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  • छत्तीसगढ़: अवैध मिनरल प्लांट और परिवहन पर बड़ी कार्रवाई, 28 हाइवा वाहन जब्त

    बिलासपुर। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य में खनिजों के अवैध खनन, परिवहन और भंडार पर सख्त कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में रजिस्ट्रार अवनीश शरण के आदेश के अनुसार बिलासपुर जिले में राजस्व एवं खनिज विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अवैध खनिज परिवहन के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया।

    सोसाइटी टीम ने आजगिट्टी, चकरभाठा, बोदरी, पचपेड़ी, जोंधरा, मस्तूरी और अन्य क्षेत्रों में अवैध खनिज परिवहन कर रहे सोसाइटी की जांच की। 14 हाइवा गाड़ियाँ के नेतृत्व में 14 हाइवा गाड़ियाँ पकड़ी गईं। खनिज विभाग द्वारा अलग से आज 14 हाइवा सोसायटी को जब्त कर लिया गया। इस प्रकार एक ही दिन में 28 हाइवा कम्यूनिटी के विरुद्ध कार्रवाई की गई। नामांकित मास्टरी के निर्देशन में निकोलस प्रकाश भंडारी द्वारा दो कोटावारों की टीम के साथ खनिजों के अवैध खनन एवं परिवहन की जांच की गई। जांच के दौरान कुल 14 हाइवा सोसायटी को बिना रॉयल्टी रसीद के ट्रैक्टर परिवहन के कारण जब्त कर लिया गया। एसोसिएशन को प्रभारी पचपेड़ी की संस्था में दिया गया है।

    वहीं बिना वैध अभिवाहन पास के खनिज परिवहन के दौरान अवैध मोटर परिवहन के 8, डोलोमाइट के 1, गिट्टी के 4, मुरूम और मिट्टी के 01 मामलों सहित कुल 14 मामलों पर कार्रवाई करते हुए 14 हाईवा जब्त किए गए। इन सोसायटी को थाना चक्रभाठा, थाना पचपेड़ी एवं खनिज जांच कार्यालय लावर में सुरक्षा प्रदान की गई है। खनिजों के अवैध ऑटोमोबाइल, परिवहन, भंडारन पर खनिज विभाग, एवं राजस्व पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त एक्शन कॉन्स्टेंट जारी है। वन विभाग द्वारा भी वन क्षेत्र अंतर्गत अवैध खनिज संपदा, परिवहन के मामलों में कार्रवाई की जा रही है।

  • प्रस्तावित बीमा संशोधन अधिनियम का विरोध, बीमा धारकों के सामने पेंशनरों ने प्रदर्शन किया

    भारतीय पेंशनर्स दिवस के मौके पर आज बीमा क्षेत्र के पेंशनर्स एसोसिएशन के आह्वान पर रियल एस्टेट के बीमा धारकों के लिए बैठक आयोजित की गई। केंद्र सरकार द्वारा पेंशन के क्षेत्र में जारी जनविरोधी सुधारों का पुर्जोर का विरोध किया गया। अल इंडिया पेंशनर्स एसोसिएशन की रायपुर मंडलीय इकाई ने एलआईसी के पंडरी स्थित मंडल कार्यालय के समसामयिक प्रदर्शन कर सभा ली, जिसमें बड़ी संख्या में एलआईसी और आम बीमा के पेंशनर्स के साथ ही सेवारत बीमा कर्मचारियों ने कर्मचारियों की नियुक्ति की। सभा की राष्ट्रपति पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का. श्रीकांत पेंढारकर ने की.

    सभा को खुलासा करते हुए सेंट्रल जोन ओरेगन एम्प्लाइज एसोसिएशन की घोषणा की गई। धर्मराज महापात्र ने प्रस्तावित बीमा संशोधन अधिनियम 2024 का विरोध करते हुए अपने आंदोलन को गति देने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से बीमा क्षेत्र में एफ बिजनेस की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर बीमा उद्योग पर विदेशी क्षेत्र का नियंत्रण वधिपति का हटाया जा रहा है। उन्होंने प्राइमियम्स से रिलेटेड मेट्रिक्स का बीमा किया और तीसरी से चौथी श्रेणी में शामिल एलआईसी में नई भर्ती शुरू करने की मांग की है, जिसमें बताया गया है कि इन सभी म्यूचुअल फंडों से जुड़े इम्पीरियल के इंश्योरेंस फरवरी और मार्च महीने में हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं।

    सभा को श्रद्धांजलि देते हुए रायपुर डिवीजन एम्प्लाइज यूनियन के मुख्यालय का। सुंदर शर्मा ने नई पेंशन योजना को बंद कर पुन: बहाल करने की मांग की है। उन्होंने राष्ट्रीयकृत बीमा उद्योग में पेंशन का अपडेट जानने की मांग की। उन्होंने कहा कि पेंशन भीख या कृपा न केवल एक श्रमिकक्ष का अधिकार होता है और इसलिए सार्वभौमिक पेंशन योजना को लागू करने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को न्यूनतम दस डिग्री धारकों की पेंशन प्रदान की जानी चाहिए।

