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  • अवैध संबंध के चलते युवक की निर्मम हत्या, पत्नी और उसके प्रेमी पर शक

    युवक की हत्या (प्रतीकात्मक चित्र)

    HighLights

    मृतक ओरछा के ग्राम पचहत्तर का रहने वाला था। पुलिस ने उसकी पत्नी व प्रेमी को हिरासत में लिया। युवक के शव पर थे गहरे जख्म,पास ही पड़ी थी कुल्हाड़ी।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शहर के कोलार थाना क्षेत्र में स्थित कजलीखेड़ा में एक युवक की निर्मम हत्या कर दी गई। पुलिस को युवक के शव पर जख्म के गहरे निशान मिले हैं। साथ ही घटनास्थल पर एक कुल्हाड़ी भी पड़ी थी। युवक पेशे से मजदूर था, जो फिलहाल बंसल मिक्सर प्लांट में काम करता था। पुलिस ने मर्ग कायमी के बाद मामले को विवेचना में ले लिया है।

    दो संदिग्ध पुलिस हिरासत में

    पुलिस को शक है कि अवैध संबंध की वजह से युवक की हत्या की गई है। संदेह के आधार पर पुलिस ने उसकी पत्नी और पत्नी के करीबी दोस्त को हिरासत में लिया है। पुलिस उन दोनों से पूछताछ कर रही है। युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए हमीदिया अस्पताल भेजा गया है।

    एक साल से कर रहा था काम

    कोलार थाना पुलिस के अनुसार 40 वर्षीय बाबूलाल मूलत: ओरछा के ग्राम पचहत्तर का रहने वाला था। वह पिछले करीब एक वर्ष से बंसल मिक्सर प्लांट में काम कर रहा था। साथ ही प्लांट के पास लेबर क्वार्टर में अपनी पत्नी मनकू बाई के साथ रहता था।

    पत्नी के थे अवैध संबंध

    बताया जा रहा है कि मनकू बाई के वहीं पर काम करने वाले एक मजदूर से अवैध संबंध थे। कुछ दिनों पहले ही बाबूलाल ने उन दोनों को एक साथ पकड़ा था। इस पर उसने अपनी पत्नी के अलावा उस मजदूर के साथ भी मारपीट की थी।

    साथी मजदूरों ने दी थी पुलिस को सूचना

    गुरुवार रात को बाबूलाल के साथ काम करने वाले लोगों ने उसकी लाश पड़े होने की सूचना पुलिस को दी थी, जिसके बाद पुलिस ने शव को बरामद कर पंचनामे के बाद पीएम के लिए भिजवाया। बताया जा रहा है कि शव करीब एक दिन पुराना है। पुलिस पूछताछ के बाद जल्द ही आरोपितों की गिरफ्तारी करेगी।

  • दिव्यांग पति का सेवादार मोबाइल चुराकर भागा, दो दिन में यूपीआई से उड़ाए पौने दो लाख रुपये

    यूपीआई ट्रांजेक्शन के जरिए खाते से उड़ाई रकम (प्रतीकात्मक चित्र)

    HighLights

    फरियादी महिला का पति लकवाग्रस्त है।मूलत: रीवा निवासी आरोपित करोंद में रहता था। दो दिन में अलग-अलग बैंक खातों में भेजे रुपये

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शहर के चूनाभट्टी इलाके में एक दिव्यांग व्यक्ति का सेवादार उनका मोबाइल चुराकर भाग गया और फिर मोबाइल के यूपीआई ऐप से उनकी पत्नी के बैंक खाते में जमा पौने दो लाख रुपये उड़ा दिए। सेवादार पिछले छह महीने से स्वरूप शालिग्राम की सेवा कर रहा था। उनकी पत्नी सोनल शालिग्राम ने होमकेयर एजेंसी के जरिए उसे नौकरी पर रखा था।

    मोबाइल चुराकर भागा

    सात सितंबर की शाम नौकरी से वापस घर जाते समय वह दिव्यांग व्यक्ति का मोबाइल चुराकर ले गया और दो दिन में अलग-अलग ट्रांजेक्शन करते हुए एक लाख 70 हजार रुपये दूसरे बैंक खातों में भेज दिए। सोनल की शिकायत पर चूनाभट्टी थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।

