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  • Bakawan Narmadeshwar Shivling: अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान होंगे मध्य प्रदेश के बकावां में तैयार हुए शिवलिंग

    श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के महासचिव चंपत राय का मां अहिल्या नागरिक अभिनंदन समारोह समिति ने सोमवार को रवींद्र नाट्यगृह में साधुजन और विभिन्न समाजों के प्रमुखों की उपस्थिति में नागरिक अभिनदंन किया गया। फोटो- प्रफुल्ल चौरसिया आशु

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Bakawan Narmadeshwar Shivling)। नर्मदा तट पर बसे खरगोन जिले के ग्राम बकावां के हर घर में नर्मदा से निकले पत्थरों को तराश कर शिवलिंग बनाए जाते हैं। यहां बना शिवलिंग अयोध्या के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में स्थापित होगा।

    इसके लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय रविवार को बकावां पहुंचे थे। यहां उन्होंने कुछ शिवलिंग देखे हैं। इसका जिक्र उन्होंने सोमवार को इंदौर में आयोजित मां अहिल्या नागरिक अभिनंदन समिति समारोह में कही।

    चंपत राय का किया स्वागत

    रवींद्र नाट्यगृह में समारोह में बड़ी संख्या में साधु-संतों के साथ हिंदू संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे। राधे राधे बाबा, अन्ना महाराज, अमृत राम महाराज, प्रवीणानंद महाराज, स्वामी सत्यानंद महाराज के साथ अन्य संतों व समाजजन ने मिलकर चंपत राय का पुष्पमाला पहनाकर अभिनंदन किया गया।

    उन्होंने कहा कि रामलला जन्मभूमि अयोध्या में शिव मंदिर बनाया जाना है। इसके लिए शिवलिंग लेने आए थे। मंदिर की 70 एकड़ जमीन में से सिर्फ 20 एकड़ जमीन पर ही निर्माण किया जा रहा है।

    वहां 18 मंदिर बनाएंगे। सूर्य, भगवती, गणपति, शंकर, अन्नपूर्णा, हनुमान की मूर्तियों को परकोटे में स्थापित किया जाएगा। शेषनाग, महर्षि वाल्मीकि, विश्वामित्र, महर्षि अगस्त, निषादराज, शबरी, अहिल्या देवी, जटायु, तआदि के मंदिर बनाए जाने हैं।

    मंदिर में एक साथ दो लाख लोगों की व्यवस्था रहेगी

    चंपत राय ने बताया कि पूरा मंदिर पत्थरों से बनाया जा रहा है। मंदिर की सुरक्षा के लिए भूतल में 14 मीटर मोटी कृत्रिम चट्टान बनाई है। पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे का उपयोग किया गया है। मंदिर बनने के बाद यहां यात्री सुविधा केंद्र को 10 हजार लोगों के लिहाज से तैयार किया जा रहा है। एक समय में दो लाख लोग मंदिर परिसर में आ सकेंगे। इससे सड़क पर किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

  • इंदौर में सिर्फ एक ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर के भरोसे लाखों वाहन, छोटे से काम के लिए लग रहा पूरा दिन

    HighLights

    इंदौर शहर से 24 किलोमीटर दूर नेमावर रोड पर है सेंटर। मालिक परेशान, सेंटर जाने पर पूरा दिन बर्बाद हो रहा है। कुछ लोगों को मजबूरी में दूसरे जिलों में जाना पड़ा रहा।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Indore Vehicle Fitness Center)। परिवहन विभाग ने जुलाई से इंदौर में वाहनों के फिटनेस का काम ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर के जिम्मे कर दिया। इसके बाद नायता मुंडला परिवहन कार्यालय में यह कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

    एक साथ शहर के लाखों वाहनों को सिर्फ एक सेंटर के भरोसे कर दिया गया। इस वजह से यहां फिटनेस के लिए पूरा दिन लग रहा है। इस वजह से अधिकांश वाहन चालक अन्य जिलों में वाहनों की फिटनेस जांच करवा रहे हैं।

    इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के पास है सेंटर

    नायता मुंडला स्थित परिवहन कार्यालय में होने वाले वाहनों के फिटनेस का पूरा कार्य नेमावर रोड स्थित वेदांती व्हीकल फिटनेस स्टेशन पर हस्तांतरित कर दिया गया। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के पास यह सेंटर होने से वाहन चालकों को इतनी लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।

    यहां वेदांती व्हीकल फिटनेस (एसपीवी) द्वारा ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) के माध्यम से वाहनों के फिटनेस का कार्य किया जा रहा है। 10 लाख से अधिक कमर्शियल वाहनों को एक सेंटर के भरोसे होने से वाहन मालिक परेशान हैं।

    ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती का कहना है कि सभी वाहनों को एक साथ ऑटोमेटेड सेंटर पर स्थानांतरित कर दिया गया। जैसे-जैसे सेंटर पर सुविधाएं बढ़ती जाती, वाहनों को ट्रांसफर कर सकते थे। छोटे वाहनों को इतनी दूर भेजना सही नहीं है।

    सिस्टम करता है वाहन की जांच

    ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन में वाहनों की फिटनेस मैन्युअली के बजाय ऑटोमेटेड सिस्टम से होती है। इसमें एक ट्रैक से वाहनों को गुजारा जाता है। ट्रैक पर चलने के दौरान वाहन के बाहरी हिस्सों से लेकर आंतरिक पुर्जों तक का परीक्षण सिस्टम खुद करता है। किसी प्रकार की कमी सामने आने पर वाहन को अनफिट घोषित कर दिया जाता है। इससे फिट वाहन ही सड़कों पर चल सकेंगे।

  • इंदौर में Swine Flu से प्रोफेसर की मौत, अस्पताल की इस करतूत से दहशत में कई लोग

    इंदौर में स्वाइन फ्लू का मामला।

    HighLights

    स्वाइन फ्लू के लक्षण जानकर लोग विशेषज्ञों से इलाज करा रहे।स्वास्थ्य विभाग की टीम डीएवीवी में सोमवार को करेगी जांच।सुयश अस्पताल को मरीज की जानकारी छुपाने पर नोटिस मिला।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शनिवार को स्वाइन फ्लू से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के स्कूल ऑफ डेटा साइंस के एचओडी डॉ विजय बाबू गुप्ता की मौत हो गई। अब इस खबर फैलते ही उनसे मिलने वाले सभी लोग दहशत में आ गए हैं। उन्हें भी यह डर लगने लगा है कि वह इसकी चपेट में ना आ जाएं, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इंदौर के अलावा प्रदेशभर से लोग शामिल हुए थे। ऐसे में वायरस के फैलने की आशंका पूरे प्रदेश में हो गई है।

    रविवार को डीएवीवी कैंपस में बने आवास से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। लोगों में इतनी दहशत थी कि सभी डबल मास्क पहनकर शामिल हुए। ऐसा लग रहा था कि जैसे फिर से कोरोना का दौर आ गया है। अंतिम संस्कार रीजनल पार्क स्थित मुक्तिधाम में किया गया था। अंतिम दर्शन के लिए घर पर कुलपति, रजिस्ट्रार सहित बड़ी संख्या में प्रोफेसर भी पहुंचे। उनसे मिलने वाले लोग स्वाइन फ्लू के लक्षण पहचानकर स्वयं इलाज करवाने के लिए विशेषज्ञों के पास पहुंच रहे हैं।

    सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम डीएवीवी पहुंचेगी। यहां घर के आसपास रहने वाले लोगों से मिलेगी। इस दौरान जिनमें भी में लक्षण पाए जाएंगे, उनकी जांच होगी। इसके अलावा जिन लोगों से डॉ गुप्ता ने मुलाकात की है, उनकी भी जानकारी जुटाकर उन्हें सतर्क किया जाएगा। इधर, सुयश अस्पताल को भी मरीज की जानकारी छुपाने पर नोटिस दिया गया है। विभाग के अधिकारी निजी लैब में हुई इस रिपोर्ट को मान्य नहीं कर रहे हैं, इसलिए अभी तक इस मौत का कारण स्वाइन फ्लू नहीं मान रहे हैं।