    आम बीमा की पेंशनर्स एसोसिएशन के रजिस्ट्रार का। वीर अजित शर्मा ने आम बीमा क्षेत्र में पारिवारिक पेंशन की सीमा 15 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की मांग की है। की. उन्होंने बताया कि इन इंश्योरेंस कंपनियों के व्यापक आंदोलन पर विचार करें। सभा की अध्यक्षता कर रहे श्रीकांत पेंढारकर ने पेंशन फंडों के नामांकन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि बुढापे में सुरक्षित भविष्य के लिए बेहतर पेंशन का संघर्ष आने वाले दिनों और तेजी से होगा। अचल संपत्ति के साथ सभा की कार्यवाही समाप्त हुई। सभा के अंतिम एक सहयोगी ने प्रबंधन मंडल को भी निर्देश दिया।

  • छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र : नावों के सरहदी में बिना लाइसेंस के वृत्तचित्र निर्माण पर गरमाया सदन, एक्शन की मांग करते हैं कलाकारों ने वॉक आउट किया…

    रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सुकमा दंते वेवे के सरहदी क्षेत्र में ज्वालामुखी निर्माण के मुद्दे पर कांग्रेस नेता कवासी लखमा ने सरकार को घेरा। बिना किसी खंड के ढांचे के निर्माण के लिए कलाकारों की मांग करते हुए कलाकारों ने टुकड़े-टुकड़े कर दिए, घरों से बाहर चले गए। यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र: जल जीवन मिशन में दूसरा दिन भी उठाओ

    विधायक कवासी लखमा ने प्रश्नकाल के दौरान सुकामा एवं दांतेवा के सरहदी क्षेत्र में निर्माण कार्य का उठाव किया। उन्होंने कहा कि इसमें संकेत दिए गए हैं और कितने निर्मित हो चुके हैं? निजीकरण इंटरफ़ेस कब प्रदान किया गया? कार्य की निर्माण एजेंसी बनाई गई? क्या फिल्म अभिनेता पर कार्रवाई की गई थी? हमारा मित्र पीड़ित क्षेत्र है। हम भी चाहते हैं कि विकास हो, लेकिन यह कौन सा नियम है कि पहले पुल बनेगा, फिर टेंडर होगा? ये सड़क बन रही है या प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बन रही है।

    यूपी के मुख्यमंत्री अरुण साव ने जवाब में कहा कि दो जगह हैं. एक सुकमा और एक दंतेवा जिले में – परिया और मुलेर आते हैं। आचार संहिता का प्रभाव था. शिकायत के बाद काम बंद हो गया. आगे कोई निर्माण नहीं हुआ है. प्रशिक्षण जब खुलेगी, तब आगे का निर्माण होगा। इसका निर्माण भारत सरकार ने किया है। बॅट बन रहा है. दोनों स्थानों के डेमोक्रेट से कार्यकारी हैं।

    इस पर कवासी लक्षमा ने कहा कि बिना ऑर्डर के सड़क बनाई गई है। ये पुल बड़े पैमाने पर रेट से बन रहे हैं, और एक नाले में तीन पुल क्यों बनाये जा रहे हैं. आचार संहिता के समय जल्दी-जल्दी जिस काम से काम लिया जाता था, उसका विरोध गांववालों ने किया तो काम रुका, फिर से उसी काम को शुरू कर दिया गया। उस पर कार्यवाही कैसे करें? लक्मा ने पूछा कि केवल कमीशन के लिए क्या निर्माण किया जा रहा है? जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है. सब इंजीनियर क्या सरकार से बड़ा है? क्या दोनों अधिकारी पर कार्रवाई करेंगे?

    अरुण साव ने इस पर पूछा कि दो पुल के निर्माण से क्या संबंध है? इस पर लक्षमा ने कहा कि नाली में तीन तीन पुल कैसे बन रहे हैं।

    पूर्व मुख्यमंत्री वाल्माबेल ने कहा कि मंत्री ने स्वीकार किया कि पुल बन गया, बाद में यह काफी गंभीर बात है। सीधा सवाल यह है कि इसमें गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर बहस क्या होगी? क्या आपने दो लोगों को काम दिया है, तीसरे को कोई काम नहीं दिया गया है, इसमें साड़ी स्टार्स दिखाई दे रहे हैं, क्या करेंगे बड़ा काम हुआ है?

