसरी अंडर ग्राउंड बिजली। बोर्ड के अधिकारी बताते हैं कि शहर में राष्ट्रीय स्तर की कोई भी कालोनी नहीं है। सफायर पार्क सिटी को शहर में राष्ट्रीय स्तर की कालोनी का दर्जा मिलेगा। यह प्रोजेक्ट लहारपुर इकोलाजिकल पार्क के पास 46 एकड़ में फैला है। प्रोजेक्ट के तहत 186 भूखंड विकसित किए जाएंगे । इस प्रोजेक्ट के विकास कार्य में आधुनिक सुविधाओं के साथ हरियाली का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सीवेज के पानी को उपचारित करके पेड़ों की होगी सिंचाई।

    शहर की पहली कालोनी जहां होगी अंडरग्राउंड होगी बिजली

    इस प्रोजेक्ट की दूसरी खासियत यह है कि यह शहर की पहली वह कालोनी कहलाएगी जिसकी बिजली अंडर ग्राउंड रहेगी। इसके अलावा इस कालोनी में 12 मीटर से लेकर 24 मीटर तक की चौड़ी सड़कें होंगी। कालोनी के बीच में ढ़ाई एकड़ एक ओपन स्पेस होगा। जिसमें क्लब हाउस के साथ ही स्विमिंग पूल भी है। बैडमिंटन कोर्ट, बास्केटबाल कोर्ट, वाकिंग ट्रैक के साथ ही इस सोसायटी में एक से डेढ़ एकड़ के चार ओपन स्पेस भी दिए जाएंगे। साथ ही इसमें हरियाली के लिए विशेष प्रावधान किया गया है।

    इनका कहना है

    सफायर पार्क सिटी में हाउसिंग बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय स्तर की कालोनी विकसित करने की योजना है । आधुनिक सुविधाओं के साथ पर्यावरण के लिए हरियाली का विशेष ध्यान रखा गया है । इस प्रोजेक्ट को हाल ही में नगर निगम से बिल्डिंग परमिशन मिली है। अब बोर्ड इसके विक्रय के लिए रेरा की अनुमति को भेजेगा। रेरा से अनुमति मिलने के बाद इसकी विज्ञापन के माध्यम से बुकिंग शुरू कर दी जाएगी।

    एमके साहू, डिप्टी एडिशनल कमिश्नर, भोपाल

  • भोपाल के सूरज रैकवार हत्याकांड में फरार दो आरोपित रायसेन से गिरफ्तार

    प्रतीकात्मक तस्वीर।

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    माहोली के जंगल में मिले नरकंकाल का मामला।दो आरोपित पहले ही हो चुके थे गिरफ्तार। रिमांड अवधि पूरी होने पर पुन: कोर्ट में पेश किया गया।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। छोला मंदिर थाना पुलिस ने नौ अगस्त की सुबह माहोली के जंगल में 12 दिन से लापता किसान सूरज रैकवार का कंकाल बरामद किया था। वह खेती किसानी करते थे। पुलिस ने 10 अगस्त को हत्या के आरोप में दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि दो आरोपित फरार चल रहे थे।

    पुलिस ने फरार आरोपितों को सोमवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया था। उनके पास से हत्या में उपयोग किए गए चाकू बरामद किए हैं। मंगलवार को रिमांड अवधि पूरी होने पर उन्हें पुन: कोर्ट में पेश किया गया। वहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।

    छोला मंदिर थाना प्रभारी सुरेशचंद्र रैकवार ने बताया कि खेजड़ा निवासी 45 वर्षीय सूरज रैकवार किसानी करते थे। 28 जुलाई की रात से सूरज लापता हो गए थे। 29 जुलाई को उनकी पत्नी संतोषी बाई ने पति की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।

    नौ अगस्त की सुबह माहोली के जंगल में एक नरकंकाल मिला था। उस पर मिले कपड़े और पास पड़ी चप्पलों के आधार पर स्वजन ने मृतक की शिनाख्त सूरज रैकवार के रूप में की थी। इस मामले में पुलिस ने स्वजन के बयान और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदेही खेजड़ा निवासी नीतेश छुट्टीलाल पंथी और चुन्नीलाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की।

