Tag: Bhopal Latest News

  • Bhopal News: मप्र कांग्रेस कार्यालय की कैंटीन में सिलेंडर से भड़की आग, दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे

    सिलेंडर से भड़की आग।

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    आग की घटना से पीसीसी दफ्तर में मचा हड़कंप। समय रहते आग पर काबू पाने से टला बड़ा हादसा।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शहर में लिंक रोड-1 पर स्थित प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय की कैंटीन में शुक्रवार सुबह आग लग गई। आग कैंटीन की रसोई में रखे एक गैस सिलेंडर से भड़की। कैंटीन में मौजूद कर्मचारियों ने जब सिलेंडर से लपटें उठती देखीं तो वे घबरा गए। आग की इस घटना से पीसीसी दफ्तर में हड़कंप मच गया।

    रसोई में मौजूद कर्मचारियों ने सिलेंडर की ओर बोरियों को गीला कर फेंकते हुए और पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहे। इसके बाद तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। दमकलकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर थोड़ी देर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। गनीमत रही कि आग ज्यादा नहीं फैली, वरना बड़ा नुकसान हो सकता था। News updating….

  • Bhopal News: पत्नी-बच्चों से बतिया रहा था, अचानक उठा और कमरे में जाकर लगा ली फांसी

    फांसी का फंदा (प्रतीकात्मक चित्र)

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    गौतम नगर थाना क्षेत्र में हुई घटना। मर्ग कायमी के बाद पुलिस जांच में जुटी। पुलिस को नहीं मिला सुसाइड नोट।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल Bhopal Crime News: गौतम नगर थाना क्षेत्र में रहने वाला युवक बुधवार दोपहर को पत्नी-बच्चों के साथ बैठकर हंसी-खुशी बतिया रहा था। इस बीच अचानक उठकर वह दूसरे कमरे में चला गया। कुछ देर बाद पत्नी उस कमरे में पहुंची, तो पति को फांसी पर लटके देखा। पुलिस को मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। इस वजह से फिलहाल युवक की खुदकुशी की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। मर्ग कायमी के बाद पुलिस ने मामले को विवेचना में ले लिया है। पोस्टमार्टम के बाद युवक का शव स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया है।

    गौतम नगर थाना पुलिस के मुताबिक रिसालदार कॉलोनी निवासी 32 वर्षीय योगेंद्र पाल एक दुकान में काम करता था। परिवार में पत्नी और दो बच्चों के अलावा साथ में योगेंद्र का भाई भी रहता है। बुधवार दोपहर को सभी घर में थे।। इस दौरान योगेंद्र स्वजन के साथ बैठकर हंसी-खुशी बतिया रहा था।

    दोपहर करीब तीन बजे अचानक उठकर योगेंद्र अंदर वाले कमरे में चला गया। कुछ देर बाद पत्नी कमरे में पहुंची, तो पति को फंदे पर लटके देखा। यह देखकर उसकी चीख निकल गई। स्वजन योगेंद्र को फंदे से उतारकर हमीदिया अस्पताल ले गए। वहां चेक करने के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में अभी स्वजन के बयान दर्ज नहीं होने के कारण अभी खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल सका है।

  • MP के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक की कक्षाओं में टैबलेट से पढ़ाएंगे शिक्षक

    प्रतीकात्मक तस्वीर।

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    प्रदेश के 75 हजार शिक्षक खरीदेंगे टैबलेट ।शिक्षकों को मिलेंगे 15-15 हजार रुपये मिलेंगे।113 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की गई है।

    नवदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं के साथ-साथ शिक्षकों को भी तकनीक से लैस किया जा रहा है। स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग नवाचार कर रहा है। इस सत्र में पहली से आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों को टैबलेट से लैस किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश के 75 हजार शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए राशि प्रदान की जाएगी।