    पक्ष-विपक्ष के बीच नोकझोक के बीच गड़बड़ी करने वालों पर अभियोजन पक्ष के सदस्यों के अंदर शामिल होने लगा। इसके साथ ही कलाकारों ने सदन के अंदर शामिल होकर सदन से चलना शुरू कर दिया।

  • अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा- सरकार 2026 तक केंद्रीय मित्रतावाद समाप्त करने के लिए…

    रायपुर. गृह मंत्री अमित शाह ने अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दूसरे दिन (16 दिसंबर 2024) को रायपुर राज्य में उग्र उग्र स्थिति की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, सत्यनारायण विजय शर्मा, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव गोविंद मोहन, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा और सशस्त्र पुलिस बलों (सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ) के प्रमुख भी शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने मार्च 2026 से उग्रवाद को समाप्त करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की अपील की।

    इस दौरान अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में उग्रवाद, छात्रसंघ, मार्च 2026 तक पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले एक साल में माइक्रोसॉफ्ट के एक्शन के कारण ब्रॉडकास्ट में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जो एक महत्वपूर्ण सफलता है। गृह मंत्री ने बताया कि सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी के संयुक्त प्रयास से मुस्लिमवाद के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया गया है और निश्चित रूप से मार्च 2026 से पहले ही मुस्लिमवाद का समापन किया जाएगा।

    शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि इस अभियान में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, और उनका मानना ​​​​है कि सभी सुरक्षाबल और राज्य गठबंधन एकजुटता इस चुनौती का सामना करेंगे। गृह मंत्री ने कहा, “छत्तीसगढ़ पुलिस और अन्य जवानों ने जापान के खिलाफ बड़े पैमाने पर एकजुटता के साथ काम किया है और आने वाले वर्षों में इस दिशा में और भी ठोस कदम उठाए जाएंगे।”

    बीजापुर में गुंडम फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस का दौरा

    अपनी छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान अमित शाह ने बीजापुर जिले स्थित गुंडम फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस का भी दौरा किया। इस बेस का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर में प्रभावितों की उपस्थिति और संचालनालय की समीक्षा करना है। गृह मंत्री ने इस दौरान विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव रखा और उन्हें अगले वर्ष के लिए मित्रतावाद की मिली सफलता के लिए बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें इसी जोश के साथ नागरिकतावाद की लड़ाई जारी रखनी चाहिए, ताकि मार्च 2026 तक देश को इस समस्या से पूरी तरह मुक्ति मिल सके।

    नतीजे की सफलता और आगामी लक्ष्य

    अमित शाह ने अपने प्रोजेक्ट में रेज़ॉलू की साहसिक यात्रा और राज्य पुलिस की भूमिका की भूमिका निभाते हुए कहा कि पिछले एक साल में क्रेटाल को भारी क्षति हुई है। उन्होंने विशेष रूप से सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और छत्तीसगढ़ पुलिस के खिलाफ समन्वित कार्रवाई को अंजाम दिया, जो कि मित्रतावाद के चरणबद्ध कदम साबित हो रहे हैं। गृह मंत्री का कहना था कि इन सहयोगियों ने मिलकर एक बड़े लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है और समुदायवाद को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

    अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की सामूहिक भागीदारी को पूरी तरह से समाप्त करने के उद्देश्य से हर संभव कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक इस समस्या से पूरी तरह से मुक्त अवसादन के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

  • राइस मिलर्स की हड़ताल खत्म : सरकार और राइस मिलर्स के बीच बनी सहमति, उप मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ बैठक के बाद धान का उठाव करने की घोषणा

    नितिन नामदेव, रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी उत्पाद और खाद्य उद्योग के सचिव, एमडी और अन्य मत्स्य पालन अधिकारियों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद रिलेशनशिप में मिले स्कॉलरशिप के बाद राइस मिलर्स ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की।

    मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा कि समय-समय पर राइस मिलर्स के एट्रिब्यूट ने मिल कर उन्हें राइस मिलर्स की आशंकाओं से अवगत कराया। राज्य सरकार को मिलर्स की ओर से प्रतिवेदन भी दिया गया था। मिलर्स की इतनी भी माँगें थी, सभी को शासन द्वारा गवर्नर के साथ सुना गया। सरकार ने मिलर्स की कंपनी पर सकारात्मक रूप से विचार करने की सलाह दी है। छत्तीसगढ़ के चावल मिलर्स शासन के स्वतंत्रता से पूरी तरह अलग हैं। मिलर्स ने यह तय कर लिया है कि आने वाले समय में राइस मिलर्स के स्टेज को मंच पर उतारने के लिए हम कमिश्नरी टीम बनाएंगे। यह टीम समय-समय पर चर्चा कर मिलरों की चिंताओं से शासन को लेकर चिंतित होगी।

