Tag: Madhya Pradesh News

  • Bhopal के राज्य संग्रहालय से धूम फिल्म की तर्ज पर 15 करोड़ की चोरी

    स्टेट म्यजियम में जब्त सिक्के व जेवरात।

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    चोरी करने डेढ़ दिन म्यूजियम के अंदर बंद रहा आरोपित ।25 फीट की दीवार फांदने को कोशिश में आरोपित हुआ घायलबैग से करीब 15 करोड़ का सामान बरामद किया गया है।

    भोपाल। श्यामलाहिल्स स्थित राज्य संग्रहालय में चर्चित फिल्म धूम की तर्ज पर चोरी करने का मामला सामने आया है। रविवार को एक शातिर व्यक्ति बाकायदा टिकट लेकर संग्रहालय प्रवेश करने के बाद सीढ़ियों के नीचे छिप गया था। सोमवार को म्यूजिम बंद रहने के कारण उसने कीमती सामान समेट कर बैग में रख लिया, लेकिन बाहर निकलने के लिए लगभग 25 फीट ऊंचाई की दीवार फांदने की कोशिश में गिर पड़ा। मंगलवार को संग्रहालय खुलने पर वह दीवार के पास घायल पड़ा मिला। आरोपित 49 वर्षीय विनोद यादव है। जो ग्राम अहिमा थाना फतेहपुर तहसील बैजदा जिला गया (बिहार) का रहने वाला है। उसके पास मिले बैग से करीब 15 करोड़ का सामान बरामद किया गया है।

    डीसीपी, जोन-तीन रियाज इकबाल ने बताया कि मंगलवार सुबह चोरी की सूचना पर श्यामलाहिल्स थाना पुलिस संग्रहालय पहुंची थी। जांच के दौरान पुलिस संग्रहालय में तलाशी ले रही थी, तभी ऊंची दीवार के पास एक व्यक्ति घायल पड़ा मिला। उसके पैरों में गंभीर चोट लगी थी। उसके पास मिले बैग की तलाशी ली गई। उसमें राज्य संग्रहालय से चोरी गये सोने-चांदी के आभूषण व सिक्के एवं अन्य सामग्री मिली। जिनकी कीमत 12 से 15 करोड़ आंकी गई है। वह अपने साथ ताला तोड़ने के औजार भी रखकर लाया था। गंभीर चोटिल होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस मामले की जांच के लिए एसआइटी बनाई गई है। जो वारदात में अन्य किसी के भी शामिल होने की जांच कर रही है। एक पुलिस टीम आरोपित विनोद के घर की पड़ताल के लिए रवाना की गई है।

  • 1918 में होलकर काल में बनी थी इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन योजना, बहुत रोचक है इस प्रोजेक्‍ट का इतिहास

    इंदौर-मनमाड़ रेलवे परियोजना हुई मंजूर।

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    जनता के घोषणा पत्र पर होने लग गया है अमल। रेल मंत्रालय ने इस परियोजना को हरी झंडी दी। मंजूरी से इंदौर के विकास को एक नई गति मिलेगी।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियाेजना स्वीकृत होने के बाद अब जमीनी स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है। 106 वर्ष पुरानी इस परियोजना को लेकर नईदुनिया ने जनता की मांग पर सांसद शंकर लालवानी को 27 अगस्त को जनता का घोषणा पत्र सौंपा था।

    इसमें सांसद लालवानी ने जल्द ही इस परियोजना को स्वीकृति दिलाने का कहा था। जिसके बाद सोमवार को रेल मंत्रालय ने इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है। पांच वर्ष में परियोजना पूरी की जाना है। इसके बाद इंदौर से मुंबई की दूरी 830 किमी से घटकर 568 किमी रह जाएगी।

