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  • छत्तीसगढ़ शासन ने विधायक निधि का 118.80 करोड़ जारी किया, जानिए किस क्षेत्र को कितनी मिली नकदी

    रायपुर। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना) (विधायक निधि) वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंतर्गत के शेष बजट की एक जनसंख्या राशि 118 करोड़ 80 लाख कुल छत्तीसगढ़ की षष्ठम विधानसभा के लिए विभाग, आर्थिक एवं सिद्धांत संचालनालय द्वारा आज तक जारी कर दिया गया है.

    राज्य के सभी जिला कलेक्टरों (जिला कलेक्टर) को इस राशि का उपयोग प्रतिमाह सानुपातिक व्यय की सीमा के मार्च 2024 तक जाने के निर्देश दिए गए हैं। योजना के तहत जारी व्यय की राशि पूर्व के बजट में जारी की जाती है। उक्त कथन में मूल राशि की राशि सम्मिलित नहीं है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत मई 2023 में बजट की दो राशियों का आबंटन भी शामिल किया गया है।

    जानिए किस विधानसभा क्षेत्र को कितनी मिली नकदी

    कोरिया, सरगुजा, जशपुर, धमतरी, बालोद, बेमेतरा, कांकेर, वन्यजीव जिलों को पृथक्करण-पृथक रूप से 3 करोड़ 96 लाख रूपये कुल। दांते, सुकामा, नारायणपुर, बीजापुर को पृथक-पृथक कुल मिलाकर 1 करोड़ 32 लाख रु. गौरेला-पेंड्रा-मर्गी को 1 करोड़ 58 लाख 40 हजार डॉलर। कोंडागांव, कबीरधाम और गरियाबंद को अलग-अलग रूप में 2 करोड़ 64 लाख प्रति डॉलर। दुर्ग, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा जिले को पृथक-पृथक रूप से 7 करोड़ 92 लाख प्रति व्यक्ति। कोरबा, महासमुंद, बलौदा बाजार को पृथक-पृथक रूप से 5 करोड़ 28 लाख प्रति व्यक्ति। सूरजपुर और अरुणाचल प्रदेश को पृथक-पृथक रूप से 3 करोड़ 30 लाख रु. रायगढ़ जिले की कीमत 6 करोड़ 60 लाख डॉलर है। बिलासपुर जिले की कीमत 7 करोड़ 12 लाख 80 हजार रूपये। मुंगेली जिले की संख्या 3 करोड़ 16 लाख 80 हजार प्रति व्यक्ति और राजधानी रायपुर जिले की संख्या 9 करोड़ 24 लाख प्रति व्यक्ति है।

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  • चिरमिरी-नागपुर हाल्ट रेल लाइन निर्माण के लिए सहयोगी दल मिले मुख्यमंत्री साय से, भूमि अधिग्रहण के साथ राज्यांश जारी करने की मांग…

    डायना, कोरिया। मनेहद्रगढ़ के विधायक श्याम बिहारी विधानमंडल के विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र जारी किया गया। इसमें चिरमिरी-नागपुर हॉल्ट रेलवे लाइन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण राज्यांश की राशि 120 करोड़ 50 लाख रुपये जारी करने की राशि मांगी गई है।

    विधानमंडल के तीसरे सत्र में प्रथम दिवस की शपथ के बाद दूसरे दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने चिरमिरी-मनेंद्रगढ़ सहित ग्रामीण क्षेत्र खड़गवां के करोड़ों लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग चिरमिरी-नागपुर हॉल्ट रेल लाइन निर्माण को लेकर मांग पत्र जारी किया।

    ज्ञात हो कि 2018 में रेलवे बोर्ड एवं नारा भाजपा सरकार के बीच 50-50 प्रतिशत व्यय राशि से 241 करोड़ की लागत से सिद्धांतयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत चिरमिरी-नागपुर हॉल्ट रेल लाइन के निर्माण में आ रही दिक्कतों की जानकारी के नेता श्याम बिहारी पहलवान ने मुख्यमंत्री को बताया।

