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  • नवजात के स्वजन बोले – हमारे साथ हुआ वह किसी के साथ न हो, दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई

    नवजात के स्‍वजनों ने की दोषियों पर सख्‍त कार्रवाई की मांग। प्रतीकात्‍मक चित्र।

    HighLights

    11 दिन की नवजात की मौत का मामला, लापरवाही की वजह से गई बच्ची की जानजीआरएमसी अधिष्ठाता बोले रिकार्ड का परीक्षण करने के बाद तय होगी दोषियों पर कार्रवाईमुरैना और जिला अस्पताल से जीआरएमसी पहुंचा रिकार्ड

    नईदुनिया प्रतनिधि, ग्वालियर। 11 दिन की बच्ची को सरकारी अस्पतालों की दहलीज पर पहुंचकर भी इलाज नहीं मिलने के कारण हुई मौत के मामले में बच्ची के स्वजनों का कहना है कि हमारे साथ जो हुआ वह किसी के साथ न हो इसलिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसके लिए अफसरों से शिकायत करेंगे।

    इधर बच्ची की मौत के मामले में केआरएच के पीडियाट्रिक विभाग और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग द्वारा बच्ची के इलाज को लेकर की गई लापरवाही के मामले में जीआरएमसी डीन डा. आरकेएस धाकड़ द्वारा की जा रही जांच में मुरैना और जिला अस्पताल मुरार से रिकार्ड जीआरएमसी तक पहुंच गया है। अब रिकार्ड का परीक्षण का दोषियों पर कार्रवाई करने का दावा जीआरएमसी प्रबंधन कर रहा है।

    जीआएमसी डीन डा. धाकड़ के निजी कार्य से बाहर जाने की वजह से रिकार्ड का परीक्षण नहीं हो सका, इस कारण गुरुवार को दोषी चिन्हित नहीं हो सके। अब डीन के लौटने के बाद दोषियों पर कार्रवाई तय होगी। इसके साथ ही केआरएच के पीडियाट्रिक एसएनसीयू में भर्ती किए जा रहे पीडियाट्रिक सर्जरी के बच्चों को अब सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी वार्ड में ही भर्ती किया जाएगा। पीडियाट्रिक चिकित्सक की आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सक वहां पहुंचकर बच्चे का परीक्षण करेंगे। इस तरह के निर्देश डीन डा.धाकड़ ने दिए हैं। यह व्यवस्था नवजात बच्ची की मौत के बाद की गई।

    केआरएच में बच्ची को आक्सीजन सपोर्ट तक नहीं मिला, इसलिए गई जान

    बच्ची के ताऊ बंटी सखवार ने बताया कि जिला अस्पताल से जब हम बच्ची को लेकर केअारएच के पीडियाट्रिक एसएनसीयू पहुंचे, उस समय उसे अाक्सीजन की जरुरत थी। हमने वहां तैनात डाक्टरों से बच्ची को आक्सीजन सपोर्ट पर रखने की गुहार लगाई, लेकिन डाक्टरों ने गार्ड को बुलाकर हमें बाहर निकलवा दिया। जिससे बच्ची की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई अगर वहां समय रहते उसे आक्सीजन सपोर्ट मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। यहां से परेशान होकर हम वापस रात में जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही बच्ची ने दमतोड़ दिया था।

    मुरैना और जिला अस्पताल से रिकार्ड तलब किए थे वह मिल गए हैं। अभी बाहर हूं लौटते ही रिकार्ड का परीक्षण कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

    डा.आरकेएस धाकड़, डीन, जीआरएमसी