रायपुर। किसी भी राज्य के समग्र विकास के लिए कृषि एवं सेवा क्षेत्र के साथ औद्योगिक विकास आवश्यक है। इन सारणी के समग्र विकास से राज्य में आर्थिक समृद्धि आती है, इस तथ्य को देखते हुए छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव कहते हैं कि सरकार ने औद्योगिक विकास की दिशा में एक आशाजनक कदम उठाया है। खनिज, वन और मानव संसाधन से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ को संवारने के लिए कहा गया है कि सरकार ने नई औद्योगिक विकास नीति शुरू की है, जिसमें विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना साकार हो सके। सरकार ने कृषि क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य करते हुए किसानों को शामिल किया है, साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महतारी वंदन योजना भी शुरू की है। इसी क्रम में देश, विदेश के उद्यमों और स्थानीय युवाओं को आकर्षित करने का उद्देश्य नई औद्योगिक विकास नीति की शुरुआत 1 नवंबर 2024 से है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को आकार देने में छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव कहते हैं, सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है..देखते ही देखते राज्य में कहें तो सरकार ने अपने सपने का एक साल पूरा कर लिया है और देखते ही देखते मोदी का वादा भी पूरा होता है जा रही है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 14 नवंबर 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लॉन्च की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने इस नई नीति को रोजगार पार्क और विजन-2047 के विकसित भारत के निर्माण की नीति पर ध्यान देते हुए विकसित छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का लक्ष्य तय किया है..राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति उद्योगपतियों, आदिवासियों, वित्तिय क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने भव्य प्रदर्शन किया है और सभी का मानना है कि विष्णुदेव सरकार की नई औद्योगिक विकास नीति छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
छत्तीसगढ़ में नई औद्योगिक विकास नीति परिषद, प्रदेश का कल्याण करने की सोच रखने वाली वाली छत्तीसगढ़ की सरकार ने अपने साथ भारत सरकार के विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से कई प्रस्ताव रखे गये हैं। राज्य सरकार की ओर से 15 हजार लोगों की ट्रेनिंग की पेशकश की गई। प्रथम राज्य के युवाओं के लिए किसी भी तरह की छूट से कम नहीं।
नवीन औद्योगिक विकास नीति 01 नवम्बर 2024 से 31 मार्च 2030 तक लागू हो गयी है। ये एक बड़ा अंतरविरोध है. वर्षों में आसानी से राज्य का पता लगाया जा सकता है। नई औद्योगिक विकास नीति में निवेश प्रोत्साहन में ब्याज अनुदान, ब्याज अनुदान, स्टाम्प शुल्क में छूट, विद्युत शुल्क में छूट के अलावा मूल्य संवर्धित करने का भी प्रस्ताव है। यह सब कुछ इस दिशा में अपने भविष्य को देखने वाले युवाओं के लिए एक अच्छी शुरुआत होगी। नई औद्योगिक विकास नीति में मंडी शुल्क छूट, औद्योगिक विकास अनुदान, उत्पाद परियोजना अनुदान, परिवहन अनुदान, नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर की प्रति परियोजना के भी प्रस्ताव रखे गए हैं, जो सभी शामिल हैं। नई औद्योगिक नीति में राज्य के युवाओं के लिए रोजगार सृजन को लक्ष्य में शामिल करने के लिए एक हजार से अधिक स्थानीय रोजगार सृजन के आधार पर विशिष्ट क्षेत्र के लिए बी-स्पोक योजना की योजना बनाई गई है। ये डॉक्यूमेंट्री आने वाले समय में राज्य के बच्चों की तकदीर वाली है।
राज्य की प्रतिष्ठित जाति, जनजाति, महिला सैन्य, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिक और अर्धसैनिकों को इस नई औद्योगिक विकास नीति के तहत अधिक प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव बहुत उत्साह बढ़ाने वाला है। इतना ही नहीं संबद्ध प्रभावित, आदर्श वर्ग, तृतीय लिंग के आदर्श भी नए उद्योगों के तहत विशेष प्रोत्साहन के पात्र होंगे। दूसरी तरह से सोचा जाए तो इस नीति के लाभ से कोई वर्ग रेटिंग वाला नहीं है। नई औद्योगिक विकास नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र के अंतर्गत एम्सएमई सेवा उद्यम और वृहद सेवा उद्यमों के लिए भी पृथक्करण-प्रार्थना प्रोत्साहन का प्रस्ताव रखा गया है, जो छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक उचैयन प्रस्ताव प्रदान करेगा। सेवा क्षेत्र में सेवाएं, अनुसंधान और विकास क्षेत्र, पर्यटन और मनोरंजन क्षेत्र से संबंधित क्षेत्रों को शामिल करके राज्य की एक बड़ी आबादी को डिजाइन करने की कोशिश की जा रही है। बहुत बड़ी बात है जो इस नीति में बड़ी संख्या में सेवा श्रेणी के दस्तावेजों को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए पात्र उद्यम माना गया है और पर्यटन, मनोरंजन और अन्य सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र के साथ ही सरगुजा और संस्कृति श्रेणी के होम-स्टे सेवाओं को भी शामिल किया गया है। भी शामिल किया गया है.