    सोनल के पास पहुंचे ट्रांजेक्शन के मैसेज

    थाना प्रभारी भूपेंद्र कौर संधू ने बताया कि सोनल और उनके पति स्वरूप शालिग्राम सागर गार्डन होम कॉलोनी में रहते हैं। सोनल घर के पास ही बुटिक का संचालन करती हैं। उनके पति स्वरूप लकवाग्रस्त होने की वजह से चलने-फिरने से लाचार हैं। पति की देखभाल के लिए सोनल ने छह महीने पहले मल्टी होमकेयर नामक एजेंसी के माध्यम से 25 वर्षीय सौरभ कोचर को नौकरी पर रखा था।

    दिन में करता था देखभाल

    सौरभ मूलत: रीवा जिले का रहने वाला है और वर्तमान में वह करोंद में रहता है। वह सुबह नौ से शाम सात बजे तक उनके घर नौकरी करता था। सात सितंबर को सौरभ ने जाते समय स्वरूप का मोबाइल चुरा लिया। रात करीब नौ बजे सोनल घर पहुंची तो उन्हें स्वरूप का मोबाइल नहीं मिला, फोन करने पर मोबाइल बंद आया।

    केयरटेकर मुहैया कराने वाली कंपनी से भी पूछताछ

    उन्होंने तुरंत सौरभ को फोन किया तो उसका फोन भी बंद था, जिसके बाद सोनल ने चूनाभट्टी थाने में मोबाइल चोरी की शिकायत की। वहीं अगले दो दिन में उनके पास अलग-अलग यूपीआई ट्रांजेक्शन के मैसेज पहुंचे, जिसमें कुल एक लाख 70 हजार रुपये की निकासी की गई थी। पुलिस आरोपित की मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसकी तलाश में जुटी है। केयरटेकर उपलब्ध कराने वाली कंपनी के अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है। केयरटेकर के लिए लोगों को किस आधार पर रखा जाता है, कंपनी से यह जानकारी मांगी गई है।

  • परिवार से विवाद के बाद घर से निकली थी महिला, पांच वर्षीय बेटे के साथ नदी में मिला शव

    महिला ने बच्चे के साथ की आत्महत्या।

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    पति को छोड़कर अपने जीजा के साथ रहती थी महिला।पुलिस ने गुमशुदगी की सूचना न मिलने पर जांच शुरू की।परिवार से पूछताछ कर मामले की जांच की जा रही है।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, नौरोजाबाद। विवाद के बाद अपने बच्चे के साथ घर से निकली एक महिला और उसके बच्चे का शव जोहिला नदी में मिला है। महिला का शव गुरूवार को ग्राम सलैया टिकुरी टोला के पास जोहिला नदी में मिला, जबकि उसके मासूम बच्चे का शव एक दिन पहले शाम को ही जोहिला नदी में पंप हाउस के पास मिला था।

    जानकारी के अनुसार उमरिया जिले के नौरोजाबाद थाना क्षेत्र के नगर परिषद नौरोजाबाद वार्ड नंबर चार के जोहिला नदी में बने पम्प हाउस के पास पांच वर्षीय बालक का शव मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। मृतक बच्चे की पहचान अंकुश बैगा के रूप में हुई थी। शव मिलने की सूचना कुछ लोगों ने नौरोजाबाद थाने मे दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए नौरोजाबाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मासूम के शव को पानी से निकाला। बालक के शव का पीएम कराकर परिजनों को सौंप दिया है।

    विवाद के बाद से निकली

    पुलिस ने बताया कि द्रोपती बैगा अपने पति को छोड़कर जीजा सियाराम बैगा के साथ रह रही थी। उनका एक 5 वर्षीय मृतक पुत्र अंकुश बैगा था। 7 अक्टूबर को रात में द्रोपती बैगा का किसी बात को लेकर घर में विवाद हो गया था। विवाद के बाद नाराज होकर 8 अक्टूकर की सुबह लगभग 5 बजे वह अपने पांच वर्षीय पुत्र अंकुश बैगा को लेकर घर से चली गई थी। उसके बाद पहले बेटे का शव तो नदी में मिल था। अब मां का शव भी मिल गया है।