  • 1918 में होलकर काल में बनी थी इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन योजना, बहुत रोचक है इस प्रोजेक्‍ट का इतिहास

    इंदौर-मनमाड़ रेलवे परियोजना हुई मंजूर।

    HighLights

    जनता के घोषणा पत्र पर होने लग गया है अमल। रेल मंत्रालय ने इस परियोजना को हरी झंडी दी। मंजूरी से इंदौर के विकास को एक नई गति मिलेगी।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियाेजना स्वीकृत होने के बाद अब जमीनी स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है। 106 वर्ष पुरानी इस परियोजना को लेकर नईदुनिया ने जनता की मांग पर सांसद शंकर लालवानी को 27 अगस्त को जनता का घोषणा पत्र सौंपा था।

    इसमें सांसद लालवानी ने जल्द ही इस परियोजना को स्वीकृति दिलाने का कहा था। जिसके बाद सोमवार को रेल मंत्रालय ने इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है। पांच वर्ष में परियोजना पूरी की जाना है। इसके बाद इंदौर से मुंबई की दूरी 830 किमी से घटकर 568 किमी रह जाएगी।

    सौ से अधिक साल में यह सब हुआ

    रेल मामलों के विशेषज्ञ नागेश नामजोशी ने बताया कि 1918 में होलकर राज्य में आर्किटेक्ट पैट्रिक गिडीस ने सबसे पहले इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना का खाका तैयार किया था। लेकिन इस इस पर काम नहीं हो पाया। 2002 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतिश कुमार ने प्रोजेक्ट के सर्वे के लिए राशि मंजूर की और 2004 में सर्वे पूरा हुआ। लेकिन महाराष्ट्र और मप्र सरकार में समन्वय स्थापित नहीं होने के कारण कार्य शुरू ही नहीं हो पाया। इसके बाद इस परियेाजना के लिए महाराष्ट्र से आंदोलन शुरू हुआ, जो इंदौर तक पहुंचा। 2016 में सेंट्रल रेलवे ने सर्वे किया। 2019 में जहाजरानी मंत्रालय और रेलवे के बीच इस परियोजना के लिए अनुबंध हुआ। लेकिन बाद में निरस्त हो गया। अब पूरा प्रोजेक्ट रेलवे खुद तैयार कर रही है।

    मुंबई की दूरी होगी कम

    वर्तमान में इंदौर से मुंबई जाने के लिए रतलाम, सूरत होते हुए 830 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। इंदौर-मनमाड़ लाइन तैयार होने के बाद यह दूरी घटकर 568 किमी हो जाएगी। करीब 260 किमी की दूरी घट जाएगी। इसके साथ ही चार से पांच घंंटे का समय भी बचेगा।

  • खुशखबरी: मनमाड इंदौर के बीच नई रेल लाइन को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी

    मनमाड इंदौर के बीच न्यू रेल लाइन को मिली मंजूरी। यह 2028-29 तक पूरी हो जाएगी।

    HighLights

    इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की कुल लंबाई 268 किमी है।परियोजना की कुल लागत 18,036 करोड़ रुपये है परियोजना निर्माण के दौरान रोजगार भी पैदा करेगी

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर निवासियों के लिए खुशखबरी है। मनमाड इंदौर के बीच न्यू रेल लाइन को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने 309 किलोमीटर की योजना को मंजूरी दी। यह 18036 करोड़ का प्रोजेक्ट है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय के तहत 18,036 करोड़ रुपये (लगभग) की कुल लागत वाली नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। इंदौर और मनमाड के बीच प्रस्तावित नई लाइन सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के लिए बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता मिलेगी।

