देश में आज से लागू हो रहे नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन का विरोध करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, “इन कानूनों को लेकर संदेह जताया गया है। हालांकि यह कहा जाता है कि कोई भी कानून बुरा नहीं होता, लेकिन कभी-कभी अधिकारियों द्वारा कानूनों के क्रियान्वयन का दुरुपयोग किया जाता है।”
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हमें उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार बनेगी और नई सरकार इन कानूनों को लागू करने से पहले इनकी समीक्षा करेगी, क्योंकि ऐसी आशंका है कि इन कानूनों का पहले के कानूनों से भी ज्यादा दुरुपयोग हो सकता है, क्योंकि पहले के कानूनों में दुरुपयोग की ज्यादा गुंजाइश नहीं थी।” उमर ने कहा कि “पहले ये कानून भाजपा की बहुमत वाली सरकार बनाती थी, लेकिन अब केंद्र में एनडीए की सरकार है और हमें विश्वास है कि एनडीए के सहयोगी इन कानूनों के खिलाफ आवाज उठाएंगे और सरकार पर दबाव डालेंगे कि वे इन्हें लोगों के लिए और ज्यादा फायदेमंद बनाएं।”
उमर ने आगे कहा कि हर कानून पहले कश्मीर घाटी में लागू होता है और फिर देश के बाकी हिस्सों में इसका पालन होता है। “यहां के लोगों को इन कानूनों के लागू होने के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारे पास इन कानूनों का जवाब भी है। जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने दीजिए, और लोगों की चुनी हुई सरकार तय करेगी कि इन कानूनों का क्या करना है।”