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  • नौकरी नहीं मिली तो IIT-इंदौर में बम ब्‍लास्‍ट की धमकी का किया मेल… खुद को बताया था आईएसआई एजेंट, आरोपित पुलिस की गिरफ्त में

    आरोपित ने दहशत फैलाने के उद्देश्‍य से फर्जी आईडी से ई मेल किया था। – सांकेतिक चित्र।

    HighLights

    आईआईटी में नौकरी के लिए दिया था आवेदन।साक्षात्‍कार में युवक के हाथ लगी थी निराशा।दहशत फैलाने के उद्देश्‍य से दी थी धमकी।

    इंदौर। आईआईटी सिमरोल को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले आरोपित को पुलिस ने पकड़ लिया है। ग्रामीण एसपी हिति‍का वासल ने इसकी पुष्टि की है। आरोपित का नाम चेतन सोनी है। आरोपित उज्‍जैन जिले के बड़नगर का निवासी बताया गया है। पुलिस आज प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी देगी।

    नौकरी नहीं मिलने से था परेशान

    एसपी ने बताया कि आरोपी ने नौकरी नहीं मिलने पर आईआईटी इंदौर में बम रखने और संस्‍थान को बम से उड़ाने की धमकी भरा मेल किया। इसके बाद आईआईटी सिमरोल में धमकी भरा ई-मेल करने वाले आरोपित को पुलिस ने पकड़ लिया है। बताया जाता है कि आरोपित ने नौकरी नहीं मिलने से परेशान होकर इस तरह का मेल कर दिया था।

    फर्जी आईडी बनाई और कर दिया मेल

    पुलिस के अनुसार आरोपित ने एमसीए किया है। उसने किसी कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसके हाथ निराशा लगी। इसके बाद उसने एक फर्जी आईडी बनाई और बम ब्‍लास्‍ट की धमकी भरा ई मेल कर दिया। केवल दहशत फैलाने के उद्देश्‍य से ही युवक ने ऐसा किया था।

    17 जुलाई को दी थी धमकी

    उल्‍लेखनीय है कि गत 17 जुलाई को सिमरोल स्थित आईआईटी को 15 अगस्‍त को बम से उड़ाने की धमकी का ई मेल भेजा गया था। इसके बाद पुलिस अधिकारी और साइबर टीम इस मामले की जांच में जुटी थी। यह भी पता चला है कि युवक ने वर्ष 2022 में आईआईटी में नौकरी के लिए आवेदन भेजा था।

    दहशत फैलाने के लिए किया

    पूछताछ के दौरान आरोपित ने पुलिस को यह भी बताया कि उसने केवल दहशत फैलाने के उद्देश्‍य से ऐसा किया था। भेजे गए मेल में खुद को पाकिस्‍तान का आईएसआई एजेंट बताते हुए धमकी दी गई थी।

    आरोपित ने नौकरी नहीं मिलने पर आक्रोश‍ित होकर आईआईटी सिमरोल को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। आरोपित को पकड़ लिया गया है।

    हित‍िका वासल, ग्रामीण एसपी

  • Indore Traffic News: इंदौर में 100 से ज्यादा ट्रैफिक सिग्नल का बदलेगा टाइमिंग, चौराहे क्रास करने में नहीं लगेगी ज्यादा देर

    इंदौर के मधुमिलन चौराहे पर रोटरी बनाकर ट्रैफिक को सुगम बनाने का प्रयास किया जाएगा।

    HighLights

    सबसे ज्यादा परेशानी मधुमिलन चौराहे पर आती है। चौराहे पर दो रोटरी और दो सिग्नल बनाए जाएंगे।शहर के छावनी चौराहे पर भी उलझते हैं वाहन।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर शहर में बिगड़ रही यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए बड़ी कवायद चल रही है। यातायात पुलिस सौ से ज्यादा चौराहों, मार्गों और ट्रैफिक सिग्नल की टाइमिंग बदलाव करने की तैयारी में है। प्रमुख चौराहों पर रोटरी बनाने की योजना तैयार की गई है।