    सौ से अधिक साल में यह सब हुआ

    रेल मामलों के विशेषज्ञ नागेश नामजोशी ने बताया कि 1918 में होलकर राज्य में आर्किटेक्ट पैट्रिक गिडीस ने सबसे पहले इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना का खाका तैयार किया था। लेकिन इस इस पर काम नहीं हो पाया। 2002 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतिश कुमार ने प्रोजेक्ट के सर्वे के लिए राशि मंजूर की और 2004 में सर्वे पूरा हुआ। लेकिन महाराष्ट्र और मप्र सरकार में समन्वय स्थापित नहीं होने के कारण कार्य शुरू ही नहीं हो पाया। इसके बाद इस परियेाजना के लिए महाराष्ट्र से आंदोलन शुरू हुआ, जो इंदौर तक पहुंचा। 2016 में सेंट्रल रेलवे ने सर्वे किया। 2019 में जहाजरानी मंत्रालय और रेलवे के बीच इस परियोजना के लिए अनुबंध हुआ। लेकिन बाद में निरस्त हो गया। अब पूरा प्रोजेक्ट रेलवे खुद तैयार कर रही है।

    मुंबई की दूरी होगी कम

    वर्तमान में इंदौर से मुंबई जाने के लिए रतलाम, सूरत होते हुए 830 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। इंदौर-मनमाड़ लाइन तैयार होने के बाद यह दूरी घटकर 568 किमी हो जाएगी। करीब 260 किमी की दूरी घट जाएगी। इसके साथ ही चार से पांच घंंटे का समय भी बचेगा।

  • खुशखबरी: मनमाड इंदौर के बीच नई रेल लाइन को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी

    मनमाड इंदौर के बीच न्यू रेल लाइन को मिली मंजूरी। यह 2028-29 तक पूरी हो जाएगी।

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    इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की कुल लंबाई 268 किमी है।परियोजना की कुल लागत 18,036 करोड़ रुपये है परियोजना निर्माण के दौरान रोजगार भी पैदा करेगी

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर निवासियों के लिए खुशखबरी है। मनमाड इंदौर के बीच न्यू रेल लाइन को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने 309 किलोमीटर की योजना को मंजूरी दी। यह 18036 करोड़ का प्रोजेक्ट है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय के तहत 18,036 करोड़ रुपये (लगभग) की कुल लागत वाली नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। इंदौर और मनमाड के बीच प्रस्तावित नई लाइन सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के लिए बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता मिलेगी।

    इस मंजूरी से दो राज्‍यों को होंगे फायदे

    कैबिनेट ने 309 किलोमीटर लंबी नई लाइन परियोजना को मंजूरी दी। दो प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों – मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए यह काम करेगी। स्वीकृत परियोजना वाणिज्यिक केंद्रों मुंबई और इंदौर को सबसे छोटे रेल मार्ग से जोड़ेगी। इसके अलावा यह रेलवे लाइन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के असंबद्ध क्षेत्रों को भी जोड़ेगी। यह रेलवे लाइन महाराष्ट्र के 2 जिलों और मध्य प्रदेश के 4 जिलों से होकर गुजरेगी। परियोजना की कुल लागत ₹ 18,036 करोड़ है और इसे 2028-29 तक पूरा किया जाएगा। परियोजना निर्माण के दौरान लगभग 102 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेगी।

    परियोजना मंजूर होने के मायने

    यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप है, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएगा, जिससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है। यह लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह परियोजना 2 राज्यों यानी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 जिलों को कवर करती है 1,000 गांव और करीब 30 लाख की आबादी को लाभ मिलेगा। परियोजना देश के पश्चिमी/दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़ने वाला छोटा रास्ता उपलब्ध कराकर इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन/धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। परियोजना मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को भी सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में इसके वितरण में सुविधा होगी। यह कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट, पीओएल आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए एक आवश्यक मार्ग है। क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।

    268 किमी है रेल लाइन की लंबाई

    इसके लिए 2200 हेक्टेयर भूमि भी अधिगृहीत करने की आवश्यकता होगी। छह साल की देरी होने से इस परियोजना की अनुमानित लागत साढ़े नौ हजार करोड़ से बढ़कर 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की कुल लंबाई 268 किमी है।