    मिलर्स ने स्पष्ट किया कि सभी राइस मिलर एकजुट हैं। हम अपनी बात तक शासन करने में असमर्थ हैं। हमारे मामले में किसी भी तीसरे पक्ष को पासी देने की आवश्यकता नहीं है। प्रदेश में कुछ निहित स्वार्थी समूह में लगातार किसान और मिलरों के विषय में भ्रम फैल गया था। आज की बातचीत के बाद वह भ्रम पूरी तरह से ठीक हो गया।

    किसानों के हित में मिलर्स सरकार के साथ बने रहें। मिलर्स ने कहा कि शासन द्वारा विस्थापित धान का दाना-दाना मीलिंग करना हम पर निर्भर है। प्रदेश की जनता के हित में सभी मिलर्स का काम छूट गया है। धान का उठाव शुरू हो गया है. मिलर्स ने अपनी हड़ताल ख़त्म करने की घोषणा की है।

  • सुशासन का एक साल :छत्तीसगढ़ के समग्र विकास के लिए विष्णुदेव साय की सरकार ने बनाई नई औद्योगिक विकास नीति, विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण की ओर साय सरकार की अनोखी पहल

    रायपुर। किसी भी राज्य के समग्र विकास के लिए कृषि एवं सेवा क्षेत्र के साथ औद्योगिक विकास आवश्यक है। इन सारणी के समग्र विकास से राज्य में आर्थिक समृद्धि आती है, इस तथ्य को देखते हुए छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव कहते हैं कि सरकार ने औद्योगिक विकास की दिशा में एक आशाजनक कदम उठाया है। खनिज, वन और मानव संसाधन से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ को संवारने के लिए कहा गया है कि सरकार ने नई औद्योगिक विकास नीति शुरू की है, जिसमें विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना साकार हो सके। सरकार ने कृषि क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य करते हुए किसानों को शामिल किया है, साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महतारी वंदन योजना भी शुरू की है। इसी क्रम में देश, विदेश के उद्यमों और स्थानीय युवाओं को आकर्षित करने का उद्देश्य नई औद्योगिक विकास नीति की शुरुआत 1 नवंबर 2024 से है।

    देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को आकार देने में छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव कहते हैं, सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है..देखते ही देखते राज्य में कहें तो सरकार ने अपने सपने का एक साल पूरा कर लिया है और देखते ही देखते मोदी का वादा भी पूरा होता है जा रही है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 14 नवंबर 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लॉन्च की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने इस नई नीति को रोजगार पार्क और विजन-2047 के विकसित भारत के निर्माण की नीति पर ध्यान देते हुए विकसित छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का लक्ष्य तय किया है..राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति उद्योगपतियों, आदिवासियों, वित्तिय क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने भव्य प्रदर्शन किया है और सभी का मानना ​​है कि विष्णुदेव सरकार की नई औद्योगिक विकास नीति छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

    छत्तीसगढ़ में नई औद्योगिक विकास नीति परिषद, प्रदेश का कल्याण करने की सोच रखने वाली वाली छत्तीसगढ़ की सरकार ने अपने साथ भारत सरकार के विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से कई प्रस्ताव रखे गये हैं। राज्य सरकार की ओर से 15 हजार लोगों की ट्रेनिंग की पेशकश की गई। प्रथम राज्य के युवाओं के लिए किसी भी तरह की छूट से कम नहीं।

    नवीन औद्योगिक विकास नीति 01 नवम्बर 2024 से 31 मार्च 2030 तक लागू हो गयी है। ये एक बड़ा अंतरविरोध है. वर्षों में आसानी से राज्य का पता लगाया जा सकता है। नई औद्योगिक विकास नीति में निवेश प्रोत्साहन में ब्याज अनुदान, ब्याज अनुदान, स्टाम्प शुल्क में छूट, विद्युत शुल्क में छूट के अलावा मूल्य संवर्धित करने का भी प्रस्ताव है। यह सब कुछ इस दिशा में अपने भविष्य को देखने वाले युवाओं के लिए एक अच्छी शुरुआत होगी। नई औद्योगिक विकास नीति में मंडी शुल्क छूट, औद्योगिक विकास अनुदान, उत्पाद परियोजना अनुदान, परिवहन अनुदान, नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर की प्रति परियोजना के भी प्रस्ताव रखे गए हैं, जो सभी शामिल हैं। नई औद्योगिक नीति में राज्य के युवाओं के लिए रोजगार सृजन को लक्ष्य में शामिल करने के लिए एक हजार से अधिक स्थानीय रोजगार सृजन के आधार पर विशिष्ट क्षेत्र के लिए बी-स्पोक योजना की योजना बनाई गई है। ये डॉक्यूमेंट्री आने वाले समय में राज्य के बच्चों की तकदीर वाली है।