    इस बदलाव में एसजीएसआईटीएस कॉलेज के इंजीनियर को भी शामिल किया है। इस कवायद का मकसद शहर के ट्रैफिक को सुधारना है, ताकि वाहन चालक बेफिक्र होकर गुजर सकें। पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता ने बुधवार को शहर के ट्रैफिक अफसरों के साथ बैठक की।

    दो रोटरी और दो सिग्नल बनाए जाएंगे

    एसीपी ने प्रजेंटेशन के माध्यम से उन चौराहों की स्थिति बताई, जहां ट्रैफिक का दबाव अधिक रहता है। सबसे ज्यादा दिक्कत मधुमिलन चौराहा की थी। उलझते वाहनों की तस्वीर देखकर तय हुआ कि चौराहे पर दो रोटरी और दो सिग्नल बनाए जाएंगे।

    इसके पूर्व एसजीएसआईटीएस कॉलेज के इंजीनियर और ट्रैफिक पुलिस की टीम दौरा करेगी। स्कीम-140 स्थित अंडर बायपास की व्यवस्था सुधारने के लिए आइलैंड तोड़ने की योजना बनाई है। इसी तरह स्टार चौराहा से देवासनाका तक का दबाव कम करने के लिए भारी वाहनों को एमआर-11 से निकाला जाएगा।

    हालांकि इस रोड पर चौड़ीकरण का प्रस्ताव भी बनाया गया है। डीसीपी (ट्रैफिक)अरविंद तिवारी के मुताबिक आजादनगर चौराहा पर तो रोटरी में खामी है। इसके कारण यातायात का दबाव व्हाइट चर्च तक आता है। नई रोटरी आईआरसी के मानकों के अनुसार बनाई जाएगी।

    छावनी में दबाव की स्टडी और धोबी घाट पर ट्रैफिक मोड़ेंगे

    आयुक्त के मुताबिक छावनी चौराहा पर वाहन उलझते हैं। इस चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस स्टडी करेगी। अग्रसेन चौराहा और मधुमिलन चौराहा से आने-जाने वाले वाहन सुगमता से निकाले जाएंगे। इंदिरा गांधी प्रतिमा से छावनी तक जगह कम है। अतिक्रमण हटाकर लेफ्ट टर्न डिवाइडर बनाने का प्रस्ताव बनाया है। एसीपी किरण शर्मा ने कहा कि जीपीओ चौराहा पर बिजली के पोल हटाने हैं। रोड मार्किंग और कैट आई की आवश्यकता है।

    रिंग रोड (पिपल्याहाना अंडरब्रिज) : इस रोड के माध्यम से अन्य जिलों और शहरों से आने वाले भारी वाहन, मध्यम वाहन, छोटी-बड़ी यात्री बसें, स्कूल, कॉलेज की बसें शहर में प्रवेश करती हैं। अस्पताल, होटल, स्कूल, कॉलेज होने से ट्रैफिक दबाव प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। रेडिसन होटल से खजराना चौराहा की ओर मेट्रो का काम चल रहा है। इस कारण रोड संकरे हो गए हैं। सत्यसाईं चौराहा : इस चौराहे की बनावट में ही खामियां हैं। विजय नगर से स्कीम-54 की तरफ जाने वाले वाहन अनावश्यक सिग्नल पर खड़े होते हैं। लेफ्ट टर्न पर पर्याप्त स्थान होने के बाद भी दुकानों के सामने बड़ा आइलैंड बनाकर बिजली के पोल और बैंक स्थापित करने से लेफ्ट टर्न बाधित होता है। सयाजी होटल चौराहा : इस चौराहे की बड़ी रोटरी मेट्रो निर्माण के कारण हटा दी थी। अस्थायी रोटरी टीन से ढंककर बनाई है। सिग्नल तो है लेकिन ट्रैफिक के मुताबिक रोटरी की आवश्यकता है।