    कैसल ने बताया कि इस एक्सचेंज रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया राज्य सरकार ने आज तक नहीं की है, साथ ही राज्यांश की राशि 120 करोड़ 50 लाख रुपये का बजट भी नहीं दिया गया है, इस महत्वपूर्ण परियोजना को पूरा करने में काफी देरी हो रही है भुगतान किया गया है. इस परियोजना के लिए मुख्यमंत्री के विधायकों ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू करने और आगामी बजट में राज्यांश की राशि जारी करने का आग्रह किया गया है।

    नवनिर्वाचित विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि चिरमिरी, मनेंद्रगढ़, खड़गवां के लाखों लोगों को इस परियोजना से पूरा होने के लिए अंबिकापुर से सभी यात्रियों को रेलगाड़ी, एक्सप्रेस ट्रेन का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही नागपुर पैसेंजर हॉल्ट स्टेशन को भी पूर्ण स्टेशन का दर्जा प्राप्त होगा, और पर्यटन पर्यटन सुविधाओं का विस्तार हो सकेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने अपने पति-पत्नी दयानंद को इस महत्वपूर्ण रेल लाइन पर चर्चा करने के लिए कहा, अब तक की प्रगति रिपोर्ट की सारी जानकारी उपलब्ध है।

    प्रमुख श्याम प्रमुख सुपरस्टार बटलर ने कहा है कि चुनाव में मैंने अपने घोषित पत्र में कहा था कि रेल लाइन का भूमिपूजन किया गया था, और उसका निर्माण भी हम ही पूरा करेंगे। इसी क्रम में सबसे पहला मांग पत्र मैंने आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को दिया। मुख्यमंत्री साय ने काफी नामांकित के साथ पूरे प्रोजेक्ट को समझाया और इसमें उनकी रुचि भी दिखाई देती है, और मुझे पूरी उम्मीद है कि भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू होगी और आगामी बजट में राज्यांश की राशि भी जारी होगी।

  • विधानसभा के बाहर के प्रमुख तीर, पूर्व मंत्री पटेल ने मुख्यमंत्री को कठपुतली बताया, मूणत ने पलटवार किया

    रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अभिभाषण पर सदन के बाहर भी पक्ष और नामांकन के बीच विपक्ष तीर चला। नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें कहां कठपुतली करार दे दिया, वहीं भाजपा नेता राजेश नेता मूणत ने पलटवार करते हुए कहा कि आज पहले दिन ही कांग्रेस फड़फड़ाने लगी है, थोड़ा इंतजार करो।

    पूर्व मंत्री अविनाश पटेल ने कहा कि सरकार गठन के बाद भी अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है, उन्होंने कहा कि किसान टकटकी की खरीद देख रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने ही 2 घंटे के अंदर ही किसानों के लिए फैसला सुनाया था. इस सरकार को 10 दिन हो गए, लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ.

    कठपुतली की तरह काम कर रहे सीएम

    पूर्व मंत्री अनिकेत पटेल ने मुख्यमंत्री साय को कठपुतली की तरह काम करते हुए कहा कि वे रायगढ़ के प्रतिनिधि हैं, लेकिन वे एक कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं। वे मिश्रण का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। मजिट्रोल कंट्रोल के द्वारा वह काम कर रहे हैं, उन्हें यह जल्दी काम पर लगाओ। छत्तीसगढ़ के लोगों ने छत्तीसगढ़िया के लिए वोट डाले। वह अपना निर्णय लेकर निर्णय लेंगे ताकि उनका साथ दिया जा सके। कॉर्पोरेट कंट्रोलर दिल्ली में है, या हो सकता है नागपुर में।

    थोड़ा इंतज़ार करो…

    मुख्यमंत्री को कठपुतली कहे जाने पर पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी आपकी सरकार बना रही है। उनके मंत्री भी आप अपने मंत्री मान रहे हैं। अभी भी वह सच में नहीं आए हैं कि सरकार चली गई है, विश्वास खत्म हो गया है। समय के साथ-साथ निर्णय होगा. जो मोदी जी की कृति है वह 100% पूर्ण होगा। हमारी जिम्मेदारी है, हमारे मुखिया स्पष्ट कर चुके हैं। आज पहले दिन ही कांग्रेस फफड़ाने लगी है, थोड़ा इंतजार करिए…