    नहीं दी गई थी थाने में सूचना

    पुलिस के सामने अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि ज़ब द्रोपती बाई बैगा और उसका पांच बर्षीय पुत्र अंकुश बैगा आठ अक्टूबर की सुबह पांच बजे से लापता थे, तो स्वजनों के द्वारा इनकी गुमशुदगी की सूचना नौरोजाबाद थाने मे क्यों दर्ज नहीं कराई गई थी? इस मामले को लेकर पुलिस स्वजनों से पूछताछ कर रही है।

  • उत्पादन तारीख पर स्टीकर चिपाकर बेचा जा रहा था नमकीन, खाद्य विभाग की टीम ने की कार्रवाई

    नमकीन की दुकान पर निरीक्षण करती खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम।

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    टीम ने नमकीन का नमूना लेते हुए 130 पैकेट जब्त किए हैं।प्रतिष्ठान का लाइसेंस निलंबित करते हुए कारोबार प्रतिबंधित किया।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। त्योहारी सीजन में व्यापारियों द्वारा पुराने खाद्य उत्पाद भी बाजार में खूब खपाए जाते हैं। कई बार तो ऐसे खाद्य उत्पाद भी बिकते पाए जाते हैं, जिनकी मियाद खत्म हो चुकी होती है। इसे रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग की टीम समय-समय पर बाजार में उतरकर जांच भी करती है।

    ऐसा ही एक मामला अरेरा कॉलोनी स्थित मनपसंद नमकीन नामक प्रतिष्ठान में सामने आया, जहां खाद्य विभाग की टीम द्वारा गड़बड़ी पकड़ी गई। टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि इस प्रतिष्ठान में खाद्य पदार्थों के पैकेट पर स्टीकर चिपकाकर उत्पादन की तारीख छुपाई जा रही है। इसके बाद खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम ने नमकीन के पैकेट जब्त करने के साथ ही कारोबार प्रतिबंधित कर दिया है।

    दरअसल, खाद्य सुरक्षा प्रशासन को शिकायत मिली थी कि विक्रेताओं द्वारा तारीख समाप्त होने के बाद भी स्टीकर चिपकाकर नमकीन पैकेट बेचे जा रहे हैं। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर टीम ने बुधवार को ई-7 अरेरा कालोनी स्थित मनपसंद नमकीन हाउस का निरीक्षण किया। जहां 130 अपना नमकीन के पैकेट पर विक्रेता द्वारा उत्पादन तिथि व खत्म होने की मियाद पर स्टिकर चिपकाकर बेचा जा रहा था।

    साथ ही ऐसे ही नमकीन पैकेटों का भंडारण किया गया था। टीम ने नमकीन का नमूना लेते हुए 130 पैकेट जब्त किए हैं। साथ ही प्रतिष्ठान का खाद्य लाइसेंस निलंबित करते हुए कारोबार प्रतिबंधित कर दिया है।

    इन प्रतिष्ठानों का भी किया निरीक्षण

    खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि बुधवार को नमकीन कारखानों, विक्रय केंद्रों का निरीक्षण किया गया। इनमें गोविंदपुरा स्थित मोतीलाल भुजियावाला, कन्हैया नमकीन, अमित नमकीन, करोंद स्थित गोकुलधाम डेयरी, संजय स्वीट्स, साकेतनगर स्थित श्रीकृष्णा गौरव स्वीट्स एंड नमकीन, बीकानेर मिष्ठान्न भंडार से नमकीन, अवयवी तेल, बेसन, मसालों के नमूने लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि दीपावली के अवसर पर अधिक मात्रा में निर्मित और बिकने वाले नमकीन व मिठाईयों के नमूने निरंतर लेने की कार्रवाई की जाएगी।

  • भोपाल में सिटी बस में घुसकर कंडक्टर से अड़ीबाजी, विरोध करने पर छुरी से हमला

    बदमाश ने मारी छुरी (प्रतीकात्मक चित्र)

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    सिटी बस में हमले की एक माह में दूसरी घटना। घटना का सीसीटीवी फुटेज आया सामने। पुलिस मामले की जांच में जुटी।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शहर के एमपी नगर इलाके में एक सिटी बस में बदमाश ने घुसकर कंडक्टर से रुपयों के लिए अड़ीबाड़ी की। कंडक्टर ने जब पैसे देने से मना किया तो बदमाश ने गाली-गलौज करते हुए छुरी से कंडक्टर पर हमला कर दिया। घटना मंगलवार दोपहर बोर्ड ऑफिस चौराहे की है, जहां सिटी बस सवारियों के इंतजार में खड़ी थी।

