Tag: Madhya Pradesh News

  • हादसे के बाद युवक की खोपड़ी में फंसी थी आंख, एम्स भोपाल में सफल सर्जरी से लौटी रोशनी

    एम्स भोपाल में मरीज की नेत्र सर्जरी के बाद डॉक्टरों की टीम।

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    जैतवारा निवासी युवक बाइक हादसे का शिकार हुआ था। निजी अस्पताल में 10 दिन इलाज के बाद पहुंचा था एम्स। उसकी जैसी स्थिति थी, वैसे दुनिया में 10 से भी कम केस।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। सड़क हादसे का शिकार हुए एक युवक की आंख की रोशनी ही चली गई थी। घटना के बाद आंख उसकी दिमाग में जाकर फंस गई थी, जिसे एम्स के चार विभागों के डॉक्टरों की टीम द्वारा सफल सर्जरी कर निकाला गया और उसे सही जगह पर फिट किया गया।

    एम्स प्रबंधन ने बताया कि भोपाल के पास स्थित जैतवारा गांव का मरीज 20 अगस्त 2024 को एक बाइक दुर्घटना का शिकार हुआ था, जिससे उसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी। इस मामले की जटिलता इस बात से और बढ़ गई कि दुर्घटना में उसकी बाईं आंख, आंखों के बीच की एक छोटी हड्डी के अंदर खोखले हिस्से में पहुंच गई थी।

    यह दुर्लभ स्थिति है। इस प्रकार के केस दुनिया में 10 से भी कम हैं। सर्जरी के दौरान प्रभावित बाईं आंख को निकालने के साथ दिमाग की नसों और चोटिल नाक का भी इलाज किया गया।

    गंभीर हालत में अस्पताल आया था मरीज

    जानकारी के अनुसार हादसे के बाद मरीज का 10 दिन तक एक निजी अस्पताल में इलाज चला। जहां उसे और परिजनों को बताया गया कि आंख हादसे के दौरान निकल कर ही गिर गई। जब मरीज की स्थिति बिगड़ने लगी तो परिजन उसे लेकर एम्स भोपाल पहुंचे। जहां एमआरआई जांच में आंख अंदर फंसी हुई नजर आई। जिसके बाद मरीज की सर्जरी के लिए चार विभागों की टीम बनाई गई। टीम द्वारा पहले ब्रेन के पास फंसी आंख को निकाला गया। इसके बाद दिमाग की प्रभावित नसों और नाक से हो रहे रिसाव को बंद किया गया।

    दूसरी आंख की लौट रही रोशनी

    हादसे के चलते मरीज की दूसरी आंख की रोशनी भी चली गई थी। एम्स में सफल सर्जरी के बाद मरीज की दूसरी आंख की रोशनी लौट आई है। हालांकि अभी मरीज सिर्फ धुंधला धुंधला ही देख पा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार यदि मरीज हादसे के 6 घंटे के अंदर अस्पताल आ जाता तो दोनों आंखों की रोशनी बचाना संभव हो सकता था।

    सर्जरी टीम में ये रहे शामिल

    चोट की गंभीरता को देखते हुए इस सर्जरी के लिए न्यूरोसर्जरी, नेत्र रोग, ट्रॉमा और आपातकालीन चिकित्सा एवं एनेस्थीसिया विभागों के विशेषज्ञों की टीम बनाई गई। जिसमें मुख्य रूप से डॉ. अमित अग्रवाल (न्यूरोसर्जरी), डॉ. भावना शर्मा (नेत्र रोग), डॉ. बीएल सोनी (मैक्सिलोफेशियल सर्जन) और डॉ. वैशाली वेंडेसकर (एनेस्थीसिया) शामिल रहे।

    यह एक अत्यंत जटिल मामला था, जिसके लिए कई विभागों के विशेषज्ञों का सहयोग आवश्यक था। मरीज की स्थिति गंभीर थी, लेकिन बहु-आयामी दृष्टिकोण के कारण हम इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दे सके। अब मरीज के चेहरे को पहले जैसा बनाने के लिए नकली आंखों का स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। दूसरी आंख की रोशनी को बेहतर करने के लिए भी प्रयास जारी है।