  • कांग्रेस के क्राउडफंडिंग कंपनी वैभव मोहन अग्रवाल का हमला, कहा- ‘देश के लिए मत करो’ के नाम पर जनता का जेब कटेगी कांग्रेस

    रायपुर। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘डोनेट फॉर कंट्री’ के नाम पर क्राउड फंडिंग लॉन्च की गई, जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री वैभव मोहन अग्रवाल ने करारा पर हमला बोला है। उन्होंने इसे कांग्रेस की लूट-नीति का अभियान भी बताया है। बहादुर मोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस इस अभियान में लोकतंत्र और देशवासियों से चंदा एकीकरण करेगी। कांग्रेस के नेता इसे 1921 के तिलक स्वराज फंड से प्रेरित बता रहे हैं, जबकि तिलक स्वराज फंड के चंदे की राशि का सदुपयोग ब्रिटिश हुकुमत से लादने में किया गया था।

    बाबरी मोहन अग्रवाल ने कहा कि देश के नाम पर पार्टी के लिए चंदा इत्था करने के इस अभियान में तिलक स्वराज समर्थक सहयोगी कांग्रेस ने अपनी घिनौनी राजनीतिक नीति का परिचय दिया है। लोकमान्य तिलक और उनके स्वराज अभियान का अपमान करने का अधिकार कांग्रेसियों को नहीं है।

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हमेशा से यही लक्ष्य रहा है कि किसी भी स्थिति में पैसा कमाया जाए। छत्तीसगढ़ को लूट-लूटकर कांग्रेस के संवैधानिक फैसले के बाद कांग्रेस अब कर्नाटक को अपने एटीएम के पर इस्तेमाल कर रही है। इसके बाद तेलंगाना में भी कांग्रेस इसी लूट-खसोट की नीति अमल में आ रही है। जिस कांग्रेस के डीएनए में रचना-बासा है, उस कांग्रेस का दस्तावेजीकरण नहीं है। न्यूयाम्यवादी कांग्रेस के साहूकारी साहू के घर से काले धन के रूप में करोड़ों रुपये की बरामदगी का साफ हो गया है कि कांग्रेस के नेताओं ने सत्ता में बंधक बनाकर लूट मचा रखी थी! असली कांग्रेस के सभी नेताओं ने अपनी-अपनी जेबें भर ली हैं, इसलिए अब देश के नाम पर सिद्धांत और देश के लोगों को लूटने का यह असली कांग्रेस के लोगों को आया है।

    बृज मोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुई हार के बाद हजारों करोड़ रुपये के घोटाले, कमीशनखोरी और सरकारी खजाने की लूट हुई है और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व का एटीएम बंद हो गया है और कांग्रेस के पैसे की भूख और चिंता सता रही है। है, इसलिए लूट-खसोट का यह नया भिन्न रूप कांग्रेस ने शुरू किया है। कांग्रेस की इस महामारी के प्रकोप से मुक्ति ही देशवासियों के लिए एकमात्र उपाय है।

  • मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुंगेली व्यापार मेले के ब्रोसर का किया विमोचन, जानें कब से होगी मेले की शुरुआत

    रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राज्य अतिथि विश्राम गृह पहुना में मुंगेली व्यापार मेले के आयोजकों ने सौजन्य से मुलाकात कर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष पुबलाल मोहले भी मौजूद थे. इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने मुंगेली में होने वाले व्यापार मेले के ब्रॉसर के विमोचन और सफल आयोजन के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं.

