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  • 111 सैंपलों की जांच में 18 नए डेंगू पाजिटिव मरीज मिले

    111 सैंपलों की जांच में 18 नए डेंगू पाजिटिव मरीज मिले। सांकेतिक चित्र।

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    18 में से 13 पाजिटिव मरीज मुरार क्षेत्र, छह दूसरे जिले केडेंगू की रफ्तार कम नहीं हो रही, एक युवक की जान भी गईसंक्रमितों में सबसे ज्यादा बच्चे हैं, इनकी संख्या 200 से अधिक हो गई है

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। डेंगू पाजिटिव मरीजों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। रविवार को जीआरएमसी और जिला अस्पताल की लैब से आई 111 सैंपल की जांच में 18 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही छह दूसरे जिले के हैं। इन मरीजों की जानकारी संबंधित सीएमएचओ कार्यालय को दे दी गई है। स्वास्थ्य और नगर निगम की टीम डेंगू की रोकथाम के दावे कर रही हैं, लेकिन डेंगू की रफ्तार कम नहीं हो रही। अब तो डेंगू ने एक युवक की जान तक ले ली है।

    इसके साथ ही अन्य मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। अब तक आठ हजार 431 रोगियों की डेंगू जांच में कुल 545 पाजिटिव केस मिल चुके हैं। इनमें से एक की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चार लाख सात हजार 571 घरों का सर्वे कर 12 हजार 734 घरों में लार्वा को नष्ट कराने का दावा कर रही है, लेकिन मरीजों की संख्या में कमी अब तक देखने को नहीं मिली है। संक्रमितों में सबसे ज्यादा बच्चे हैं। इनकी संख्या 200 से अधिक हो गई है।

    सुबह साढ़े छह से आठ बजे के बीच नहीं हो रही फागिंग

    नगर निगम को न तो फागिंग का तरीका पता है न ही इसके लिए उसके पास उपयुक्त समय। डेंगू की रोकथाम के लिए सबसे उपयुक्त समय सुबह साढ़े छह से आठ बजे के बीच का है, मगर इस समय पर कहीं भी फागिंग नहीं कराई जा रही। बताते हैं कि फागिंग के समय वाहन की रफ्तार भी 20 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।

    बच्चों के ज्यादा पाजिटिव निकलने पर स्कूलों को निर्देश जारी

    डेंगू मरीजों में बच्चों के सबसे ज्यादा संक्रमित निकलने पर मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी ने शासकीय और निजी विद्यालयों को निर्देश जारी किए हैं कि वह बच्चों को फुल पेंट-शर्ट पहनकर स्कूल आने को कहें, ताकि उनका बचाव किया जा सके। साथ ही उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की है कि बच्चों को फुल कपड़े पहनाएं, क्योंकि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है और वह ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता।

  • शहर की स्वच्छता हमारी भी बड़ी जिम्मेदारी

    शहर की स्वच्छता हमारी भी बड़ी जिम्मेदारी! नगरनिगम का सांकेतिक फोटो।

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    स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा आज से, सरकारी मशीनरी के साथ घर से ही करें शुरुआतसरकार और सिस्टम की मशीनरी के भरोसे बैठना छोड़ना होगाहमारी जिम्मेदारी और शहर को अव्वल लाने की तैयारी, बेहतर परिणाम तय हैं

    प्रियंक शर्मा. नईदुनिया ग्वालियर। स्वच्छता में ग्वालियर का नाम देश-प्रदेश मे रोशन हो,अब इस उम्मीद को धरातल पर उतारने की बारी आ गई है। सरकार और सिस्टम की मशीनरी के भरोसे बैठना छोड़ना होगा, खुद ही घर से शुरुआत कर स्वच्छता हर हाल में लाने की ठानना ही होगा। हमारी जिम्मेदारी और शहर को अव्वल लाने की तैयारी,बेहतर परिणाम तय हैं। कचरा न खुद फैलाएंगे और दूसरों को ऐसा करने से रोकेंगे, यही एक आदत ग्वालियर की तस्वीर बदल सकती है।

    इंदौर की स्वच्छता की ओर ताकने की बजाय खुद हम भी अपने शहर की सफाई पर गर्व कर सकते हैं। 17 सितंबर से स्वच्छता ही सेवा के तहत जिला सरकार द्वारा दो अक्टूबर तक पखवाड़ा चलाया जा रहा है। नईदुनिया स्वच्छता अभियान शुरू करने जा रहा है जिसमें “आओ गंदगी को धिक्कारें, आओ अपना शहर बुहारें” के तहत शहर को स्वच्छ बनाने जनता को जागरूक करने के साथ अहम सुझाव व सिस्टम के प्रयासों व विफलताओं को सामने रखा जाएगा।