    राज्य की प्रतिष्ठित जाति, जनजाति, महिला सैन्य, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिक और अर्धसैनिकों को इस नई औद्योगिक विकास नीति के तहत अधिक प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव बहुत उत्साह बढ़ाने वाला है। इतना ही नहीं संबद्ध प्रभावित, आदर्श वर्ग, तृतीय लिंग के आदर्श भी नए उद्योगों के तहत विशेष प्रोत्साहन के पात्र होंगे। दूसरी तरह से सोचा जाए तो इस नीति के लाभ से कोई वर्ग रेटिंग वाला नहीं है। नई औद्योगिक विकास नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र के अंतर्गत एम्सएमई सेवा उद्यम और वृहद सेवा उद्यमों के लिए भी पृथक्करण-प्रार्थना प्रोत्साहन का प्रस्ताव रखा गया है, जो छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक उचैयन प्रस्ताव प्रदान करेगा। सेवा क्षेत्र में सेवाएं, अनुसंधान और विकास क्षेत्र, पर्यटन और मनोरंजन क्षेत्र से संबंधित क्षेत्रों को शामिल करके राज्य की एक बड़ी आबादी को डिजाइन करने की कोशिश की जा रही है। बहुत बड़ी बात है जो इस नीति में बड़ी संख्या में सेवा श्रेणी के दस्तावेजों को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए पात्र उद्यम माना गया है और पर्यटन, मनोरंजन और अन्य सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र के साथ ही सरगुजा और संस्कृति श्रेणी के होम-स्टे सेवाओं को भी शामिल किया गया है। भी शामिल किया गया है.

    नई औद्योगिक विकास नीति में सूक्ष्म, लघु और मध्यम इंजीनियरों की परिभाषा भारत सरकार द्वारा परिभाषा एमएसएमई के घटकों में दी गई है। ऐसी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा बनाई जा रही है कि इन सहायकों को प्राप्त होने वाला प्रोत्साहन अन्य राज्यों की तुलना में कहीं भी कम ना हो। विपक्ष की सुविधा का पूरा-पूरा प्रोविजन रखा गया है। उनके लिए सूक्ष्म, लघु, मध्यम और वृद्ध विद्यार्थियों के लिए पृथक्करण-पृथक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रस्ताव रखा गया है। राज्य में उद्योग निवेश की शुरूआत एक अच्छा संकेत माना जाता है, जिसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ स्थानीय निवास होता है।

    नई औद्योगिक विकास नीति में दवाइयाँ ), आई.टी., आई.टी.ई.एस., डेटा सेंटर, जलविद्युतकोसेल्स सौर ऊर्जाकोसेल्स आदि के लिए प्लांटेशन औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रस्ताव है। छत्तीसगढ़ की भूमि पर शासन करने का यह प्रयास सभी सहयोगियों के लिए सुरक्षित साबित होने वाला है। इस नई औद्योगिक विकास नीति में यह पूरी तरह से पूरी कोशिश की बात कही जा रही है कि प्रदेश के युवा अपना खुद का व्यवसाय शुरू करें और आत्मनिर्भर बनें। इसके लिए उद्यम क्रांति योजना का प्रस्ताव रखा गया है। उद्यम क्रांति योजना में राज्य के शिक्षित युवा उद्यमियों को स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए अनुदान युक्त ऋण प्रदान करने का प्रस्ताव है। छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव कहते हैं सरकार का यह कदम टूटते हुए युवा हौसलों को शक्ति देने का काम कर रहा है।

    थ्रेस्ट सेक्टर के ऐसे उद्योग जहां भविष्य के लिए शानदार रोजगार की तलाश है, वहां के लिए सरकार की ओर से अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रस्ताव है। राज्य के कोरबा-बिलासपुर-रायपुर में देश के औद्योगिक मानचित्रों के लिए औद्योगिक भवनों की स्थापना का भी प्रस्ताव है। नई औद्योगिक विकास नीति के निर्माण के लिए उद्योग विभाग द्वारा राज्य के मुखिया की प्रगति मशक्कत की गई है। इसके लिए संबंधित सभी हित पहलुओं, औद्योगिक इंजीनियरों, औद्योगिक प्रयोगशालाओं, संबंधित संबंधों के साथ एक वर्ष तक संवाद गहनता से परामर्श किया गया है। देश के प्रमुख राज्यों औद्योगिक उद्यमों का अध्ययन करने के बाद छत्तीसगढ़ की परिस्थिति, संसाधनों और स्थानीय आवश्यकताओं पर ध्यान देते हुए औद्योगिक उद्यमों को इसमें शामिल किया गया है।

    नई औद्योगिक विकास नीति के लाभ से राज्य को कोई कोना छूट नहीं मिली, यह बात भी राज्य सरकार ने पूरी तरह से जारी रखी है। इस नीति के माध्यम से राज्य के सभी क्षेत्रों के समग्र, औद्योगिक और समावेशी औद्योगिक विकास पर ध्यान देते हुए शिक्षण विकासखंडों में तीन रोजगारों को शामिल किया गया है। पहले ग्रुप में 10 औद्योगिक विकासखंड, दूसरे ग्रुप में 61 बैच विकासखंड और तीसरे ग्रुप में 75 औद्योगिक विकासखंड शामिल हैं। इस नीति के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए कौशलयुक्त रोजगारों का सृजन करने का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए नैतिक क्षेत्र के रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति में 1000 से अधिक रोजगार प्रदान करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन के लिए अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन का प्रस्ताव किया गया है।

    नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में आर्थिक एवं सामाजिक आवेश में विशिष्टता के लिए विशिष्टता जाति/जन जाति, महिला प्रशिक्षु, सेवानिवृत्त अग्निवीर, भूतपूर्व सैनिक (जिनमें पारा सैनिक बल भी शामिल है) सम्मिलित प्रभावित, आत्मसमर्पित प्रतिभा एवं तृतीय लिंग के सहायक का अतिरिक्त प्रोत्साहन विवरण का प्रस्ताव दिया गया है. देश में आज़ादी का अमृत काल चल रहा है। आजादी के सौ साल से पहले राष्ट्र को एक विकसित और शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए देश के प्रधानमंत्री की कल्पना को छत्तीसगढ़ में साकार करने के लिए विष्णुदेव की सरकार हर संभव कोशिश कर रही है और इसमें सफल लोग भी नजर आ रहे हैं। राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति भी एक शानदार परिणाम है।

  • आईएफएस मनीष कश्यप के किताबी बचाओ अभियान में “नेक्सस ऑफ गुड” फाउंडेशन के संस्थापक शामिल हुए

    रायपुर। मनेन्द्रगढ़ डीएफओ आईएफएस मनीष कश्यप को नई दिल्ली में नेक्सस ऑफ गुड फाउंडेशन की ओर से चीन बचाओ अभियान के लिए सम्मानित किया गया। के संस्थापक पुरस्कार आईएएस अनिल स्वरूप और उत्तराखंड आईपीएस पद्मश्री प्रकाश सिंह ने अपने हाथों से पुरस्कार प्रदान किया। यह भी पढ़ें : LIVE :छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू, सदन के पटल पर निकलेगा संशोधन पांचवां…

    देश के सम्मान के लिए 120 विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और अधिकारियों ने अपना नवप्रवर्तन पहल और प्रभावपूर्ण उद्यम को लागू किया था, जिसमें 22 को शामिल किया गया था। यूपीएससी के लिए चयन करने के लिए पूर्व सुपरस्टार दीपक गुप्ता और अधिकारियों की जूरी संगीता की छुट्टी हो गई थी। छत्तीसगढ़ से इस वर्ष आईएफएस मनीष कश्यप और एनजीओ लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन को इसके लिए चुना गया। देश के 4 आईएएस और 2 आईएफएस को अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। शेष 16 विभिन्न संस्थाएं और एनजीओ हैं।

    मनेन्द्रगढ़ का ‘महुआ बचाओ अभियान’ इस साल सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है। वनमंडलाधिपति मनीष कश्यप के पहले बार गांव के बाहर खाली पड़े ज़मीन और ज़मानत में जुए के उपचार स्थान पर सुरक्षा ट्री गार्ड से हो रही है। अब तक 47 गाँव में लगभग 4,500 से भी अधिक इज़ाफ़ा और खाली पड़े ज़मीन में 30,000 से अधिक युज़ुन के उपचार रखे जा चुके हैं। इस योजना में ट्राइगार्ड मीटिंग के साथ उपचार के अंतिम चरण में जबरदस्त उत्साह है।

    छत्तीसगढ़ में संभावित पहली बार यूक्रेन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 10 साल में ही जापानी वयोवृद्ध हो जाता है। एक जापानी के पेड़ से जेनेबियन परिवार औसत 2 पूर्ण और 50 किलो बीज प्राप्त कर के आंकड़े लगभग 10 हजार है। नए पेड़ से पुनरुत्पादन भी क्रैकल और इलेक्ट्रॉनिक का उत्पादन भी। इसके अलावा पेड़-पौधे बढ़ने से मृदा प्रदूषण भी कम होगा और पर्यावरण को भी लाभ होगा।

    फ़्राईचेंज की दुकान की संख्या चिंता का विषय है। सबसे बड़ी समस्या पुनरुत्पादन की है. जंगल में तो जापान की कंपनी है, जो आदिवासियों के कब्जे में है। अगर आप जंगल और सरगुजा के किसी गांव में जाएं तो साबुत के पार और खाली जमीन में बस बड़े के पेड़ ही उनकी पहचान हैं। छोटे और मध्यम आयु के पेड़ लगभग नगण्य होते हैं।

    यूक्रेनी संग्रहकर्ता द्वारा पहली बार ज़मीं साफ़ करने से पहले आग पाई जाती है, उसी कारण से एक भी जापानी के उपचार जीवित नहीं रहते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के सभी बीज को भी एकत्रित कर लें। ये भी एक कारण है यूक्रेन के ख़त्म होने का. आख़िरकार बड़ा बुज़ुर्ग पेड़ कब तक जीवित रहेगा?