    अचानक हुई इस घटना से बस में बैठी सवारियां भी दहशत में आ गईं। घटना के बाद बदमाश बस से उतरकर चला गया। यह पूरी वारदात बस में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। बुधवार को इसका वीडियो सामने आया है। एमपी नगर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    पहले भी हुई घटना

    बदमाशों द्वारा सिटी बस में घुसकर गुंडागर्दी करने की एक माह में यह दूसरी घटना है। इससे पहले 14 सितंबर को भी एक लो-फ्लोर बस में बदमाशों द्वारा कंडक्टर से मारपीट करने का मामला सामने आ चुका है। चूना भट्‌टी इलाके में पं. खुशीलाल शर्मा हॉस्पिटल के पास एक बदमाश ने चलती बस में परिचालक से मारपीट कर दी थी। वह बदमाश अपने तीन-चार साथियों के साथ रेलवे स्टेशन के बस स्टॉप से बस में सवार हुआ था। जहांगीराबाद बस स्टॉप आने के पहले उन लोगों ने कुछ यात्रियों के जेब से रुपये चोरी कर लिए थे। उसके बाद तीन युवक तो बस से उतरकर चले गए, लेकिन दो युवक बस में मौजूद थे। बस जब पं. खुशीलाल अस्पताल के पास पहुंची, तभी कंडक्टर सुरेश ने एक बदमाश को यात्री की जेब से रुपये चोरी करते देखा, तो उसे टोक दिया। इस पर उस बदमाश और उसके साथी ने सुरेश के साथ बेरहमी से मारपीट करना शुरू कर दी। इससे सुरेश के सिर में चोट लग गई थी।

  • Agriculture Innovation: जब सब जिलों के किसान हैं परेशान, तब धार के किसानों के चेहरे पर मुस्कान

    फसलों का चक्र व्यवस्थित कर तथा मौसम के अनुसार वैरायटी लगाकर धार के सोयाबीन किसानों को मिली सफलता।

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    एमपी के धार जिले में सोयाबीन का रकबा 3,15,000 हेक्टेयर का है। जलवायु परिवर्तन से लड़ने वाले किसानों की संख्या 20-25 हजार है। 70 से 90 और 90 से 110 दिन में पकने वाली वैरायटी लगाई गई थी।

    प्रेमविजय पाटिल, धार। इन दिनों मालवा-निमाड़ के तमाम जिलों में किसान परेशान हैं क्योंकि जाते हुए मानसून ने उनकी सोयाबीन की तैयार फसल खराब कर दी है। मगर, इन सब के उलट धार जिले के कुछ किसानों के चेहरे पर मुस्कान है क्योंकि उन्हें मौसम के कारण नुकसान नहीं उठाना पड़ा है।

    ऐसा नहीं है कि मानसून ने जाते-जाते धार में पानी नहीं बरसाया। दरअसल, यहां किसानों ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने की पद्धति को अपनाकर तथा मौसम के अनुसार रणनीति बनाकर स्वयं को इस नुकसान से बचा लिया है। एक तरह से धार के कुछ किसानों ने प्रदेशभर के किसानों को यह राह दिखाई है कि कैसे सूझबूझ से नुकसान को टाला या कम किया जा सकता है।

    अर्ली और लेट वैरायटी की लगाई सोयाबीन

    जिले में किसानों ने इस बार सोयाबीन की अर्ली वैरायटी के साथ-साथ लेट वैरायटी की बोवनी भी की। साथ ही सोयाबीन की प्रजातियां भी अलग-अलग बोईं। इसका लाभ यह हुआ कि किसानों को एक ही समय में पूरी फसल पर फोकस नहीं करना पड़ा।

    जैसे, अर्ली वैरायटी में जब दवा छिड़कनी थी, तब तक लेट वैरायटी खेतों में तैयार नहीं हुई थी। जब किसान अर्ली वैरायटी पर दवा छिड़ककर फ्री हो गए, तब लेट वैरायटी पर दवा छिड़कने का समय आया। यही बात मौसम के मामले में भी फायदेमंद साबित हुई।

    जाते हुए मानसून की वर्षा से अर्ली वैरायटी पूरी तरह खराब होने से बच गई, क्योंकि इसकी फसल कटकर पहले ही किसानों के घरों में पहुंच चुकी थी। ऐसे में किसानों को बची हुई लेट वैरायटी को संभालने के लिए पर्याप्त समय मिल गया।