    इस मंजूरी से दो राज्‍यों को होंगे फायदे

    कैबिनेट ने 309 किलोमीटर लंबी नई लाइन परियोजना को मंजूरी दी। दो प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों – मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए यह काम करेगी। स्वीकृत परियोजना वाणिज्यिक केंद्रों मुंबई और इंदौर को सबसे छोटे रेल मार्ग से जोड़ेगी। इसके अलावा यह रेलवे लाइन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के असंबद्ध क्षेत्रों को भी जोड़ेगी। यह रेलवे लाइन महाराष्ट्र के 2 जिलों और मध्य प्रदेश के 4 जिलों से होकर गुजरेगी। परियोजना की कुल लागत ₹ 18,036 करोड़ है और इसे 2028-29 तक पूरा किया जाएगा। परियोजना निर्माण के दौरान लगभग 102 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेगी।

    परियोजना मंजूर होने के मायने

    यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप है, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएगा, जिससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है। यह लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह परियोजना 2 राज्यों यानी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 जिलों को कवर करती है 1,000 गांव और करीब 30 लाख की आबादी को लाभ मिलेगा। परियोजना देश के पश्चिमी/दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़ने वाला छोटा रास्ता उपलब्ध कराकर इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन/धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। परियोजना मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को भी सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में इसके वितरण में सुविधा होगी। यह कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट, पीओएल आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए एक आवश्यक मार्ग है। क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।

    268 किमी है रेल लाइन की लंबाई

    इसके लिए 2200 हेक्टेयर भूमि भी अधिगृहीत करने की आवश्यकता होगी। छह साल की देरी होने से इस परियोजना की अनुमानित लागत साढ़े नौ हजार करोड़ से बढ़कर 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की कुल लंबाई 268 किमी है।

    9 सुरंगें भी बनेगी

    इसमें 50 किमी मनमाड़ से धुले तक काम चल रहा है। अब धुले से इंदौर के महू तक लाइन बिछाने के लिए डीपीआर तैयार है। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन पर ठोस प्रगति हुई है। इस ट्रैक के बनने से इंदौर की मुंबई व दक्षिण के राज्यों के बीच संपर्क सुगम होगा। 218 किमी हिस्से में लाइन बिछाई जानी है, उसमें 9 सुरंगें बनेंगी।

  • इंदौर से पांच दिन से लापता युवक की गला घोंटकर हत्या, बड़वानी में मिली लाश

    गजानंद परिहार को दोस्तों ने ही मार दिया। फाइल फोटो

    HighLights

    गजानंद परिहार 24 अगस्त को अपने घर से निकला था।उसका कैफे संचालक से 4;50 लाख रुपयों का लेनदेन था।पूछताछ में कैफे संचालक ने बताया हत्या की बात स्वीकारी।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर (Indore News)। इंदौर की पुलक सिटी (सिलिकान सिटी) से पांच दिन पूर्व लापता हुए युवक के दोस्तों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। दोस्तों ने युवक की गला घोंटकर हत्या करना स्वीकार किया है। पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है। युवक का कैफे संचालक से साढ़े चार लाख रुपयों का लेनदेन था। पुलिस जिस शव की तलाश कर रही थी वह बड़वानी क्षेत्र में पुलिस को मिला था और बड़वानी पुलिस ने लावारिस समझकर उसे दफना दिया था।

    बुधवार रात पुलिस ने फोटो मंगवाए तो शव की शिनाख्त हुई। राऊ पुलिस के मुताबिक पान-गुटखा दुकान संचालक गजानंद परिहार 25 वर्ष 24 अगस्त को घर से निकला था। शाम तक घर नहीं लौटने पर पत्नी संदल सोलंकी ने उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। काल डिटेल (सीडीआर) और सीसीटीवी फुटेज में गजानंद आखिरी बार आशीष पंवार के साथ नजर आया।

    आशीष के दो और दोस्तों को हिरासत में लिया

    आशीष का राजेंद्रनगर क्षेत्र में कैफे है। बुधवार को पुलिस ने आशीष को हिरासत में ले लिया। सख्ती करने पर उसने बताया कि गजानंद की गला घोंटकर हत्या कर चुका है। उसके साथ तीन दोस्त भी थे। पुलिस ने आशीष, राहुल, धीरज को हिरासत में ले लिया।