    टैबलेट में पूरा पाठ्यक्रम अपलोड होगा। इसके माध्यम से शिक्षक कक्षा में बच्चों को पढ़ाएंगे। पिछले सत्र में प्राथमिक, हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए शासन ने राशि उपलब्ध कराई थी।इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने आदेश जारी किए हैं।

    जारी आदेश में निर्देशित किया गया है कि दिसंबर से पहले शिक्षकों को टैबलेट खरीदने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि 30 नवंबर तक टैबलेट खरीदकर उसकी रसीद राज्य शिक्षा केंद्र को भेजनी होगी, जिससे राशि का भुगतान 31 दिसंबर से पहले उनके खातों में कर दिया जाए।

    टैबलेट के लिए 113 करोड़ रुपये की राशि होगी खर्च

    शासन की ओर से टैबलेट खरीदने के लिए प्रति शिक्षक 15 हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा। ऐसे में 75 हजार 598 शिक्षकों को टेबलेट खरीदने के लिए करीब 113 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की गई है। विभाग ने निर्देशित किया है कि टैबलेट शिक्षक खुद खरीदकर रसीद राज्य शिक्षा केंद्र के पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके बाद शिक्षकों के खाते में यह राशि भेजी जाएगी।

    चार साल से पहले हुए रिटायर तो चुकानी होगी राशि

    विभाग ने निर्देशित किया है कि दो साल से पहले सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को टैबलेट खरीदने की बाध्यता नहीं होगी।यदि शिक्षक दो साल नौकरी करने के बाद सेवानिवृत्त हो जाता है तो उन्हें टैबलेट की राशि शासन के खाते में जमा करानी होगी। अगर टैबलेट खरीदने के बाद शिक्षक तीन तक नौकरी कर सेवानिवृत्त हो जाता है, तो उसे बचे हुए एक साल का 3750 रूपये शासन के खाते में जमा करने होंगे। यदि दो साल पहले सेवानिवृत्त हुए तो सात हजार रुपये जमा करने होंगे।

  • Success Story: खेत में काम करते समय लगा था करंट, अब पैरालंपिक में कमाल दिखाएगा मप्र का लाल

    कपिल परमार (फाइल फोटो)

    HighLights

    अब तक दस अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में 9 पदक जीत चुके हैं कपिल परमार।दुनिया में नंबर दो रैंक के पैरा जूडो खिलाड़ी कपिल सीहोर के रहने वाले हैंं। पिछले साल एशियन पैरा गेम्स में रजत पदक जीता, पीएम मोदी से की थी भेंट।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। पेरिस ओलंपिक खेलों की समापन के बाद अब पैरालंपिक में दम दिखाने के लिए भारतीय खिलाड़ी तैयार हैं। 28 अगस्त से आठ सितंबर के बीच पेरिस पैरालंपिक गेम्स खेले जाएंगे। इसमें भोपाल में रहकर जूडो सीखने वाले सीहोर जिला निवासी कपिल परमार भी देश को पदक दिलाने के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। प्रदेश के लाल कपिल परमार की कहानी भी दर्दभरी है।

    15 साल की उम्र में हुए हादसे का शिकार

    जब वह मात्र 15 वर्ष के थे, तब खेत में काम करने समय उन्हें विद्युत करंट का जोरदार झटका लग गया था, जिससे रेटिना खराब हो गया था। इस वजह से वह मात्र 20 प्रतिशत ही देख पाते हैं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर मेहनत की।

    कपिल से है पदक की उम्मीद

    आज वह देश के लिए जूडो में बड़ा नाम हैं और पैरांलिपिक में देश के लिए पदक की उम्मीद भी हैं। उनके चाहने वालों को उनसे स्वर्ण पदक की उम्मीद है। वह दुनिया में नंबर दो रैंक के पैरा जूडो खिलाड़ी हैं। कपिल के अनुसार उनके इस सपने को पूरा करने के लिए उनके पिता ने मजदूरी, हम्माली और टैक्सी चलाने का काम भी किया।