    9 सुरंगें भी बनेगी

    इसमें 50 किमी मनमाड़ से धुले तक काम चल रहा है। अब धुले से इंदौर के महू तक लाइन बिछाने के लिए डीपीआर तैयार है। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन पर ठोस प्रगति हुई है। इस ट्रैक के बनने से इंदौर की मुंबई व दक्षिण के राज्यों के बीच संपर्क सुगम होगा। 218 किमी हिस्से में लाइन बिछाई जानी है, उसमें 9 सुरंगें बनेंगी।

  • लोक सुरक्षा कानून लागू करेगी मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जैसे शहरों से होगी शुरुआत

    मध्य प्रदेश विधानसभा। फाइल फोटो

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    सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा।इसकी दो महीने तक की रिकॉर्डिंग भी सुरक्षित रखनी होगी। इस पर होने वाला खर्च दुकान संचालकों को ही करना होगा।

    वैभव श्रीधर, नईदुनिया भोपाल। मध्य प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। इसकी रिकॉर्डिंग दो माह तक सुरक्षित रखनी होगी और जब भी पुलिस को जांच के लिए इसकी आवश्यकता होगी तो उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए लोक सुरक्षा कानून का प्रारूप तैयार किया गया है।

    इसे विधानसभा का मानसून सत्र निर्धारित समयावधि से पहले ही सत्र समाप्त होने के कारण प्रस्तुत नहीं किया जा सका था। अब गृह विभाग ने अध्यादेश के माध्यम से इसे लागू करने की तैयारी की है और प्रारूप को परिमार्जन के लिए विधि विभाग को भेजा है। प्रदेश में कॉलेज, स्कूल, मॉल, रेस्टोरेंट, अस्पताल सहित ऐसे स्थान, जहां सौ से अधिक लोग इकट्ठा होते हैं, वहां संचालकों को सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।

    इस पर होने वाला व्यय भी संचालकों को भी वहन करना होगा। दरअसल, इस व्यवस्था की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि जांच के दौरान पुलिस को जब भी रिकॉर्डिंग की आवश्यकता होती थी तो यह बात सामने आती थी कि सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं या फिर रिकॉर्डिंग सुरक्षित नहीं रखी जाती है। प्रस्तावित लोक सुरक्षा कानून में यह प्रविधान किया जा रहा है कि संचालकों को सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग दो माह तक सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा।

    चार साल से चल रही तैयारी

    प्रदेश में लोक सुरक्षा कानून बनाने की तैयारी वर्ष 2020 यानी चार वर्ष से चल रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गृह विभाग ने इसकी कवायद प्रारंभ की थी। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने तेलंगाना के सीसीटीवी कैमरे लगाने और उसका डाटा सुरक्षित रखने संबंधी कानून का अध्ययन कराकर प्रारूप तैयार कराया था। विधि विभाग द्वारा परिमार्जित करने के बाद इसे कैबिनेट के माध्यम से राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति के लिए भेजा जाएगा।

  • Bhopal News: पंचायत भवन से चुराया एलईडी टीवी, पड़ोस के गांव में बेचने पहुंच गया, पुलिस ने किया गिरफ्तार

    पुलिस ने आरोपित को किया गिरफ्तार (प्रतीकात्मक चित्र)

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    ग्राम पंचायत बोरदा में हुई वारदात। उसी गांव का रहने वाला है आरोपित। पुलिस ने एलईडी टीवी बरामद किया।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल Bhopal Crime News: कोलार रोड स्थित ग्राम पंचायत बोरदा के कार्यालय में गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात अज्ञात बदमाश ताला तोड़कर एलईडी टीवी चोरी कर ले गया था। इस मामले में शनिवार को पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार कर उसके पास से टीवी बरामद कर लिया है। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है।

    कोलार थाना पुलिस के मुताबिक शु्क्रवार को ग्राम पंचायत बोरदा के सरपंच बटनलाल सूर्यवंशी ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें उन्होंने बताया कि वह पंचायत कार्यालय भवन में गुरुवार शाम को ताला लगाकर अपने घर चले गए थे। अगले दिन पंचायत भवन पहुंचे तो ताला टूटा मिला। भीतर पहुंचकर देखा तो दीवार पर टंगा एलईडी टीवी गायब था। टीवी करीब 50 हजार रुपए का था। इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज अज्ञात आरोपित की खोजबीन शुरू की।