    आरोपित पुलिस को गुमराह करते रहे। उन्होंने पुलिस को बताया कि गजानंद का शव मानपुर और खलघाट के बीच में फेंका है। एसीपी रुबिना मिजवानी के मुताबिक आरोपित शातिर है। वह पहले पुलिस को गुमराह कर रहा था। बाद में उसने मारना बताया। उधर बड़वानी थानांतर्गत राजपुर पुलिस को गजानंद का शव मिला था। उसे पीएम करवाकर लावारिस समझकर दफना दिया था।

    मोबाइल फेंककर पुलिस को गुमराह कर रहे थे आरोपित

    पुलिस के मुताबिक आरोपित आशीष से गजानंद का रुपयों का लेनदेन था। गजानंद घर से रुपये लेने का बोलकर निकला था। रास्ते में आशीष मिला और जयपुर का बोलकर कार में बैठा लिया। उसके तीन दोस्त भी साथ में थे।

    पुलिस ने कार के फुटेज निकाले तो आशीष की कार महू टोलनाका से जाते हुए दिख गई। आरोपितों ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास भी किया। साजिश के तहत गजानंद का मोबाइल दूसरी जगह फेंक दिया था। गजानंद का मोबाइल इंटरसिटी एक्सप्रेस में भवानीपुर के समीप मिला था। ट्रेन के स्टाफ ने इसे जीआरपी को जमा 
करवाया था।

  • बच्चियों और महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण… मिसाल बनीं इंदौर की पुलिस अधिकारी, सेनेटरी पैड भी कर रहीं वितरित

    आत्मरक्षा का प्रशिक्षण ले चुकी बालिकाएं और महिलाएं पुलिस अध‍िकारी अनिला पाराशर के साथ।

    HighLights

    इंदौर की पुलिस अध‍िकारी अनिला पाराशर दे रही हैं प्रशिक्षण।लड़कियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने में निभा रही अहम भूमिका।स्वच्छता बनाए रखने के लिए सैनिटरी पैड भी कर रही वितरित।

    इंदौर। आज के समय में महिलाओं को अपनी आत्मरक्षा करना काफी आवश्यक है। शहर में ऐसी कई महिलाएं हैं, जो इसके लिए कार्य कर रही है। बच्चियों को गुड टच-बैड टच के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं, ताकि वे समझें कि क्या गलत है और क्या सही है। इंदौर की एक साहसी महिला पुलिसकर्मी ने समाज में बदलाव लाने के लिए एक अनूठी और महत्वपूर्ण पहल की है।

    आत्मरक्षा के गुर सिखाने का बीड़ा उठाया

    इस पुलिसकर्मी ने न केवल लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने का बीड़ा उठाया है, बल्कि उन्हें मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए सैनिटरी पैड भी वितरित कर रही हैं। उनकी इस पहल ने न केवल लड़कियों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया है।

    समाजसेवा संस्था से जुड़कर कार्य

    हम बात कर रहे हैं वर्तमान में सीआईडी में टीआई के पद पर पदस्थ अनिला पाराशर की। वे कई वर्षों से अंविका समाजसेवा संस्था से जुड़कर यह कार्य कर रही है। अनिला ने बताया कि मैंने महसूस किया कि आज के समय में लड़कियों के लिए आत्मरक्षा का प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है।

    बढ़ते अपराधों को देखते हुए पहल

    अनिला के अनुसार समाज में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए यह पहल शुरू की है। इस प्रशिक्षण के माध्यम हम सि‍खा रहे हैं कि कैसे लड़कियां खुद को खतरनाक स्थितियों में सुरक्षित रख सकती हैं और हमलावर का सामना कर सकती हैं।

    बढ़ रहा आत्मविश्वास

    प्रशिक्षण सत्र के बाद भाग लेने वाली लड़कियों में बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं, उनमें एक आत्मविश्वास देखने को मिल रहा है। वह अब कहीं भी अकेले जाने में डर महसूस नहीं करती है। उन्हें अब यह एहसास होने लगा है कि वे अपनी सुरक्षा खुद कर सकती हैं और किसी भी आपात स्थिति में साहसिक निर्णय ले सकती हैं। वे अब अपने आसपास की दुनिया को और बेहतर ढंग से समझने लगी हैं और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