    पानी की मोटर चालू करते समय लगा था करंट

    कपिल परमार के अनुसार, 2009 की बात है। खेत में जगह-जगह पानी भरा हुआ था। जैसे ही वह पानी की मोटर चालू करने के लिए खेत में गए, उन्हें करंट लग गया। करंट इतना तेज था कि उनके हाथ की उंगलियां तक आपस में चिपक गई थीं। आज भी दो-तीन उंगलियां ऊपर नहीं होती हैं।

    मुश्किलों भरा रहा सफर

    करंट लगने के दो वर्ष बाद उन्हें चश्मा लग गया। फिर उन्होंने मां से बोला कि मुझे दिखाई नहीं देता और सिर भी दर्द करता है। मां उन्हें डाक्टर के पास ले गई, जहां हाई पावर का चश्मा लगाने की सलाह मिली। इसके बाद उन्हें थोड़ा साफ दिखाई देने लगा और सिर दर्द कम हो गया। इसके बाद उनके चश्मे का नंबर बढ़ता गया। कुछ वर्षों बाद चश्मा भी उतर गया। इसके बाद उन्हें थोड़ा-बहुत ही दिखाई देता था। रात में बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता था। फिर भोपाल में उन्हें ब्लाइंड जूडो के बारे में जानकारी लगी।

    शुरुआती दिनों में भोपाल में लिया प्रशिक्षण

    कपिल राजधानी भोपाल आकर लालघाटी स्थित श्री ब्लिस मिशन फार पैरा एंड ब्राइट संस्था में 2017 से कोच प्रवीण भटेले के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त करने लगे। समय के साथ उनके खेल में निखार आता गया और राष्ट्रीय पर अच्छा प्रदर्शन करने लगे। सुविधाओं की कमी होने लगी तो मप्र खेल विभाग के तात्या टोपे स्टेडियम में आकर जूडो का खास प्रशिक्षण लिया। इसके बाद कपिल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने लगे। कपिल इन दिनों लखनऊ में स्थापित इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जूडो एसोसिएशन में प्रशिक्षण लेते हैं, जहां कोच मुनव्वर अंजार अली सिद्दकी उन्हें प्रशिक्षित करते हैं।

    ऐसे आगे बढ़े कपिल

    कपिल परमार को पहचान 2023 में मिली, जब उन्होंने चौथे एशियन पैरा गेम्स में देश को 60 किग्रा वर्ग जेएक केटेगरी में देश को रजत पदक दिलाया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। मोदी ने उन्हें बधाई दी। इससे पहले कपिल ने कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप-2019 में स्वर्ण, आईबीएसए जूडो ग्रांड प्री-2022 में कांस्य, आईबीएसए जूडो टोक्यो इंटरनेशनल ओपन टूर्नामेंट- 2022 में स्वर्ण पदक जीतकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। इसके बाद उन्होंने आईबीएसए जूडो ग्रांड प्री-2023 में स्वर्ण पदक जीता। आईबीएसए जूडो एशियन चैंपियनशिप-2023 में व्यक्तिगत में रजत व पुरुष टीम चैंपियनशिप में कांस्य पदक प्राप्त किया। कपिल ने अभी तक दस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं खेली हैं, जिसमें नौ में पदक जीते हैं। विश्व में दूसरे नंबर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं।

  • Mohan Cabinet Meeting: मोहन कैबिनेट की बैठक आज, कई अहम प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

    कैबिनेट बैठक के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव (फाइल फोटो)

    भोपाल। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक होगी। इस बैठक में राजस्व से जुड़े प्रकरणों के निराकरण के लिए साइबर तहसील का विस्तार सभी विकासखंडों में करने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। इसके अलावा प्रदेश में संचालित महिला सशक्तीकरण की केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य और जिला स्तर पर नए पद सृजित करने का प्रस्ताव भी मंजूर हो सकता है।

