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  • शहर की स्वच्छता हमारी भी बड़ी जिम्मेदारी

    शहर की स्वच्छता हमारी भी बड़ी जिम्मेदारी! नगरनिगम का सांकेतिक फोटो।

    HighLights

    स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा आज से, सरकारी मशीनरी के साथ घर से ही करें शुरुआतसरकार और सिस्टम की मशीनरी के भरोसे बैठना छोड़ना होगाहमारी जिम्मेदारी और शहर को अव्वल लाने की तैयारी, बेहतर परिणाम तय हैं

    प्रियंक शर्मा. नईदुनिया ग्वालियर। स्वच्छता में ग्वालियर का नाम देश-प्रदेश मे रोशन हो,अब इस उम्मीद को धरातल पर उतारने की बारी आ गई है। सरकार और सिस्टम की मशीनरी के भरोसे बैठना छोड़ना होगा, खुद ही घर से शुरुआत कर स्वच्छता हर हाल में लाने की ठानना ही होगा। हमारी जिम्मेदारी और शहर को अव्वल लाने की तैयारी,बेहतर परिणाम तय हैं। कचरा न खुद फैलाएंगे और दूसरों को ऐसा करने से रोकेंगे, यही एक आदत ग्वालियर की तस्वीर बदल सकती है।

    इंदौर की स्वच्छता की ओर ताकने की बजाय खुद हम भी अपने शहर की सफाई पर गर्व कर सकते हैं। 17 सितंबर से स्वच्छता ही सेवा के तहत जिला सरकार द्वारा दो अक्टूबर तक पखवाड़ा चलाया जा रहा है। नईदुनिया स्वच्छता अभियान शुरू करने जा रहा है जिसमें “आओ गंदगी को धिक्कारें, आओ अपना शहर बुहारें” के तहत शहर को स्वच्छ बनाने जनता को जागरूक करने के साथ अहम सुझाव व सिस्टम के प्रयासों व विफलताओं को सामने रखा जाएगा।

    नईदुनिया सुझाव: जो भी करे गंदगी निगम दे नोटिस, हो ई-चालान

    ग्वालियर में नगर निगम का पूरा सिस्टम है, तीन हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं,बड़ा बेड़ा है इसके बाद भी सफाई को लेकर शिकायतों का ढ़ेर है। जहां खाली जगह दिखी वहां कचरा फेंक दिया,अब इस आदत काे सुधारना होगा। बाजार हों या घर, खाली प्लाट हो या मैदान,जहां भी कचरा फेंका जाए,फेंकने वाले को नगर निगम की ओर से नोटिस जारी किया जाए। नोटिस जारी करने का तात्पर्य यह कि गंदगी फैलाने वाले को एहसास हो कि वह कचरा डालेगा तो कार्रवाई का भागीदार बनेगा। इसके लिए नगर निगम दूसरे विभागों की तरह ई-चालान का सिस्टम भी अपना सकता है, ग्वालियर में स्मार्ट सिटी से लेकर पुलिस कैमरों के साथ जनभागीदारी के कैमरों से भी मदद ली जा सकती है। इस तरह के प्रयासों से गंदगी फैलाने को लेकर कसावट आएगी और लोगों को जिम्मेदारी का भी अहसास होगा।

    लोगों को जहां कचरा फेंकने की आदत, वहां जागरूक कर कराएं सफाई

    सभी सफाई मित्रों (स्वच्छता कर्मियों) का स्वास्थ्य बीमा कराएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से महात्मा गांधी की जयंती दो अक्टूबर तक जिले में आयोजित होने जा रहे “स्वच्छता ही सेवा-2024” अभियान के दौरान यह काम प्रमुखता से किया जाए। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने नगर निगम आयुक्त व परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण, सभी नगरीय निकायों के सीएमाओ व अन्य संबंधित अधिकारियों को दिए। कलेक्टर गूगल मीट के जरिये स्वच्छता ही सेवा अभियान की तैयारियों की समीक्षा कर रहीं थीं। कलेक्टर ने कहा कि नगर निगम सहित जिले के सभी नगरीय निकायों में ऐसे स्थलों को चिह्नित करें, जहां पर स्थानीय बस्तियों के लोगों द्वारा फेंके गए कचरे के प्वाइंट बन गए हैं और शहर की स्वच्छता में बाधा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी स्थलों को साफ-सुथरा करें। साथ ही स्थानीय लोगों को वहां पर कचरा न फेंकने के लिये जागरूक भी किया जाए। कलेक्टर ने सफाई मित्रों का स्वास्थ्य बीमा कराने की कार्ययोजना एक हफ्ते के भीतर संबंधित अधिकारियों से मांगी है।

  • टायलेट हैंडओवर से पहले शुरू कर दिया आवंटन

    बाल भवन के पास बनाया गया टायलेट।

    HighLights

    कंपनी मनमाने तरीके से इन टायलेट का उपयोग कर रही हैपीपीपी माडल पर पुणे की कंपनी कर रही है निर्माणरेस्टोरेंट के नाम को खोलकर किचन शुरू करने की तैयारी की जा रही है

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। शहर में दूसरे चरण के अंतर्गत बनाए जा रहे स्मार्ट टायलेट फिर विवादों में हैं। इंजीनियरों की लापरवाही के कारण जहां बाल भवन स्थित टाय लेट में छज्जे में लचक और पत्थरों की गुणवत्ता खराब निकली, तो दूसरी तरफ अब कंपनी मनमाने तरीके से इन टायलेट का उपयोग कर रही है।

    कंपनी ने अचलेश्वर के नजदीक बनाए गए स्मार्ट टायलेट का निर्माण पूरा कराकर उसे कार्पोरेशन को हैंडओवर करने से पहले ही न सिर्फ एक रेस्टोरेंट को आवंटित कर दिया, बल्कि मसाला लैब के नाम से इसका प्रचार भी शुरू करा दिया।

    मामले की जानकारी मिलने पर स्मार्ट सिटी सीईओ नीतू माथुर ने कंपनी को ना सिर्फ नोटिस जारी किया, बल्कि चेतावनी भी दी गई कि हैंडओवर के बाद ही किचन या रे स्टोरेंट शुरू करे लेकिन रविवार को फिर से रेस्टोरेंट के नाम को खोलकर किचन शुरू करने की तैयारी की जा रही है। कार्पोरेशन के उपयंत्री अभिषेक त्रिपाठी के अनुसार कंपनी को पूर्व में नोटिस जारी किया था। अब दोबारा चैक कराकर प्रचार ढंकवाया जाएगा।

    पीपीपी माडल पर पुणे की कंपनी कर रही है निर्माण

    पहले चरण में 10 टायलेट के लिए कार्पोरेशन ने लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये की राशि खर्च की थी। दूसरे चरण में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर टायलेट बनाए जा रहे हैं। इसमें पुणे की अशोका डवलपर्स को अपनी लागत लगाकर निर्माण करना है। हैंडओवर के बाद इनका आवंटन कंपनी द्वारा ही कर किराय वसूला जाना है। कार्पोरेशन को सिर्फ तीन से साढ़े तीन हजार ही मिलने हैं।

    इन स्थानों पर हो रहा निर्माण

    वर्तमान में हजीरा चौपाटी, हजीरा चौराहे के पास, चावड़ी बाजार, अचलेश्वर मंदिर के पास, जल विहार, छत्री मंडी पर टायलेट निर्माण पूर्ण हो चुका है। बाल भवन, गजराराजा मेडिकल कालेज, हजार बिस्तर अस्पताल और कलेक्ट्रेट रोड पर निर्माण कार्य अभी चल रहा है।