    ठंड में गरीबों को बांट रही कंबल

    अनिला पिछले चार वर्षों से ठंड के सिपाही के तहत गरीबों और जरूरतमंदों को कंबल बांटने का भी कार्य कर रही है। अब तक हजारों लोगों को कंबल बांट चुके हैं। अनिला ने बताया कि ड्यूटी के दौरान रात में जब हम बाहर रहते थे तो देखते थे कि कई लोग ठंड के दिनों में ठिठुरते रहते थे। हम कुछ पुलिसकर्मियों ने खुद से कंबल खरीदे और हमारी गाड़ी में रखें।

    फुटपाथ पर बैठने वालों को देते थे कंबल

    उनके अनुसार रात के समय में हम जब भी जाते थे तो जहां हमें कोई व्यक्ति फुटपाथ पर दिखता था, उसे कंबल देते थे। इसके बाद लोग भी हमसे जुड़ने लगे और सामाजिक संस्थाओं से भी सहयोग मिलने लगा। इसके अलावा कोरोना में महिलाओं की अस्पतालों में ले जाकर प्रसूति करवाना आदि कार्य भी इनके द्वारा किए गए है। इनके कार्यो को लेकर इन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।

    महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर भी ध्यान

    अनिला ने आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के साथ उन्होंने एक और महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर भी ध्यान केंद्रित किया है। यह है मासिक धर्म स्वच्छता। उन्होंने महसूस किया कि ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में कई लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं मिल पाते हैं।

    मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों के बारे में कर रहीं जागरूक

    इस समस्या के समाधान के लिए, उन्होंने प्रशिक्षण सत्र के दौरान सैनिटरी पैड का वितरण भी शुरू किया। पैड वितरण का उद्देश्य न केवल मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखना है, बल्कि लड़कियों और महिलाओं को इस मुद्दे पर खुलकर बात करने के लिए भी प्रेरित करना है। इसके साथ ही वे उन्हें मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों और मिथकों के बारे में जागरूक कर रही हैं।

    समाज के लिए प्रेरणादायक उदाहरण

    महिला पुलिसकर्मी न केवल एक कानून लागू करने वाली अधिकारी हैं, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी हैं। उनकी इस पहल ने समाज के विभिन्न वर्गों से सराहना प्राप्त की है। स्थानीय प्रशासन ने भी उनकी इस अद्वितीय पहल की सराहना की है और इसे एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है कि कैसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

  • Rain in Indore: इंदौर में अभी पूरा नहीं हुआ चार माह की औसत बारिश का कोटा

    मंगलवार शाम इंदौर के अलग-अलग हिस्सों में रुक-रुककर करीब सवा घंटे तक वर्षा के तेज बौछारें भी पड़ी।- फाइल चित्र।

    HighLights

    कोटा पूरा होने के लिए 200 मिमी बारिश की जरूरत।सितंबर में औसत बार‍िश का कोटा पूरा होने की उम्मीद।मौसम केंद्र के अनुसार आज हो सकती है हल्‍की बारिश।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शहर में इस बार जून व जुलाई माह में औसत से बारिश भले ही कम हुई हो, लेकिन अगस्त माह में बार‍िश का कोटा पूरा हो गया है। एयरपोर्ट स्थित मौसम केंद्र पर 725.4 मिलीमीटर बार‍िश दर्ज हुई। ऐसे में इंदौर में मानसून सीजन की औसत वर्षा 929.4 मिमी का कोटा पूरा करने के लिए अभी 204 मिमी बार‍िश की जरूरत है।