    नईदुनिया सुझाव: जो भी करे गंदगी निगम दे नोटिस, हो ई-चालान

    ग्वालियर में नगर निगम का पूरा सिस्टम है, तीन हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं,बड़ा बेड़ा है इसके बाद भी सफाई को लेकर शिकायतों का ढ़ेर है। जहां खाली जगह दिखी वहां कचरा फेंक दिया,अब इस आदत काे सुधारना होगा। बाजार हों या घर, खाली प्लाट हो या मैदान,जहां भी कचरा फेंका जाए,फेंकने वाले को नगर निगम की ओर से नोटिस जारी किया जाए। नोटिस जारी करने का तात्पर्य यह कि गंदगी फैलाने वाले को एहसास हो कि वह कचरा डालेगा तो कार्रवाई का भागीदार बनेगा। इसके लिए नगर निगम दूसरे विभागों की तरह ई-चालान का सिस्टम भी अपना सकता है, ग्वालियर में स्मार्ट सिटी से लेकर पुलिस कैमरों के साथ जनभागीदारी के कैमरों से भी मदद ली जा सकती है। इस तरह के प्रयासों से गंदगी फैलाने को लेकर कसावट आएगी और लोगों को जिम्मेदारी का भी अहसास होगा।

    लोगों को जहां कचरा फेंकने की आदत, वहां जागरूक कर कराएं सफाई

    सभी सफाई मित्रों (स्वच्छता कर्मियों) का स्वास्थ्य बीमा कराएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से महात्मा गांधी की जयंती दो अक्टूबर तक जिले में आयोजित होने जा रहे “स्वच्छता ही सेवा-2024” अभियान के दौरान यह काम प्रमुखता से किया जाए। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने नगर निगम आयुक्त व परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण, सभी नगरीय निकायों के सीएमाओ व अन्य संबंधित अधिकारियों को दिए। कलेक्टर गूगल मीट के जरिये स्वच्छता ही सेवा अभियान की तैयारियों की समीक्षा कर रहीं थीं। कलेक्टर ने कहा कि नगर निगम सहित जिले के सभी नगरीय निकायों में ऐसे स्थलों को चिह्नित करें, जहां पर स्थानीय बस्तियों के लोगों द्वारा फेंके गए कचरे के प्वाइंट बन गए हैं और शहर की स्वच्छता में बाधा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी स्थलों को साफ-सुथरा करें। साथ ही स्थानीय लोगों को वहां पर कचरा न फेंकने के लिये जागरूक भी किया जाए। कलेक्टर ने सफाई मित्रों का स्वास्थ्य बीमा कराने की कार्ययोजना एक हफ्ते के भीतर संबंधित अधिकारियों से मांगी है।

  • दो माह से तनख्वाह नहीं दी, मांगी तो बहाने से बुलाकर मरणासन्न होने तक पीटा

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    सिकंदर कंपू इलाके में युवक से हुई बेरहमी से मारपीटमारपीट करने वालों में युवक का मालिक भीयुवक की हालत गंभीर, अभी भी बेहोश

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। सिकंदर कंपू इलाके में रहने वाले युवक की बेरहमी से मारपीट की गई। मारपीट करने वालों में उसका गाड़ी मालिक भी शामिल है। युवक गाड़ी चलाता है। दो माह से उसके मालिक ने तनख्वाह नहीं दी थी। जब तनख्वाह मांगी तो बहाने से बुलाया और जानलेवा हमला कर दिया। फिर मरणासन्न हाल में उसे अस्पताल ले गया। यहां से उसके स्वजनों को बताया कि वह सड़क हादसे में घायल हुआ है। युवक की हालत गंभीर बनी हुई है, वह बेहोश है।

    सिकंदर कंपू स्थित बारह बीघा कालोनी में रहने वाला 35 वर्षीय राहुल कुशवाह पेशे से चालक है। वह सत्यम भदौरिया की गाड़ी चलाता है। सत्यम की गाड़ी बिजली घर में किराये से लगी हुई है। दो माह से राहुल को तनख्वाह नहीं दी। इसके चलते राहुल ने काम पर जाना बंद कर दिया। बीते रोज जब सत्यम ने उसे आने के लिए कहा तो उसने इंकार कर दिया। इस पर सत्यम ने तनख्वाह देने के बहाने बुलाया।