    – डॉ. भावना शर्मा, एचओडी, नेत्र रोग विभाग, एम्स

  • एमपी हाईकोर्ट ने दिया धार कलेक्टर सहित दो अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तार वारंट जारी करने का आदेश

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ। फाइल फोटो

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    मिथुन चौहान ग्राम पंचायत नालछा धार में ग्राम रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ था।स्वास्थ खराब होने के कारण मिथुन चौहान एक दिन कार्य पर उपस्थित नहीं हो सका।एक दिन की अनुपस्थिति को कदाचरण बताते मिथुन को पद से हटा दिया गया था।

    इंदौर (MP High Court)। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने धार जिले के कलेक्टर प्रियांक मिश्र और जिला पंचायत के मुख्य तत्कालीन कार्यपालन अधिकारी शृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। अदालत के आदेश का पालन नहीं करने पर यह आदेश जारी किया गया है।

    इस मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रसन्ना भटनागर ने बताया कि याचिकाकर्ता मिथुन चौहान ग्राम पंचायत नालछा जिला धार में ग्राम रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ था। 25 फरवरी 2017 को स्वास्थ खराब होने के कारण वह एक दिन कार्य पर उपस्थित नहीं हो सका। एक दिन की अनुपस्थिति को कदाचरण बताते हुए, बिना जांच किए और बिना सुनवाई का अवसर दिए उसे हटा दिया गया।

    हाईकोर्ट में लगाई थी रिट याचिका

    उक्त आदेश को चुनौती देते हुए ग्राम रोजगार सहायक ने अपील प्रस्तुत की, लेकिन अपील भी निरस्त कर दी गई। जिसके बाद उसने 2019 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में रिट याचिका प्रस्तुत की। इसके बाद हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए 22 अगस्त 2023 को उसकी सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त कर दिया गया था। इसके साथ ही यह आदेश भी दिया गया कि ग्राम रोजगार सहायक को 50 प्रतिशत पिछले वेतन सहित वापस नौकरी पर रखा जाए।

    हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया

    इस आदेश को चुनौती देते हुए शासन के द्वारा अपील प्रस्तुत की गई, लेकिन 3 जुलाई 2024 को अपील भी निरस्त हो गई। अपील निरस्त होने के बाद भी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया।याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका प्रस्तुत की जिसमें दिनांक 20 सितंबर 2024 को शासन को यह निर्देश दिए कि वह आदेश का पालन करें।

    इसके साथ ही 4 अक्टूबर 2024 को न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहें। इसके बाद भी आदेश का पालन नहीं किया गया और न ही उक्त दोनों अधिकारी हाईकोर्ट में उपस्थित रहे। इसलिए न्यायालय द्वारा कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए गए हैं।

  • Cyber Crime: इंदौर में डिजिटल अरेस्ट की जांच में 1400 सिमकार्ड ट्रेस, आठ राज्यों में मिली लोकेशन

    इस घटना से जुड़ी लोग अलग-अलग राज्यों से ऑपरेट कर रहे थे।

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    इंजीनियर युवती से हुई घटना में मास्टर माइंड को ढूंढा तो दुबई से जुड़े तार। वह दुबई से हवाला के माध्यम से भारत में रुपयों का लेनदेन भी करता है।उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी करवाया है।

    मुकेश मंगल, नईदुनिया इंदौर। डिजिटल अरेस्ट की एक जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इंजीनियर युवती के साथ हुई इस घटना में अपराधियों ने 1400 सिमकार्ड का उपयोग किया था जो आठ अलग-अलग राज्यों से ऑपरेट हो रहे थे। सरगना हैदराबाद का युवक है जो दुबई में बैठा हुआ है।