    यह मेला 18 से 23 जनवरी 2024 तक आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर मुंगेली व्यापार मेले के कमिश्नर रामपाल सिंह, रामशरण यादव सहसंयोजक, अध्यक्ष महावीर सिंह एवं सचिव विनोद यादव, धनराज सिंह सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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  • साय का निर्माण जल्द ही, इस दिन हो सकता है शपथ ग्रहण…

    रायपुर. छत्तीसगढ़ में मॉडल विवरण का सभी को इंतजार है। साईं रसायन का विस्तार जल्द ही हो सकता है, जिसमें 4 पुराने, 6 नए चिप्स को शामिल किया जा सकता है। हर विपक्ष से एक मंत्री बनने की सलाह ली जा रही है। शपथ ग्रहण समारोह 22 दिसंबर के बाद इंग्रॉएड स्टेडियम में आयोजित किया जा सकता है। इसकी तैयारी शुरू हो गई है.

    ये हो सकते हैं बीजेपी के पुराने चेहरे

    अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, केदार कश्यप, रामविचार नेता, विक्रम हेमंडी, लता हेमंडी, पुबलूलाल मोहले, भगवानदास बघ्ल और भैया लाल राजवाड़े में से किसी को मौका मिल सकता है।

    ये हो सकते हैं नए प्रोफेशनल

    प्रिंसिपल चौधरी, खुशवंत साहब, नीलकंठ टेकाम, धर्मजीत सिंह, भावना बोहरा, डोमन लाल कोर्सेवे से मौका मिल सकता है।

  • कांग्रेस दल के विधायकों की बैठक आज, सदन में सरकार को घेरने की रणनीति, नए नेताओं का विरोध डॉ. महंत के निवास में होगी बैठक

    रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद आज यानी 19 से 21 दिसंबर तक विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी रहेगा। सत्रह के पहले दिन की समाप्ति के बाद कांग्रेस नेताओं की बैठक होगी। इस बैठक में नए नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के निवास में रहने वाली है। इसमें कांग्रेस के सभी 35 नेता शामिल होंगे.

    कांग्रेस दल की बैठक में पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत से सभी रिश्तेदारों का परिचय होगा। उनके बाद विधानसभा सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के साथ अनुपूरक बजट को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा होगी.

    बताएं कि छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीन दिव्य सत्र में कुल 3 बैठकें क्या हैं। सत्रह में सरकार 10 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट शामिल करेगी। यह अनुपूरक बजट 3 के लिए परिभाषा प्रस्तुत करेगा। जिसमें किसानों के लिए 2 साल के लिए 2500 करोड़ रुपये, घरेलू आवास योजना के लिए 3 हजार करोड़ रुपये, महतारी वंदन योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट होगा।

  • CG ACCIDENT NEWS : वाहनों की टक्कर से कार के उड़े परखच्चे, 4 की मौत, इधर-उधर बाइक सवार पलटी रेत से भरी ट्रक के चक्कर में

    जांजगीर-चांपा/कवर्धा. जांज गीर के मुलमुला थाना अंतर्गत पकरिया जंगल के पास एक अनियंत्रित ट्रक ने कार को आधारभूत हिस्सा बनाया। इस दुर्घटना में कार में बैठे 4 लोगों की मौत हो गई। कारगढ़ पाम से अकलतरा की ओर जा रही थी। बलौदा के ओम सोनी का परिवार कार में सवार था। जो शिवरायनारायण में अपने बेटे शुभम की शादी कर बलौदा लौट रहे थे। इस दौरान ये हादसा हो गया. वहीं ट्रक चालक ट्रक को म्युचाइल से अलग कर दिया गया है।

    बलौदा के प्रतिष्ठित नागरिक ओम सोनी कल अपने बेटे शुभम की बारात लेकर शिवरी नारायण गए थे और आज सुबह नई बहू को कार में लेकर अपने साथी के साथ बलौदा लौट रहे थे। तभी उनकी गाड़ी पकरिया गांव पार कर सागौन जंगल के पास उपसंहार थी, इसी दौरान अकलतरा की ओर से आ रही ने ट्रक कार को ढोल बजा दी। चुनौती इतनी तेज थी कि कार के सामने का हिस्सा पीछे की सीट पर मिल गया और कार में सवार बहू समेत 4 लोगों की मौत हो गई। इसमें यह भी बताया जा रहा है कि एक और भी हॉस्पिटल ले जाने में समय लग गया है।