    राहुल पहुंच गया। यहां सत्यम और उसके दोस्त बिट्टू तोमर ने बेरहमी से मारपीट की। फिर उसे अस्पताल में भर्ती कराकर भाग गए। स्वजनों को फोन कर बताया कि वह सड़क हादसे में घायल हो गया था। जब स्वजन पहुंचे तो देखा कि राहुल के पूरे शरीर पर मारपीट के निशान है। पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कर ली है। स्वजनों का कहना है कि आरोपितों के संपर्क रसूखदारों से हैं। इसलिए अभी सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही, जबकि उनके बेटे की हालत गंभीर बनी हुई है।

    नाबालिग मथुरा पहुंची, याचिका लगी तो वापस आई

    हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में भिंड जिले के एक व्यक्ति द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपेंद्र कुशवाह ने मथुरा के एक मंदिर में रह रही नाबालिग को कोर्ट में पेश किया। हाई कोर्ट ने जब उससे पूछा कि वह मथुरा के मंदिर में क्यों रह रही थी तो उसने बताया कि उसकी दोस्ती एक लड़के से हुई थी जिसने बात करने के लिए उसे एक मोबाइल फोन दे दिया था।

    एक दिन घरवालों ने उसे मोबाइल फोन के साथ देख लिया और उसकी मारपीट कर दी। गुस्से में वह घर छोड़कर मथुरा चली गई और एक मंदिर में रहने लगी। कोर्ट ने उससे पूछा कि उसे कहां जाना है तो उसने अपने माता पिता के साथ जाने की इच्छा जाहिर की। कोर्ट ने उसे उसके परिजनों को सौंप दिया।

  • अफसरों का रिपोर्ट कार्ड: अफसरों का अगस्त रहा औसत, अब रफ्तार पकड़ने की बारी..

    कलेक्‍टर रुचिका चौहान, एसपी धर्मवीर सिंह, निगामायुक्‍त अमन वैष्‍णव

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: ग्वालियर के अफसरों का अगस्त माह औसत रहा। सरकार की योजनाओं की बात हो या बुनियादी सुविधाओं को लेकर काम, ट्रैफिक सुधार का मसला हो या क्राइम को कंट्रोल करने की बात, मैदान में काम हुए अब तेजी और चाहिए। इस माह हुई रीजनल कान्क्लेव में प्रशासन, पुलिस व निगम के अधिकारियों ने तालमेल का बढ़िया परिचय दिया।

    कमियों की बात करें तो जनता से जुड़े अभियान में राजस्व महाअभियान में कलेक्टर की सख्ती भी पेंडेंसी कम नहीं कर सकी। उधर सड़क-सफाई में बेहतर काम अभी निगमायुक्त की ओर से बाकी है। एसपी ने क्राइम कंट्रोल में परफारमेंस तो दिखा दी लेकिन ट्रैफिक में जूझती जनता को मुक्ति दिलाना बाकी है। अफसरों से अब सितंबर में उम्मीद ज्यादा है। पढ़िये ग्वालियर कलेक्टर, निगमायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने अगस्त में कितना क्या काम किया, रिपोर्ट कार्ड-

    कलेक्टर: रुचिका चौहान

    अन्य विभागों से समन्वय: 20-15 कलेक्टर के अन्य विभागों से समन्वय ठीक है, इसमें इस माह की बात करें तो उद्योगों से जुड़े विभाग एमपीआइडीसी, जिला उद्योग केंद्र के तालमेल से ही रीजनल कान्क्लेव सफल हुई और निवेश प्रोत्साहन केंद्र शुरू किया। सड़कों को लेकर निगम से, ई-रिक्शा प्रोजेक्ट को लेकर पुलिस से भी समन्वय बना। योजनाओं का क्रियान्वयन 20-12: शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में सबसे राजस्व महाअभियान रहा, हांलांकि इसमें पेंडेंसी अधिक रही। ग्रामीण क्षेत्र में ठीक काम रहा। पीएम जनमन में अच्छा काम किया गया। हितग्राही लाभ योजनाओं में औसत काम रहा। पेंडेंसी (सीएम हेल्पलाइन) 20-14: सीएम हेल्पलाइन पर आज की स्थिति में ग्वालियर प्रदेश में 12वें नंबर पर है। शिकायतों का निराकरण खुद अधिकारी संतोषजनक ढंग से करें। इसपर फोकस की जरूरत है। शिकायतों की मानीटरिंग को लेकर समीक्षा भी हुई। जनसुनवाई 20-11: हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में शिकायतों की संख्या बढ़ गई है। शिकायतें अधिकारियों को फारवर्ड की जाती हैं, लेकिन उनका निराकरण कितना हुआ इसकी समीक्षा और कड़ी किए जाने की जरूरत है। नवाचार 20 -15: नवाचार को लेकर ई-रिक्शा का नया सिस्टम बनाया गया जो शुरू होने वाला है। पात्रता एप की लांचिंग की इसके साथ ही भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए प्रयोग किया है। हथियार लाइसेंस अनावश्यक न बढें इसको लेकर प्रयास किए गए।