    अपराध शाखा ने आरोपितों के मोबाइल की जांच की तो पता चला घटना में 1400 सिमकार्ड और चार मोबाइल का उपयोग हुआ है। साइबर एक्सपर्ट ने सिमकार्ड की लोकेशन निकाली तो पता चला ठग जयपुर, जोधपुर, कोल्हापुर, कोलकाता शहरों के साथ त्रिपुरा, मणिपुर, दिल्ली, गुजरात, तेलंगाना जैसे राज्यों से मोबाइल आपरेट कर रहे थे।

    ठगी का मास्टर माइंड हैदराबाद का जयसिन्हा निकला जो दुबई में बैठकर गैंग ऑपरेट कर रहा है। वह दुबई से हवाला के माध्यम से भारत में रुपयों का लेनदेन भी करता है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी करवाया है।

    सीबीआई, इंटरपोल और सीआइडी को भी सूचना भेजी है। टीम ने उसे पकड़ने के लिए हैदराबाद में दोबारा रैकी की लेकिन अफसर सांप्रदायिक घटना होने के डर से दबिश नहीं दे सके।

    डिजिटल अरेस्ट की 27 घटनाओं में करोड़ों की ठगी

    एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक पुलिस के पास अभी तक डिजिटल अरेस्ट संबंधित 27 शिकायतें आई हैं। सबसे बड़ी धोखाधड़ी 49 लाख रुपये की रिटायर्ड बैंक अफसर के साथ हुई है। इस मामले में लसूड़िया थाने में एफआइआर दर्ज करवाई गई है। आरोपितों की अंतिम कड़ी दुबई से जुड़ रही है। संभवत: क्रिप्टो करंसी के माध्यम से रुपये भेजे गए हैं।

    ग्रामीण, दुकानदार और मजदूरों के निकले बैंक खाते

    पुलिस ने उन खातों की जांच भी कि जिनमें रुपयों का लेनदेन हुआ था। राजस्थान से एक युवक को पकड़ा तो वह पैडलर निकला। बैंक अफसरों ने बताया ठगी की राशि कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, गुजरात, मणिपुर, तेलंगाना, बंगाल, दिल्ली राज्यों के अलावा नोएडा, मथुरा, जयपुर, जोधपुर, लखनऊ, मुंबई, ठाणे, सांगरोली, हाथरस और बिलासपुर शहरों के खातों में ट्रांसफर की गई थी।

    एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक आरोपितों ने खाते कमीशन पर लिए हैं। जिन लोगों के खातों में रुपये ट्रांसफर हुए वो ग्रामीण, मजदूर और दुकानदार हैं।

    व्यापारियों से 52.82 लाख ठगकर भागे दो कारोबारी गिरफ्तार

    अपराध शाखा ने धोखाधड़ी के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। दोनों खजूरी बाजार के 12 कारोबारियों से 52 लाख 82 हजार रुपये ठग कर फरार हुए थे। दोनों को रायपुर से गिरफ्तार कर लिया। एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक, आरोपित सुरेश लालवानी मार्डन कॉपी हाउस और संजय लालवानी संजय स्टेशनरी का संचालक है।

    पुलिस ने आरोपितों के बैंक खातों, मोबाइल नंबरों की लोकेशन निकाली व गुरुवार को सुरेश पुत्र कुद्दुमल लालवानी और संजय पुत्र सुरेश लालवानी दोनों निवासी गुरुनानक कॉलोनी को रायपुर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस रिमांड लिया गया है।

  • भोपाल में अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन, सीएम हाउस तक न्याय यात्रा निकालने पर अड़े, पुलिस ने की बैरिकेडिंग

    आंबेडकर पार्क में जमा अतिथि शिक्षक।

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    नियमितीकरण सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन। प्रदेशभर से आए हजारों अतिथि शिक्षक प्रदर्शन में शामिल। प्रदर्शनकारियो को आगे बढ़ने से रोकने पुलिस ने की बैरिकेडिंग।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक बुधवार को गांधी जयंती के मौके पर राजधानी के आंबेडकर पार्क में एकत्रित हुए है और नियमितीकरण सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अतिथि शिक्षक सीएम हाउस तक न्याय यात्रा निकालते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष अपनी मांगें रखना चाहते हैं।

    अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। आंबेडकर पार्क के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने कुछ दूरी पर बैरिकेडिंग भी कर रखी है।

    अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया कि 10 सितंबर को तिरंगा यात्रा के बाद प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने जिन बातों पर सहमति दी थी, उस संबंध में अब तक आदेश जारी नहीं हुआ है।

    उन्होंने कहा कि बैठक में 10 माह के अनुबंध, स्कोर कार्ड में 10 अंक प्रतिवर्ष जोड़ने , 10 वर्ष के अधिकतम सौ अंक जोड़ने, 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले करीब 12 हजार अतिथि शिक्षकों को पुनः अवसर देने सहित कई मांगों पर सहमति बनी थी। अब तक इस संबंध में कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है। सरकार अतिथि शिक्षकों के साथ लगातार वादाखिलाफी कर रही है। अब हम चुप बैठने वाले नहीं हैं।

    स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान से आहत

    अतिथि शिक्षक स्कूल शिक्षा मंत्री के उस बयान से भी आहत व आक्रोशित हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि मेहमान बनकर आए हो तो घर पर कब्जा करोगे क्या? इसके विरोध में अतिथि शिक्षकों ने तमाम जिलों में बीजेपी जिला अध्यक्षों, विधायकों और कलेक्टर एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर संज्ञान लेने का आग्रह किया था। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि स्कूल शिक्षा मंत्री हमारा अपमान न करें, बल्कि हमारे साथ न्याय करें।

    आमरण अनशन की चेतावनी

    आंबेडकर पार्क में एकत्रित अतिथि शिक्षकों को संबोधित करते हुए संगठन के प्रदेशाध्यक्ष केसी पवार ने कहा कि यदि सरकार जल्द अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो हम भोपाल की सड़कों पर आमरण अनशन करेंगे।

  • Gandhi Jayanti: 79 साल से बापू की शाला में पढ़ रहे गांधीवादी सिद्धांत, बा के घर मिल रहा ‘आसरा’

    कस्तूरबा ग्राम में छात्राओं को चरखे के माध्यम से स्वालंबन व स्वरोजगार की सीख भी दी जाती है।

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    कस्तूरबा ग्राम में छात्राएं आंगनबाड़ी से आठवीं तक की शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। छात्राओं को किताबी ज्ञान के अलावा कृषि कार्य की बारीकी भी सिखाई जाती है। यहां बा के घर’ में निराश्रित महिलाओं और युवतियों को आसरा भी मिल रहा है।

    उदय प्रताप सिंह, नईदुनिया इंदौर(Gandhi Jayanti 2024)। होलकर राजवंश से आजादी के अहम मौकों का गवाह रहा इंदौर पिछले 79 साल से महात्मा गांधी के सिद्धांतों को थामे हुए है। इस शहर के युवा आज भी बापू की बुनियादी शाला में कपास के सूत को तो बुन ही रहे हैं, कंप्यूटर, मोबाइल व इंटरनेट के माध्यम से एक नई कहानी भी लिख रहे हैं।

    यह बदलाव हो रहा है इंदौर में रालामंडल के समीप कस्तूरबा ग्राम में। 1944 में महात्मा गांधी ने अपनी पत्नी कस्तूरबा की याद में महिला, बालिका व बच्चों के विकास के लिए ट्रस्ट की स्थापना की थी। 1945 में इंदौर में यह केंद्र शुरू हुआ और तब से आज तक यह केंद्र गांधी के सिद्धांतों को न सिर्फ भावी पीढ़ी को दे रहा है, बल्कि उसे विज्ञान व दुनिया के नए आयामों से रूबरू भी करवा रहा है।

    यहां बापू की बुनियादी शाला में ग्रामीण परिवेश में रहने वाली छात्राएं आंगनबाड़ी से आठवीं तक की शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। छात्राओं को किताबी ज्ञान के अलावा कृषि कार्य की बारीकियां भी कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से बताई जा रही हैं। गोशाला में पशुपालन भी सिखाया जाता है। वहीं ‘बा के घर’ में निराश्रित महिलाओं व युवतियों को आसरा भी मिल रहा है। यहां के अमृत बाग में छात्राएं आर्गेनिक फार्मिंग भी सीख रही हैं।