    सितंबर में होने वाली बारिश से उम्‍मीद

    ऐसे में शहर में सितंबर में होने वाली बार‍िश से इस बार औसत बार‍िश का कोटा पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। मंगलवार को शहर में सुबह बादल छंटने के बाद धूप खिली और शाम चार बजे बाद शहर के अलग-अलग हिस्सों में रुक-रुककर करीब सवा घंटे तक वर्षा के तेज बौछारें भी पड़ी।

    आज भी हल्‍की बारिश की संभावना

    एयरपोर्ट स्थित मौसम केंद्र पर 4.10 से 5.30 बजे की बीच छह मिमी बार‍िश दर्ज की गई। वहीं रीगल क्षेत्र में इस दौरान 17 मिमी वर्षा दर्ज हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार को शहर में बादल छाए रहेंगे और हल्की बार‍िश भी होने की संभावना है।

  • Heritage Train: 13 दिन में सात हजार लोगों ने लिया पातालपानी-कालाकुंड हेरिटेज ट्रेन का आनंद

    पातालपानी-कालाकुंड हेरिटेज ट्रेन। फाइल फोटो

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    25 दिसंबर 2018 को शुरू हुई थी हेरिटेज ट्रेन। बीच में कोरोना की वजह से नहीं चलाई गई थी। इस बार ट्रेन में लगाना पड़ गए हैं एक्सट्रा कोच।

    नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Heritage Train)। मध्य प्रदेश की पहली हेरिटेज ट्रैक पातालपानी से कालाकुंड के लिए पर्यटकों को उत्साह जबर्दस्त है। 20 जुलाई को शुरू हुई हेरिटेज ट्रेन में 18 अगस्त तक पर्यटकों ने वादियों का आनंद लिया है। स्थिति यह है कि सभी दिन ट्रेन में लंबी वेटिंग चल रही है।

    वेटिंग क्लीयर नहीं होने के कारण कई पर्यटकों को अपना प्लान बदलना पड़ रहा है। रेलवे वेटिंग कम करने के लिए अतिरिक्त कोच भी लगा रहा है। अभी तक रेलवे को इस हेरिटेज ट्रेन से 13 दिन में सात लाख रुपये से अधिक का राजस्व मिल चुका है।

    कोरोना के दौरान इस ट्रेन को बंद कर दिया गया था

    मध्य प्रदेश की इस पहली हेरिटेज ट्रेन का संचालन 25 दिसंबर 2018 को शुरू हुआ था। कोरोना काल के चलते अप्रैल 2020 में इस ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया था। 2022 में दोबारा इस ट्रेन का संचालन शुरू किया गया। इस सीजन में 20 जुलाई से दोबारा शुरू किया गया है।

    रिजर्वेशन की सुविधा मिलने के बाद इस ट्रेन में लंबी वेंटिंग चल रही है। रतलाम मंडल के अनुसार 20 जुलाई से 18 अगस्त तक इस ट्रेन में 7115 से अधिक पर्यटक सफर कर चुके हैं। इससे रेलवे को 7 लाख 77 हजार रुपये से अधिक का राजस्व मिला है।

    मंडल पीआरओ खेमराज मीणा ने बताया कि ट्रेन की वेटिंग कम करने के लिए नान एसी का एक्ट्रा कोच भी लगाया जाता है। फिलहाल ट्रेन का संचालन सप्ताह में शुक्रवार, शनिवार और रविवार को किया जा रहा है। ट्रेन में आगामी तीन सप्ताह तक वेटिंग चल रही है।

    विस्टाडोम कोच है आकर्षण का केंद्र

    हेरिटेज ट्रेन के पर्यटकों के सफर को बेहतर और आरामदायक बनाने के लिए एसी विस्टाडोम लगाए हैं। इन कोच में बड़े साइज के विंडो ग्लास, ट्रेलिंग विंडो, स्नैक्स टेबल और साइड पेंट्री है। पर्यटकों की सुविधा के लिए कोच में स्वच्छ टायलेट का निर्माण भी किया गया है।

    कोच की बाहरी भाग को आकर्षक पीवीसी शीट से डेकोरेट किया गया है। यह ट्रेन हर दिन पातालपानी से सुबह 11.05 बजे रवाना होती है और प्राकृतिक नजारों का दीदार कराते हुए दोपहर 1.25 बजे पर कालाकुंड पहुंचती है।