    एसपी: धर्मवीर सिंह यादव

    अन्य विभागों से समन्वय: 20-15 पुलिस का अन्य विभागों से समन्वय पिछले कुछ समय में ठीक हुआ है। अतिक्रमण हटाने से लेकर ट्रैफिक को लेकर नगर निगम, जिला प्रशासन,पीडब्ल्यूडी,बिजली कंपनी इनके साथ तालमेल ठीक दिखा। योजनाओं का क्रियान्वयन 20-14: पुलिस से जुड़ी शासन को लेकर योजनाओं की बात हो या पुलिसिंग को लेकर विभाग के निर्देश, इसको लेकर मैदानी स्तर पर अधिकारी सक्रिय दिखे हैं। शासन के निर्देश पर स्कूली वाहनों की चेकिंग से लेकर सड़क सुरक्षा समिति के निर्णयों पर और तेजी से अमल की जरूरत है। पेंडेंसी (सीएम हेल्पलाइन) 20-13 पुलिस की सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों का आंकड़ा अधिक रहता है, फौरी तौर पर सुधरने वाला शिकायतों का जल्द निराकृत कर दिया जाता है लेकिन ऐसी समस्याएं भी काफी आती हैं जिनके निराकरण में समय लग जाता है। जनसुनवाई 20-16: पुलिस की जनसुनवाई में अपराध के साथ साथ कई तरह की शिकायतें आती हैं, अफसर मौके पर पूरी टीम के साथ बैठते हैं लेकिन समय सीमा में निराकरण कठिन हो जाता है। इसके लिए और सक्रियता की जरूरत दिखती है। नवाचार 20 -13 पुलिस के खाते में नवाचार ज्यादा तो नहीं लेकिन ट्रैफिक के कुछ प्रयोग हुए हैं। ई-रिक्शा के सिस्टम में रिक्शा वालों की काउंसिलिंग पुलिस ने की। इसके अलावा ब्लैक स्पाट से लेकर हूटर व बुलेट साइलेंसर की औचक कार्रवाई भी ठीक रही।

    नगरनिगम आयुक्त: अमन वैष्णव

    अन्य विभागों से समन्वय: 20-15 नगर निगम आयुक्त का अन्य विभागों से समन्वय ठीक है। शासकीय विभागों की निर्माण अनुमति से लेकर पोल हटाने, संपत्तिकर की वसूली सहित शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में निगम की भूमिका को लेकर काम किया गया। योजनाओं का क्रियान्वयन 20-13 : योजनाओं को लेकर क्रियान्वयन में अभी नगर निगम में और काम दिखना शेष है। नवागत आयुक्त के समय में अधोसरंचना आधारित योजनाओं पर फोकस शुरू किया गया है, इसके अलावा हितग्राही आधारित योजनाओं में तेजी आना बाकी है। पेंडेंसी (सीएम हेल्पलाइन) 20-16: सीएम हेल्पलाइन को लेकर सबसे ज्यादा समस्याएं निगम में सड़क,सीवर, पानी से जुड़ी आती हैं, शिकायतों का निराकरण भी ठीक है लेकिन मानीटरिंग स्तर पर अधिकारियों का रवैया और संवेदनशील किए जाने की जरूरत है। जनसुनवाई 20-12: हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में नगर निगम में शिकायतों का ढेर लगा रहा है, अवैध निर्माण से लेकर बुनियादी सुविधाओं की शिकायतों को लेकर तत्परता से काम करने की जरूरत है। निराकरण का स्तर में तेजी है। नवाचार 20 -10 नवाचारों में अभी नगर निगम का खाता कमजोर है। सफाई को लेकर आयुक्त लगातार निरीक्षण कर रहे हैं इस सख्ती से थोड़ा सुधार दिख रहा है। इसके अलावा निगम के खाते में बड़ी उपलब्धियां नहीं है।