    घटना के बाद कार के इंजन से घाना अगुआ लगा। इस घटना की सूचना बैठक के बाद मस्जिद में आतिथ्य की भीड़ उमड़ पड़ी। कार में विदेशी लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। डायल 112 की पहुंच के बाद कार के दरवाजे किसी तरह खोले गए और सभी मृतकों के शव के लिए पामगढ़ क्लिनिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। वहीं घटना के बाद ट्रक चालक दल हो गया है, जिसके विषय में पुलिस जानकारी रसायन में लगी है।

    इधर कवर्धा सिटी नोएडा क्षेत्र अंतर्गत अमलीडीह गांव के पास बाइक सवार को चक्कर में ट्रक पलट कर चला गया। वहीं बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। दुर्घटना में ट्रक चालक को भी चोट आई है। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। ट्रक गोवर्धन से भोरमदेव की ओर रेत लेकर जा रहा था।

  • पावर सेंटर : कैसे बराकरी कांग्रेस!

    कैसे बखरी कांग्रेस

    इतिहास रिटर्न आता है. एक पुरानी कहानी नॉयलती के साथ फिर से गूंज उठी। पन्ने रिवर्सकर 2003 में विक्रेता थे। तब जोगी सरकार अपनी गौरव गाथा गति सरकार बनाने का सपना संजो रही थी। मगर जब नतीजा आया, तो सब कुछ धाराशायी हो गयी थी। सपना कोरे सिद्ध हुआ. तब भी कांग्रेस भाजपा से नहीं लड़ रही थी। अब भी कांग्रेस का मुकाबला बीजेपी से नहीं था. कांग्रेस का प्रतियोगिता खुद कांग्रेस से था. इस दफ़े कांग्रेस ने 35 अल्पसंख्यकों की स्थापना की। 9 मंत्री चुनाव हार गए. प्रदेश अध्यक्ष को करारी मातम मिली. यदि इन प्रस्तावों पर जीत हासिल की जाए तो कांग्रेस बहुमत के करीब जा सकती है। कांग्रेस में पिछली गुटबाजी ने बीजेपी की राह आसान बना दी। सत्य की जागीरदारी हासिल करने के लिए कांग्रेस नेता एक-दूसरे को ही पद से हटा दिया गया। एक विधानसभा का हाल यह हो रहा है कि जिला संगठन ही मंत्री की कब्र खोदने में निकल गया। बकायदा एक एजेंसी हैकर की गई. सर्वेक्षण किया गया. मंत्री को बदनाम करने वाली पार्टी सोशल मीडिया पर मंत्री की कारस्तानियों को मिलती रही है। मंत्री दंभ भर रहे थे कि उनके प्रभावशाली चुनाव जीत गए। दंभ । चुनाव हारे. अब फट रहे हैं. अपनी ही पार्टी के खिलाफ़ हथौड़े का विरोध कर रहे हैं। जयसिंह अग्रवाल, बृहस्पत सिंह, विनायक, मोहित केरकेट्टा के बयान सामने आए हैं। कुछ देर से आये. खबर है कि कई बड़े कलाकारों ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। एक वरिष्ठ मंत्री के इलाक़े में तीन करोड़ रुपये भेजे जाने की जानकारी है। कई और हैं जो दबी जंजा से आग उगल रहे हैं। कुछ दिनों के बाद मॅनकॉर्न बॅमर फटाफट पड़ेंगे। सत्य सत्य समर्थनते-संभालते संवर्ने की सालगिरह कांग्रेस पूरी तरह से बिखर गई।

    ‘नोट छापने वाले’