    400 से ज्यादा विद्यार्थियों को 
मिल रही शिक्षा

    कस्तूरबा ग्राम में संचालित कन्या विद्या मंदिर में आठवीं से 12वीं तक कक्षाओं में 100 से अधिक बालिकाएं अध्ययनरत हैं। वहीं स्वशासी कन्या महाविद्यालय कस्तूरबा ग्राम रूरल इंस्टीट्यूट में 300 छात्राएं बीए, बीएससी, बीकाम, होम साइंस के स्नातक कोर्स व ग्रामीण विकास व प्रसार, समाज शास्त्र के स्नातकोतर कोर्स में अध्ययनरत हैं। संस्था में पढ़ी कई छात्राएं उच्च पदों पर पहुंची हैं।

  • रसोई गैस की अवैध रीफिलिंग कर रहे दो प्रतिष्ठानों पर औचक दबिश, 26 घरेलू सिलेंडर जब्त

    छापामार कार्रवाई के दौरान खाद्य विभाग की टीम।

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    ऋषि इंटरप्राइजेस पर महीने में दूसरी बार कार्रवाई की गई। जब्त सामग्री में गैस अंतरण यंत्र, तौल कांटा आदि भी शामिल। मंत्री के निर्देश पर खाद्य विभाग की टीम ने की औचक कार्रवाई।

    नवदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। अशोका गार्डन क्षेत्र में दो कारोबारियों के द्वारा घरेलू गैस सिलेंडरों का दुरुपयोग करते हुए अवैध रिफिलिंग स्टेशन संचालित किया जा रहा था। इसकी सूचना मिलने पर खाद्य विभाग की टीम ने दुकानों पर पहुंचकर औचक छापामार कार्रवाई करते हुए 26 सिलेंडर बरामद किए हैं। जिला आपूर्ति नियंत्रक मीना मालाकार ने बताया कि खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद राजपूत के निर्देश पर अवैध गैस रिफिलिंग, सिलेंडरों का दुरुपयोग करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। कारोबारियों के खिलाफ पंचनामा बनाकर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

    अशोका गार्डन क्षेत्र में स्थित ऋषि इंटरप्राइजेस का संचालक लगातार घरेलू, व्यवसायिक सिलेंडरों से अवैध रिफिलिंग का काम कर रहा है। खाद्य विभाग की टीम ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए एक घरेलू गैस सिलेंडर, एक व्यवसायिक सिलेंडर और सात खाली सिलेंडर सहित पांच गैस अंतरण यंत्र बरामद किए हैं। जबकि इसी महीने छह सितंबर को टीम ने कार्रवाई करते हुए 16 गैस सिलेंडर और अंतरण यंत्र बरामद किए थे। इससे पहले भी कार्रवाई करते हुए 100 से अधिक सिलेंडर बरामद किए गए थे।

    गैस चूल्हा सुधार की आड़ में रिफिलिंग

    अशोका गार्डन में कारोबारियों के द्वारा गैस चूल्हा सुधारने की आड़ में रिफलिंग कारोबार किया जा रहा है। प्रीति होम एप्लाइंसेस के यहां टीम ने कार्रवाई करते हुए 13 घरेलू गैस सिलेंडर, एक तौल कांटा, दो गैस अंतरण यंत्र जब्त किए हैं। सिलेंडर में 10 भरे, एक आंशिक भरा, दो खाली, पांच किलोग्राम के अमानक स्तर के सात खाली, पांच किलोग्राम के व्यवसायिक गैस सिलेंडर आंशिक भरे और तीन किलोग्राम अमानक स्तर के दो खाली सिलेंडर शामिल हैं।

  • MP Chess Association Elections: सर्वसम्मति से सुनील बंसल अध्यक्ष और कपिल सक्सेना सचिव चुने गए