  • 50 हजार की रिश्वत लेने वाले खनिज निरीक्षक को चार साल की कैद

    50 हजार रुपए की रिश्‍वत लेने पर खनिज निरीक्षक को मिली सजा। सांकेतिक चित्र।

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    ईंट उद्योग के व्यवसायी से रिश्वत ली थी खनिज निरीक्षकआरोपित के रिश्वत मांगने पर की थी लोकायुक्त से शिकायतआरोपित ने कहा था बिना 50 हजार के नहीं होगा काम

    नप्र, ग्वालियर। जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश साबिर अहमद खान ने तत्कालीन खनिज निरीक्षक रमेश रावत को ईंट उद्योग के व्यवसायी से रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाते हुए चार साल की जेल की सजा सुनाई है। उसने ईंट उद्योग के व्यवसाय की क्वारीलीज और स्वीकृत उत्खनिपट्टा के लिए खनिज ईंट मिट्टी (क्रेशर आधारित) के नवीनीकरण के एवज में पचास हजार रुपये की रिश्वत ली थी।

    अभियोजन के अनुसार एक फरवरी 2018 को शिकायतकर्ता जगमोहन प्रजापति ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत देते हुए बताया कि वह जेएम ईंट उद्योग का प्रोपराइटर है और ईंट भट्टे का व्यवसाय करता है। उसकी लीज मार्च 2017 तक वैध थी जिसकी सूचना नियमानुसार उसको एक वर्ष पूर्व मार्च 2016 तक माइनिंग विभाग को देनी थी, जो वह नहीं दे पाया।

    उक्त संबंध में उसके विलम्ब शुल्क के साथ आवेदन पत्र जमा कर दिया था। फिर भी माइनिंग इंस्पेक्टर रमेश रावत काफी समय से परेशान कर रहा है। नियमानुसार सभी शुल्क व विलम्ब शुल्क जमा कर दिए,पर जब वह माइनिंग कार्यालय में रमेश रावत से मिला तो उन्होंने कहा कि बिना पैसे दिए काम नहीं हो पाएगा। तुम्हारे कामों का 50 हजार रुपये खर्चा आएगा।

    छात्राओं को अश्लील फिल्म दिखाने वाला पंचायत सचिव निलंबित

    जिले की ग्राम पंचायत कैथी के सचिव राकेश शर्मा के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने सचिव राकेश शर्मा को निलंबित कर दिया है। साथ ही उसके खिलाफ पुलिस थाना आंतरी में भारतीय न्याय संहिता और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर भी दर्ज की गई है। ग्राम पंचायत सचिव राकेश शर्मा द्वारा गत 29 अगस्त को कचहरी मैदान आंतरी में छात्राओं को अश्लील फिल्म दिखाने संबंधी शिकायत सामने आई थी। जिसकी जांच जनपद पंचायत भितरवार के सीईओ के माध्यम से कराई गई। जनपद पंचायत सीईओ से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने राकेश शर्मा को मध्यप्रदेश पंचायत सेवा अनुशासन तथा अपील नियम 2011 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

  • टायलेट हैंडओवर से पहले शुरू कर दिया आवंटन

    बाल भवन के पास बनाया गया टायलेट।

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    कंपनी मनमाने तरीके से इन टायलेट का उपयोग कर रही हैपीपीपी माडल पर पुणे की कंपनी कर रही है निर्माणरेस्टोरेंट के नाम को खोलकर किचन शुरू करने की तैयारी की जा रही है

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। शहर में दूसरे चरण के अंतर्गत बनाए जा रहे स्मार्ट टायलेट फिर विवादों में हैं। इंजीनियरों की लापरवाही के कारण जहां बाल भवन स्थित टाय लेट में छज्जे में लचक और पत्थरों की गुणवत्ता खराब निकली, तो दूसरी तरफ अब कंपनी मनमाने तरीके से इन टायलेट का उपयोग कर रही है।

    कंपनी ने अचलेश्वर के नजदीक बनाए गए स्मार्ट टायलेट का निर्माण पूरा कराकर उसे कार्पोरेशन को हैंडओवर करने से पहले ही न सिर्फ एक रेस्टोरेंट को आवंटित कर दिया, बल्कि मसाला लैब के नाम से इसका प्रचार भी शुरू करा दिया।

    मामले की जानकारी मिलने पर स्मार्ट सिटी सीईओ नीतू माथुर ने कंपनी को ना सिर्फ नोटिस जारी किया, बल्कि चेतावनी भी दी गई कि हैंडओवर के बाद ही किचन या रे स्टोरेंट शुरू करे लेकिन रविवार को फिर से रेस्टोरेंट के नाम को खोलकर किचन शुरू करने की तैयारी की जा रही है। कार्पोरेशन के उपयंत्री अभिषेक त्रिपाठी के अनुसार कंपनी को पूर्व में नोटिस जारी किया था। अब दोबारा चैक कराकर प्रचार ढंकवाया जाएगा।