    एक वैरायटी के भरोसे न रहें किसान

    हम किसानों को यही समझाते हैं कि वे एक ही वैरायटी के भरोसे नहीं रहें, क्योंकि मौसम तेजी से बदल रहा है। ऐसे में यदि वे अलग-अलग तीन वैरायटी लगाते हैं तो और भी बेहतर है। हजारों किसानों ने इस तरह का प्रयोग किया है। यह प्रयोग सफल भी रहा है। डॉ. जीएस गाठिया, वरिष्ठ कृषि विज्ञानी, धार

    नुकसान से बचने के लिए कर रहे प्रयोग

    भारतीय किसान संघ के मीडिया प्रभारी अमोल पाटीदार, किसान विजय पटेल, ग्राम कागदीपुरा, कमल पाटीदार, ग्राम पिंजराया और इरफान पटेल, ग्राम मगजपुरा ने बताया कि जिले में सोयाबीन में कम नुकसान हुआ है, जिसका सर्वे हो रहा है। किसानों ने जलवायु परिवर्तन से लड़ना सीख लिया है।

    उन्होंने बताया कि किसानों ने अर्ली वैरायटी जेएस 9560 और 2218 श्रेणी की सोयाबीन लगाई थी। बाद में पकने वाली सोयाबीन की वैरायटी आरबीएस 2011-35 भी लगाई थी। जेएस 1135 में किसानों को वायरस के कारण नुकसान हुआ, जबकि अर्ली वैरायटी में किसानों की फसल संतोषजनक स्थिति में रही है।

    जिले में करीब 20-25 हजार किसानों ने यह प्रयोग किया है। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि एक किसान के पास 10 बीघा जमीन है, तो उसने अपने क्षेत्र में मानसून की शुरुआत की वर्षा के हिसाब से बोवनी की। उसने 60 प्रतिशत अर्ली और 40 प्रतिशत लेट वैरायटी लगाई।

  • दुधमुंहे बच्चे को लेकर कुएं में कूदी थी महिला, ससुराल पक्ष पर दहेज हत्या का केस दर्ज

    दहेज हत्या (प्रतीकात्मक चित्र)

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    पुलिस ने पति व जेठ को किया गिरफ्तार। सास, ससुर और जेठानी हुए फरार।मायके वालों ने की थी शिकायत।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। बैरसिया तहसील के गुनगा थाना इलाके में शनिवार दोपहर संगीता कुशवाहा और उसके 15 माह के बच्चे नितिन की संदिग्ध परिस्थितियों में कुएं में डूबने से मौत की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि शादी के बाद से संगीता को ससुराल के लोग दहेज लाने के लिए परेशान कर रहे थे। जिससे परेशान होकर संगीता ने मासूम बच्चे के साथ खुदकुशी कर ली।

    पुलिस ने इस मामले में पति सुनील, जेठ गोविंद, ससुर बाबूलाल, सास भगवती और जेठानी आशा के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपित पति और जेठ को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। घटना के बाद ससुराल के लोगों ने पुलिस को बताया था कि महिला बच्चे को गोद में लेकर कुएं के पास लगे पेड़ से सीताफल तोड़ रही थी, तभी संतुलन बिगड़ने से कुएं में जा गिरी।

    गुनगा थाना प्रभारी एचएस वर्मा ने बताया बैरसिया के नलखेड़ा निवासी 27 वर्षीय संगीता की शादी अगस्त 2022 में गुनगा निवासी किसान सुनील कुशवाहा से हुई थी। उसका लगभग 15 माह का बेटा भी नितिन भी था। शनिवार दोपहर संगीता बेटे को गोद में लेकर घर से 50 मीटर की दूरी पर कुएं के पास बने देवी के स्थान पर पूजा करने गई थी। दोपहर करीब 12.30 बजे वह संदिग्ध परिस्थितियों में बच्चे के साथ कुएं में गिर गई थी। स्वजन ने गांव वालों की मदद से दोनों के शव बाहर निकाले थे।