    मध्यप्रदेश शतरंज संघ की कार्यकारणी के सदस्य।

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    तीन वर्ष के लिए कार्यकारणी का निर्वाचन हुआ। निर्वाचित कार्यकारिणी में 21 सदस्य शामिल है। चार संयुक्त सचिव व आठ कार्यकारणी सदस्य बने है।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्यप्रदेश शतरंज संघ के संविधान के अनुसार संस्था की विशेष साधारण सभा बैठक राजधानी में आयोजित हुई। नवनिर्वाचित सचिव कपिल सक्सेना ने बताया कि आगामी तीन वर्ष की अवधि (2024-2027) के लिए मध्यप्रदेश शतरंज संघ की कार्यकारणी का निर्वाचन हुआ। सर्वसम्मति से सभी पदाधिकारियों को निर्विरोध चुना गया। चुनाव अधिकारी अनिल श्रीवास्तव, एडवोकेट ने नवीन कार्यकारणी की घोषणा की।

    संस्था के विधान के अनुसार कुल 21 सदस्यों की कार्यकारणी होती है, जिसमें अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष के अलावा छह उपाध्यक्ष, चार संयुक्त सचिव तथा आठ कार्यकारणी सदस्य बने है।

    नवनिर्वाचित कार्यकारणी इस प्रकार है

    अध्यक्ष सुनील बंसल भोपाल, उपाध्यक्ष राजेश बहादुर जबलपुर, सुनील कोठारी नरसिंहपुर कमल वर्मा इंदौर बन्द शर्मा सागर, राजा सिंह परिहार छतरपुर, संजय कटठल ग्वालियर, सचिव कपिल सक्सेना भोपाल, कोषाध्यक्ष राजेंद्र सिंह सिसोदिया सीहोर, संयुक्त सचिव मनीष जोशी रतलाम, विपिन लुनावत, नीरज सिंह कुशवाह उज्जैन नाम मावर मंदसौर, कार्यकारणी सदस्य वर्षा बाजपई कटनी, सुनील सोनी इंदौर, राजकुमार वर्मा रीवा, सूरज झाम धार, घनश्याम रघुवंशी गुना, रम्मू सिंह सतना, शैलेष जैन ग्वालियर व नमन श्रीवास्तव शहडोल।

  • Bhopal News: रुपयों के लिए ऑटो चालक से अड़ीबाजी, विरोध करने पर मारा चाकू, प्रकरण दर्ज

    ऑटो चालक पर चाकू से हमला। (प्रतीकात्मक चित्र)

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    करोंद मंडी गेट के पास हुई वारदात। चाकू लगने से ऑटो चालक का हाथ जख्मी। पुलिस बदमाशों की तलाश में जुटी।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल Bhopal Crime News: शहर के छोला मंदिर थाना इलाके में सवारी बनकर चार लड़के एक ऑटो में बैठे। कुछ दूर आगे जाकर उन्होंने सुनसान क्षेत्र में ऑटो रुकवाया और चालक से रुपये मांगे। विरोध करने पर बदमाशों ने उसे चाकू मार दिया और ऑटो से उतरकर भाग निकले। पुलिस हुलिये के आधार पर आरोपितों की तलाश कर रही है।

    छोला मंदिर थाना पुलिस के मुताबिक प्रेम नगर में रहने वाला बलजीत सिंह ऑटो चलाता है। शुक्रवार रात लगभग नौ बजे करोंद के पास चार लड़कों ने बलजीत को हाथ देकर रोका। उन्होंने उससे प्रेम नगर तक चलने को बोला। बलजीत उन्हें लेकर रवाना हुआ, तभी करोंद मंडी के गेट के पास सुनसान क्षेत्र देख उन्होंने ऑटो रोकने को कहा। ऑटो रोकते ही बदमाशों ने बलजीत से रुपये मांगे। अड़ीबाजी का विरोध करने पर उनमें से एक ने बलजीत पर चाकू से वार कर दिया। बलजीत ने बचाव के लिए हाथ आगे किया, जिससे उसके हाथ में चोट लग गई।