    पीपीपी माडल पर पुणे की कंपनी कर रही है निर्माण

    पहले चरण में 10 टायलेट के लिए कार्पोरेशन ने लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये की राशि खर्च की थी। दूसरे चरण में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर टायलेट बनाए जा रहे हैं। इसमें पुणे की अशोका डवलपर्स को अपनी लागत लगाकर निर्माण करना है। हैंडओवर के बाद इनका आवंटन कंपनी द्वारा ही कर किराय वसूला जाना है। कार्पोरेशन को सिर्फ तीन से साढ़े तीन हजार ही मिलने हैं।

    इन स्थानों पर हो रहा निर्माण

    वर्तमान में हजीरा चौपाटी, हजीरा चौराहे के पास, चावड़ी बाजार, अचलेश्वर मंदिर के पास, जल विहार, छत्री मंडी पर टायलेट निर्माण पूर्ण हो चुका है। बाल भवन, गजराराजा मेडिकल कालेज, हजार बिस्तर अस्पताल और कलेक्ट्रेट रोड पर निर्माण कार्य अभी चल रहा है।

  • सिंधिया के खिलाफ मानहानि केस में परिवादी के बयान अगले माह

    ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया।

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    केंद्रीय मंत्री सिंधिया, मंत्री तुलसी सिलावट और महेंद्र सिसोदिया को नोटिस भेजकर केस किया हैतीनों ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर दिए थे बयान व ट्वीट, इसके बाद हुआ था केस14 सितंबर को इस मामले में परिवादी नितिन शर्मा व गवाह संकेत साहू के कथन होंगे

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके दो समर्थक नेताओं के खिलाफ मानहानि मामले में जिला कोर्ट में दायर परिवाद पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इसमें सुनवाई के बाद कोर्ट ने परिवादी और गवाह के बयानों के लिए मामले को अगली तारीख के लिए तय कर दिया है। 14 सितंबर को इस मामले में परिवादी नितिन शर्मा व गवाह संकेत साहू के कथन होंगे।

    उल्लेखनीय है कि कि बीती 21 अप्रैल 2023 को उज्जैन में एक प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया के लिए कहा था कि “हे महाकाल, कांग्रेस में अब कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा मत करना।” इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर जवाब में लिखा था कि “हे प्रभु महाकाल, दिग्विजय सिंह जैसा देश विरोधी भारत में पैदा ना हो।”

    वहीं मंत्री तुलसी सिलावट और महेंद्र सिंह सिसोदिया ने भी एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने भी दिग्विजय सिंह के लिए टिप्पणी की थी। इसके खिलाफ एडवोकेट नितिन शर्मा ने तीनों को लीगल नोटिस भेजकर माफी मांगने का आग्रह किया था।

    नैनो उर्वरक और खरीफ फसल पर संगोष्ठी आज

    “नैनो उर्वरक उपयोग एवं कृषि योजनाओं पर आधारित खरीफ फसल” विषय पर 24 अगस्त को बाल भवन में पंचायत राज संस्थाओं के पदाधिकारियों की संगोष्ठी आयोजित होगी। इसमें दो सत्र होंगे। पहले सत्र में सुबह 10 से दोपहर 1.30 बजे तक जिला पंचायत के सभी सदस्यव विकासखंड डबरा व घाटीगांव के पदाधिकारी शामिल होंगे।

  • तकनीकी रिपोर्ट है अधिकारियों को संतुष्टि से अवलोकन करने दें: कोर्ट

    तकनीकी रिपोर्ट है अधिकारियों को संतुष्टि से अवलोकन करने दें: कोर्ट । प्रतीकात्‍मक फोटो।

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    स्वर्णरेखा नदी के पुनरुद्धार के मामले से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाईकोर्ट में प्रोजेक्ट की डीपीआर का अवलोकन लंबित होने पर उठे सवालअधिकारियों ने डीपीआर का निरीक्षण कर के कोर्ट के समक्ष पेश नहीं किया

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। स्वर्णरेखा नदी के पुनरुद्धार के मामले से जुड़ी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में सोमवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के अप्रैल माह के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अभी तक आदेश का पालन नहीं हुआ है।