    कैबिनेट बैठक में नर्मदा नदी से जुड़ी सिंचाई परियोजनाओं को प्रशासकीय स्वीकृति दी जाएगी। वर्ष 2024-25 की तबादला नीति पर भी विचार किया जा सकता है। इसके अलावा, मप्र नगरपालिका अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है। News updating…

  • MP में प्रमुख मार्गों पर बेसहारा मवेशियों को रोकने के होंगे प्रबंध, एसीसएस गृह की अध्यक्षता में बनी समिति

    सड़कों पर विचरते निराश्रित मवेशी (प्रतीकात्मक चित्र)

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    पांच सदस्यीय समिति में संबंधित विभागों के सचिव शामिल।गोवंश को सड़क पर आने से रोकने चलाया जाएगा अभियान। मवेशियों के नियंत्रण हेतु मिले सुझावों को भी करेंगे शामिल।

    राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश के प्रमुख मार्गों में बेसहारा मवेशियों को आने से रोकने के प्रबंध किए जाएंगे। प्रदेश भर में 15 दिन तक विशेष अभियान चलाकर मवेशी नियंत्रण की कार्रवाई की जाएगी। राज्य शासन ने इसके लिए आवारा मवेशी समिति का गठन किया है। समिति के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव गृह होंगे। समिति में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग और प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी विभाग को सदस्य बनाया गया है। प्रमुख सचिव नगरीय आवास एवं विकास समिति के सदस्य सचिव रहेंगे। इस विशेष अभियान अंतर्गत मवेशियों के नियंत्रण हेतु प्राप्त सुझावों को भी शामिल किया जाएगा।

    कलेक्टरों को दिए थे निर्देश

    गौरतलब है कि इसके पूर्व राज्य शासन के पशुपालन व डेयरी विभाग द्वारा सभी जिलों के कलेक्टरों को प्रमुख मार्गों पर आवारा मवेशियों के नियंत्रण हेतु उपाय करने के निर्देश जारी किए गए थे। इसके लिए प्रत्येक जिले को 05-05 लाख रुपये अनुदान देने की भी बात कही गई थी।

    पशुपालकों पर कसी जाएगी नकेल

    दरअसल, प्रमुख मार्गों में बेसहारा मवेशियों के घूमने या बैठने से कई जगह सड़क दुर्घटनाएं जुलाई-अगस्त में हो चुकी हैं। पशुपालक बारिश के दिनों में मवेशियों को खुले में छोड़ देते हैं जिससे यह समस्या हो रही है। इस समिति के सुझावों के आधार पर इस समस्या का स्थायी हल निकाला जाएगा। ऐसे पशुपालकों पर कड़ी कार्रवाई भी शुरू हो सकती है।

  • हाउसिंग बोर्ड भोपाल के कटारा हिल्स में पहली राष्ट्रीय स्तर की कालोनी करेगा विकसित

    प्रतीकात्मक तस्चीर।

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    34 एकड़ 186 भूखंड में किए जाएंगे विकसित। पहली खासियत कालोनी में होगा एसपीटी। दूसरी इसमें अंडरग्राउंड होगी बिजली।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड कटारा हिल्स की 34 एकड़ जमीन पर शहर में पहली राष्ट्रीय स्तर की कलोनी विकसित करेगा। यह कालोनी सफायर पार्क सिटी के नाम से जानी जाएगी । इस कालोनी की दो खासियत इसे राष्ट्रीय स्तर की कालोनी की पहचान दिलाएगी।

    एक कालोनी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और दूसरी अंडर ग्राउंड बिजली। बोर्ड के अधिकारी बताते हैं कि शहर में राष्ट्रीय स्तर की कोई भी कालोनी नहीं है। सफायर पार्क सिटी को शहर में राष्ट्रीय स्तर की कालोनी का दर्जा मिलेगा। यह प्रोजेक्ट लहारपुर इकोलाजिकल पार्क के पास 46 एकड़ में फैला है। प्रोजेक्ट के तहत 186 भूखंड विकसित किए जाएंगे । इस प्रोजेक्ट के विकास कार्य में आधुनिक सुविधाओं के साथ हरियाली का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सीवेज के पानी को उपचारित करके पेड़ों की होगी सिंचाई।