    वारदात के बाद चारों बदमाश ऑटो से उतरकर भाग निकले। बलजीत की शिकायत पर अज्ञात लड़कों के खिलाफ मारपीट, अड़ीबाजी का केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ऑटो चालक द्वारा बताए गए हुलिए और घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी के फुटेज की मदद से आरोपितों की तलाश में जुटी है।

  • गुजरात के जिस कारागार में बनाई थी सुरंग, फिर वहीं जाने की मांग कर रहे भोपाल जेल में बंद सिमी आतंकी

    भोपाल सेंट्रल जेल, जहां बंद हैं सिमी आतंकी (प्रतीकात्मक फोटो)

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    साबरमती जेल से 2013 में सिमी आतंकियों ने की थी भागने की कोशिश। जेल में 20 फीट लंबी सुरंग भी खोद ली थी, तभी उनका राजफाश हो गया। वर्ष 20217 में इन आतंकियों को भोपाल सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था।

    शशिकांत तिवारी, नईदुनिया: भोपाल। भोपाल की केंद्रीय जेल में बंद प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी ) के 11 आतंकी गुजरात के साबरमती जेल में रहना चाहते हैं। यह वही जेल हैं, जहां वर्ष 2013 में सिमी का मास्टरमाइंड सफदर नागौरी सहित अन्य आतंकियों ने जेल में सुरंग बनाकर भागने की योजना बनाई थी। लगभग 20 फीट लंबाई तक सुरंग खोद भी डाली थी। इसी बीच पपीता तोड़ने गए जेल के एक सुरक्षाकर्मी को इसकी भनक लग गई। पपीता जहां पर गिरा, वहां सुरंग का एक सिरा था, जिसके ऊपर लोहे की प्लेट रखी हुई थी।

    जल्द कोर्ट में सुनवाई

    सिमी आतंकियों की शिफ्टिंग के मामले में मध्य प्रदेश सरकार की याचिका पर 30 सितंबर को गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। वर्ष 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट मामले में सिमी आतंकियों को साबरमती जेल में बंद रखा गया था। मप्र में भी इनमें कुछ के विरुद्ध अपराध कायम होने के बाद उन्हें साबरमती जेल से 2017 में भोपाल लाया गया था। इनमें सफदर नागौरी भी शामिल था।

    चार साल पहले लगाई थी याचिका

    इन सभी ने लगभग चार वर्ष पहले अहमदाबाद की विशेष टाडा कोर्ट में याचिका लगाकर खुद को साबरमती जेल में शिफ्ट करने की मांग की थी। इसके पीछे उनका तर्क था कि वे भोपाल जेल में सुरक्षित नहीं हैं। यहां उन्हें नजरबंद करके रखा जाता है। अंधेरे में रखा जाता है। उनकी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि कोर्ट में पेशी पर ले जाने के दौरान उनका एनकाउंटर किया जा सकता है, जिससे उनकी सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जेल से ही की जाने लगी है। वे जेल में कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं।

    उनकी याचिका पर टाडा कोर्ट ने उन्हें साबरमती जेल में शिफ्ट करने के आदेश भी दे दिए थे। इस पर रोक के लिए मप्र सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है, जहां से आतंकियों की शिफ्टिंग पर स्थगन है। मामले में सुनवाई 30 सितंबर को होने वाली है। बता दें कि इन 11 आतंकियों में नागौरी सहित छह को अहमदाबाद बम ब्लास्ट मामले फरवरी 2022 में फांसी की सजा भी सुनाई जा चुकी है, जिस पर आतंकियों ने क्षमा याचिका लगा रखी है।

  • Nakli Ghee: घी जैसा बताकर बिक रहा नकली घी… धोखेबाजों ने भगवान को भी नहीं छोड़ा, पूजा का घी भी नकली

    डिब्बे की पैकिंग इस तरह की जाती है कि कोई भी उसे असली घी समझ लेता है।

    HighLights

    उपभोक्ता वनस्पति तेल और केमिकल का मिश्रण खरीद रहे हैं।दुकानों से लेकर ई-कामर्स वेबसाइट पर भी हो रही इसकी बिक्री। कई ब्रांड पैक पर लाइट घी या देसी घी जैसा स्वाद लिख देते हैं।