    ब्यूरो की मेहनत के बाद ले टिकटें मिल गईं। बुज़ुर्ग की मेहरबानी से एक निगम के अध्यक्ष बने थे। बहुत बढ़िया नोट सिक्के थे. नोट इंट्रेस्ट उनका एक छोटा सा हिस्सा चुनाव में लगा दिया गया। यह संकेत कि नोट वोट बदलेगा। मगर सकल घरेलू उत्पाद. नोट लिया मगर वोट नहीं दिया. खैर, चुनाव में हार जीत लगी हुई है. यहां दिलचस्प बात नोट छपने की है. लखनऊ किस्सागोई के बीच एक चर्चा में यह बात सामने आई है कि एक निगम में अध्यक्ष रहे बेंजामिन ने कमीशन का रेट स्काईज तक पहुंचा दिया था। बीजेपी की सरकार के वक्त 5 फीसदी का कमीशन तय था, बिजनेसमैन स्काई पर कमीशन रखने वाले थे, इसलिए कमीशन का रेट 5 से सीधे 20 फीसदी कर दिया गया. डायन भी पांच घर से बाहर चला गया है, लेकिन यहां खाते के पक्के सहयोगियों ने करीबी दोस्तों को भी नहीं छोड़ा है। 20 प्रतिशत माने 20 प्रतिशत. दोस्तों के लिए भी एक टका कम नहीं किया। इंटरमीडिएट के करीबियों की एक जमघट में जब यह चर्चा चली कि चेयरमेन बनने से लेकर अब तक इंटरमीडिएट ने काफी कमाई की होगी। तब लोग लागे जुड़ना। कल्पित जोड़े के बाद जब अंतिम आँकड़े आये, तब स्थापत्य आँख फटी की फटी रह गयी। आंकड़ा सौ करोड़ के पार जा चला था.

    चतुर्थ अधिकारी

    कुछ डेमोक्रेटों ने कांग्रेस सरकार से उठते-जाते अपना कांग्रेस टिकाऊ कर लिया। ऐन वक्त पर चतुराई ना बरते तो लेने के लिए पड़ सकते थे। हुआ कुछ यूँ कि गिनती की गिनती चल रही थी। जोसेफ़ की पर्चियां उगल रही थी। सरकार की ओर से देखा गया कि एक पूर्व इराकी कट्टरपंथियों में हड़कंप मच गया। आरोप है कि उन्होंने चार-पांच प्रतिशत प्रतिभागियों को फोन कर फैसले पर रोक लगाने का आरोप लगाया है। ऐसी थी ऐसी झील, जहां कम था वोट का ठिकाना. भरसक की कोशिश की गई कि सामान में सामान बनाया जा सके। मैग सीजन साइंटिस्ट साइंटिस्ट ने मोइस की नजाकत स्टाप ली थी। पूर्व सामान की कोशिश धरी की धरी रह गई। वो दिन कुछ और थे, जब ऐसे कलाकारों की तू हीन करने पर डॉक्टरी छीन गई थी। रईसों ने कुर्सी में ही रखी कीमत समझी। अंततः यह भी पता चला कि एक जिले के कलेक्टरों ने अंतिम गिनती की, जिसके बाद स्टाल को थोड़ी ढिलाई में जारी किया गया, तो सीधे एक केंद्रीय मंत्री का फोन आया। नतीजे जारी करने में एक मिनट भी नहीं लगे. अब इन डॉक्टरों को ऐसा लगता है कि नई सरकार उनकी गोपनीयता बनाए रखेगी।

    अधिकारी कौन?