    शनिवार को मुखबिर से सूचना मिली कि कजलीखेड़ा गांव में एक व्यक्ति एलईडी टीवी बेचने की बात कर रहा है। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और संदेह के आधार पर उस युवक से पूछताछ की गई तो उसने पंचायत भवन से एलईडी टीवी चोरी करना कबूल कर लिया। आरोपित की पहचान 28 वर्षीय मोहम्मद सलमान खान के रूप में हुई। वह बोरदा गांव में किराये के मकान में रहता है।

  • Sihora MP: सिहोरा को जिला बनाने के लिए आंदोलन की तैयारी, तय होगी रणनीति

    लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति द्वारा पिछले दिनों निकाली गई रैली। फाइल फोटो

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    लोगों ने कहा-सभी सुविधाएं मौजूद। फिर क्यों सरकार कर रही परहेज।सिहोरा को जिला जल्द घोषित करें।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, सिहोरा(Sihora MP)। एक अक्टूबर 2003 को सिहोरा में कलेक्टर एसपी की पदस्थापना प्रस्तावित की गई थी, लेकिन राजनीतिक अड़ंगे के कारण ऐसा नहीं हो सका। हाल ही में प्रदेश में कई छोटे जिले बनने के बाद से सिहोरा को भी जिला बनाए जाने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है।

    नईदुनिया द्वारा लगातार जनभावनाओं को प्रकाशित किए जाने से लोगों में नया जोश आ गया है और यह मुहिम अब जन आंदोलन बनने लगी है। आम लोगों का कहना है कि भाजपा सरकार सिहोरा को जिला का दर्जा देने में घोर उपेक्षा कर रही है, बावजूद इसके प्रस्तावित सिहोरा जिला की चारों विधानसभा मझौली, बहोरीबंद, ढीमरखेड़ा और सिहोरा में भाजपा के प्रत्याशियों को जनता ने जीत की ओर अग्रेशित किया।

    Sihora Jila: आंदोलन की तैयारी में स्वयं सेवी संस्थाएं

    बहोरीबंद, मझौली और ढीमरखेड़ा में एक-एक बार विपक्षी पार्टी के प्रत्याशियों की जीत जरूर हुई लेकिन वे भी सिहोरा को प्रस्तावित जिला मुख्यालय का दर्जा दिला पाने में नाकाम रहे। सिहोरा में पांचवीं बार भाजपा प्रत्याशी की 43 हजार के भारी मतों से जीत हुई जिसके बाद से ही विधायक संतोष बरकड़े की ओर आशा की नजर से लोग देख रहे हैं। दूसरी तरफ पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधि जिले का प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री को भेज रहे हैं, तो स्वयं सेवी संस्थाएं भी अब आंदोलन की मूड में नजर आ रही हैं।

    विधायक संतोष बरकड़े ने नईदुनिया को बताया कि सिहोरा को जिला का दर्जा दिलाने के लिए मेरे द्वारा एक ठोस कार्य योजना बनाई गई है जिसकी जानकारी लक्ष्य सिहोरा जिला समिति पदाधिकारी को है। कार्य योजना का जल्द खुलासा मेरे द्वारा शीघ्र किया जाएगा।

    Sihora News: सिहोरा को जिला बनावाने के लिए बैठक

    प्रदेश में बनते जिले और सिहोरा की लगातार उपेक्षा से नाराज सिहोरा वासी आज रविवार को एकजुट होकर संघर्ष की रणनीति तैयार करेंगे। लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने इसके लिए व्यापक तैयारी की है।

    इस संबंध में समिति के कृष्ण कुमार कुररिया ने बताया कि इस बैठक में सिहोरा के समस्त राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ साथ सामाजिक, धार्मिक संगठनों के सदस्यों और प्रत्येक जनमानस को भी आमंत्रित किया जा रहा है।

    सभी मिलकर सिहोरा जिला के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक ठोस रणनीति का निर्धारण करेंगे। समिति के अनिल जैन, विकास दुबे, सुशील जैन, संतोष पांडे, अमित बक्शी, मानस तिवारी, रामजी शुक्ला, प्रदीप दुबे, मोहन सोंधिया, राजभान मिश्रा आदि ने सभी सिहोरा वासियों से आज दोपहर तीन बजे सामुदायिक भवन थाने के पास सिहोरा पहुंचने का आग्रह किया है।