नई औद्योगिक विकास नीति में सूक्ष्म, लघु और मध्यम इंजीनियरों की परिभाषा भारत सरकार द्वारा परिभाषा एमएसएमई के घटकों में दी गई है। ऐसी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा बनाई जा रही है कि इन सहायकों को प्राप्त होने वाला प्रोत्साहन अन्य राज्यों की तुलना में कहीं भी कम ना हो। विपक्ष की सुविधा का पूरा-पूरा प्रोविजन रखा गया है। उनके लिए सूक्ष्म, लघु, मध्यम और वृद्ध विद्यार्थियों के लिए पृथक्करण-पृथक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रस्ताव रखा गया है। राज्य में उद्योग निवेश की शुरूआत एक अच्छा संकेत माना जाता है, जिसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ स्थानीय निवास होता है।
नई औद्योगिक विकास नीति में दवाइयाँ ), आई.टी., आई.टी.ई.एस., डेटा सेंटर, जलविद्युतकोसेल्स सौर ऊर्जाकोसेल्स आदि के लिए प्लांटेशन औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रस्ताव है। छत्तीसगढ़ की भूमि पर शासन करने का यह प्रयास सभी सहयोगियों के लिए सुरक्षित साबित होने वाला है। इस नई औद्योगिक विकास नीति में यह पूरी तरह से पूरी कोशिश की बात कही जा रही है कि प्रदेश के युवा अपना खुद का व्यवसाय शुरू करें और आत्मनिर्भर बनें। इसके लिए उद्यम क्रांति योजना का प्रस्ताव रखा गया है। उद्यम क्रांति योजना में राज्य के शिक्षित युवा उद्यमियों को स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए अनुदान युक्त ऋण प्रदान करने का प्रस्ताव है। छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव कहते हैं सरकार का यह कदम टूटते हुए युवा हौसलों को शक्ति देने का काम कर रहा है।
थ्रेस्ट सेक्टर के ऐसे उद्योग जहां भविष्य के लिए शानदार रोजगार की तलाश है, वहां के लिए सरकार की ओर से अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रस्ताव है। राज्य के कोरबा-बिलासपुर-रायपुर में देश के औद्योगिक मानचित्रों के लिए औद्योगिक भवनों की स्थापना का भी प्रस्ताव है। नई औद्योगिक विकास नीति के निर्माण के लिए उद्योग विभाग द्वारा राज्य के मुखिया की प्रगति मशक्कत की गई है। इसके लिए संबंधित सभी हित पहलुओं, औद्योगिक इंजीनियरों, औद्योगिक प्रयोगशालाओं, संबंधित संबंधों के साथ एक वर्ष तक संवाद गहनता से परामर्श किया गया है। देश के प्रमुख राज्यों औद्योगिक उद्यमों का अध्ययन करने के बाद छत्तीसगढ़ की परिस्थिति, संसाधनों और स्थानीय आवश्यकताओं पर ध्यान देते हुए औद्योगिक उद्यमों को इसमें शामिल किया गया है।
नई औद्योगिक विकास नीति के लाभ से राज्य को कोई कोना छूट नहीं मिली, यह बात भी राज्य सरकार ने पूरी तरह से जारी रखी है। इस नीति के माध्यम से राज्य के सभी क्षेत्रों के समग्र, औद्योगिक और समावेशी औद्योगिक विकास पर ध्यान देते हुए शिक्षण विकासखंडों में तीन रोजगारों को शामिल किया गया है। पहले ग्रुप में 10 औद्योगिक विकासखंड, दूसरे ग्रुप में 61 बैच विकासखंड और तीसरे ग्रुप में 75 औद्योगिक विकासखंड शामिल हैं। इस नीति के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए कौशलयुक्त रोजगारों का सृजन करने का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए नैतिक क्षेत्र के रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति में 1000 से अधिक रोजगार प्रदान करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन के लिए अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन का प्रस्ताव किया गया है।
नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में आर्थिक एवं सामाजिक आवेश में विशिष्टता के लिए विशिष्टता जाति/जन जाति, महिला प्रशिक्षु, सेवानिवृत्त अग्निवीर, भूतपूर्व सैनिक (जिनमें पारा सैनिक बल भी शामिल है) सम्मिलित प्रभावित, आत्मसमर्पित प्रतिभा एवं तृतीय लिंग के सहायक का अतिरिक्त प्रोत्साहन विवरण का प्रस्ताव दिया गया है. देश में आज़ादी का अमृत काल चल रहा है। आजादी के सौ साल से पहले राष्ट्र को एक विकसित और शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए देश के प्रधानमंत्री की कल्पना को छत्तीसगढ़ में साकार करने के लिए विष्णुदेव की सरकार हर संभव कोशिश कर रही है और इसमें सफल लोग भी नजर आ रहे हैं। राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति भी एक शानदार परिणाम है।