    नई सरकार में सब कुछ नया होगा. संस्थागत पूरा ढांचा बदला-बदला नज़र आएगा। मंत्रालय से लेकर सार्जेंट तक अमूलचूल परिवर्तन की पुष्टि जारी। फिलवक्त यह प्रश्न पूछा गया है कि किस पद पर नियुक्ति की स्थिति में कौन-कौन होगा? स्पष्ट रूप से सेंचुरी में बैंकों में काम करने वाली कंपनियों में काम करती है, ऐसे में ऐसे ऑब्जेक्ट फील्ड पर निकलेंगे, जो लाएंगे और अनमोल बने रहेंगे। एडिटोरियल के एप्लीकेशन में तेजी से बदलाव। इन सबके बीच चर्चा है कि बीजेपी सरकार की नजर उन शहीदों पर पहले होगी, जिसमें अंकित हाशिये पर डाल दिया गया। वहीं कुछ सामान ऐसे भी होंगे, जहां काम की पूर्ति की जिम्मेदारी बाबूगिरी में उलझा दी गई। चर्चाओं में जो नाम इस वक्त कहे जा रहे हैं, वे हैं, वे सहयोगी.गौरव सिंह, मख्य सेक्रेटरी, मयंक पनासावत, राहुल वेंकट, अभिजीत सिंह, नम्रता गांधी, इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल, संदीप विलास भोस्कर, दिव्या मिश्रा, अनुराग पांडे, जगदीश सोनकर समेत कई नाम शामिल हैं. हालाँकि कुछ पुर्तगालियों में नामांकन कर रहे हैं गठबंधन के पीछे के गठबंधन में बीजेपी का साथ दिया गया है या भारी दबाव के बीच आयोग के नामांकन पर अड़े रहे, उन प्रत्याशियों को सरकार कंटीन्यू कर सकती है।

    ‘सलाहकार’ बनने का फॉर्मूला?

    किस्मत-किस्म के लोग नई सरकार में अपना जुगाड़ ढूंढ रहे हैं। जुगाड़ नामांकित वाले एक विशेषज्ञ को जब कोई रास्ता नहीं सुझाया गया, तब उसने चंचल चावला के एक सलाहकार को फोन करना बेहतर समझा। विश्वास ने सोचा होगा कि सिस्टम में जगह बनाने का कोई रहस्यमय रहस्य होगा। इसकी अपनी गर्लफ्रेंड की कोई खास रेसिपी होती होगी. इस रहस्य को खोजें उस विशेषज्ञ ने सलाहकार से संपर्क किया। फ़ोन करके पूछा- सलाहकार आवास कैसे हैं? इसके लिए किसी प्रकार का बायोडेटा क्या होता है? संपर्क कैसे किया जाये? वामपंथी विचारधारा के सलाहकार भी इसमें शामिल हो सकते हैं। एक बातचीत में सलाहकार ने अपनी पीड़ा किसी से स्पष्ट रूप से व्यक्त की। यह सलाह दी गई कि सलाहकार बनने का फार्मूला अब तक कई लोगों ने लिया है।

    वैज्ञानिक प्रमुख कौन?

    सत्य में होने वाले प्रमाण वाली सरकार के सबसे पहले चीफ़ कंसल्टेंट, कुणाल के साथ सैटलिनीज़ चीफ़ सुरक्षाकर्मी हैं। चर्चा तेज है कि यदि आपके.रमन सिंह मुख्यमंत्री बने हैं तो सूरत में ऐसे प्रमुख कंसल्टेंट के साथ-साथ राज्य भी कुछ समय के लिए कांतिन्यू के पास जा सकते हैं। रमन सरकार के वक्ता अमिताभ जैन वित्त समर्थित हैं। उनके करीबी रिश्तेदार शामिल रह रहे हैं. कुणाल अशोक जुनेजा रमन सरकार के अंतिम वक्ता में वैज्ञानिक जनरल की मान्यता स्थापित हो गई हैं। हालाँकि चुनावी बिगुल बजने वाली बीजेपी ने राज्य को हटाने की याचिका दायर की थी। याचिका को आधार माने तो असंगत जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में वरिष्ठता के अनुरूप अरुणदेव गौतम का नंबर लग सकता है। प्रमुख सहयोगियों और रियासतों के अलावा महत्वपूर्ण ओहदा साकीत जनरलों के प्रमुख हैं। ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली से हमेशा की तरह अमित कुमार की इस पोस्ट पर ताजपोशी कर दी जाएगी। दृश्य प्रतीक्षा घड़ी है.