    नीतेश ने चुन्नीलाल रैकवार, प्रशांत और संदीप अहिरवार के साथ मिलकर सूरज की हत्या करना कबूल कर लिया। घटना के बाद से प्रशांत और संदीप अहिरवार फरार चल रहे थे। दोनों को पुलिस टीम ने सोमवार को रायसेन से गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें पूछताछ के लिए एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था। मंगलवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। वहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।

  • Ganpati Ghat: गणपति घाट पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बन रही सड़क, अब सिर्फ 2 किमी का काम बाकी

    गणपति घाट को व्यवस्थित किया जा रहा है ताकि हादसे कम किए जा सकें।

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    100 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे गणपति घाट का काम जारी। निर्माण एजेंसी ने अब तक साढ़े छह किमी की सड़क तैयार कर दी है।गणपति घाट पर अंडर पास का काम अगले महीने पूरा किया जाएगा।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Ganpati Ghat)। सड़क हादसों को रोकने के लिए मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर गणपति घाट को व्यवस्थित किया जा रहा है। साढ़े आठ किमी लंबे नए मार्ग निर्माण का काम काफी धीमा है। जबकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को दिसंबर तक काम खत्म करना है।

    अभी फ्लाईओवर और दो किमी की सड़क का डामरीकरण बाकी है। हालांकि अंडर पास का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है। फिलहाल निर्माण एजेंसी को ब्रिज के लिए फ्लाई एश की जरूरत है। इसे लेकर महीनेभर का इंतजार करना होगा।

    जून 2023 पर शुरू हुआ था निर्माण

    100 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे गणपति घाट का काम जून 2023 में शुरू हुआ था। निर्माण एजेंसी ने साढ़े छह किमी की सड़क तैयार कर दी है। डामरीकरण भी हो चुका है। अंडर पास का काम अगले महीने पूरा किया जाएगा।

    आने-जाने वाले वाहनों को हो रही दिक्कत

    निर्माण कार्य चलने के बावजूद यहां से वाहनों को निकलने के लिए वैकल्पिक मार्ग नहीं है। इसके चलते मार्ग पर वाहनों की आवाजाही में काफी दिक्कतें होती है। कई बार गाड़ियां आपस में टकरा जाती हैं। जबकि रात में अधिक दिक्कत है। इस वजह से आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं।

    दिसंबर तक पूरा हो जाएगा सड़क का काम

    अधिकारियों के मुताबिक सड़क का दो किलोमीटर का हिस्सा बाकी है। बेस तैयार होने के बाद सीमेंटीकरण होगा। बाद में डामर बिछाई जाएगी। दिसंबर तक काम पूरा किया जाएगा। इस संबंध में निर्माण एजेंसी को निर्देश दिए जा चुके हैं।

    समय से पहले करेंगे काम

    दिसंबर तक गणपति घाट बनाने की डेडलाइन है, जो समय से पहले पूरा किया जाएगा। वैसे दो किमी की सड़क का डामरीकरण और ब्रिज बनना बाकी है। ओंकारश्वर में इन दिनों कावड़ यात्री पहुंच रहे हैं। इस दौरान वहां से भारी वाहन को लेकर प्रतिबंध लगा है। – सुमेश बांझल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

    नहीं आ रहे भारी वाहन

    सावन होने के चलते इन दिनों ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर आने-जाने वाले कावड़ यात्री निकल रहे हैं। इस बीच इंदौर-खंडवा रोड पर भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके चलते गणपति घाट पर बनने वाले ब्रिज के लिए फ्लाई एश नहीं आ रही है। वैसे सिंगाजी पावर प्लांट से 80 हजार क्यूबिक मीटर एश की व्यवस्था हो चुकी है। यह अगले महीने आने की उम्मीद है।