    शहर की पहली कालोनी जहां होगी अंडरग्राउंड होगी बिजली

    इस प्रोजेक्ट की दूसरी खासियत यह है कि यह शहर की पहली वह कालोनी कहलाएगी जिसकी बिजली अंडर ग्राउंड रहेगी। इसके अलावा इस कालोनी में 12 मीटर से लेकर 24 मीटर तक की चौड़ी सड़कें होंगी। कालोनी के बीच में ढ़ाई एकड़ एक ओपन स्पेस होगा। जिसमें क्लब हाउस के साथ ही स्विमिंग पूल भी है। बैडमिंटन कोर्ट, बास्केटबाल कोर्ट, वाकिंग ट्रैक के साथ ही इस सोसायटी में एक से डेढ़ एकड़ के चार ओपन स्पेस भी दिए जाएंगे। साथ ही इसमें हरियाली के लिए विशेष प्रावधान किया गया है।

    इनका कहना है

    सफायर पार्क सिटी में हाउसिंग बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय स्तर की कालोनी विकसित करने की योजना है । आधुनिक सुविधाओं के साथ पर्यावरण के लिए हरियाली का विशेष ध्यान रखा गया है । इस प्रोजेक्ट को हाल ही में नगर निगम से बिल्डिंग परमिशन मिली है। अब बोर्ड इसके विक्रय के लिए रेरा की अनुमति को भेजेगा। रेरा से अनुमति मिलने के बाद इसकी विज्ञापन के माध्यम से बुकिंग शुरू कर दी जाएगी।

    एमके साहू, डिप्टी एडिशनल कमिश्नर, भोपाल

  • भोपाल के सूरज रैकवार हत्याकांड में फरार दो आरोपित रायसेन से गिरफ्तार

    प्रतीकात्मक तस्वीर।

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    माहोली के जंगल में मिले नरकंकाल का मामला।दो आरोपित पहले ही हो चुके थे गिरफ्तार। रिमांड अवधि पूरी होने पर पुन: कोर्ट में पेश किया गया।

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। छोला मंदिर थाना पुलिस ने नौ अगस्त की सुबह माहोली के जंगल में 12 दिन से लापता किसान सूरज रैकवार का कंकाल बरामद किया था। वह खेती किसानी करते थे। पुलिस ने 10 अगस्त को हत्या के आरोप में दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि दो आरोपित फरार चल रहे थे।

    पुलिस ने फरार आरोपितों को सोमवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया था। उनके पास से हत्या में उपयोग किए गए चाकू बरामद किए हैं। मंगलवार को रिमांड अवधि पूरी होने पर उन्हें पुन: कोर्ट में पेश किया गया। वहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।

    छोला मंदिर थाना प्रभारी सुरेशचंद्र रैकवार ने बताया कि खेजड़ा निवासी 45 वर्षीय सूरज रैकवार किसानी करते थे। 28 जुलाई की रात से सूरज लापता हो गए थे। 29 जुलाई को उनकी पत्नी संतोषी बाई ने पति की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।

    नौ अगस्त की सुबह माहोली के जंगल में एक नरकंकाल मिला था। उस पर मिले कपड़े और पास पड़ी चप्पलों के आधार पर स्वजन ने मृतक की शिनाख्त सूरज रैकवार के रूप में की थी। इस मामले में पुलिस ने स्वजन के बयान और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदेही खेजड़ा निवासी नीतेश छुट्टीलाल पंथी और चुन्नीलाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की।

    नीतेश ने चुन्नीलाल रैकवार, प्रशांत और संदीप अहिरवार के साथ मिलकर सूरज की हत्या करना कबूल कर लिया। घटना के बाद से प्रशांत और संदीप अहिरवार फरार चल रहे थे। दोनों को पुलिस टीम ने सोमवार को रायसेन से गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें पूछताछ के लिए एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था। मंगलवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। वहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।

