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  • दिव्यांग पति का सेवादार मोबाइल चुराकर भागा, दो दिन में यूपीआई से उड़ाए पौने दो लाख रुपये

    यूपीआई ट्रांजेक्शन के जरिए खाते से उड़ाई रकम (प्रतीकात्मक चित्र)

    HighLights

    फरियादी महिला का पति लकवाग्रस्त है।मूलत: रीवा निवासी आरोपित करोंद में रहता था। दो दिन में अलग-अलग बैंक खातों में भेजे रुपये

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शहर के चूनाभट्टी इलाके में एक दिव्यांग व्यक्ति का सेवादार उनका मोबाइल चुराकर भाग गया और फिर मोबाइल के यूपीआई ऐप से उनकी पत्नी के बैंक खाते में जमा पौने दो लाख रुपये उड़ा दिए। सेवादार पिछले छह महीने से स्वरूप शालिग्राम की सेवा कर रहा था। उनकी पत्नी सोनल शालिग्राम ने होमकेयर एजेंसी के जरिए उसे नौकरी पर रखा था।

    मोबाइल चुराकर भागा

    सात सितंबर की शाम नौकरी से वापस घर जाते समय वह दिव्यांग व्यक्ति का मोबाइल चुराकर ले गया और दो दिन में अलग-अलग ट्रांजेक्शन करते हुए एक लाख 70 हजार रुपये दूसरे बैंक खातों में भेज दिए। सोनल की शिकायत पर चूनाभट्टी थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।

    सोनल के पास पहुंचे ट्रांजेक्शन के मैसेज

    थाना प्रभारी भूपेंद्र कौर संधू ने बताया कि सोनल और उनके पति स्वरूप शालिग्राम सागर गार्डन होम कॉलोनी में रहते हैं। सोनल घर के पास ही बुटिक का संचालन करती हैं। उनके पति स्वरूप लकवाग्रस्त होने की वजह से चलने-फिरने से लाचार हैं। पति की देखभाल के लिए सोनल ने छह महीने पहले मल्टी होमकेयर नामक एजेंसी के माध्यम से 25 वर्षीय सौरभ कोचर को नौकरी पर रखा था।

    दिन में करता था देखभाल

    सौरभ मूलत: रीवा जिले का रहने वाला है और वर्तमान में वह करोंद में रहता है। वह सुबह नौ से शाम सात बजे तक उनके घर नौकरी करता था। सात सितंबर को सौरभ ने जाते समय स्वरूप का मोबाइल चुरा लिया। रात करीब नौ बजे सोनल घर पहुंची तो उन्हें स्वरूप का मोबाइल नहीं मिला, फोन करने पर मोबाइल बंद आया।

    केयरटेकर मुहैया कराने वाली कंपनी से भी पूछताछ

    उन्होंने तुरंत सौरभ को फोन किया तो उसका फोन भी बंद था, जिसके बाद सोनल ने चूनाभट्टी थाने में मोबाइल चोरी की शिकायत की। वहीं अगले दो दिन में उनके पास अलग-अलग यूपीआई ट्रांजेक्शन के मैसेज पहुंचे, जिसमें कुल एक लाख 70 हजार रुपये की निकासी की गई थी। पुलिस आरोपित की मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसकी तलाश में जुटी है। केयरटेकर उपलब्ध कराने वाली कंपनी के अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है। केयरटेकर के लिए लोगों को किस आधार पर रखा जाता है, कंपनी से यह जानकारी मांगी गई है।