रवि गोयल, शक्ति। देश भर में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे छत्तीसगढ़ के दिग्ग्ज खिलाड़ियों ने आर्थिक संकट और खेल सामग्री की कमी बड़ी समस्या पैदा कर दी है, जबकि दिग्ग्ज खिलाड़ियों ने क्षेत्र की संसद और कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है। सीमित संसाधनों के बावजूद शानदार प्रदर्शन कर रहे ये खिलाड़ी दूसरे प्रदेश के खिलाड़ियों के पास आधुनिक ट्राइसिकल और उच्च गुणवत्ता वाली खेल सामग्री को देखकर खुद को पिछड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं। यह भी पढ़ें: यात्रीगण ध्यान दें!, यह तबेला नहीं हाईटेक बस स्टैंड है, देखिए वीडियो…
आईपीएल की तर्ज पर डिजिट क्रिकेट प्लेयर्स का इंडियन व्हील चेयर प्रीमियर लीग का फाइनल मैच 23 जून को उत्तराखंड चैलेंजर्स और मुंबई के बीच खेला गया, जिसमें उत्तराखंड की टीम विजेता बनी। इस टीम में छत्तीसगढ़ से तीन खिलाड़ियों का चयन हुआ था, और इस डिविजन में होने वाले पहले मैच में ही विजेता टीम का हिस्सा होने पर छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी पीलाबाबू (शक्ति), अमित कुमार (शक्ति), लक्की सोनी (कोरबा) शामिल थे। जिसमें असौंदा के रहने वाले पीले बाबू ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था।
प्रतियोगिता में शामिल होने के पहले शक्ति कलेक्टर ने उन्हें क्रिकेट खेल सामग्री, जर्सी आदि के साथ जीत कर आने और राज्य के साथ जिले का मान बढ़ाने के लिए बेहतर खेल प्रदर्शन की शुभकामनाएं भी दीं। दिल्ली के बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 12 में इस खेल का आयोजन किया गया था, जिसमें देश भर की आठ टीमें हिस्सा ले रही थीं। पीलाबाबू और उनकी टीम के इस उपलब्धि पर परिवार के सदस्य एवं क्षेत्र के लोग अपने खिलाड़ियों पर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं। वही अपने इस कौशल को अब ये दिव्य खिलाड़ी देश-विदेश में भी दिखाना चाहते हैं, इसलिए शासन प्रशासन से मदद की आस लगाए हैं।