    बड़ा फैसला

    बीजेपी सरकार के गठन के साथ ही पहली बार कैबिनेट में कई बड़े फैसले हुए। धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये करने का नीतिगत निर्णय होगा। दो साल का दादा-दादी का प्रॉमिस। इन सबके बीच एक बड़ा निर्णय सहमति पर प्रतिबंध को हटाया जा सकता है। बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में पीएससी टेलीकॉम की जांच का वादा किया है। बीजेपी इसकी जांच पड़ताल को सबसे पहले कर सकती है। साल 2018 में कांग्रेस सरकार के बैनर के बाद राज्य में कंक्रीट के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। बिजनेसमैनों पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है।

    नवीनतम पर स्थिर

    कुछ अभ्यारण्यों के साहस को शेयर दी गई जानी चाहिए। जल जीवन मिशन में चार सौ करोड़ रुपये जारी किये गये। चुनावी नतीजे आने के बाद एक अधिकारी ने बैक डेट पर 57 करोड़ रुपये का चेक काटा। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को ट्वीट कर चेतावनी दी गई। भाजपा ने ऐसे शेयरधारकों की पूरी सूची बनाई है। देखें सूची में कूड़ा फाँकती रहेगी या उस पर अमल भी होगा।

  • हॉकर की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद परिवार का साथ खड़ा हो गया

    रायपुर। राजधानी रायपुर के टिकरापारा क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से होकर का काम करने वाले मसालियन प्रियांशु निर्मलकर की कार की चपेट में आने से मौत हो गई। मृतक के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. जिस कारण उसने अखबार बाँटकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकाला था। जिसे देखते हुए शनिवार को भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के सदस्यों ने प्रियांशु निर्मलकर के अवशेषों का दर्शन कर उन्हें चांदनी दी और संगठन की ओर से इस दुख की घड़ी में उन्हें सहायता राशि प्रदान की है।

    भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के सदस्य प्रियांशु निर्मलकर के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए संगठन के साथ खड़े रहे। इस अनौपचारिक घटना के लिए परिवार को कानूनी सहायता भी खरीदें। बता दें कि दुर्घटना में मरने वाला प्रियांशु निर्मलकर नूतन स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ाई करता था, जो होकर काम कर के परिवार की मदद करता था और उसकी एक छोटी बहन छठी कक्षा में पढ़ती थी, प्रियांशु के पिता नगर निगम की कचरा गाड़ी में सफाई कर्मचारी हैं, और उनकी माँ घर का काम कर के जीवन यापन करती है।

    बता दें कि सुदामा नगर निवासी 16 वर्ष प्रियांशु निर्मलकर गुरुवार की सुबह करीब 6 बजे अपनी साइकिल से संजय नगर पंचमुखी मंदिर की ओर जा रहे थे। वहां से संजय नगर की ओर मुड़ते समय पीछे की ओर से आ रही तेज प्लाजा कार सीजी 04 एनई 2076 ने उनसे टकराव की स्थिति पैदा की। इससे उनकी मृत्यु हो गई थी. इस दुर्घटना के बाद कार चला रहा ड्राइवर लक्ष्मीनारायण मौक से बह गया था। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर कार को भी जब्त कर लिया है.

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    मृतक के अवशेषों पर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

    मृतक प्रियान्शु निर्मलकर के अवशेषों से और कुछ चश्मदीदों से मिली जानकारी के अनुसार दुर्घटना के दौरान गाड़ी चली जो उम्र कम करने वाला छात्र था जबकि गिरफ्तार होने वाला एक व्यक्ति एक ड्राइवर है, पुष्टि की जांच में भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के सदस्य और परिवार को न्याय में शामिल किया गया है सहायता करना.

    इस दुख की घड़ी में ढेंढस राज्य भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय सचिव योनोद, प्रदेश उपाध्यक्ष सुखानंद बंजारे, प्रदेश सचिव सोनिया गांधी, प्रदेश सचिव राहुल गांधी, प्रदेश संयुक्त सचिव संतोष महान और जिला अध्यक्ष दिलीप साहू, जिला सचिव एल महासचिव सिंह, बेल्जियम के किशन लोकंडे, समाजवादी-क्रांतिकारी मौजूद रहते हैं।

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