    इस मामले की जांच एसडीओपी बैरिसया सर्वप्रिय सिन्हा ने की। संक्षिप्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मां-बेटा की मौत डूबने से होना बताई गई थी। संगीता के मायके वालों ने अपने बयान में आरोप लगाया कि शादी के बाद से ही पति सहित ससुराल के लोग मायके से दहेज लाने के लिए दबाव बनाने लगे थे। इसके लिए बेटी को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया जाता था। इस वजह से ही उसने इस तरह का कदम उठा लिया। फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है।

  • Drugs in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के रतलाम और मंदसौर में होता है ड्रग्स का बड़ा कारोबार

    मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा है ड्रग्स का कारोबार।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। रतलाम तथा आसपास के मंदसौर व राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में ड्रग्स का बड़ा कारोबार होता है। विशेषकर ड्रग प्रतापगढ़ व मंदसौर से लाकर रतलाम के रास्ते प्रदेश के अन्य नगरों तथा गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों भेजा जाता है।

    रतलाम पुलिस ड्रग्स के खिलाफ विशेष अभियान चल रही है और दो वर्षों में 200 से अधिक तस्करों तथा ड्रग परिवहन करने वालों को गिरफ्तार कर बड़ी मात्रा में डोडाचूरा, अफीम स्मैक, एमडीएमए ड्रग जब्त किया गया है। रतलाम में दो सालों में पुलिस ने आरोपितों से 4523 क्विंटल डोडाचूरा, 8 किलो 150 ग्राम अफीम, 969 ग्राम स्मैक व 3 किलो 410 ग्राम एमडीएमए जब्त किया है। 36 किलो 250 ग्राम गांजा तथा 196 किलो गांजे के पौधे जब्त किए हैं।

    लंबे समय बाद बड़ी कार्रवाई

    मंदसौर पुलिस की कार्रवाई सिर्फ करियर तक ही सीमित रहती है। इसके चलते जिला बड़े तस्करों के लिए पनाहगाह बना हुआ है। यहां की राजनीति में भी तस्कर काफी अंदर तक घुसे हुए हैं। इक्का-दुक्का मामलों को छोड़ दें तो लंबे अरसे बाद मंदसौर जिले के बड़े तस्कर हरीश आंजना पर कार्रवाई हुई है।

    रातभर चली पूछताछ में हरीश आंजना ने राजस्थान के लाला का भी नाम लिया है, जो भोपाल से एमडी लाता था और बाद में हरीश व अन्य को सप्लाई करता था। स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। पुलिस ने जिले में लगभग 180 प्रकरण भी बनाए हैं और इनमें 300 आरोपित भी बनाए हैं, पर अधिकांश करियर ही थे। इनको औसत 5 से 10 साल तक की सजा हुई। एक भी बड़े तस्कर को सजा नहीं हुई है।

    उज्जैन में दो सालों में ड्रग संबंधी 34 मामले

    उज्जैन जिले में बीते दो सालों के दौरान ड्रग संबंधी 34 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें 70 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि इनमें कोई बड़े मामले नहीं है। स्थानीय मादक पदार्थ तस्कर व पैडलर ही ही छोटी-छोटी पुड़िया बनाकर ड्रग्स बेच रहे हैं। बदमाशों ने पूछताछ में राजस्थान के प्रतापगढ़, छोटी व बड़ी सादड़ी, मंदसौर, नीमच से ही मादक पदार्थ लाना बताया है। दो सालों के दौरान कोई बड़ी सजा नहीं हुई है।

  • Big action in Bhopal: औद्योगिक क्षेत्र में सात माह से चल रही मादक पदार्थ की फैक्ट्री, उद्योग और पुलिस को नहीं लगी भनक

    मादक पदार्थ की फैक्ट्री।

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    पुलिस सत्यापन बिना ही गुजरात के मादक पदार्थ तस्कर को दे दी फैक्ट्रीजमीन आवंटित होने के बाद चार साल से उद्योग विभाग रहा बेफ्रिक।साबुन बनाने के नाम पर ली थी फैक्ट्री,पुलिस के युवक का कोई रिकार्ड

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी के कटारा हिल्स थाना क्षेत्र औद्योगिक क्षेत्र के ग्राम बगरोदा में गुजरात एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने कार्रवाई 1800 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत का मादक पदार्थ बरामद कर लिया। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने एटीएस गुजरात के साथ मिलकर बंद पड़ी फैक्ट्री में छापा मारा था। यहां से भारी मात्रा में अतिउत्तेजक मादक पदार्थ एमडी ड्रग्स बरामद हुआ है। इस मामले में भोपाल और नासिक के दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