  • Bhopal News: मप्र कांग्रेस कार्यालय की कैंटीन में सिलेंडर से भड़की आग, दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे

    सिलेंडर से भड़की आग।

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    आग की घटना से पीसीसी दफ्तर में मचा हड़कंप। समय रहते आग पर काबू पाने से टला बड़ा हादसा।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शहर में लिंक रोड-1 पर स्थित प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय की कैंटीन में शुक्रवार सुबह आग लग गई। आग कैंटीन की रसोई में रखे एक गैस सिलेंडर से भड़की। कैंटीन में मौजूद कर्मचारियों ने जब सिलेंडर से लपटें उठती देखीं तो वे घबरा गए। आग की इस घटना से पीसीसी दफ्तर में हड़कंप मच गया।

    रसोई में मौजूद कर्मचारियों ने सिलेंडर की ओर बोरियों को गीला कर फेंकते हुए और पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहे। इसके बाद तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। दमकलकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर थोड़ी देर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। गनीमत रही कि आग ज्यादा नहीं फैली, वरना बड़ा नुकसान हो सकता था। News updating….

  • Bhopal News: पत्नी-बच्चों से बतिया रहा था, अचानक उठा और कमरे में जाकर लगा ली फांसी

    फांसी का फंदा (प्रतीकात्मक चित्र)

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    गौतम नगर थाना क्षेत्र में हुई घटना। मर्ग कायमी के बाद पुलिस जांच में जुटी। पुलिस को नहीं मिला सुसाइड नोट।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल Bhopal Crime News: गौतम नगर थाना क्षेत्र में रहने वाला युवक बुधवार दोपहर को पत्नी-बच्चों के साथ बैठकर हंसी-खुशी बतिया रहा था। इस बीच अचानक उठकर वह दूसरे कमरे में चला गया। कुछ देर बाद पत्नी उस कमरे में पहुंची, तो पति को फांसी पर लटके देखा। पुलिस को मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। इस वजह से फिलहाल युवक की खुदकुशी की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। मर्ग कायमी के बाद पुलिस ने मामले को विवेचना में ले लिया है। पोस्टमार्टम के बाद युवक का शव स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया है।

    गौतम नगर थाना पुलिस के मुताबिक रिसालदार कॉलोनी निवासी 32 वर्षीय योगेंद्र पाल एक दुकान में काम करता था। परिवार में पत्नी और दो बच्चों के अलावा साथ में योगेंद्र का भाई भी रहता है। बुधवार दोपहर को सभी घर में थे।। इस दौरान योगेंद्र स्वजन के साथ बैठकर हंसी-खुशी बतिया रहा था।

    दोपहर करीब तीन बजे अचानक उठकर योगेंद्र अंदर वाले कमरे में चला गया। कुछ देर बाद पत्नी कमरे में पहुंची, तो पति को फंदे पर लटके देखा। यह देखकर उसकी चीख निकल गई। स्वजन योगेंद्र को फंदे से उतारकर हमीदिया अस्पताल ले गए। वहां चेक करने के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में अभी स्वजन के बयान दर्ज नहीं होने के कारण अभी खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल सका है।

  • भोपाल के वरुण वडेरिया ने माउंट किलिमंजारो पर फहराया तिरंगा

    माउंट किलिमंजारों के शिखर पर वरुण वडेरिया दाएं पीली ड्रेस में।

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    माउंट किलिमंजारो की चढ़ाई में योगा व प्राणायाम का मिला फायदा।माउंट किलिमंजाराे पर आक्सीजन, एयर प्रेशर काफी कम हो जाता है।माउंट किलिमंजारो समुद्र तल से 5895 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मप्र टूरिज्म बोर्ड के संयुक्त संचालक वरुण वडेरिया ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारों पर तिरंगा फहराया है। समुद्र तल से 5895 मीटर ऊंचे माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई काफी चुनौतीपूर्ण मानी जाती है।