  • इंदौर शहर में मुसीबत बन गए ई-रिक्शा… 23 रूट हैं तय, लेकिन नहीं चलते इन पर

    राजवाड़ा पर रोक के बावजूद आ जाते हैं ई-रिक्शा। इससे जाम की स्थिति बनी रहती है।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(e rickshaw in Indore)। इंदौर शहर में यातायात सुगम करने तथा प्रदूषण कम करने के लिए ई-रिक्शा चलाए गए, लेकिन अब ये शहर के गले की फांस बनने लगे हैं। इन्हें निर्धारित रूट पर संचालित करने के लिए करीब पांच माह पहले 23 रूट बनाए गए थे।

    तय हुआ था कि इन रूटों पर आठ हजार से अधिक ई-रिक्शा का संचालन किया जाएगा, मगर अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। परिणाम यह हुआ कि अब ई-रिक्शा चालकों की जहां मर्जी होती है, वहां अपनी गाड़ियां दौड़ाते रहते हैं। इससे शहर में यातायात की समस्या सुलझने के बजाय और उलझने लगी है। शहर के प्रमुख मार्गों पर तो इनकी रेलमपेल के कारण कई बार जाम की स्थिति बन जाती है।

    कलेक्टर को दिया ज्ञापन

    इंदौर शहर की प्रमुख सड़कों से गलियों और कालोनियों तक ई-रिक्शा का संचालन किया जाना था, ताकि शहर की सड़कों पर से यातायात का दबाव कम किया जा सके। साथ ही लोग गलियों और कालोनियों से ई-रिक्शा की सहायता से मुख्य मार्गों तक आसानी से पहुंच सके, परंतु ई-रिक्शा धड़ल्ले से मुख्य मार्गों पर दौड़ रहे हैं।

    प्रत्येक चौराहे पर चार से पांच ई-रिक्शा हमेशा खड़ी रहती है। कहीं भी रिक्शा खड़ी कर सवारी बैठाई जा रही है। इस कारण दिन में कई बार जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। गत दिनों भगवा आटो रिक्शा संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने भी कलेक्टर आशीष सिंह को ई-रिक्शा को निर्धारित रूट पर चलाने को लेकर ज्ञापन दिया है।

    यातायात सुधार के लिए किए थे प्रयास

    इंदौर जिले में मार्च माह में नए ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई गई थी। रजिस्ट्रेशन रोक को शोरूम संचालकों ने कोर्ट में चुनौती दी और प्रतिबंध हटाया। इंदौर शहर के अंदर रूटों पर कलर कोडिंग के हिसाब से ई-रिक्शा चलाई जाना है। शहर के बीच में राजवाड़ा पर ई-रिक्शा का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था।

    एक रूट पर 300 ई-रिक्शा की अनुमति थी

    शहर में ई-रिक्शा के लिए 23 रूट बनाए गए हैं और एक रूट पर 300 ई-रिक्शा चलाने की बात हुई थी। इसमें एयरपोर्ट से लेकर तेजाजी नगर चौराहा, गंगवाल बस स्टैंड से ग्रीन पार्क कालोनी, राऊ गोल चौराहा से देवास नाका, मृगनयनी से देवास नाका, गिटार तिराहा से खजराना, पलासिया चौराहा से कनाड़िया रोड, बापट चौराहा से देवास नाका का रूट है।

    इसके साथ ही एयरपोर्ट से अरविंदो हास्पिटल, मरीमाता चौराहा से सरवटे बस स्टैंड, संजय सेतु से चोइथराम मंडी चौराहा, रेलवे स्टेशन सियागंज की ओर पटेल प्रतिमा से बिचौली हप्सी, संजय सेतु से राज मोहल्ला, बड़ा गणपति से कृष्णपुरा छत्री वन-वे, रेलवे स्टेशन से मूसाखेड़ी चौराहा, मधु मिलन चौराहा से भंवरकुआं चौराहा, महूनाका से कैट रोड, महू नाका से राजेंद्र नगर, नौलखा से देवगुराड़िया, चंदन नगर चौराहा से प्लेटफार्म नंबर 6 रेलवे स्टेशन रूट हैं।

    सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में होगा फैसला

    शहर में ई-रिक्शा के संचालन के लिए रूट तय किए गए हैं। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इसके संचालन की योजना पर निर्णय होगा। – प्रदीप शर्मा, आरटीओ