  • Aditya Tiwari: 10 साल के आदित्य तिवारी संभालते हैं इंदौर का ट्रैफिक… जज्‍बा देकर पुलिस ने दिया अनोखा नाम

    HighLights

    कम उम्र में इंदौर का ट्रैफिक सुधारने का प्रयास सात साल की उम्र से आदित्य संभाल रहे ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक सोल्जर ऑफ इंडिया नाम दिया

    डिजिटल डेस्क, इंदौर (Aditya Tiwari)। इंदौर में बेतरतीब होते ट्रैफिक को सुधारने के लिए यातायात पुलिस के साथ अब आम लोग भी प्रयास कर रहे हैं। इसी के चलते शहर के विष्णुपुरी कॉलोनी में रहने वाले दस वर्षीय आदित्य तिवारी (Aditya Tiwari) भी लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने में जुटे हैं।

    आदित्य तिवारी पिछले तीन साल से यह कार्य कर रहे हैं। इस दौरान उनकी मां संगीता तिवारी भी उनके साथ रहती हैं। आदित्य सोमवार से शनिवार इंदौर चौहारों पर ट्रैफिक संभालते हैं और लोगों को इन नियमों के प्रति जागरूक करते हैं। आदित्य के इस काम को देखते हुए इंदौर पुलिस ने उन्हें ट्रैफिक सोल्जर ऑफ इंडिया नाम भी दिया है।

    #WATCH | Indore, Madhya Pradesh: A 10-year-old boy named Aditya Tiwari spreads awareness about the traffic rules by singing self-composed songs. pic.twitter.com/K444jXZOe5

    — ANI (@ANI) August 18, 2024

    गाने गाकर करते हैं जागरूक

    आदित्य तिवारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि वह पिछले तीन साल से ट्रैफिक संभाल रहे हूं। आदित्य की बहन ‘नो स्मोकिंग’ कैंपेन चलाती है, उसे देखकर उनके मन में भी देश की सेवा करने का ख्याल आया । आदित्य बताते हैं कि वे अपने बनाए गाने गाकर ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं।

    #WATCH | Indore, Madhya Pradesh: Aditya Tiwari says, “I have been managing traffic for the past three years. My sister runs a ‘No Smoking’ campaign, seeing her I also thought of serving the country, and I came on the road. I spread awareness regarding the traffic rules by singing… pic.twitter.com/AmjLzJNbGN

    — ANI (@ANI) August 18, 2024

    सैनिक की तरह पहनते हैं कपड़े

    आदित्य तिवारी मां संगीता तिवारी ने बताया कि आदित्य एक सैनिक के रूप में देश के लिए योगदान देना चाहते हैं। ऐसे में वह एक सैनिक की तरह कपड़े पहनता है और गाने गाकर यातायात नियमों के बारे में जागरूकता फैलाना है।

    #WATCH | Indore, Madhya Pradesh: Mother of Aditya Tiwari, Sangeeta Tiwari says, “Aditya wants to contribute to the nation as a soldier…He dresses up like a soldier and he spreads awareness about the traffic rules by singing songs…He has been doing this since the age of… pic.twitter.com/c9HjJs2VN4

    — ANI (@ANI) August 18, 2024

    पुलिस ने की तारीफ

    ट्रैफिक पुलिस एजुकेशन विंग से जुड़े सुमंत सिंह ने बताया कि ‘आदित्य पिछले तीन साल से ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरूकता फैला रहे हैं। आदित्य के योगदान से हमें जागरूकता फैलाने में काफी सफलता मिल रही है।

    #WATCH | Indore, Madhya Pradesh: Traffic Police Education Wing, Sumant Singh says, “Aditya is spreading awareness regarding traffic rules from the past three years…We are getting a lot of success in spreading awareness with the contributions of Aditya…I take care of Aditya… pic.twitter.com/peGfsp0n32

    — ANI (@ANI) August 18, 2024