    छत्तीसगढ़ के अंग्रेजी पेड़ बूटियाँ हो रहे हैं। चीनी पेड़ की औसत आयु 60 वर्ष है। अगर जंगल के बाहर एक भी पुनरुत्पादन पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये जल्द ही खत्म हो जाएंगे।

    वुज़ुएला और सरगुजा के आदिवासी क्षेत्र के लिए फ़्राईज़ का पेड़ विशेष महत्व रखता है। यूक्रेन का पेड़ नेचर का दिया हुआ स्कॉलर ट्री है। भारत में कुछ समाज इसे कल्पवृक्ष भी मानता है। यह पेड़-पौधे आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण है। यूजीन का पेड़ भारत के उत्तर, दक्षिण और मध्य के 13 राज्यों में पाया जाता है। फ़्यूज़न का फूल, फल, बीज, छात्र और सभी का उपयोग होता है।

    इंडोनेशिया के आय का यह एक प्रमुख स्रोत है, पिछले कुछ समय से जापान के उत्पादन में गिरावट आई है, और नए जापान के पेड़ तो उग ही नहीं रहे हैं। इसी को देखते हुए “महुआ बचाओ अभियान” की शुरुआत हुई।

  • बड़ा हादसा: ट्रक ने 13 लोगों से भरी कार को मारी टक्कर, 6 की मौत, 7 की हालत गंभीर…

    लक्ष्मीकांत बंसल, बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में बीती रात भीषण सड़क दुर्घटना हो गई। जिले के डौंडी थाना क्षेत्र में 13 लोगों से भरी एक जाइलो कार को ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। इस घटना में 6 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक बच्चा, 4 महिलाएं और 1 पुरुष शामिल हैं। वहीं 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

    मसाइल पर परमाणु पुलिस ने काफी संकट के बाद मृतकों और मृतकों के शवों को बाहर निकाला और डौंडी में ज़बरदस्ती की गई, इसके बाद कोलकाता के स्वास्थ्य केंद्र को बुलाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें राजनंदगांव जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी राक्षसों की मस्जिदें काफी बनी हुई हैं। पुलिस ने सभी मृतकों के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आगे की कार्रवाई में छोड़ दिया है।

    जानकारी के अनुसार कार में सवार लोग छठी (नामकरण संस्कार) कार्यक्रम में शामिल होने के बाद डौंडी से गुरेदा लौट रहे थे। इसी दौरान डौंडी थाना क्षेत्र के चोरहापड़ाव कार (Cg04Ld8049) को दल्लीराजहरा से लेकर प्रतापपुर की ओर से एक तेज रफ्तार ट्रक (Cg07Bq0941) ने टक्कर मार दी। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई और 7 लोगों की हालत काफी गंभीर हो गई। बताया जा रहा है कि मौत का पात्र और भी बढ़ सकता है। इस मामले में जांच पुलिस ने बैचलर ट्रक चालक की तलाश शुरू कर दी है।

    इन 6 लोगों की हुई मौत:

    1-दुर्पत प्रजापति पिता पुना राम उम्र 30 पुरुष ग्राम गुरेड़ा (गुंडरदेही)

    2 – सुमित्रा बाई कुंभकार पति शास्त्रीय कार्तिक राम उम्र 50 वर्ष घोराड़ी महासमुंद

    3-मनीषा कुंभकार पति विश्वनाथ आयु 35 वर्ष ग्राम घोराड़ी महासमुंद

    4- सगुण बाई कुंभकार आयु 50 वर्ष ग्राम कुम्हारपाराकोर्धा

    5 -इमला बाई पति रेवा राम सिन्हा उम्र 55 ग्राम गुरेड़ा (गुंडरदेही)

    6-जिग्नेश कुंभकार पिता कुंभकार आयु 7 वर्ष ग्राम गुरेड़ा (गुंडरदेही)

    इन 7 लोगों की हालत बनी हुई है अमिताभ:

    1-जमित कुमार पिता मिथलेश कुमार उम्र 7 वर्ष गुरेड़ा(गुंडरदेही)

    2-बिन्देश्वरी बाई पति पूर्ण लाल कुम्भकार उम्र 35 ग्राम गुरेड़ा (गुंडरदेही)

    3-रुखमणी बाई पति छबीलाल उम्र 60 वर्ष ग्राम भर्रे गांव

    4 – युवराज साहू पिता घाघली राम उम्र 30 वर्ष सिकोसा (गुंडरदेही)

    5- रंभा बाई

    6 – ईश्वरी बाई पति कुलपत राम उम्र 61 वर्ष ग्राम गुरेड़ा (गुंडरदेही)