    खास बात इस इतने बड़े मादक पदार्थ तस्करी की भनक मध्यप्रदेश पुलिस के पुलिस कमिश्नर के आइपीएस अधिकारियों की पूरी टीम को नहीं लगी। इधर, फैक्ट्री मालिक ने बिना पुलिस सत्यापन के गुजरात के एक शातिर मादक पदार्थ तस्कर को यह फैक्ट्री किराये पर दे दी थी, वह फैक्ट्री में मशीनें लगाकर एमडी ड्रग्स को मुंबई, गुजरात , बेंगलुरु कोलकाता ,नेपाल तक भेज रहा था।

    डीसीपी संजय अग्रवाल ने बताया कि गुजरात एटीएस की पूरी कार्रवाई की गई है,फैक्ट्री मालिक एके सिंह ने सात माह पहले यह फैक्ट्री किराये दो लोगों को दी थी।फैक्ट्री को बंद कर यह मादक पदार्थ बनाया जा रहा था।

    पुलिस उपायुक्त संजय अग्रवाल ने बताया कि ग्राम बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्री में मादक पदार्थ बनाया जा रहा था। यह फर्नीचर और लकड़ी के काम के लिए जयदीप सिंह कारखाने के लिए आवंटित हुई थी,उसके बाद उन्होंने दूसरे को यह जमीन बेच दी गई।

    बिना पुलिस सत्यापन के किराये पर दे दी फैक्ट्री

    पुलिस जांच में अभी तक सामने आया है कि एके सिंह ने यह जमीन को कोटरा सुल्तानाबाद निवासी अमित चतुर्वेदी के माध्यम से नासिक महाराष्ट्र निवासी सान्याल बाने के लिए किराये पर ली थी। फैक्ट्री मालिक ने किराये पर देने से पहले पुलिस सत्यापन भी नहीं कराया था और मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण कोई सूचना नहीं दी ।

    चार साल से उद्योग से भी कोई देखने नहीं गया

    मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पास इस फैक्ट्री के पास सिर्फ इतनी जानकारी है कि इस जमीन को फर्नीचर बनाने के नाम पर जमीन आवंटित की गई थी, उसके बाद फैक्ट्री लगी कि नहीं। इससे उनको कोई मतलब नहीं था,चार साल से मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण कोई अधिकारी वहां नहीं गया था। इसी का फायदा उठाकर शहर के बाहर इस फैक्ट्री में आसानी से इतना बड़ा मादक पदार्थ का कारखाना लगाकर ड्रग्स बनाई जा रही थी।

    दारोगा की फैक्ट्री के डर से पुलिस ने छोड़ दी थी गश्त

    बगराेदा में कटारा हिल्स थाने में तैनात रहे एक दारोगा की फैक्ट्री रही है, उसके कारण कटारा हिल्स थाना पुलिस ने उस तरफ जाना ही बंद कर दिया था। थाने के एक तरह से कहे कि पुलिस ने आंखें ही बंद कर ली थी, उस फैक्ट्री में क्या हो रहा है ? इससे कोई मतलब नहीं रहता था।

    हालांकि पुलिस कमिशनरी के एएसपी रैंक के अधिकारी को एक स्थानीय व्यक्ति जानकारी इसके बारे में दी थी, लेकिन उस पर भी कोई गौर नहीं किया गया था।जब सूरत में सान्याल बाने के साथी मादक पदार्थ तस्कर की गिरफ्तारी हुई तो उसने यह बात एटीएस को बताई थी, इसी कारण से एटीएस गुजरात ने इस ऑपरेशन की जानकारी भोपाल पुलिस से साझा नहीं की।

    क्यों चुना भोपाल में ठिकाना

    गुजरात नासिक निवासी सान्याल बाने ने मादक पदार्थ फैक्ट्री लगाने के लिए भोपाल के अमित चतुर्वेदी के माध्यम से बंद फैक्ट्री तलाश के लिए कहा था। उसने बगरोदा में बंद फैक्ट्री की तलाश कर उसे सूचना दे दी थी, यह फैक्ट्री लगाने के लिए पीछे की एक ही कारण था कि यह फैक्ट्री शहर के बाहर थी और वहां से बाहर से बाहर माल की सप्लाई बनाकर दी जा रही थी।