  • त्योहार पर एक्सप्रेस ट्रेनों में लंबी वेटिंग, वंदे भारत और शताब्दी खाली

    रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन।

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    भोपाल-दिल्ली और मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग अधिकशताब्दी और वंदे भारत एक्सप्रेस में 100 से अधिक सीटें खाली भोपाल से मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग 17 अगस्त तक

    नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। त्योहार से पहले की तिथियों की कई ट्रेनों में आरक्षण कराने पर अभी से प्रतीक्षा सूची का टिकट मिल रहा है। रक्षाबंधन पर भोपाल की ओर आने वाली कुछ ट्रेनों में आरक्षित सीटों की प्रतीक्षा सूची सौ का आंकड़ा पार कर गई है।

    वहीं, छठ पूजा और दीपावली पर घर जाने के लिए भी यात्रियों से अभी से आरक्षण करा लिया है। ऐसे में रक्षाबंधन से पहले ही यात्रियों का सबसे अधिक दबाव दिल्ली, मुंबई, नागपुर की ओर भोपाल से जाने वाली ट्रेनों पर है। जानकारी के अनुसार 17 अगस्त को भोपाल से दिल्ली जाने वाली लगभग सभी ट्रेनों में वेटिंग 50 तक पहुंच गई है।

    शताब्दी और वंदे भारत एक्सप्रेस में 100 से अधिक सीटें खाली

    भोपाल से दिल्ली 12001 शताब्दी एक्सप्रेस में सीटें खाली है। इसमें सीसी श्रेणी में 130 से अधिक और ईसी श्रेणी में 10 से अधिक सीट है। वहीं, आरकेएमपी से हजरत निजामुद्दीन जाने वाले 20171 वंदे भारत एक्सप्रेस के सीसी श्रेणी में 660 सीट और ईसी श्रेणी में 30 सीट खाली है।

    इसके अलावा आरकेएमपी से रीवा जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में सीसी श्रेणी 95 और ईसी श्रेणी में 20 सीट खाली है। वहीं, रीवांचल एक्सप्रेस में शयनयान श्रेणी में 131 वेटिंग और थर्ड एसी में 40 वेटिंग चल रही है। 12409 गोंडवाना सुपरफास्ट एक्सप्रेस राखी से पहले निरस्त है।

    भोपाल से मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग 17 अगस्त तक की

    ट्रेन – शयनयान श्रेणी – थर्ड एसी

    12138 पंजाब मेल – 113 वेटिंग – 31 वेटिंग

    11072 कामायनी एक्सप्रेस – 65 वेटिंग – 17 वेटिंग

    12533 पुष्पक एक्सप्रेस – 35 वेटिंग – 10 वेटिंग

    20104 लखनऊ-एलटीटी – 42 वेटिंग – 15 वेटिंग

    22537 कुशीनगर एक्सप्रेस – 26 वेटिंग – 10 वेटिंग

    \B- भोपाल से दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग 17 अगस्त तक की \B

    – ट्रेन – शयनयान श्रेणी – थर्ड एसी

    12155 भोपाल एक्सप्रेस – 135 वेटिंग – 40 वेटिंग

    12625 केरला एक्सप्रेस – 50 वेटिंग – 10 वेटिंग

    18237 छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस – 44 वेटिंग – 10 वेटिंग

    12627 कर्नाटक एक्सप्रेस – 101 वेटिंग – 38 वेटिंग

    11077 झेलम एक्सप्रेस – 46 वेटिंग – 16 वेटिंग

    भोपाल से नागपुर की ओर जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग 17 अगस्त तक की