    अधिकारियों ने डीपीआर का निरीक्षण कर के कोर्ट के समक्ष पेश नहीं किया है, वह सिर्फ समय को टाल रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट की युगलपीठ ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अधिक राशि की आवश्यकता है, ऐसे में संबंधित अधिकारियों का डीपीआर को लेकर संतुष्ट होना जरूरी है। याचिकाकर्ता के तर्क पर कोर्ट ने कहा कि आपको पता है इस प्रोजेक्ट में कितना काम होना है? ऐसा नहीं है कि आज रिपोर्ट बनी और कल काम पूरा हो जाए।

    तकनीकी रिपोर्ट है उसका निरीक्षण करने में समय लगता है। ऐसा कहते हुए हाईकोर्ट ने तीन सितंबर को इस डीपीआर का अवलोकन कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। यहां बता दें कि वर्ष 2019 में हाईकोर्ट में एक अधिवक्ता ने जनहित याचिका दायर करते हुए शहर की स्वर्णरेखा नदी के पुनरुद्धार की मांग की है। साथ ही उसमें बहाय जा रहे सीवर के समाधान को लेकर भी विचारणीय प्रश्न खड़े किए हैं।

    इसके समाधान पर काम करते हुए नगर निगम और स्मार्ट सिटी सहित वन विभाग और पीएचई विभाग अपनी अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। वर्तमान में इसकी डीपीआर बन चुकी है जिसका निरीक्षण किए जाने के बाद पहले कोर्ट में पेश किया जाएगा, फिर कोर्ट के निर्देश पर शासन को भेजकर धन स्वीकृत करवाया जाएगा। इसके बाद पुनरुद्धार सहित सीवर ड्रेनेज और कचरा निस्पादन का काम शुरू किया जाएगा।

  • मंडल के चुनाव में सदस्य के पत्र से खलबली, दोनों ग्रुप के अन्य उम्मीदवार भी नामांकन भरने के लिए दौड़े

    सनातन धर्म मंदिर, जहां के लिए होना है चुनाव

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    जाजौरिया का दावा मैंने पत्र दिया है, निर्वाचन अधिकारी बोले आपत्ति का पत्र नहीं मिलापूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ मित्तल की व्याख्या भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल की गईआनन फानन में कुछ लोग पहुंचे प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन जमा करने

    नईदुनिया प्रतिनिधि,ग्वालियर: सनातन धर्म मंडल के चुनाव नामांकन दाखिल किये जाने के अंतिम दिन सदस्य ओमप्रकाश जाजोरिया के मंडल के विधान की धारा 14 व निर्वाचन धारा 14(ए) का परिपालन करते हुए अध्यक्ष व प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों का नामाकंन पत्र स्वीकार किए जाने संबंधी पत्र चुनाव अधिकारी को सौंपे जाने से सत्य सनातन व श्रीचक्रधर ग्रुप में खलबली मच गई। इन धाराओं को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ मित्तल की व्याख्या भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल की गई थी।

    इस व्याख्या में अध्यक्ष व प्रधानमंत्री पद के लिए पहली शर्त तीन बार या दो बार के किसी पद का अनुभव अनिवार्य है। इस व्याख्या से सत्य सनातन ग्रुप से विजय गोयल व श्रीचक्रधर ग्रुप से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रमेश चंद्र गोयल लल्ला के नामांकन पत्र पर सवाल उठने लगे, जिससे दोनों ही के नामांकन पत्र निरस्त हो सकते थे। आनन-फानन ने बदले हुए समीकरणों में अध्यक्ष व प्रधानमंत्री पद के लिए चार उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिए। आपत्ति की सूचना मिलने पर विजय गोयल मंदिर पहुंच गए।

    निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव कर्यालय में नामांकन दाखिल करने के लिए आने वाले सदस्य के अलावा सभी के प्रवेश पर रोक लगा दी। देर रात को सत्य सनातन ग्रुप ने पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ मित्तल की दूसरी व्याख्या का पत्र मीडिया को जारी कर दिया। इसमें विजय गोयल व रामेश चंद्र गोयल लल्ला का नामांकन पत्र वैध की श्रेणी में आता है।

    जाजौरिया का दावा मैंने पत्र दिया

    मंडल के सदस्य ओमप्रकाश जाजौरिया ने दावा किया कि निर्वाचन अधिकारी को नामांकन पत्र स्वीकार करने से पूर्व मंडल के विधान की धाराओं पर विचार करने का अनुरोध किया है। दूसरी तरफ निर्वाचन अधिकारी अरविंद दूदावत ने बताया कि ऐसी कोई आपत्ति व पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। दूसरी तरफ चुनाव अधिकारी के नाम से मंदिर के सूचना पटल पर सूचना चस्पा की गई है कि नामाकंन पत्रों पर आपत्ति रविवार की दोपहर 11 से दो बजे तक स्वीकार की जाएंगीं।