    वहां तापमान माइनस डिग्री सेल्सियस से भी कम रहता है। ऐसे में वरुण ने नया इतिहास रच दिया है। यही नहीं, उन्होंने यहां पर भारत माता की जय के नारे भी लगाए। वरुण वडेरिया ने इंटरनेशनल फेडरेशन फार क्लाइबिंग एंड माउंटेनियरिंग संस्था नेहरू इंस्टीट्यूट आफ माउंटेयरिंग उत्तराकाशी से माउंटेनियरिंग कोर्स किया है।

    उनकी सफलता पर प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग एवं प्रबंध संचालक मप्र टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर ने शुक्ला ने इस उपलब्धि पर बधाई दी। वरुण वडेरिया ने कहा एक भारतीय होने के नाते यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। यह केवल शिखर तक पहुंचने के बारे में नहीं है, बल्कि वहां पहुंचने के लिए आवश्यक परिश्रम, दृढ़ता और विवेक के बारे में भी है।

    माउंट किलिमंजाराे पर आक्सीजन और एयर प्रेशर काफी कम हो जाता है। लेकिन योग, प्राणायाम से बहुत फायदा मिला। माउंट किलिमंजारो, अपने चुनौतीपूर्ण भूभागों और मनमोहक दृश्यों के लिए जाना जाता है। इससे पहले मैं वरुण वडेरिया यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुज पर तिरंगा लहरा चुका हूं।

  • MP के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक की कक्षाओं में टैबलेट से पढ़ाएंगे शिक्षक

    प्रतीकात्मक तस्वीर।

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    प्रदेश के 75 हजार शिक्षक खरीदेंगे टैबलेट ।शिक्षकों को मिलेंगे 15-15 हजार रुपये मिलेंगे।113 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की गई है।

    नवदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं के साथ-साथ शिक्षकों को भी तकनीक से लैस किया जा रहा है। स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग नवाचार कर रहा है। इस सत्र में पहली से आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों को टैबलेट से लैस किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश के 75 हजार शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए राशि प्रदान की जाएगी।

    टैबलेट में पूरा पाठ्यक्रम अपलोड होगा। इसके माध्यम से शिक्षक कक्षा में बच्चों को पढ़ाएंगे। पिछले सत्र में प्राथमिक, हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए शासन ने राशि उपलब्ध कराई थी।इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने आदेश जारी किए हैं।

    जारी आदेश में निर्देशित किया गया है कि दिसंबर से पहले शिक्षकों को टैबलेट खरीदने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि 30 नवंबर तक टैबलेट खरीदकर उसकी रसीद राज्य शिक्षा केंद्र को भेजनी होगी, जिससे राशि का भुगतान 31 दिसंबर से पहले उनके खातों में कर दिया जाए।

    टैबलेट के लिए 113 करोड़ रुपये की राशि होगी खर्च

    शासन की ओर से टैबलेट खरीदने के लिए प्रति शिक्षक 15 हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा। ऐसे में 75 हजार 598 शिक्षकों को टेबलेट खरीदने के लिए करीब 113 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की गई है। विभाग ने निर्देशित किया है कि टैबलेट शिक्षक खुद खरीदकर रसीद राज्य शिक्षा केंद्र के पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके बाद शिक्षकों के खाते में यह राशि भेजी जाएगी।

    चार साल से पहले हुए रिटायर तो चुकानी होगी राशि

    विभाग ने निर्देशित किया है कि दो साल से पहले सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को टैबलेट खरीदने की बाध्यता नहीं होगी।यदि शिक्षक दो साल नौकरी करने के बाद सेवानिवृत्त हो जाता है तो उन्हें टैबलेट की राशि शासन के खाते में जमा करानी होगी। अगर टैबलेट खरीदने के बाद शिक्षक तीन तक नौकरी कर सेवानिवृत्त हो जाता है, तो उसे बचे हुए एक साल का 3750 रूपये शासन के खाते में जमा करने होंगे। यदि दो साल पहले सेवानिवृत्त हुए तो सात हजार रुपये जमा करने होंगे।