    – ट्रेन – शयनयान श्रेणी – थर्ड एसी

    12808 समता एक्सप्रेस – 95 वेटिंग – 30 वेटिंग

    12650 संपर्क क्रांति एक्सप्रेस – सीट नहीं है – 36 वेटिंग

    20806 एपी एक्सप्रेस – 15 वेटिंग – 05 वेटिंग

    12626 केरला एक्सप्रेस – 16 वेटिंग – 05 वेटिंग

    12724 तेलंगाना एक्सप्रेस – 17 वेटिंग – 11 वेटिंग

  • इलाज में खर्च हुई राशि को बीमा कंपनी ने देने से किया इनकार, अब देना होगा करीब 76 हजार का हर्जाना

    प्रतीकात्मक तस्वीर।

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    जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया निर्णय।30 वर्षीय युवा ने गलती से पिया था फिनायल।वह किडनी की बीमारी से परेशान है।

    नवदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। अक्सर लोग स्वास्थ्य बीमा इसलिए लेते हैं,ताकि इलाज के दौरान उन्हें मदद मिल सके। ऐसे ही एक मामले में बीमा अवधि में इलाज होने के बावजूद उपभोक्ता को बीमा की राशि नहीं मिली। एक उपभोक्ता ने गलती से फिनाइल पी लिया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज में खर्च हुई राशि को बीमा कंपनी ने देने से इंकार कर दिया।

    मामला जिला उपभोक्ता आयोग में पहुंचा। आयोग के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल व सदस्य डा. प्रतिभा पांडेय की बेंच ने बीमा कंपनी को दोषी ठहराते हुए इलाज में खर्च हुई राशि के साथ-साथ मानसिक क्षतिपूर्ति राशि देने का भी आदेश दिया।

    दरअसल मीनाल रेसिडेंसी निवासी मृणाल डेविड थामस ने जिला उपभोक्ता आयोग में 2021 में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंलि के खिलाफ याचिका लगाई। इसमें शिकायत की थी कि उन्होंने एक सितंबर 2015 से 31 अगस्त 2016 तक के लिए बीमा लिया था। 30 अप्रैल 2016 को शाम छह से सात बजे के बीच बिजली कट जाने के कारण अंधेरे में दवाई के बदले फिनाइल पी लिया था।

    उसके बाद उन्हें तत्काल नेशनल अस्पताल में भर्ती किया गया और उसके इलाज में 68,800 रुपये का खर्च आया, लेकिन बीमा कंपनी ने यह कहकर बीमा राशि निरस्त कर दिया कि उपभोक्ता ने जानबूझकर फिनाइल पी थी। मामले में तीन साल बाद आयोग ने इस तर्क को खारिज कर दिया और सेवा में कमी का दोषी ठहराते हुए बीमा कंपनी पर 76,800 रुपये का हर्जाना लगाया।

    बीमा कंपनी का तर्क-जानबूझकर पी लिया था फिनाइल

    बीमा कंपनी ने तर्क रखा कि उपभोक्ता की गलती थी वह खुद को हानि पहुंचाने के लिए जानबूझकर फिनाइल पी ली है। साथ ही बीमा इंटरनल इंजुरी एवं ड्रग्स व अल्कोहल के आधार पर निरस्त किया गया। वहीं उपभोक्ता के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि वह 30 वर्ष का युवा था और किडनी की बीमारी से पीड़ित था।इस कारण वह गलती से दवाई के बदले फिनाइल पी लिया था। आयोग ने बीमा कंपनी के तर्क को खारिज कर दिया।

    इनका कहना है

    उपभोक्ता के किडनी में समस्या थी। इस कारण वह पहले ही दवाईयां ले रहा था।उस दिन बिजली कट हुई तो उपभोक्ता ने अंधेरे में गलती से दवाई के बदले फिनाइल पी ली। इस मामले में बीमा कंपनी अपने तर्क को साबित नहीं कर सकी। इस कारण बीमा राशि के साथ क्षतिपूर्ति राशि देनी होगी।

    हार्दिक श्रीवास्तव, उपभोक्ता के अधिवक्ता