    लोकेश सोलंकी, नईदुनिया इंदौर(Nakli Ghee)। देसी घी जैसा स्वाद, लाइट घी, पूजा घी और बटर से बेहतर जैसी टैग लाइन के साथ घी और मक्खन की नकल बेची जा रही है। दुकान, सुपर स्टोर्स से घी के भ्रम में उपभोक्ता वनस्पति तेल और केमिकल का मिश्रण खरीद रहे हैं।

    दुकानों से लेकर ई-कामर्स वेबसाइट पर भी ऐसे उत्पादों की बिक्री हो रही है। इंदौर में एक दिन पहले पकड़ी गई पांच हजार किलो से ज्यादा नकली घी की खेप भी असल में इसी मार्केटिंग रणनीति का हिस्सा है। नियमों का झोल ऐसा है कि घी की नकल बनाने और बेचने के बावजूद मिलावट की कार्रवाई से ये कारोबारी बच जाते हैं।

    लाइट घी और देसी घी जैसा स्वाद

    कई ब्रांड तो पैक पर लाइट घी या देसी घी जैसा स्वाद लिख देते हैं। इसमें घी शब्द को बोल्ड कर शेष इबारत को छोटा कर दिया जाता है। कोने में या बहुत छोटे अक्षरों में इन पर कुकिंग मीडियम लिखा होता है। शुद्ध घी से 100 से 200 रुपये सस्ता होने से उपभोक्ता लालच में आ जाता है। ब्रांड नेम और पैकिंग देख असली घी समझ खरीद भी लेता है।

    पूजा घी पूरी तरह नकली

    पूजन सामग्री की दुकानों पर पूजा घी के नाम से बिकने वाला घी तो पूरी तरह नकली होता है। इनमें से कई तो अखाद्य तेलों से बने होते हैं। आम उपभोक्ता घी के साथ पूजा जैसा पवित्र शब्द पढ़कर इसे असली मानकर खरीद लेता है। बीते वर्षों में एक के बाद एक कई ब्रांड ऐसे पूजा घी लांच कर चुके हैं। नियमों की अस्पष्टता इन्हें नकली घी बेचने की आजादी दे रही है।

    कार्रवाई के नियम नहीं

    हाई कोर्ट के वकील निमेष पाठक के अनुसार आमतौर पर ऐसे उत्पाद बना रहे कारोबारी पैकिंग पर देसी घी या शुद्ध घी नहीं लिखते हैं। इन पर कुकिंग मीडियम, घी जैसा स्वाद या घी का विकल्प लिखा जाता है। या सिर्फ घी की तस्वीर छापकर ब्रांड नेम छाप दिया जाता है। दरअसल कानून में कहीं भी ऐसी टैगलाइन या तस्वीर को प्रतिबंधित करने का प्रविधान नहीं हैं।

    ऐसे में कानूनन इन पर मिलावट या नकली घी बेचने की कार्रवाई नहीं हो सकती। पैक के पीछे ये बारीक अक्षरों में अवयवों का विवरण लिख देते हैं, जो आमतौर पर उपभोक्ता नहीं पढ़ता। पूजा घी लिखकर भी वे कार्रवाई से बचे रहते हैं क्योंकि उनकी दलील होती है कि यह खाने का नहीं, पूजा के लिए है।

    वेजीटेबल फैट बेचा जा रहा

    बाजार में घी के विकल्प के तौर पर हाइड्रोजनेट तेल और वेजीटेबल फैट बेचा जा रहा है। इससे उपभोक्ता ठगा रहे हैं और बाजार में ब्रांडों विश्वसनीयता भी कम होती है। सरकार को स्पष्ट नियम बनाना चाहिए कि किसी भी ऐसे उत्पाद पर स्पष्ट रूप से बड़े अक्षरों में लिखा जाए कि यह घी नहीं है। – मोतीसिंह पटेल, अध्यक्ष, इंदौर दुग्ध संघ