शतरंज ओलंपियाड: रविवार का दिन भारतीय शतरंज के इतिहास में एक खास जगह लेकर आया, जब पुरुष और महिला दोनों टीमों ने शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक नोबेल देश का नाम रोशन किया। यह पहली बार है जब भारतीय चैंपियनशिप ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। बुडापेस्ट में आयोजित 45वें शतरंज ओलंपियाड के आखिरी दौर में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने स्कूल को मात दी और चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
भारतीय पुरुष टीम ने इससे पहले 2014 और 2022 में इस प्रतियोगिता के दौरान कांस्य पदक जीता था, जबकि महिला टीम ने 2022 में चेन्नई में चरण में कांस्य पदक जीता था। इस बार, दोनों टीमों ने टॉप पर रहने वाले देशों के लिए पहली बार गोल्डनम जीत दर्ज की।
पुरुष टीम के ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश, अर्जुन एरिगेसी और आर. प्रज्ञानंद ने स्लोवेनिया के 11 वें और 19वें दौर के बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। गुकेश ने व्लादिमीर फेडोस के खिलाफ़ काले मोहरों से बेहद कठिन स्थिति में शानदार जीत हासिल की, जबकि एरिगेसी ने जान सुबेल्ज को तीसरे बोर्ड में मात देकर भारत की स्वर्णिम सफलता में योगदान दिया।
महिला टीम ने स्वर्ण पदक जीता
भारतीय महिला टीम ने भी स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा जमाया। भारतीय महिला टीम में हरिका द्रोणावली, आज़मीर रमेश बाबू, दिव्या देशमुख, वन्तिका अग्रवाल, तानिया सचदेव और अभिजीत कुंटे थे। हरिका, दिव्या और वांतिका ने अपने-अपने स्टेक के खिलाफ मैच खेला जबकि सोलो ने ड्र खेला।
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