    एमडी ड्रग्स बनाने माल भी आसानी मंगाया जा सकता था। इस मार्ग पर पुलिस रोकटोक भी ज्यादा नहीं थी। दूसरा पुलिस रोकती भी थी कि तो उसके स्थानीय मददगार काफी थे, जो आरक्षक से लेकर इंस्पेक्टर तक को पहचानते थे।

    भोपाल जिला पुलिस में अधिकांश पुलिस कर्मी सालों से एक ही थानों में तैनात है, वह चुनाव के समय भोपाल से रायसेन , विदिशा , सीहोर में ? तबादला कराकर चले जाते हैं और वापस आ जाते हैं। पुराने बदमाश उनको पहचाननते थे, सान्याल बाने को उसके मददगारों ने यह बात बताई थी। इस कारण से उसने भोपाल को ठिकाना बनाया था।सात माह तक वह कामयाब भी रहा।

    क्राइम ब्रांच की सबसे बड़ी नाकामी

    गुजरात एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने इस कार्रवाई ने भोपाल पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच की पोल खोलकर रख दी थी। 80 पुलिस कर्मियों की क्राइम ब्रांच दिन रात मादक पदार्थ तस्करों को पकड्ने के दावे कर रही थी। गांजे के प्रेस नोट जारी कर वाहवाही लूट रही थी। उसके नाक के नीचे इतनी बड़ी एमडी ड्रग्स की फैक्ट्री चल रही थी। उसे कानो कान खबर तक नहीं थी। यह तब है कि जब पुलिस कमिश्नरी में जिले में एसपी की तरह क्राइम ब्रांच में एक आइपीएस अधिकारी को डीसीपी बना रखा है।

    स्थानीय इंटेजिलेंस भी हाथ पर हाथ रखे बैठी रही

    पुलिस कमिश्नरी की स्थानीय इंटेलिजेंस को भी इस फैक्ट्री की कोई भनक नहीं थी। यह भी जिले के एसपी स्तर के एक अधिकारी को डीसीपी बनाकर स्थानीय स्तर पर निगरानी और खुफिया जानकारी एकत्रित करने के लिए बनाया गया है,लेकिन वह सिर्फ अपने एसी आफिस तक सीमित रही।

  • भोपाल में ड्रग्स फैक्ट्री का पर्दाफाश, 1800 करोड़ रुपये का प्रतिबंधित पदार्थ बरामद, दो गिरफ्तार

    इसी फैक्ट्री में बनाई जा रही थी ड्रग्स।

    HighLights

    बरामद प्रतिबंधित पदार्थ एमडी ड्रग्स बताया जा रहा। स्थानीय पुलिस को छापामार कार्रवाई से दूर रखा गया।

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस), मध्य प्रदेश एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, दिल्ली की टीम ने एमडी ड्रग के विरुद्ध चल रहे अभियान में अब तक की सबसे बड़ी सफलता हासिल की है। जांच एजेंसियों ने भोपाल के बागरोदा औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई करते हुए एमडी ड्रग और इसे बनाने में उपयोग होने वाला कच्चा माल जब्त किया है। इसकी कीमत 1800 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है। जांच एजेंसियों ने यहां से दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

    गुजरात के गृहमंत्री ने दी बधाई

    गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने भारी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी के लिए टीम को बधाई दी। उन्होंने खुद कहा है कि यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा- ‘गुजरात एटीएस और दिल्ली एनसीबी की टीम ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में मिली बड़ी जीत पर बधाई। हाल ही में भोपाल की फैक्ट्री पर रेड डाली गई और एमडी (ड्रग्स) व उसे बनाने वाला पदार्थ बरामद किया गया, जिसकी कीमत 1814 करोड़ रुपये है।

    उन्होंने आगे लिखा, ‘यह उपलब्धि हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के ड्रग्स की तस्करी से लड़ने में उनके अथक प्रयास को दर्शाती है। उनका प्रयास हमारे समाज की सुरक्षा और सेहत की सुरक्षा के लिए अहम है। उनका यह समर्पण सच में तारीफ के काबिल है। भारत को सुरक्षित और सेहतमंद राष्ट्र बनाने के उनके मिशन में उनका साथ देना जारी रखें।’