    सत्य सनातन ग्रुप का रणनीतिकार संजय सिंघल को माना जा रहा है। एकाएक शनिवार को अध्यक्ष

    पद के लिए नामांकन दाखिल किए जाने से ग्रुप में फूट के संकेत के रूप देखा जाने लगा, जबकि इस ग्रुप से जुड़े संदीप मित्तल का कहना है कि संजय सिंघल का नामांकन ग्रुप में सहमति के आधार पर भरवाया गया था, अगर किसी कारण अध्यक्ष पद का नामांकन निरस्त होता है, तो संजय सिंघल अध्यक्ष पद के प्रत्याशी होंगे। वे अपना नाम रविवार को वापस ले लेंगें। ओमप्रकाश जाजौरिया के पत्र के पीछे भी इसी ग्रूप के एक सदस्य साजिश बताई जा रही थी।

    अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पर इन लोगों ने भरे नामांकन

    अध्यक्ष- विजय कुमार गोयल, कैलाश चंद मित्तल, संजय सिंघल, रामनिवास अग्रवाल। द्यउपाध्यक्ष-प्रदीप मित्तल,ओम प्रकाश गोयल, रमेश चंद्र गोयल। द्यप्रधानमंत्री- ओमप्रकाश गोयल लल्ला, रमेश चंद्र गोयल लल्ला, विमल माहेश्वरी।

  • समस्या लेकर पहुंची महिलाओं से कांग्रेस विधायक ने की मारपीट,एफआइआर

    विधायक पर मारपीट का आरोप लगाने वाली महिलाएं।

    HighLights

    मउ में रहने वाली आदिवासी महिलाओं की मुख्यमंत्री से गुहार, न्याय दिलाओविधायक के पास मउ गांव की महिलाएं गई थी बिजली की समस्या को लेकरविधायक ने कहा कि उन पर ही किया हमला, लगा रहे हैं झूठा आरोप

    नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर ने आदिवासी और दलित समाज की महिलाओं के साथ मारपीट कर दी। साथ ही अभद्रता भी की। पुलिस ने इस मामले में कांग्रेस विधायक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। महिलाओं का कहना है कि बिजली कनेक्शन की मांग को लेकर विधायक के निवास पर गए थे। विधायक ने दरवाजे से भगाया, गुहार लगाने जब दरवाजे पर खड़े हो गए तो विधायक ने खुद मारपीट की।

    पीड़ित आदिवासी बुजुर्ग महिला बोली कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से न्याय की गुहार है। वह हमे न्याय दिलाएं। यूनिवर्सिटी थाना पुलिस इस मामले भारतीय न्याय संहिता की धारा 115, 3 और 296 के तहत एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बिजली समस्या से पीड़ित महिलाएं कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर के कार्यालय पहुंची थीं। यहां महिलाओं ने बिजली समस्या से अवगत कराया जिसको लेकर पहले भी कई बार शिकायत कर चुकीं थीं। महिला मुन्नी लोधी ने बताया कि कांग्रेस विधायक से पांचवी बार शिकायत की है जिसके बाद भी आश्वासन मिला।

    महिलाओं ने कहा कि चुनाव में वोट दिया था जिससे समस्याओं का निराकरण हो सके। इसी बीच अचानक विधायक आए और महिला से मारपीट पर उतारू हो गए। इस मामले में विधायक साहब सिंह गुर्जर से नईदुनिया ने बात की तो बोले कि महिला-पुरुष बिजली की समस्या को लेकर आफिस आए थे। यह बात सही है कि उनके क्षेत्र में बिजली की समस्या है। पहले भी यह लोग मेरे पास आये थे।

    मैंने इनकी परेशानी को समझते हुए बिजली विभाग के संबंधित अधिकारियों को काल कर समस्या का निराकरण करने का आग्रह किया था, लेकिन बिजली कंपनी के अधिकारियों ने समस्या का निराकरण नहीं किया। आज फिर यह लोग आए। उन्हीं के सामने एक बार फिर अधिकारियों को काल लगाया। इसी बीच यह लोग उग्र होने लगे और मेरी तरफ को लपके, सुरक्षा गार्ड ने इन्हें रोकने का प्रयास किया।