    7 – कुमारी बाई पति रूपलाल कुंभकार उम्र 55 वर्ष भर्रे गांव

  • 9 साल की बच्ची के शव से हाई कोर्ट ने की सुनवाई, आरोपी को नहीं मिली सजा

    रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 9 साल की बच्ची के शव से मिली नाबालिग बच्ची को सजा नहीं दी। मामले में निचली अदालत ने नवजात शिशु को केवल सात साल की सजा सुनाई थी। समीक्षा के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा कि जीवित और मृत दोनों को गरिमा और व्यवहार का अधिकार है, लेकिन स्थायी कानून में शव से लोकतंत्र (नेक्रोफीलिया) के लिए सजा का प्रावधान नहीं है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राकेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को मंजूरी देते हुए अपील खारिज कर दी।

    बता दें कि यह घटना 18 अक्टूबर साल 2018 की है। गरियाबंद निवासी महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि वह एक कमरे में काम करती थी, उस दिन भी वह काम करती थी। घर पर उसकी नौ साल की बेटी और माँ क्या थी। काम के बाद दो में जब वह घर आई तो बेटी नहीं मिली। आसपास के रिकॉर्ड्स के बाद रिश्तो की पहचान वालों से भी बेटी के संबंध में पूछताछ की गई, लेकिन कहीं कोई पता नहीं चला।

    पुलिस मामले में महिला की शिकायत दर्ज कर अपहृत बच्ची की तलाश में गायब हो गई थी। 20 अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक कमांडेट अहिरे के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नागालैंड के अनुविभागीय अधिकारी गरियाबंद संजय ध्रुव की निगरानी में सुबह क्राइम स्क्वाड और डॉग स्क्वाड के साथ बच्ची की पतासाजी में पुलिस को भेजा गया। संशय डॉग स्क्वाड को एक संदेहास्पद वस्तु होने का संकेत मिला। गंदगी की सफाई की गई तो गम बच्ची का शव मिट्टी में दबा हुआ मिला। मॉस वर्कपालिका के डिप्टी ऑफिसर और एफएसएल शोरूम की टीम रायपुर को अपनी उपस्थिति के बारे में सूचित किया गया, जिसमें सहायक उपकरण की पहचान की गई, जिसमें कैसल द्वारा उनकी बेटी का ही शव होने की पुष्टि की गई।

    पुलिस ने नीलकंठ नीलू नागेश और नितिन यादव पर संदेह के आधार पर मामला दर्ज किया, जिसमें चौथे के बाद नाबालिग का अपहरण, दोस्ती और हत्या की बात स्वीकार की गई। पुलिस ने नाबालिग नीलकंठ निवासी नीलू नागेश (22) पिता गोरेलाल निवासी डाकबंगला को गिरफ्तार कर लिया और नितिन यादव (23) पिता आनंदराम निवासी दरीपारा थाना गरियाबंद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

    उच्च न्यायालय ने खारिज की अर्जी दाखिल की

    मामले की सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश यादव को धारा 376 (3) के तहत उम्रकैद, धारा 363 के तहत दो साल से कम उम्र, धारा 302 के तहत उम्रकैद, धारा 201 के तहत सात साल और एट्रोसिटी एक्ट के तहत सजा सुनाई। की सज़ा सुनाई गई है। वहीं, ट्रायल कोर्ट ने नीलकंठ को साक्ष्य के आरोप में धारा 201 के तहत सात साल की सजा सुनाई।

    बच्ची की मां को जज ने कोर्ट में दी चुनौती

    फैसले में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे कोर्ट ने सही ठहराया है। याचिका में कहा गया था कि महिलाओं के जीवित रहने पर उनके सम्मान की रक्षा के लिए कई कानून हैं, लेकिन मृत्यु के बाद उनके सम्मान की रक्षा के लिए कोई कानून नहीं है।

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  • BREAKING : आईईडी डिफ्यूज से पीड़ित युवक हुआ घायल, कैंप में इलाज जारी…

    सुशील सलाम, कांकेर। आईईडी को डिफ्यूज़ करने के लिए दिए गए एलएलसी प्रोजेक्ट में समयबद्धता का एक युवा घायल हो गया। घायल युवक का कैंप में इलाज जारी है, जहां उसकी स्थिति बताई जा रही है। यह भी पढ़ें : पावर सेंटर- कटी लाइन… इंस्पेक्टर… मुख्य सूचना आयुक्त!… जलवा… चित्र कैसा?… -आशीष तिवारी

    मामला कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र का है. पानीडोबीर कैंप से एलायंस के युवा ऑपरेशन पर निकले थे। इस दौरान हेटार्क्सा के पास ऑर्केस्ट्रा ने प्लांट लगाया था, जो यंग डिफ्यूज में काम कर रहा था। इस दौरान हादसा हो गया.